शुक्रवार, 1 जुलाई 2022

बहुत ज्यादा खुश होना, हाइपोमेनिया के लक्षण

बहुत ज्यादा खुश होना, हाइपोमेनिया के लक्षण 

सरस्वती उपाध्याय 
अपने मन का दुख या सुख महसूस करना और किसी दूसरे को बताने का सबका अपना तरीका होता है। कई बार कुछ लोग किसी भी सामान्य बात पर बहुत ज्यादा खुश होने लगते हैं, जो देखने वालों को भी कई बार असामान्य लग सकता है। अगर किसी व्यक्ति में ऐसे लक्षण दिखे, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। क्योंकि ये लक्षण हाइपोमेनिया की तरफ इशारा करते हैं।
किसी साधारण-सी बात पर भी अगर कोई बेतहाशा खुशी जाहिर कर रहा है, तो इस खुशी को नजरअंदाज करना ठीक नहीं है। एक्सपर्ट्स की माने, तो हाइपोमेनिया को डिप्रेशन का भी नेक्स्ट लेवल माना जाता है। सामान्य तौर पर इसके बारे में काफी कम लोगों को जानकारी होती है। आइए जानते हैं, हाइपोमेनिया से जुड़ी ज़रूरी बातें...

वेरीवेलमाइंड के एक आर्टिकल के अनुसार हाइपोमेनिया एक ऐसी मानसिक बीमारी है, जिसमें व्यक्ति बहुत ज्यादा खुश और उत्साह से भरा हुआ दिखता है, जबकि अंदर ही अंदर वह कई मानसिक स्थितियों से लड़ रहा होता है। ऐसे लोग दूसरों से अपने बारे में खूब बढ़ा-चढ़ाकर बातें कहते हुए दिखावा करने की कोशिश करते हैं। ऐसे व्यक्ति अजनबी से भी ऐसे मिलते हैं, जैसे उनको बरसों से जानते हो और उनसे खूब सारी बातें करते हैं। हाइपोमेनिया की हालत कभी-कभी इंसान को बेहद खर्चीला बना देती है, इसमें कई बार व्यक्ति खुद को बहुत बड़ा समझने लगता है और उसका व्यवहार सामान्य व्यक्ति जैसा नहीं रहता।

हाइपोमेनिया के लक्षण...
हर वक्त खाना खाने की इच्छा होना।
हर काम में ज्यादा उत्सुकता दिखाना।
नींद ना आने पर भी थकान या नींद की ज़रूरत महसूस न होना।
हाइपोमेनिया में व्यक्ति अचानक बहुत अलग तरीके के कपड़े पहनने लगते है।
अनजान लोगों से खूब बातें करना।
छोटी-छोटी बातों पर बेतहाशा खुश होना।
मोनिया से ग्रस्त व्यक्ति भ्रम और काल्पनिक बातों को सच मानने लगते हैं।
हाइपोमेनिया से जूझ रहा व्यक्ति कभी भी यह मानने को तैयार नहीं होता कि वह मानसिक रूप से बीमार है। ऐसे में अगर किसी व्यक्ति मेंआपको अचानक ऐसे असामान्य लक्षण बढ़ते दिखने लगे, तो उन्हें डॉक्टर से सलाह अवश्य लेनी चाहिए। अच्छे डॉक्टर से कंसल्टेशन और दवाओं से व्यक्ति पूरी तरह स्वस्थ होकर सामान्य जीवन जी सकता है।

स्वास्थ्य: पौष्टिक गुणों का खजाना है 'ब्लैकबेरी'

स्वास्थ्य: पौष्टिक गुणों का खजाना है 'ब्लैकबेरी' 

सरस्वती उपाध्याय 
ब्लैकबेरी यानी कि जामुन पौष्टिक गुणों का खजाना है। इसे ब्लैक प्लम या जावा के नाम से भी जाना जाता है। जामुन एक मौसमी फल है, इसलिए जून से अगस्त तक के महीने में यह भारत में काफी मात्रा में मिल सकता है। जामुन में बहुत से पौष्टिक तत्व जैसे कि कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, सोडियम, विटामिन सी और सभी तरह के विटामिन-बी -थायमिन, राइबोफ्लेविन, फोलिक एसिड नियासिन और बी 6 मौजूद होते हैं। वैसे तो इस दरमियान बहुत से फल आते हैं, लेकिन अगर सेहत के लिहाज से देखा जाए तो जामुन को सेहत का खजाना भी माना जाता है। इन दिनों में जामुन का सेवन बहुत सी बीमारियों के जोखिम को कम कर सकता है।आइए जानते हैं जामुन से मिलने वाले फायदे...

रिपोर्ट के अनुसार, जामुन का सेवन शरीर में हीमोग्लोबिन लेवल बढ़ाता है। जिससे एनीमिया की समस्या कम हो सकती है।
इसमें मौजूद कैल्शियम, फॉस्फोरस व आयरन बोन्स की हेल्थ ठीक रखते हैं। इन तीनों तत्वों की मौजूदगी से दांत मसूड़े स्वस्थ रहते हैं और ओस्टियोपोरोसिस की रोकथाम भी हो सकती हैं।
एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर जामुन इम्यूनिटी स्ट्रांग करता है और डाइजेशन व पेट संबंधी परेशानियों को दूर करने में सहायक है।
जामुन फाइबर से भरपूर होने के कारण, इसके सेवन से पेट काफी देर तक भरा रहता है और वजन कम हो सकता है।
जामुन को वायुनाशक, एंटीस्कोरब्यूटिक और मूत्रवर्धक भी माना जाता है।
इसकी एंटी-एजिंग प्रॉपर्टी की वजह से यह क्लियर पिंपल्स को कम करने में भी सहायक है।
हम उनका सेवन डायबिटीज में बेहतरीन औषधि का काम करता है। क्योंकि इसकी हाइपोग्लाइसेमिक प्रॉपर्टीज ब्लड ग्लूकोस लेवल को कम करती हैं।
जामुन के सेवन से हृदय लोगों का रेस्क्यू भी कम हो सकता है। इसकी एंटीकार्सिनोजेनिक प्रॉपर्टीज कार्सिनोजेनेसिस को रोकती हैं।
दिखने में छोटा सा यह फल एक बेहतरीन औषधि है।

नूपुर की विवादित टिप्पणी, कई राज्यों में मामलें दर्ज

नूपुर की विवादित टिप्पणी, कई राज्यों में मामलें दर्ज

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने निलंबित बीजेपी नेता नूपुर को उनके खिलाफ दर्ज़ सभी एफआईआर को दिल्ली स्थानांतरित करने के लिए राहत देने से इनकार कर दिया। नूपुर शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका वापस ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, जब आप किसी के खिलाफ शिकायत दर्ज़ कराते हैं, तो उस व्यक्ति को गिरफ़्तार कर लिया जाता है, लेकिन इस मामले में आपके ऊपर किसी ने कोई कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं की, जो आपका दबदबा दिखाता है।
बता दें कि निलंबित बीजेपी नेता नूपुर शर्मा ने अपनी विवादास्पद टिप्पणी को लेकर कई राज्यों में उनके खिलाफ दर्ज़ सभी प्राथमिकी को जांच के लिए दिल्ली स्थानांतरित करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। शर्मा का कहना है कि उन्हें लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा के वकील को इस मामले में संबंधित हाईकोर्ट के पास जाने का सुझाव दिया है। जब नूपुर शर्मा की वकील सुप्रीम कोर्ट से कहती हैं कि वह जांच में शामिल हो रही हैं और भाग नहीं रही हैं, तो सुप्रीम कोर्ट ने कहा- वहां आपके लिए रेड कार्पेट होना चाहिए।
मामले को लेकर एपेक्स कोर्ट ने पूर्व बीजेपी प्रवक्ता को जमकर फटकार लगाई है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि बयानों से अशांति फैली है। एक टीवी डिबेट के दौरान पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी के चलते शर्मा जांच का सामना कर रही हैं। बीजेपी ने भी उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया था।
याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा है कि उन्होंने राष्ट्र की सुरक्षा को खतरा पहुंचाया है। कहा गया कि उनके चलते पूरे देश में ही अशांति हो गई है। शर्मा की तरफ से कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने अपने बयानों के लिए माफी मांग ली है और उन्हें वापस भी ले लिया है। इसपर कोर्ट ने कहा कि उन्हें टीवी पर जाकर पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए। कोर्ट ने उकसाने वालों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज किए जाने की बात कही है।
इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा नूपुर शर्मा को पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि देशभर में जो हो रहा है उसके लिए नूपुर शर्मा अकेले जिम्मेदार हैं। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि हमने उस टीवी डिबेट को देखा, जिसमे वह उकसाती हैं। लेकिन जिस तरह से उन्होंने यह सब कहा और बाद में उन्होंने कहा कि वह वकील हैं, यह शर्मनाक है। उन्हें पूरे देश से इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।
वकील ने जब उनकी क्षमायाचना और पैगंबर पर की गई टिप्पणियों को विनम्रता के साथ वापस लेने की दुहाई दी तो पीठ ने कहा कि वापस लेने में बहुत देर हो चुकी थी। शीर्ष अदालत ने कहा कि उनकी शिकायत पर एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। लेकिन कई एफआईआर के बावजूद उन्हें अभी तक दिल्ली पुलिस ने उनको छुआ तक नहीं है। शीर्ष अदालत ने कहा कि नूपुर शर्मा और उनकी हल्की जबान ने पूरे देश में आग लगा दी है। वो उदयपुर में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए जिम्मेदार हैं। नूपुर शर्मा को टीवी पर आकर माफी मांगनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सख्ती दिखाते हुए कहा कि सत्ता की ताकत दिमाग पर हावी नहीं होनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि आपने माफी मांगने में देर कर दी। सुनवाई के दौरान नूपुर शर्मा ने कहा कि मुझे रेप और हत्या की धमकियां मिल रही हैं। इससे पहले नूपुर शर्मा के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल ने जानबूझकर यह बयान नहीं दिया।
इससे पहले उनके उकसाने वाले बयान दिए गए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि वहां लोगों ने ऐसा किया है तो उनके खिलाफ भी केस दर्ज किया जाना चाहिए। अदालत ने कहा कि अगर एंकर ने भड़काया तो उस पर केस क्यों नहीं होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन लोगों के मन में दूसरे धर्म के प्रति सम्मान नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा की पहले मांगी गई माफी को लेकर भी सवाल खड़े किए। अदालत ने कहा कि आपने जो माफी मांगी वो भी सशर्त थी। शीर्ष अदालत ने राजधानी में दिल्ली पुलिस की तरफ से दर्ज शिकायत पर अब तक हुए ऐक्शन पर भी सवाल उठाए। इससे पहले नूपुर शर्मा से कहा कि दिल्ली पुलिस ने आपके लिए रेड कार्पेट बिछा रखा है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नूपुर शर्मा का बयान की वजह से ही उदयपुर की घटना हुई। सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया था कि आपको ऐसा बयान दिए जाने की जरूरत ही क्या थी।

उपराष्ट्रपति के लिए अमरिंदर का नाम दिया जा सकता है

उपराष्ट्रपति के लिए अमरिंदर का नाम दिया जा सकता है

अमित शर्मा
चंडीगढ़। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व कांग्रेस नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस का भारतीय जनता पार्टी में विलय होने जा रहा है। पंजाब विधानसभा चुनाव से ठीक पहले यानी पिछले साल अमरिंदर सिंह ने नई पार्टी बनाई थी। कैप्टन की उम्र 80 साल है और इतनी उम्र वाले को बीजेपी में टिकट नहीं दी जाती, इसी वजह से कैप्टन अमरिंदर ने अलग पार्टी बनाई थी।
गौरतलब है कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की बातचीत हुई थी। पार्टी मर्ज करने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह को नया ऑफर मिल सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कैप्टन अमरिंदर सिंह का उपराष्ट्रपति के लिए नाम दिया जा सकता है।
अगले हफ्ते अमरिंदर सिंह के सर्जरी कराकर लंदन से लौटने के बाद इस पर अंतिम मुहर लगाई जा सकती है। पिछले साल अमरिंदर सिंह के कांग्रेस छोड़ने के बाद कई कांग्रेस नेताओं ने पार्टी छोड़ी थी और बीजेपी ज्वाइन किया था। पूर्व पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष और राज्य के मंत्री सुनील जाखड़ के साथ चार अन्य नेता-राजकुमार वेरका, सुंदर श्याम अरोड़ा, बलबीर सिंह सिद्धू और गुरप्रीत सिंह ने हाल में बीजेपी ज्वाइन किया था।

अनुरोध करने वाली याचिका पर 11 को सुनवाई

अनुरोध करने वाली याचिका पर 11 को सुनवाई

अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उन 15 बागी विधायकों को विधानसभा से निलंबित किए जाने का अनुरोध करने वाली शिवसेना के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु की याचिका पर 11 जुलाई को सुनवाई करेगा। जिनके खिलाफ अयोग्यता याचिकाएं लंबित हैं।
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की अवकाशकालीन पीठ से आग्रह किया कि मुख्यमंत्री समेत 16 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही लंबित होने के कारण याचिका पर तत्काल सुनवाई की आवश्यकता है। पीठ ने ताजा याचिका पर 11 जुलाई को सुनवाई करने पर सहमति जताई।
उच्चतम न्यायालय ने 29 जून को महाराष्ट्र के राज्यपाल के उस निर्देश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार को बृहस्पतिवार को बहुमत साबित करने के लिये विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराने का निर्देश दिया गया था।

अप्रेंटिस वैकेंसी के लिए नोटिफिकेशन: बीएसएनएल

अप्रेंटिस वैकेंसी के लिए नोटिफिकेशन: बीएसएनएल

अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने अप्रेंटिस वैकेंसी के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है। बीएसएनएल द्वारा जारी ऑफिशियल नोटिफिकेशन के अनुसार, उम्मीदवार विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट http://portal.mhrdnats.gov.in पर ऑनलाइन फॉर्म जमा कर सकते हैं। ये भर्तियां एक साल के लिए की जा रही हैं। उम्मीदवार बीएसएनएल भर्ती 2022 के लिए 19 जुलाई 2022 तक आवेदन कर सकते हैं।

पदों की संख्या : 44

महत्वपूर्ण तारीख

आवेदन की शुरुआती तारीख : 22 जून 2022

आवेदन की आखिरी तारीख : 19 जुलाई 2022
सर्टिफिकेट और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की आखिरी तारीख : 30 जुलाई 2022

सिलेक्शन लिस्ट की घोषणाः अगस्त में
योग्यता
अप्रेंटिस उम्मीदवारों के पास किसी मान्यता प्राप्त संस्थान या बोर्ड से किसी भी स्ट्रीम से डिप्लोमा और ग्रेजुएशन डिग्री हो या समकक्ष योग्यता होनी चाहिए। अप्रेंटिस ट्रेनिंग कर चुके या कर रहे उम्मीदवार इन पदों के लिए आवेदन नहीं करें।
आयु सीमा
उम्मीदवारों की अधिकतम आयु सीमा 25 वर्ष होनी चाहिए। अधिकतम आयु सीमा में आरक्षित वर्ग को सरकार के नियमों के अनुसार छूट मिलेगी।
सैलरी
बीएसएनएल अप्रेंटिस पदों पर उम्मीदवारों को 8000 रुपये प्रति माह मिलेगा।

3 जुलाई से प्रारंभ होगा, दो दिवसीय विशेष सत्र

3 जुलाई से प्रारंभ होगा, दो दिवसीय विशेष सत्र  

कविता गर्ग
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र यहां 3 जुलाई से शुरू होगा। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। राज्य विधानमंडल सचिवालय द्वारा विधानसभा सदस्यों को जारी एक पत्र में कहा गया है कि सदन के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव तीन जुलाई को होगा। पद के लिए नामांकन पत्र दो जुलाई को दोपहर 12 बजे तक स्वीकार किए जाएंगे। एकनाथ शिंदे के राज्य के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करने के तुरंत बाद उनकी अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को हुई।
मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि विधानसभा का विशेष सत्र दो और तीन जुलाई को आयोजित किया जाएगा। हालांकि, अब तिथियों को पुनर्निर्धारित किया गया है। सत्र के दौरान विश्वास प्रस्ताव पर भी मतदान होने की संभावना है। शिंदे के पास शिवसेना के बागी समूह के 39 विधायकों, निर्दलीय एवं छोटे दलों के 10 विधायकों और भाजपा के 106 विधायकों का समर्थन है। शिंदे दो दिवसीय सत्र के दौरान सदन के पटल पर विश्वास प्रस्ताव पेश कर सकते हैं।

मिर्जापुर: एसपी द्वारा परेड का निरीक्षण किया गया

मिर्जापुर: एसपी द्वारा परेड का निरीक्षण किया गया  संदीप मिश्र  मिर्जापुर। शुक्रवार को नवागत पुलिस अधीक्षक सोमेन बर्मा द्वारा शुक्रवार की साप...