जुमे की नमाज में अमन व शांति की दुआ मांगी
सत्येंद्र पंवार
मेरठ। शुक्रवार को जुमा की नमाज मेरठ में शांतिपूर्ण तरीके से अदा की गई। इस दौरान मस्जिदों के आसपास पुलिस की कड़ी सुरक्षा रही। संवेदनशील इलाकों में पीएसी और आरएएफ को तैनात किया गया था। अकीदतमंदों ने मस्जिदों के भीतर नमाज अदाकर मुल्क में अमन और शांति की दुआ मांगी। जिले के देहात में भी नमाज शांतिपूर्वक अदा की गई। मेरठ के शाही जामा मस्जिद में जुमा की नमाज के दौरान सिविल वार्डन के कार्यकर्ता भी तैनात रहे।
आज भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जुमा की नमाज मेरठ और पश्चिमी उप्र में शांतिपूर्वक तरीके से अदा की गई। नमाज के दौरान कहीं से किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। मेरठ में सुबह से ही नमाज को लेकर सुरक्षा व्यवस्था काफी पुख्ता की गई थी। हालांकि एसएसपी मेरठ प्रभाकर चौधरी ने एक दिन पहले ही सभी थानेदारों को सख्त निर्देश जारी कर क्षेत्र में सुरक्षा व्यव्स्था मजबूत करने की बात कही थी।
एडीजी मेरठ राजीव सभरवाल और आईजी मेरठ प्रवीण कुमार ने भी जुमा की नमाज को लेकर विशेष दिशा—निर्देश जारी किए थे। जुमा की नमाज के दौरान मस्जिदों के ऊपर ड्रोन से निगरानी की गई। एसएसपी ने बताया कि जिले की सभी मस्जिदों में जुमा की नमाज शांतिपूर्वक तरीके से अदा की गई है।बता दें कि जुमा नमाज के दौरान कानपुर में बड़ी हिंसा हो गई थी। जिसके बाद भारत बंद की अफवाह सोशल मीड़िया पर उड़ी थी। इसको लेकर पिछले जुमा को भी मेरठ सहित पूरे पश्चिमी उप्र के जिलों अलर्ट जारी किया था।
आज भी जुमा की नमाज को लेकर प्रशासन किसी प्रकार की ढिलाई के मूड में नहीं दिखा। यहीं कारण रहा कि जुमा नमाज को लेकर एक दिन पहले से ही पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता कर दी थी। आज मस्जिदों में जुमा नमाज शांतिपूर्वक तरीके से अदा कर अकीदतमंद अपने घर चले गए। पूर्व में भारत बंद की अफवाह को देखते हुए पिछले दो शुक्रवार से जिले में काफी सतर्कता बरती जा रही है। पूरे जिले को सात जोन और 15 सेक्टर में बांटा हुआ था।
पिछले जुमे की तरह ही इस बार भी जुमा नमाज शांतिपूर्वक निपटने पर अधिकारियों ने राहत की सांस ली। पिछले जुमे पर भी पुसि प्रशासन काफी सतर्क मोड पर था। इस बार भी अपनी तरफ से कोई लापरवाही बरतने के मूड में आलाधिकारी नहीं था। यही कारण है कि इस बार भी अलर्ट जारी कर दिया गया था। मेरठ जिले केा सात जोन और 15 सेक्टर में बांटकर सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता की गई थी। खुफिया विभाग भी पूरी तरह से सक्रिय रहा।