मंगलवार, 5 जुलाई 2022
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ट्विटर ने अंतिम नोटिस का अनुपालन पूरा किया
ट्विटर ने अंतिम नोटिस का अनुपालन पूरा किया
अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव
नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर ने आईटी मंत्रालय द्वारा जारी अंतिम नोटिस का अनुपालन पूरा कर लिया है। एक आधिकारिक सूत्र ने मंगलवार को यह जानकारी दी। विश्वसनीय सूत्रों ने मंगलवार को आईएएनएस को बताया कि कंपनी ने आखिरकार कुछ विवादास्पद ट्वीट्स पर कार्रवाई करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) द्वारा भेजे गए 27 जून के नोटिस का अनुपालन किया। सरकार ने ट्विटर को आईटी एक्ट की धारा 69ए के तहत भेजे गए कंटेंट पर कार्रवाई करने के लिए कहा था। इसकी समय सीमा 4 जुलाई तय की थी।
अगर ट्विटर समय सीमा के तहत आईटी नियमों, 2021 का पालन नहीं कर पाता, तो परिणामस्वरूप आईटी अधिनियम की धारा 79 के तहत सोशल मीडिया मध्यस्थ के रूप में कंपनी अपनी प्रतिरक्षा खो सकती थी। सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम 2021 में कहा गया है कि सोशल मीडिया कंपनी को शिकायतों को हल करने के लिए एक शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करना होगा। माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ने अपनी मासिक अनुपालन रिपोर्ट में बताया कि ट्विटर ने अपने दिशानिर्देशों के उल्लंघन पर मई में भारतीय उपयोगकर्ताओं के 46,000 से अधिक अकाउंट पर प्रतिबंध लगा दिया।
एपीआईएल पर 153.50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया
एपीआईएल पर 153.50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया
अकांशु उपाध्याय/राणा ओबरॉय
नई दिल्ली/चंडीगढ़। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सुशांत लोक फेज वन, गुड़गांव में अपनी परियोजना द्वारा विभिन्न पर्यावरणीय उल्लंघनों के लिए अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एपीआईएल) पर 153.50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने सोमवार (4 जुलाई) को अपने आदेश में कहा, "153,50,62,892 रुपये का पर्यावरणीय मुआवजा प्रतिवादी 11 (एपीआईएल) द्वारा भुगतान किया जाएगा और तीन महीने के भीतर एचएसपीसीबी के पास जमा किया जाएगा।"
यह आदेश पर्यावरण कानूनों के उल्लंघन के मामले में सुनाया गया।दरअसल, सुशांत लोक वन निवासियों ने 4 सितंबर 2018 को एनजीटी में याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया कि सी ब्लॉक के पार्क और सड़कों पर अतिक्रमण किया गया। भूजल का अवैध रूप से दोहन किया जा रहा है। सीवर ट्रीटमेंट प्लांट नहीं है। सीवर का पानी बरसाती नालों में जा रहा है। आरोप था कि इस रियल एस्टेट कंपनी ने 45 प्रतिशत जमीन सडक, ओपन स्पेस, स्कूल, कॉमन एरिया के लिए छोड़नी थी, जो नहीं है।
ट्रिब्यूनल ने टीसीपीडी, गुरुग्राम को हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचएसपीसीबी) को 2 करोड़ रुपये का जुर्माना जमा करने के लिए भी कहा है। टीसीपीडी हरियाणा ने यांत्रिक तरीके से लाइसेंस दिए, लेकिन यह सुनिश्चित नहीं किया कि क्या एपीआईएल-पीपी द्वारा लाइसेंस की पहले की शर्तो का पालन किया गया था या नहीं ?
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