बच्चे की आंशिक रूप से नसबंदी, हर्जाने की मांग
अकांशु उपाध्याय /अखिलेश पांडेय
नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। अमेरिका के टेक्सास में चिकित्सकीय लापरवाही का एक गंभीर मामला सामने आया है। जिसमें चार साल के एक बच्चे की आंशिक रूप से नसबंदी कर दी गई। शहर के एक दंपति ने अपने चार साल के बेटे का हर्निया का ऑपरेशन एक स्थानीय अस्पताल में कराया, जहां उनके बच्चे के साथ ये लापरवाही हुई। दंपति ने इस लापरवाही के लिए अस्पताल और डॉक्टर पर मुकदमा दायर किया है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, मुकदमे में माता-पिता जोश और क्रिस्टल ब्रोड ने बताया कि उनके बेटे के दाहिने अंडकोश में सूजन हो गई थी। इसके बाद उन्होंने टेक्सास चिल्ड्रन हॉस्पिटल की मूत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. सुजैन एल. जारोस से परामर्श किया। डॉक्टर ने पिछले अगस्त में हर्निया रिपेयर के लिए बच्चे की लैप्रोस्कोपिक सर्जरी की। इस सर्जरी को डॉक्टर जारोस और एक अन्य सहयोगी ने मिलकर पूरा किया। नागरिकों की मौत ऑपरेशन के बाद सामने आई रिपोर्ट में बच्चे के शुक्राणु वाहिनी में कुछ ऊतक देखने को मिले। ये ऊतक स्खलन से पहले शुक्राणु को मूत्रमार्ग तक पहुंचाते हैं।
परिवार के वकील रैंडी सोरेल्स ने पूरे मामले पर बात करते हुए कहा, 'डॉक्टर ने 2D तकनीक का इस्तेमाल कर बच्चे की लैप्रोस्कोपिक सर्जरी की।इसमें बच्चे के शरीर पर खुला चीरा नहीं लगाया जाता है। टीवी स्क्रीन पर देखकर सर्जरी करते वक्त डॉक्टर ये नहीं देख पाई कि वो गलत ट्यूब को काट रही है। क्रिस्टल ब्रोड की तरफ से दायर मुकदमे में कहा गया है कि परिवार को इस गलती के बारे में सूचित किया गया था। उन्हें बताया गया था कि इससे उनके बच्चे के प्रजनन क्षमता में कमी आ सकती है।
लेकिन बच्चे के पिता ने अदालत में डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दायर कर कहा है कि डॉक्टर अपने मरीज की सामान्य देखभाल भी नहीं कर सकीं, जिस कारण उनके बच्चे को भविष्य में काफी परेशानी होने वाली है। मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि अब उनका 5 साल का बेटा भविष्य के अपने जीवन में प्रजनन संबंधी दिक्कतों का सामना करेगा। उसे भविष्य में होने वाले मेडिकल खर्च, दर्द, मानसिक पीड़ा, शारीरिक नुकसान और प्रजनन क्षमता के लिए भविष्य के खर्चों का सामना करना पड़ेगा। परिवार ने हर्जाने के रूप में डॉक्टर और अस्पताल से 10 लाख डॉलर की मांग की है।अस्पताल ने इस पर किसी तरह की टिप्पणी नहीं की है। हर्निया रिपेयर सर्जरी के दौरान शुक्राणुवाहिनी या अन्य किसी अंग को नुकसान पहुंचने की बहुत कम घटनाएं होती हैं। अमेरिका के क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार, ग्रोइन एरिया (पेट और जांघ के बीच का हिस्सा) में हर्निया लगभग 1% से 5% छोटे लड़कों को प्रभावित करता है
6 साल से कम उम्र के बच्चों में ये सबसे आम है। ये तब होता है जब पेट और जननांगों के बीच का हिस्सा जन्म से पहले पूरी तरह से बंद नहीं होता है। इससे ऊतक दूसरे अंग से बाहर निकल जाते हैं। इसका मुख्य लक्षण एक उभार है, जो बच्चे के आराम करने या सोने पर छोटा हो सकता है। इलाज नहीं किया गया तो ये हर्निया ब्लड सर्कुलेशन में मुश्किल पैदा कर सकता है। इससे बच्चे के जननांगों में सूजन हो सकती है और जान भी जा सकती है। क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार, इस तरह के हर्निया का इलाज एक सर्जरी के द्वारा किया जाता है जिसमें एक घंटे से भी कम समय लगता है। सैन फ्रांसिस्को विश्वविद्यालय के सर्जरी विभाग की वेबसाइट का कहना है कि ये प्रक्रिया आम तौर पर सुरक्षित है और इससे किसी तरह का खतरा नही।