सोमवार, 20 जून 2022

नए फोन 'टेक्नो पोवा' को लॉन्च किया: इंडिया

नए फोन 'टेक्नो पोवा 3' को लॉन्च किया: इंडिया 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। टेक्नो इंडिया ने भारत में अपने नए फोन 'टेक्नो पोवा 3' को लॉन्च कर दिया है। टेक्नो पोवा 3 को लेकर दावा है कि यह भारत का पहला ऐसा स्मार्टफोन है जिसके साथ 7000mAh की बैटरी और 33W की फास्ट चार्जिंग दी गई है। इसके अलावा टेक्नो पोवा 3 में मीडियाटेक हीलियो G88 प्रोसेसर के साथ ग्राफिक्स के लिए Mali G52 GPU और 90Hz रिफ्रेश रेट वाली डिस्प्ले है।
टेक्नो पोवा 3 के 4 जीबी रैम के साथ 64 जीबी स्टोरेज की कीमत 11,499 रुपये है। वहीं 6 जीबी रैम के साथ 128 जीबी स्टोरेज की कीमत 12,999 रुपये रखी गई है। फोन की बिक्री 27 जून से अमेजन इंडिया से इको ब्लैक और टेक सिल्वर कलर में होगी।
3 में 6.9 इंच की फुल एचडी प्लस डिस्प्ले है जिसका रिजॉल्यूशन 1080×2460 पिक्सल है जिसका रिफ्रेश रेट 90Hz है। फोन में मीडियाटेक हीलियो G88 प्रोसेसर के साथ ग्राफिक्स के लिए माली G52 GPU और 6 जीबी तक रैम के साथ 128 जीबी तक की स्टोरेज है। फोन में 11 जीबी तक का वर्चुअल रैम मिलेगा।
3 में तीन रियर कैमरे हैं। जिनमें प्राइमरी लेंस 50 मेगापिक्सल का है। दूसरा लेंस 2 मेगापिक्सल का है और तीसरा लेंस एआई है। रियर कैमरे के साथ क्वॉड फ्लैश लाइट है। सेल्फी के लिए फ्लैश लाइट के साथ 8 मेगापिक्सल का कैमरा दिया गया है। टेक्नो के इस फोन के कैमरे के साथ एआई कैम, ब्यूटी, पोट्रेट, शॉर्ट वीडियो और सुपर नाइट जैसे मोड मिलते हैं। इसके ऑटो आईफोकस भी है। कैमरे के साथ डॉक्यूमेंट स्कैनर भी दिया गया है।
 7000एमएएच की बड़ी बैटरी है जिसके साथ 33 वॉट की फास्ट चार्जिंग भी है और यह चार्जर आपको फोन के साथ बॉक्स में ही मिलेगा बैटरी के बैकअप को लेकर 53 दिनों के स्टैंडबाय और 30 घंटे के वीडियो प्लेबैक का दावा है। 33 वॉट का चार्जर 40 मिनट में 50 प्रतिशत बैटरी को चार्ज कर देगा। इसमें 10 वॉट की रिवर्स चार्जिंग भी मिलती है यानी इस फोन से आप दूसरे गैजेट को भी चार्ज कर सकते है।

‘गलत सूचना अभियान’ के झांसे में नहीं आना चाहिए

‘गलत सूचना अभियान’ के झांसे में नहीं आना चाहिए

इकबाल अंसारी  
अहमदाबाद। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने ‘अग्निपथ’ योजना को लेकर उठ रहे हंगामे के बीच सोमवार को कहा कि देश के युवाओं को सशस्त्र बलों के लिए घोषित नई भर्ती प्रक्रिया के बारे में ‘गलत सूचना अभियान’ के झांसे में नहीं आना चाहिए। इसे देश की खातिर और रक्षा बलों में काम करने के इच्छुक लोगों के लिए एक ‘‘महत्वपूर्ण योजना’’ बताते हुए मेघवाल ने कहा कि कुछ युवा गलत सूचना के कारण पिछले सप्ताह घोषित योजना का विरोध कर रहे हैं और उन्होंने ऐसे लोगों को सलाह दी कि वे इसके झांसे में न आएं।
केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘अग्निपथ एक महत्वपूर्ण योजना है। यह उन लोगों को अवसर प्रदान करती है जो सशस्त्र बलों में शामिल होना चाहते हैं।’’ योजना के खिलाफ कई राज्यों में हिंसक विरोध के बीच उन्होंने कहा, ‘‘कुछ युवा गलत सूचना के कारण योजना का विरोध कर रहे हैं। उन्हें कुछ पार्टियों के जाल में नहीं फंसना चाहिए जो योजना के बारे में गलत सूचना अभियान चला रहे हैं। मैं इस योजना का स्वागत करता हूं।
’’ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता ने कहा कि कार्यक्रम के तहत नियमित नौकरियों के लिए 25 प्रतिशत रंगरूटों को शामिल किए जाने के बाद भी जो चार साल की सेवा के बाद सेना छोड़ देते हैं, उन्हें एक अलग से पैकेज मिलेगा और अच्छी तरह प्रशिक्षित होने पर अर्द्धसैनिक बलों में नौकरी लेने का अवसर मिलेगा। मेघवाल यहां नवजीवन ट्रस्ट और भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार के एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आए थे।
इस योजना के खिलाफ कई राज्यों में हिंसक प्रदर्शन हुए, जिसमें पिछले कुछ दिनों से कई ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों में युवाओं ने विरोध प्रदर्शन करते हुए आग लगा दी। केंद्र ने पिछले हफ्ते अग्निपथ योजना का अनावरण किया था जिसके तहत साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष (2022 भर्ती प्रक्रिया के लिए ऊपरी आयु में छूट) के बीच के युवाओं को चार साल के कार्यकाल के लिए रक्षा सेवाओं की तीनों शाखाओं में शामिल करने के लिए चुना जाएगा।
पच्चीस प्रतिशत उम्मीदवारों को चार साल के अंत में नियमित सेवा में बरकरार रखा जाएगा। हालांकि, इस योजना की विपक्षी दलों के नेताओं ने आलोचना की है, जिनका कहना है कि इससे सशस्त्र बलों के कामकाज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। रक्षा सेवा में नौकरी के इच्छुक उम्मीदवार भर्ती योजना की अल्पकालिक प्रकृति से खुश नहीं हैं जिसमें पेंशन और चिकित्सा कवर का लाभ शामिल नहीं है।

अभिनेत्री अरोड़ा ने नई बोल्ड तस्वीर शेयर की

अभिनेत्री अरोड़ा ने नई बोल्ड तस्वीर शेयर की 

कविता गर्ग  
मुंबई। बॉलीवुड अभिनेत्री मलाइका अरोड़ा ने एक बार फिर इंटरनेट पर तहलका मचा दिया। दरअसल, अभिनेत्री मलाइका अरोड़ा ने सोशल मीडिया अकाउंट पर अपनी नई बोल्ड तस्वीर शेयर की है। इस तस्वीर में मलाइका बिकिनी पहने नजर आ रही है।
इस तस्वीर में देख सकते है कि मलाइका समंदर के बीचों-बीच खड़े होकर पोज दे रही हैं। एक्ट्रेस का बोल्ड अंदाज देख फैंस पागल हो रहे हैं। पानी में स्विम करते हुए इस फोटो को साइड व्यू से लिया गया है। मलाइका अरोड़ा ने इस तस्वीर को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा -स्विम 
मलाइका अपनी तस्वीरों और फिटनेस को लेकर हमेशा चर्चा में बनी रहती है। वे अपने फैंस के लिए आए दिन तस्वीरें और वीडियोज शेयर करती रहती हैं। एक्ट्रेस का बोल्ड अंदाज उनके चाहने वालों को बेहद पसंद आ रहा है।

पीएम ने 'मस्तिष्क अनुसंधान केंद्र' का उद्घाटन किया

पीएम ने 'मस्तिष्क अनुसंधान केंद्र' का उद्घाटन किया

इकबाल अंसारी  
बेंगलुरू। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) परिसर में 280 करोड़ रुपये की लागत से बनें 'मस्तिष्क अनुसंधान केंद्र' (सीबीआर) का सोमवार को उद्घाटन किया। जिसकी आधारशिला उन्होंने स्वयं रखी थी। प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम के दौरान 832 बिस्तर वाले ‘बागची-पार्थसारथी मल्टीस्पैशियलिटी’ अस्पताल की भी आधारशिला रखी।अधिकारियों ने बताया कि सीबीआर को अपनी तरह के एक अलग अनुसंधान केंद्र के रूप में विकसित किया गया है और इसमें उम्र से संबंधित मस्तिष्क विकारों के समाधान के लिए साक्ष्य-आधारित जन स्वास्थ्य उपचार मुहैया कराने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण अनुसंधान करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, सूचना प्रौद्योगिकी की दिग्गज कंपनी इंफोसिस के सह-संस्थापक एस गोपालकृष्णन और उनका परिवार भी इस कार्यक्रम में मौजूद था।
अधिकारियों ने बताया कि गोपालकृष्णन और उनकी पत्नी सुधा गोपालकृष्णन की मदद से आईआईएससी में एक स्वायत्त, गैर-लाभकारी अनुसंधान संगठन के रूप में मस्तिष्क अनुसंधान केंद्र की स्थापना की गई है। उन्होंने कहा कि सीबीआर परोपकारी संगठनों एवं व्यक्तियों द्वारा वित्त पोषित है और इसे कई अनुदान एजेंसियों से विशिष्ट परियोजनाओं के लिए अनुसंधान अनुदान प्राप्त होता है। गोपालकृष्णन ने आईआईएससी परिसर के भीतर सीबीआर के लिए अत्याधुनिक भवन के निर्माण के वास्ते भी धन प्रदान किया है और उनका यह उपहार भारत के इतिहास में वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए किसी व्यक्ति द्वारा प्रदान किया गया सबसे बड़ा समर्थन है।
 मल्टीस्पैशियलिटी’ अस्पताल आईआईएससी बेंगलुरु के परिसर में विकसित किया जाएगा और यह प्रतिष्ठित संस्थान विज्ञान, इंजीनियरिंग और चिकित्सा को एकीकृत करने में मदद करेगा। अधिकारियों ने कहा कि यह देश में नैदानिक अनुसंधान को बड़ा प्रोत्साहन देगा और देश में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए मददगार नवोन्मेषी समाधान खोजने की दिशा में काम करेगा।
 बागची-पार्थसारथी अस्पताल की स्थापना के लिए परोपकारी सुष्मिता एवं सुब्रतो बागची और राधा एवं एन एस पार्थसारथी के साथ फरवरी में साझेदारी की। आईआईएससी के निदेशक प्रोफेसर गोविंद रंगराजन ने कहा था, ‘‘ये जोड़े 800 बिस्तरों वाले मल्टी स्पैशियलिटी अस्पताल के निर्माण के लिये सामूहिक रूप से 425 करोड़ रुपये (लगभग छह करोड़ डॉलर) दान करेंगे।
आईआईएससी की स्थापना के बाद से उसे यह सबसे बड़ा निजी दान प्राप्त हुआ है ।’’ सुब्रतो बागची और एन एस पार्थसारथी माइंडट्री के सह-संस्थापक हैं जो सूचना प्रौद्योगिकी सेवा और परामर्श कंपनी है जिसका मुख्यालय बेंगलुरु में है । सुष्मिता ने कहा था, ‘‘परोपकारी होने का मतलब दूसरों के लिए सहानुभूति पैदा करना है, दूसरों के लिए महसूस करना और संवेदनशील बनना है। ये ऐसे मूल्य हैं जो हमारे माता-पिता से हमें मिले।
उन्होंने कहा, हमने उनके पद चिह्नों पर चलते हुए छोटे-छोटे तरीके अपनाए। जब हम 1990 के दशक में अमेरिका में रहते थे, तो समुदाय में हर कोई मुद्दों के साथ जिस तरह से जुड़ा हुआ था, उससे हम बहुत प्रभावित हुए। जिस तरह से वे अपने आपको पेश करते हैं और मदद करते हैं, उससे हमें भारत लौटने पर संस्थानों से जुड़ने में मदद मिली। राधा ने कहा कि वे लोग लंबे समय से छोटे-मोटे परमार्थ के काम में लगे हुये हैं।
उन्होंने कहा, हालांकि, यह पहला मौका है जब हम आईआईएससी जैसी बड़ी संस्था में इतना बड़ा योगदान दे रहे हैं । यह पूछे जाने पर कि इतनी बड़ी धन राशि दान करने की प्रेरणा उन्हें कहां से मिली, राधा ने कहा कि उन्होंने कड़ी मेहनत की है और अब जब संसाधन उनके पास हैं तो उनका मानना ​​है कि यह उन तक सौभाग्य से पहुंचे हैं। राधा ने कहा, ‘‘हम मानते हैं कि नियति ने हमें ये संसाधन दिए हैं और ऐसे में इनका इस्तेमाल ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम’’ के सिद्धांत के आधार पर लोगों की भलाई के लिए किया जाना चाहिये।’’ इस अस्पताल के 2024 तक शुरू हो जाने की उम्मीद है।

साइबर को राष्ट्रीय सुरक्षा का अभिन्न अंग करार दिया

साइबर को राष्ट्रीय सुरक्षा का अभिन्न अंग करार दिया

अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। केन्द्रीय गृृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा, कि कुछ देशों ने भारत की सुरक्षा में सेंध लगाने के लिए साइबर आर्मी बना रखी है। लेकिन सरकार की संबंधित ऐजेन्सियां इस खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह चौकन्नी रहती हैं। शाह ने सोमवार को यहां विज्ञान भवन में साइबर सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन (साइबर अपराध से आज़ादी – आज़ादी का अमृत महोत्सव) को संबोधित करते हुए साइबर सुरक्षा को राष्ट्रीय सुरक्षा का अभिन्न अंग करार दिया और कहा कि मोदी सरकार इसे सशक्त बनाने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा , “साइबर सुरक्षा एक प्रकार से राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ भी जुड़ी है। जो हमारे देश को सुरक्षित देखना नहीं चाहते वह अनेक प्रकार के साइबर हमले का प्रयोजन भी करते हैं। कुछ देशों ने तो इसके लिए साइबर आर्मी भी बनाई हुई है। मगर भारत सरकार का गृह मंत्रालय भी इससे निपटने के लिए पूरी तरह से चौकन्ना है और हर कदम पर इसकी रोकथाम के लिए हम अपने आप को अपग्रेड भी कर रहे हैं। ” उन्होंने कहा कि साइबर फ्रॉड के कई नए आयाम आने वाले दिनों में देखने में आएंगे, साइबर स्पेस सुरक्षा के संदर्भ में भी तैयारी करना जरूरी है। नागरिकों की निजता, महत्वपूर्ण सूचनाओं की सुरक्षा के संदर्भ में अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि ‘डेटा’ और ‘इंफॉर्मेशन’ यह दोनों आने वाले दिनों में बहुत बड़ी आर्थिक ताकत बनने वाली है इसीलिए डेटा और इंफॉर्मेशन की सुरक्षा के लिए भी देश को तैयार रहना होगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया ,“ संस्कृति और गृह मंत्रालय ने साइबर अपराधों के संदर्भ में व्यापक जन जागरूकता फैलाने के लिए जो पहल की है उससे जब देश आजादी की शताब्दी मना रहा होगा तब ना सिर्फ़ साइबर सुरक्षा की दृष्टि से देश सुरक्षित होगा बल्कि दुनिया में सबसे ज्यादा सुरक्षित साइबर माहौल अगर दुनिया में कहीं पर भी होगा तो भारत में होगा।
” शाह ने कहा कि आज के युग में साइबर सुरक्षा के बिना देश के विकास की कल्पना करना संभव नहीं है। उन्होंने कहा, “ अगर हम साइबर सुरक्षा को सुनिश्चित नहीं करते हैं, तो हमारी यही ताक़त हमारे लिए बहुत बड़ी चुनौती बन जाएगी। इसीलिए डिजिटल रिवॉल्यूशन के ज़माने में साइबर सुरक्षा कीचुनौतियां और उनके समाधान को ढूंढने और हर व्यक्ति तक साइबर सुरक्षा की जानकारी पहुंचाने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।

देश-सेना और देशभक्त लोगों के हक में है, योजना

देश-सेना और देशभक्त लोगों के हक में है, योजना

नरेश राघानी
जयपुर। सेनाओं में अल्पकालिक अवधि के लिए संविदा नियुक्ति के आधार पर युवाओं की भर्ती की केंद्र सरकार की ‘अग्निपथ’ योजना का बचाव करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने सोमवार को कहा कि यह योजना किसी के खिलाफ नहीं बल्कि देश, सेना और देशभक्त लोगों के हक में है। पूनिया ने कहा कि युवाओं को हिंसा से बचना चाहिए और योजना के फायदों को समझना चाहिए। उन्होंने कहा, “यह योजना किसी के खिलाफ नहीं है। यह भारत, सैन्य और देशभक्त लोगों के हक में है।
चार साल की सेवा के बाद बाहर आने वाले अग्निवीरों को कई तरह से नौकरी के अवसर मिलेंगे।” पूनिया ने कहा कि सार्वजनिक संपत्ति और हिंसा को नुकसान पहुंचाना देशभक्ति नहीं है। उन्होंने कहा, “यह देश को मजबूत बनाने की योजना है और युवाओं को इसे समझना चाहिए।” भाजपा के हिंदुत्व के एजेंडे पर काम करने के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आरोपों पर पूनियां ने कहा कि बहुसंख्यक लोगों के भी मानवाधिकार हैं और अगर उनका उल्लंघन होता है तो इसके बारे में बोलना हिंदुत्व नहीं है।
उन्होंने गहलोत पर अल्पसंख्यक समुदाय के तुष्टीकरण के लिए काम करने का आरोप लगाया। पूनियां ने कहा कि अलवर में मेवात क्षेत्र में कांग्रेस के शासन में “भूमि जिहाद”, “लव जिहाद”, साइबर और अन्य अपराधों के मामले देखे गए हैं। पूनियां ने उम्मीद जताई कि उनकी पार्टी 2023 का विधानसभा चुनाव जीतेगी और राज्य में अगली सरकार बनाएगी। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य पार्टी को विधानसभा चुनाव में जीत दिलाना है। पूनिया ने कहा कि पार्टी आलाकमान सही समय पर तय करेगा कि मुख्यमंत्री का उम्मीदवार कौन होगा।
अशोक गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए पूनियां ने कहा कि राज्य सरकार अपने चुनावी वादों को पूरा करने में विफल रही है। उन्होंने कहा, “राजस्थान में बेरोजगारी की दर देश में सबसे अधिक, 32 प्रतिशत है। कानून-व्यवस्था बिगड़ी हुई है और महिलाओं के खिलाफ अपराध एक चुनौती बना हुआ है।” उन्होंने कहा, “कांग्रेस की अंदरूनी कलह ने राजकाज को प्रभावित किया है। ऐसी सरकार से न्याय की उम्मीद नहीं की जा सकती जो अंदरूनी कलह से जूझ रही हो।
” उन्होंने कहा, “कांग्रेस के साढ़े तीन साल के शासन ने राज्य के लोगों को निराश किया है। लोग दुखी हैं।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के आठ साल के शासन पर पूनियां ने कहा कि लोगों ने मोदी शासन में देश को बदलते देखा है। प्रदेश अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल में किए गए कार्यों पर प्रकाश डालते हुए पूनिया ने कहा कि पार्टी के ढांचे को मजबूत किया गया और बूथ स्तर पर पार्टी की उपस्थिति बढ़ाई गई। पूनिया ने बताया कि पार्टी कार्यकर्ताओं का राज्य स्तरीय प्रशिक्षण शिविर सिरोही में 10 से 12 जुलाई तक आयोजित होगा।

विपक्षी दलों व विशेषकर कांग्रेस पर भाजपा का पलटवार

विपक्षी दलों व विशेषकर कांग्रेस पर भाजपा का पलटवार 

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। भाजपा ने सोमवार को सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए नई अग्निपथ योजना का राजनीतिकरण करने के लिए विपक्षी दलों, विशेषकर कांग्रेस पर पलटवार किया। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि विपक्षी दल सशस्त्र बलों में सुधार का राजनीतिकरण कर रहे हैं।
पात्रा ने कहा, "अग्निपथ एक ऐसी योजना है, जिसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। देश और सशस्त्र बलों से संबंधित मुद्दों का राजनीतिकरण देखकर दुख होता है, लेकिन कुछ लोग राष्ट्रीय सुरक्षा को दरकिनार कर अपनी गंदी राजनीति करते हैं। आज, लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने जिस तरह से समझाया, उसके बाद योजना, सभी आशंकाओं को दूर कर दिया गया है।"
पात्रा ने कहा कि "यह बहुत दुखद है कि युवाओं को कुछ ऐसे लोगों द्वारा गुमराह किया जा रहा है जो नहीं चाहते कि प्रधानमंत्री के 'रिफॉर्म, परफॉर्म एंड ट्रांसफॉर्म' के विजन को सफल बनाया जाए।
जंतर मंतर पर कांग्रेस के 'सत्याग्रह' का जिक्र करते हुए पात्रा ने कहा कि कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी को पहले सुधार की मांग करनी चाहिए थी, उन्होंने (प्रियंका) तब कुछ नहीं कहा था लेकिन अब सत्याग्रह कर रही हैं। यह किस तरह का सत्याग्रह है? उन्होंने कुछ नहीं किया। जब हमारी वायुसेना 10 साल से कम ताकत के साथ काम कर रही थी। हम राफेल लाए, उन्होंने इसका राजनीतिकरण किया और अब, फिर से, वे अग्निपथ का राजनीतिकरण कर रहे हैं।
केंद्र सरकार ने कहा है कि चार साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद बाहर आने वाले 75 फीसदी युवाओं को पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में ठहराया जाएगा।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...