'ध्रुवीकरण-कुशासन’ से ध्यान भटकाने का आरोप लगाया
इकबाल अंसारी
दिसपुर। असम विधानसभा में विपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया ने मंगलवार को राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेतृत्व वाली सरकार पर ‘ध्रुवीकरण’ और ‘कुशासन’ से ध्यान भटकाने का आरोप लगाते हुए कहा, “आप कुछ समय के लिए लोगों को बेवकूफ बना सकते हैं। लेकिन हर समय नहीं”। सैकिया ने विश्वास व्यक्त किया कि कांग्रेस जमीनी स्तर पर अपने काम को अंजाम देने के लिए हरसंभव प्रयत्न करेगी।
सैकिया ने यूनीवार्ता को दिए एक विशेष साक्षात्कार में मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के ‘मदरसा’ वाले बयान के बारे में कहा, “सत्तारूढ भाजपा ने कुछ मुद्दों को जानबूझकर अपने ‘कुशासन’ से लोगों का ध्यान भटकाने और वोटों का ‘ध्रुवीकरण’ करने के मकसद से बनाया है। यह मुख्यमंत्री सरमा और भाजपा को एजेंडे का हिस्सा है। हम इसके खिलाफ जमकर लड़ेंगे।” सरमा ने पिछले महीने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि ‘मदरसा’ शब्द विलुप्त हो जाना चाहिए, क्योंकि यदि यह शब्द बच्चों के दिमाग घर कर गया तो वे इंजीनियर और डॉक्टर नहीं बन सकते।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने असम मवेशी संरक्षण विधेयक, 2021 का जिक्र किया। जिसे सत्तारूढ़ भाजपा ने पूर्वोत्तर राज्य में लगातार दूसरी बार सत्ता में आने के बाद कुछ महीनों बाद विधानसभा में पारित होने के लिए लाया गया था। उन्होंंने कहा कि वर्ष की शुरूआत में सरकार गाय संरक्षण विधेयक लाई। इस संबंध में हमारे पास पहले से ही 1950 का कानून था। असम मवेशी संरक्षण अधिनियम, 2021, मवेशियों के वध कर उनकोे खाने और अवैध परिवहन को विनियमित करके उनके संरक्षण के लिए एक अधिनियम है।
सैकिया ने भाजपा सरकार पर सभी मोर्चों में विफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा, “असम के लिए 2016-2025 तक के भाजपा के विजन दस्तावेजों का क्या हुआ। पहले ही छह साल को समय निकल गया है लेकिन वे विधानसभा चुनाव से पहले उनके द्वारा की गई प्रमुख घोषणाओं को लागू नहीं कर सके। असम का सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी और गरीबी उन्मूलन है। सरकार सभी मोर्चों में असफल रही है।” उन्होंने सत्ता पक्ष पर हमला बोलते हुए कहा, “आप कुछ समय तक जनता को बेवकूफ बना सकते हैं लेकिन हर समय नहीं।
” असम में लगातार बारिश के कारण बाढ़ की मौजूदा स्थिति का जिक्र करते हुए सैकिया ने इस संबंध में सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा और दावा किया कि राज्य पिछले कुछ वर्षों में केंद्रीय सहायता से वंचित रहा है। नजीरा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक ने कहा, “भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा ‘डबल इंजन’ सरकार के फायदे का जिक्र करते रहते हैं। केंद्र के साथ-साथ राज्य में भी सत्ता में रहने के बावजूद मोदी सरकार ने आज तक असम को कोई केंद्रीय सहायता नहीं दी है।
जबकि अन्य राज्यों गुजरात, तमिलनाडु और ओडिशा को केन्द्र से सहायता मिली है।” सैकिया ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा, “ भाजपा ने असम की बाढ़ और कटाव को प्राकृतिक आपदा घोषित करने का वादा किया। मुझे उम्मीद है कि पार्टी अपना वादा नहीं भूली होगी और उसे निभाएगी। मुझे उम्मीद है की पार्टी अपना वादा पूरा करेगी। असम में बाढ़ और कटाव से पिछले तीन-चार वर्षों में हुए नुकसान को कम करने के लिए सरकार को तत्काल विशेष केंद्रीय राहत के रूप में 20,000 करोड़ रुपये जारी करने चाहिए।
” आम आदमी पार्टी (आप) और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राज्य के राजनीति में आने पर सैकिया ने कहा, “कुछ नए लोग आए हैं। मुझे नहीं लगता कि वर्ष 2024 के आम चुनाव से पहले इतने थोड़े समय के भीतर वे ज्यादा असर नहीं डाल सकेंगे और जीत दर्ज नहीं कर पाएंगे।” उन्होंने कहा, “राज्य में केवल कांग्रेस ही भाजपा को कड़ी टक्कर दे सकती है और पार्टी इस संबंध में जमीनी स्तर पर काम कर रही है।
वर्ष 2014, 2016, 2019 और 2021 में जनता को बहलाया गया था। वर्ष 2024 में जनता फिर से झूठे वादों में नहीं आयेगी।” नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से पूछताछ के बारे में सैकिया ने इसे ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ करार दिया। सैकिया ने नयी भर्ती के अग्निपथ योजना पर कहा, “यह भविष्य की संभावनाओं के बिना एक संविदात्मक नौकरी की तरह है। सरकार को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए।” उन्होंने युवा को इस योजना के खिलाफ प्रदर्शन करने की अपील की और कहा कि वे लोकतांत्रिक तरीके से अपना अधिकार के मामले को उठाये लेकिन सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान नहीं पहुंचायें।