बुधवार, 22 जून 2022

जमीयत-उलेमा-ए-हिन्द के आरोप गलत व बेबुनियाद

जमीयत-उलेमा-ए-हिन्द के आरोप गलत व बेबुनियाद 
संदीप मिश्र  
लखनऊ। 3 और 10 जून को जुमे की नमाज के बाद कानपुर और प्रयागराज समेत 9 जिलों में भड़की हिंसा पर बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ जमीयत-उलेमा-ए-हिन्द द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में लगाए गए आरोपों को यूपी सरकार ने गलत और बेबुनियाद ठहराया है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में कहा गया है कि जो भी कार्रवाई की गई है वह नियमों के मुताबिक है। हलफनामा में जमीयत की याचिका को ख़ारिज करने की मांग भी की गई है‌।
न्यूज़ 18 के हाथ लगे यूपी सरकार के हलफनामे में कहा गया है कि जमीयत उलेमा-ए-हिन्द ने जो आरोप यूपी सरकार पर लगाये है वह गलत और बेबुनियाद है। सरकार ने कहा कि इस मामले में कोई भी प्रभावित पक्ष कोर्ट में नहीं आया है। हलफनामे में यह भी कहा गया है कि राज्य सरकार की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले दंगाइयों पर कानून के मुताबिक सीआरपीसी और आईपीसी के तहत कार्रवाई की जा रही है, लिहाजा जमीयत उलेमा-ए-हिन्द की याचिका खारिज की जाए।
दाखिल किया 63 पेज का हलफनामा
उत्तर प्रदेश के विशेष सचिव गृह राकेश कुमार मालपानी ने सुप्रीम कोर्ट में सबूत संलग्नक सहित 63 पेज का हलफनामा दाखिल किया है। इसमें इसमें 11 पेज हलफनामे के हैं। हलफनामे के साथ जावेद अहमद के घर पर लगा राजनीतिक दल का साइन बोर्ड, नोटिस सभी चीजें कोर्ट को भेजी गई हैं। हलफनामे में कहा गया है कि बुलडोजर चलाकर अवैध रूप से निर्मित संपत्ति ढहाई गई है। ये प्रक्रिया तो काफी पहले से चल रही है। लिहाजा ये आरोप गलत है कि सरकार और प्रशासन हिंसा के आरोपियों से बदले की कार्रवाई कर रही है।
प्रयागराज हिंसा के मास्टरमाइंड का घर हुआ था ध्वस्त
गौरतलब है कि 10 जून को प्रयागराज में अटाला क्षेत्र में हुई हिंसा के आरोप में गिरफ्तार मास्टरमाइंड जावेद पंप का घर 12 जुलाई को पुलिस प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया था। जिसके बाद जमीयत उलेमा-ए-हिन्द ने सुप्रीम कोर्ट मने याचिका दाखिल कर बुलडोजर कार्रवाई पर अंतरिम आदेश पारित करने की मांग की गई थी।

महाराष्ट्र के राज्यपाल की तबीयत बिगड़ी, भर्ती

महाराष्ट्र के राज्यपाल की तबीयत बिगड़ी, भर्ती
कविता गर्ग
मुंबई। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को बुधवार को दक्षिण मुंबई के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। भगत सिंह कोश्यारी के कोरोना संक्रमित होने के बाद उनकी तबियत बिगड़ी जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को बुधवार को दक्षिण मुंबई के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। भगत सिंह कोश्यारी के कोरोना संक्रमित होने के बाद उनकी तबियत बिगड़ी जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया। एक अधिकारी ने कहा कि कोश्यारी (80), जिन्हें हमेशा सार्वजनिक कार्यक्रमों में फेस मास्क पहने देखा जाता है, को रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह बताया गया है कि राज्य के 80 वर्षीय राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को परीक्षण के बाद दक्षिण मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
राज्यपाल को कथित तौर पर कोविड के उचित व्यवहार का पालन करते हुए सार्वजनिक रूप से मास्क पहने हुए सभी प्रकार की सावधानियां बरतते हुए देखा गया था। इस बीच महाराष्ट्र ने मंगलवार को पिछले चौबीस घंटों में 3,659 नए कोविड -19 मामले दर्ज किए। एक दिन पहले से 55% की वृद्धि दर्ज करते हुए सक्रिय कोविड मामलों की संख्या 24915 हो गई। मंगलवार के कुल मामलों में मुंबई में ही 1,781 शामिल थे।

गुणवत्ता से समझौता किए बिना काम करने का निर्देश

गुणवत्ता से समझौता किए बिना काम करने का निर्देश
अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को शांतिवन क्रॉसिंग से राजघाट तक 500 मीटर की दूरी पर सड़कों का निरीक्षण किया और अधिकारियों को गुणवत्ता से समझौता किए बिना तेजी से काम पूरा करने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि वैश्विक मानकों के अनुसार दिल्ली की सड़कों का सौंदर्यीकरण राष्ट्रीय राजधानी को एक नई पहचान देगा और निवासियों को गौरवान्वित महसूस कराएगा।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार पहले चरण में पायलट आधार पर 16 सड़कों को बदल रही है, जबकि बाद में 540 किलोमीटर पीडब्ल्यूडी सड़कों का सौंदर्यीकरण किया जाएगा।
बयान में कहा गया, “कार्य की गति का संज्ञान लेते हुए उपमुख्यमंत्री ने इंजीनियरों की खिंचाई की और उन्हें तेजी से काम पूरा करने का निर्देश दिया।
सिसोदिया ने उन्हें मानसून के मौसम का लाभ उठाने और इस दौरान खंड पर वृक्षारोपण पूरा करने का भी निर्देश दिया।हमारा उद्देश्य दिल्ली सरकार के तहत सभी सड़कों को पैदल चलने वालों के अनुकूल बनाना और दिल्ली के निवासियों को एक सुखद यात्रा अनुभव प्रदान करना है। स्ट्रीट स्कैपिंग प्रोजेक्ट के तहत, दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी में कई सड़कों को कम करने, फिर से डिजाइन करने और सौंदर्यीकरण करने पर काम कर रही है।
सिसोदिया के हवाले से बयान में कहा गया है, “सड़कों को नया स्वरूप देने से अड़चनें खत्म होंगी और सड़क के सौंदर्य में सुधार होगा, जिसमें खुली हवा में बैठने की जगह, बाधा रहित पैदल क्षेत्र, सजावटी वृक्षारोपण, साइकिल ट्रैक जैसी सुविधाएं शामिल होंगी।
दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र में 1300 किमी सड़क है, जबकि अन्य सड़कें एमसीडी और डीडीए के अधीन हैं। सड़कों के सौंदर्यीकरण में पैदल चलने वालों के लिए पैदल चलने वालों के अनुकूल फुटपाथ, वृक्षारोपण के माध्यम से हरित मार्ग का विकास, खुली हवा में बैठने की जगह, साइकिल ट्रैक, सेल्फी पॉइंट, पानी के एटीएम, शौचालय और स्ट्रीट फर्नीचर जैसी सार्वजनिक सुविधाएं शामिल होंगी।
सड़कों के नए सिरे से डिजाइन होने के बाद सड़क के चारों ओर हरियाली काफी बढ़ जाएगी। सड़कों के दोनों ओर हरित पट्टी का रखरखाव किया जाएगा। बयान में कहा गया है कि इससे न सिर्फ सड़कें खूबसूरत होंगी बल्कि सड़कों पर धूल प्रदूषण की समस्या भी खत्म होगी।

C30 सबसे पतला और हल्का स्मार्टफोन: दावा

C30 सबसे पतला और हल्का स्मार्टफोन: दावा
अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। रियलमी इंडिया ने अपने नए एंट्री लेवल फोन को भारत में लॉन्च कर दिया है। रियलमी C30 के साथ अल्ट्रा स्लिम वर्टिकल स्ट्रिप डिजाइन है। इसके अलावा रियलमी C30 को लेकर दावा है कि अपनी सेगमेंट में यह सबसे पतला और हल्का स्मार्टफोन है। रियलमी C30 का वजन 182 ग्राम है। रियलमी C30 में यूनीसोक T612 प्रोसेसर के साथ 5000mAh की बैटरी दी गई है जिसे लेकर 45 दिनों के स्टैंडबाय का दावा किया गया है।
रियलमी C30 की कीमत
रियलमी C30 के 2GB रैम के साथ 32GB स्टोरेज की कीमत 7,499 रुपए है, वहीं 3GB रैम के साथ 32GB स्टोरेज की कीमत 8,299 रुपए है। फोन को लेक ब्लू, बंबू ग्रीन और डेनिम ब्लैक कलर में खरीदा जा सकेगा। फोन की पहली सेल 27 जून को दोपहर 12 बजे फ्लिपकार्ट के अलावा ऑफलाइन स्टोर से होगी।
रियलमी C30 में 6.5 इंच की HD+ डिस्प्ले दी गई है। इसके अलावा इस फोन में 3GB तक रैम और 32GB तक की स्टोरेज मिलता है। फोन में यूनिसोक T612 प्रोसेसर है जिसकी क्लॉक स्पीड 1.82GHz है।
कैमरे में 8 मेगापिक्सल का रियर कैमरा और 5 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा है। कैमरे के साथ AI का सपोर्ट है। कनेक्टिविटी ऑप्शन में 3.5mm हेडसेट जैक, माइक्रोUSB, ब्लूटूथ 5.0 और साइड माउंटेड फिंगर प्रिंट सेंसर दिया है।

बगावत: 40 विधायकों के साथ सरकार से अलग

बगावत: 40 विधायकों के साथ सरकार से अलग 
कविता गर्ग  
मुंबई। महाराष्ट्र में राकांपा के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने वाली पार्टी शिवसेना की सरकार को अपने ही पार्टी के नेताओं के बगावती तेवर का सामना करना पड़ रहा है। महाराष्ट्र में शिवसेना के मंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव सरकार के खिलाफ बगावत कर 40 विधायकों के साथ सरकार से अलग हो गए हैं। शिवसेना से बगावत करने वाले महाराष्ट्र के मंत्री एकनाथ शिंदे ने दावा किया है कि उनके पास 40 विधायकों का समर्थन है। बीता दिनों सूरत के ला मेरिडियन होटल पहुंचने वाले एकनाथ शिंदे आज गुवाहाटी पहुंच गए हैं, जहां भाजपा के एक विधायक ने उनका स्वागत  किया।
इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर है कि एकनाथ शिंदे भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं। हालांकि राज्य के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी कोरोना से संक्रमित हो गए हैं और अस्पताल में एडमिट हैं। मीडिया से गुवाहाटी में बात करते हुए एकनाथ शिंदे ने इसके संकेत भी दिए। उन्होंने कहा कि हमें 40 से ज्यादा विधायकों का समर्थन है और जल्दी ही कुछ और हमारे साथ आ सकते हैं।
एकनाथ शिंदे ने शिवसेना नेता संजय राउत के उस आरोप भी खारिज किया कि ज्यादातर विधायकों को जबरदस्ती ले जाया गया है। उन्होंने कहा कि किसी पर भी दबाव नहीं डाला गया। हमारे पास 40 से ज्यादा विधायकों का समर्थन है। उन्होंने कहा कि काम के लिए फंड न जारी होने के चलते विधायकों में नाराजगी थी। कहा जा रहा है कि एकनाथ शिंदे एक अलग गुट बना सकते हैं और इससे विधायकों की सदस्यता भी नहीं जाएगी। इसकी वजह यह है कि उनके पास जरूरी दो तिहाई विधायकों का समर्थन है। पार्टी को तोड़ने के लिए 37 विधायक जरूरी हैं और इतने लोगों की बगावत पर विधायकों पर दल-बदल कानून लागू नहीं होगा।
सूरत से निकलने से पहले एकनाथ शिंदे ने बागी विधायकों के साथ तस्वीरें शेयर कीं। एकनाथ शिंदे ने कहा कि हमें 40 से ज्यादा विधायकों का समर्थन हासिल है। हम बालासाहेब ठाकरे के विचारों को आगे ले जाने वाले हैं। हम किसी के भी खिलाफ नहीं हैं, लेकिन बाला साहेब ठाकरे और आनंद दिघे की विचारधारा के लिए काम करना चाहते हैं। यही नहीं उद्धव ठाकरे की सरकार में एक और मंत्री संदीपन भुमरे ने कहा, ‘हम एकनाथ शिंदे के साथ हैं और हम शिवसेना का एक अलग गुट बनाने पर विचार कर रहे हैं। हम महसूस कर रहे हैं कि मौजूदा हालात में काम नहीं हो पा रहे हैं। विधायकों को लगता है कि विकास के लिए फंड का सही आवंटन नहीं किया जा रहा है।’
इस बीच एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के रवैये पर भी सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि शिवसेना के चीफ ने एक तरफ मिलिंद नार्वेकर को मुझसे बातचीत के लिए भेजा है तो वहीं दूसरी तरफ विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया गया है। इसके अलावा मेरे पुतले जलाए गए हैं और मुझे बदनाम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नए विधायक दल के नेता की नियुक्ति नियमों से अलग है। इसके लिए सभी विधायकों की मीटिंग बुलानी चाहिए थी और ज्यादातर तो मेरे ही साथ हैं। बता दें कि शिवसेना ने एकनाथ शिंदे को विधायक दल के नेता के पद से हटाकर अजय चौधरी को यह जिम्मेदारी सौंपी है।

भूकंप आने से 130 से अधिक लोगों की मौत हुई

भूकंप आने से 130 से अधिक लोगों की मौत हुई
अखिलेश पांडेय 
काबुल। अफगानिस्तान में भयानक भूकंप आने से 130 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। भूकंप की तीव्रता 6.1 मैग्नीट्यूड बताई जा रही है।न्यूज एजेंसी रायटर्स के हवाले से खबर है कि अफगानिस्तान में तीव्र भूकंप आने से 130 लोगों की मौत हो गई है। राहत और बचाव कार्य के लिए एजेंसियां मौके पर पहुंच चुकी है। लोगों को बचाने और घायलों को अस्पताल में पहुंचाने का काम जारी है।
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) ने कहा कि बुधवार तड़के 6.1 तीव्रता के भूकंप ने घनी आबादी वाले अफगानिस्तान और पाकिस्तान के कुछ हिस्सों को हिला दिया। अफगानिस्तान अधिकारियों ने कहा काफी लोगों के हताहत होने की आशंका है।यूएसजीएस के अनुसार, भूकंप दक्षिणपूर्वी अफगानिस्तान के खोस्त शहर से लगभग 44 किमी (27 मील) दूर 51 किमी की गहराई पर आया। तालिबान प्रशासन के प्राकृतिक आपदा मंत्रालय के प्रमुख, मोहम्मद नसीम हक्कानी ने कहा कि वे आगे की जांच पूरी करने के बाद एक अपडेट देंगे।
अफगानिस्तान के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने यहां भूकंप से 130 से अधिक लोगों के मौत की पुष्टि की है। मीडिया रिपोर्ट से मुताबिक मौतों का आंकड़ा अभी और भी बढ़ सकता है। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि भूकंप से 100 से ज्यादा घर तबाह हो गये हैं। उन्होंने बताया कि बचाव कार्य में हेलीकॉप्टरों को लगाया गया है। वहीं सहायता के लिए एजेंसियों को आने के लिए कहा है। लेकिन भूकंप प्रभावित क्षेत्र दूरस्थ, इसलिए यहां मदद पहुंचने में थोड़ी देर हो रही है‌।

सरकारों को गिराने की साजिशें कर रहा विपक्ष

सरकारों को गिराने की साजिशें कर रहा विपक्ष
कविता गर्ग/नरेश राघानी 
मुंबई/जयपुर। जैसा कि महाराष्ट्र में एमवीए सरकार के लिए संकट केंद्र में है, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि देश में विपक्षी दलों द्वारा संचालित विभिन्न राज्य सरकारों को गिराने की साजिशें चल रही हैं।
उन्होंने राजस्थान में 2020 के उस दौर को याद किया जब कांग्रेस के कई विधायक बागी हो गए थे और कहा था कि बड़ी मात्रा में पैसा बांटा गया लेकिन पार्टी के विधायक वफादार रहे।
“मुझे यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि राजस्थान के विधायक मेरे साथ 34 दिनों तक रहे। ऑफर सामने आते ही 10 करोड़ रुपये की पहली किस्त देने का था। लेकिन उसके बाद भी कोई बाहर नहीं निकला। हाल ही में हमने तीनों सीटों पर जीत हासिल की थी।
दिल्ली में मीडिया को संबोधित करते हुए, गहलोत ने कहा  हम बार-बार कह रहे हैं कि संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन किया जा रहा है और लोकतंत्र खतरे में है। इससे बड़ा सबूत क्या हो सकता है कि मध्य प्रदेश की (कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस) सरकार गिरा दी गई। हमने सुना है कि प्रत्येक विधायक के साथ 25 करोड़ रुपये, 30 करोड़ रुपये और 35 करोड़ रुपये के सौदे किए गए थे। यह उनके लिए एक नया प्रयोग था और वे इसमें सफल भी हुए। हमने मध्य प्रदेश में उनके द्वारा किए गए कुकर्मों को समय पर समझा और सतर्क रहे और सफल हुए।”
“मैं महाराष्ट्र में की गई साजिश के बारे में सुन रहा हूं। विधायकों को सूरत ले जाया गया है। यह उनकी (भाजपा की) सरकार गिराने की कोशिश है, जो दुनिया के सामने आ गई है। उन्होंने इतनी बड़ी साजिश की है, कैसे किया गया, कैसे खरीद-फरोख्त हो रही होगी, कौन से सौदे हो रहे होंगे, यह या तो उन्हें पता है या उनकी आत्मा को पता है।
गहलोत ने कहा कि सभी ने “तमाशा” देखा जो एमवीए सरकार के सत्ता में आने से पहले महाराष्ट्र में हुआ था।
“अचानक सुबह 6.30 बजे शपथ ली गई। बधाई मिलने लगी। श्री (देवेंद्र) फडणवीस, जो शपथ लेने वाले थे, ने वापस ट्वीट कर कहा कि ‘मोदी है तो मुमकिन है’ लेकिन फिर उन्हें खुद लाल-चेहरा छोड़ दिया गया था, “उन्होंने अल्पकालिक सरकार को याद करते हुए कहा फडणवीस, राकांपा के अजित पवार के साथ।
दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए, गहलोत ने कहा। “पहले मध्य प्रदेश में हुआ, फिर राजस्थान में हुआ। अब महाराष्ट्र में सरकार गिराने की साजिशें चल रही हैं। यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही है। ईडी और इनकम डेक्स का गलत इस्तेमाल हो रहा है। न्याय नहीं मिलने पर व्यक्ति न्यायपालिका के पास जाता है। अब न्यायपालिका खुद दबाव में है। दबाव में हो तो आदमी को कहाँ जाना चाहिए? यह बहुत खतरनाक खेल होता जा रहा है। ये फासीवादी लोग हैं जो लोकतंत्र का मुखौटा पहने हुए हैं। वे लोकतंत्र में विश्वास नहीं करते हैं लेकिन लोकतंत्र के नाम पर राजनीति कर रहे हैं।

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया  बृजेश केसरवानी  प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी ...