सोमवार, 20 जून 2022

पीएम ने 'मस्तिष्क अनुसंधान केंद्र' का उद्घाटन किया

पीएम ने 'मस्तिष्क अनुसंधान केंद्र' का उद्घाटन किया

इकबाल अंसारी  
बेंगलुरू। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) परिसर में 280 करोड़ रुपये की लागत से बनें 'मस्तिष्क अनुसंधान केंद्र' (सीबीआर) का सोमवार को उद्घाटन किया। जिसकी आधारशिला उन्होंने स्वयं रखी थी। प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम के दौरान 832 बिस्तर वाले ‘बागची-पार्थसारथी मल्टीस्पैशियलिटी’ अस्पताल की भी आधारशिला रखी।अधिकारियों ने बताया कि सीबीआर को अपनी तरह के एक अलग अनुसंधान केंद्र के रूप में विकसित किया गया है और इसमें उम्र से संबंधित मस्तिष्क विकारों के समाधान के लिए साक्ष्य-आधारित जन स्वास्थ्य उपचार मुहैया कराने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण अनुसंधान करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, सूचना प्रौद्योगिकी की दिग्गज कंपनी इंफोसिस के सह-संस्थापक एस गोपालकृष्णन और उनका परिवार भी इस कार्यक्रम में मौजूद था।
अधिकारियों ने बताया कि गोपालकृष्णन और उनकी पत्नी सुधा गोपालकृष्णन की मदद से आईआईएससी में एक स्वायत्त, गैर-लाभकारी अनुसंधान संगठन के रूप में मस्तिष्क अनुसंधान केंद्र की स्थापना की गई है। उन्होंने कहा कि सीबीआर परोपकारी संगठनों एवं व्यक्तियों द्वारा वित्त पोषित है और इसे कई अनुदान एजेंसियों से विशिष्ट परियोजनाओं के लिए अनुसंधान अनुदान प्राप्त होता है। गोपालकृष्णन ने आईआईएससी परिसर के भीतर सीबीआर के लिए अत्याधुनिक भवन के निर्माण के वास्ते भी धन प्रदान किया है और उनका यह उपहार भारत के इतिहास में वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए किसी व्यक्ति द्वारा प्रदान किया गया सबसे बड़ा समर्थन है।
 मल्टीस्पैशियलिटी’ अस्पताल आईआईएससी बेंगलुरु के परिसर में विकसित किया जाएगा और यह प्रतिष्ठित संस्थान विज्ञान, इंजीनियरिंग और चिकित्सा को एकीकृत करने में मदद करेगा। अधिकारियों ने कहा कि यह देश में नैदानिक अनुसंधान को बड़ा प्रोत्साहन देगा और देश में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए मददगार नवोन्मेषी समाधान खोजने की दिशा में काम करेगा।
 बागची-पार्थसारथी अस्पताल की स्थापना के लिए परोपकारी सुष्मिता एवं सुब्रतो बागची और राधा एवं एन एस पार्थसारथी के साथ फरवरी में साझेदारी की। आईआईएससी के निदेशक प्रोफेसर गोविंद रंगराजन ने कहा था, ‘‘ये जोड़े 800 बिस्तरों वाले मल्टी स्पैशियलिटी अस्पताल के निर्माण के लिये सामूहिक रूप से 425 करोड़ रुपये (लगभग छह करोड़ डॉलर) दान करेंगे।
आईआईएससी की स्थापना के बाद से उसे यह सबसे बड़ा निजी दान प्राप्त हुआ है ।’’ सुब्रतो बागची और एन एस पार्थसारथी माइंडट्री के सह-संस्थापक हैं जो सूचना प्रौद्योगिकी सेवा और परामर्श कंपनी है जिसका मुख्यालय बेंगलुरु में है । सुष्मिता ने कहा था, ‘‘परोपकारी होने का मतलब दूसरों के लिए सहानुभूति पैदा करना है, दूसरों के लिए महसूस करना और संवेदनशील बनना है। ये ऐसे मूल्य हैं जो हमारे माता-पिता से हमें मिले।
उन्होंने कहा, हमने उनके पद चिह्नों पर चलते हुए छोटे-छोटे तरीके अपनाए। जब हम 1990 के दशक में अमेरिका में रहते थे, तो समुदाय में हर कोई मुद्दों के साथ जिस तरह से जुड़ा हुआ था, उससे हम बहुत प्रभावित हुए। जिस तरह से वे अपने आपको पेश करते हैं और मदद करते हैं, उससे हमें भारत लौटने पर संस्थानों से जुड़ने में मदद मिली। राधा ने कहा कि वे लोग लंबे समय से छोटे-मोटे परमार्थ के काम में लगे हुये हैं।
उन्होंने कहा, हालांकि, यह पहला मौका है जब हम आईआईएससी जैसी बड़ी संस्था में इतना बड़ा योगदान दे रहे हैं । यह पूछे जाने पर कि इतनी बड़ी धन राशि दान करने की प्रेरणा उन्हें कहां से मिली, राधा ने कहा कि उन्होंने कड़ी मेहनत की है और अब जब संसाधन उनके पास हैं तो उनका मानना ​​है कि यह उन तक सौभाग्य से पहुंचे हैं। राधा ने कहा, ‘‘हम मानते हैं कि नियति ने हमें ये संसाधन दिए हैं और ऐसे में इनका इस्तेमाल ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम’’ के सिद्धांत के आधार पर लोगों की भलाई के लिए किया जाना चाहिये।’’ इस अस्पताल के 2024 तक शुरू हो जाने की उम्मीद है।

साइबर को राष्ट्रीय सुरक्षा का अभिन्न अंग करार दिया

साइबर को राष्ट्रीय सुरक्षा का अभिन्न अंग करार दिया

अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। केन्द्रीय गृृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा, कि कुछ देशों ने भारत की सुरक्षा में सेंध लगाने के लिए साइबर आर्मी बना रखी है। लेकिन सरकार की संबंधित ऐजेन्सियां इस खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह चौकन्नी रहती हैं। शाह ने सोमवार को यहां विज्ञान भवन में साइबर सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन (साइबर अपराध से आज़ादी – आज़ादी का अमृत महोत्सव) को संबोधित करते हुए साइबर सुरक्षा को राष्ट्रीय सुरक्षा का अभिन्न अंग करार दिया और कहा कि मोदी सरकार इसे सशक्त बनाने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा , “साइबर सुरक्षा एक प्रकार से राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ भी जुड़ी है। जो हमारे देश को सुरक्षित देखना नहीं चाहते वह अनेक प्रकार के साइबर हमले का प्रयोजन भी करते हैं। कुछ देशों ने तो इसके लिए साइबर आर्मी भी बनाई हुई है। मगर भारत सरकार का गृह मंत्रालय भी इससे निपटने के लिए पूरी तरह से चौकन्ना है और हर कदम पर इसकी रोकथाम के लिए हम अपने आप को अपग्रेड भी कर रहे हैं। ” उन्होंने कहा कि साइबर फ्रॉड के कई नए आयाम आने वाले दिनों में देखने में आएंगे, साइबर स्पेस सुरक्षा के संदर्भ में भी तैयारी करना जरूरी है। नागरिकों की निजता, महत्वपूर्ण सूचनाओं की सुरक्षा के संदर्भ में अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि ‘डेटा’ और ‘इंफॉर्मेशन’ यह दोनों आने वाले दिनों में बहुत बड़ी आर्थिक ताकत बनने वाली है इसीलिए डेटा और इंफॉर्मेशन की सुरक्षा के लिए भी देश को तैयार रहना होगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया ,“ संस्कृति और गृह मंत्रालय ने साइबर अपराधों के संदर्भ में व्यापक जन जागरूकता फैलाने के लिए जो पहल की है उससे जब देश आजादी की शताब्दी मना रहा होगा तब ना सिर्फ़ साइबर सुरक्षा की दृष्टि से देश सुरक्षित होगा बल्कि दुनिया में सबसे ज्यादा सुरक्षित साइबर माहौल अगर दुनिया में कहीं पर भी होगा तो भारत में होगा।
” शाह ने कहा कि आज के युग में साइबर सुरक्षा के बिना देश के विकास की कल्पना करना संभव नहीं है। उन्होंने कहा, “ अगर हम साइबर सुरक्षा को सुनिश्चित नहीं करते हैं, तो हमारी यही ताक़त हमारे लिए बहुत बड़ी चुनौती बन जाएगी। इसीलिए डिजिटल रिवॉल्यूशन के ज़माने में साइबर सुरक्षा कीचुनौतियां और उनके समाधान को ढूंढने और हर व्यक्ति तक साइबर सुरक्षा की जानकारी पहुंचाने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।

देश-सेना और देशभक्त लोगों के हक में है, योजना

देश-सेना और देशभक्त लोगों के हक में है, योजना

नरेश राघानी
जयपुर। सेनाओं में अल्पकालिक अवधि के लिए संविदा नियुक्ति के आधार पर युवाओं की भर्ती की केंद्र सरकार की ‘अग्निपथ’ योजना का बचाव करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने सोमवार को कहा कि यह योजना किसी के खिलाफ नहीं बल्कि देश, सेना और देशभक्त लोगों के हक में है। पूनिया ने कहा कि युवाओं को हिंसा से बचना चाहिए और योजना के फायदों को समझना चाहिए। उन्होंने कहा, “यह योजना किसी के खिलाफ नहीं है। यह भारत, सैन्य और देशभक्त लोगों के हक में है।
चार साल की सेवा के बाद बाहर आने वाले अग्निवीरों को कई तरह से नौकरी के अवसर मिलेंगे।” पूनिया ने कहा कि सार्वजनिक संपत्ति और हिंसा को नुकसान पहुंचाना देशभक्ति नहीं है। उन्होंने कहा, “यह देश को मजबूत बनाने की योजना है और युवाओं को इसे समझना चाहिए।” भाजपा के हिंदुत्व के एजेंडे पर काम करने के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आरोपों पर पूनियां ने कहा कि बहुसंख्यक लोगों के भी मानवाधिकार हैं और अगर उनका उल्लंघन होता है तो इसके बारे में बोलना हिंदुत्व नहीं है।
उन्होंने गहलोत पर अल्पसंख्यक समुदाय के तुष्टीकरण के लिए काम करने का आरोप लगाया। पूनियां ने कहा कि अलवर में मेवात क्षेत्र में कांग्रेस के शासन में “भूमि जिहाद”, “लव जिहाद”, साइबर और अन्य अपराधों के मामले देखे गए हैं। पूनियां ने उम्मीद जताई कि उनकी पार्टी 2023 का विधानसभा चुनाव जीतेगी और राज्य में अगली सरकार बनाएगी। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य पार्टी को विधानसभा चुनाव में जीत दिलाना है। पूनिया ने कहा कि पार्टी आलाकमान सही समय पर तय करेगा कि मुख्यमंत्री का उम्मीदवार कौन होगा।
अशोक गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए पूनियां ने कहा कि राज्य सरकार अपने चुनावी वादों को पूरा करने में विफल रही है। उन्होंने कहा, “राजस्थान में बेरोजगारी की दर देश में सबसे अधिक, 32 प्रतिशत है। कानून-व्यवस्था बिगड़ी हुई है और महिलाओं के खिलाफ अपराध एक चुनौती बना हुआ है।” उन्होंने कहा, “कांग्रेस की अंदरूनी कलह ने राजकाज को प्रभावित किया है। ऐसी सरकार से न्याय की उम्मीद नहीं की जा सकती जो अंदरूनी कलह से जूझ रही हो।
” उन्होंने कहा, “कांग्रेस के साढ़े तीन साल के शासन ने राज्य के लोगों को निराश किया है। लोग दुखी हैं।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के आठ साल के शासन पर पूनियां ने कहा कि लोगों ने मोदी शासन में देश को बदलते देखा है। प्रदेश अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल में किए गए कार्यों पर प्रकाश डालते हुए पूनिया ने कहा कि पार्टी के ढांचे को मजबूत किया गया और बूथ स्तर पर पार्टी की उपस्थिति बढ़ाई गई। पूनिया ने बताया कि पार्टी कार्यकर्ताओं का राज्य स्तरीय प्रशिक्षण शिविर सिरोही में 10 से 12 जुलाई तक आयोजित होगा।

विपक्षी दलों व विशेषकर कांग्रेस पर भाजपा का पलटवार

विपक्षी दलों व विशेषकर कांग्रेस पर भाजपा का पलटवार 

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। भाजपा ने सोमवार को सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए नई अग्निपथ योजना का राजनीतिकरण करने के लिए विपक्षी दलों, विशेषकर कांग्रेस पर पलटवार किया। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि विपक्षी दल सशस्त्र बलों में सुधार का राजनीतिकरण कर रहे हैं।
पात्रा ने कहा, "अग्निपथ एक ऐसी योजना है, जिसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। देश और सशस्त्र बलों से संबंधित मुद्दों का राजनीतिकरण देखकर दुख होता है, लेकिन कुछ लोग राष्ट्रीय सुरक्षा को दरकिनार कर अपनी गंदी राजनीति करते हैं। आज, लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने जिस तरह से समझाया, उसके बाद योजना, सभी आशंकाओं को दूर कर दिया गया है।"
पात्रा ने कहा कि "यह बहुत दुखद है कि युवाओं को कुछ ऐसे लोगों द्वारा गुमराह किया जा रहा है जो नहीं चाहते कि प्रधानमंत्री के 'रिफॉर्म, परफॉर्म एंड ट्रांसफॉर्म' के विजन को सफल बनाया जाए।
जंतर मंतर पर कांग्रेस के 'सत्याग्रह' का जिक्र करते हुए पात्रा ने कहा कि कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी को पहले सुधार की मांग करनी चाहिए थी, उन्होंने (प्रियंका) तब कुछ नहीं कहा था लेकिन अब सत्याग्रह कर रही हैं। यह किस तरह का सत्याग्रह है? उन्होंने कुछ नहीं किया। जब हमारी वायुसेना 10 साल से कम ताकत के साथ काम कर रही थी। हम राफेल लाए, उन्होंने इसका राजनीतिकरण किया और अब, फिर से, वे अग्निपथ का राजनीतिकरण कर रहे हैं।
केंद्र सरकार ने कहा है कि चार साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद बाहर आने वाले 75 फीसदी युवाओं को पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में ठहराया जाएगा।

अभियान: पुलवामा में मुठभेड़, 1 आतंकी की मौंत

अभियान: पुलवामा में मुठभेड़, 1 आतंकी की मौंत 

इकबाल अंसारी  
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सोमवार तड़के हुई एक मुठभेड़ में एक आतंकवादी की मौंत हो गई है। जिसकी जानकारी अधिकारियों ने दी। उन्होंने कहा कि यहां के चटपोरा इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में मिली खुफिया जानकारी के आधार पर घेराबंदी और तलाशी अभियान चलाया गया, जिस दौरान मुठभेड़ हो गई।
एक सुरक्षा अधिकारी ने कहा, 'जैसे ही सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम ने संदिग्ध स्थान की घेराबंदी की, छिपे हुए आतंकवादियों ने गोलियां चला दीं, जिससे मुठभेड़ शुरू हो गई। इसमें एक आतंकवादी मारा गया है। पुलिस ने ट्वीट कर कहा, 'एक आतंकवादी ढेर हुआ है। आगे की जानकारी के मिलने की प्रतीक्षा है।'यह रविवार के बाद से तीसरी मुठभेड़ है। जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा और कुलगाम जिले में रविवार को हुई दो मुठभेड़ों में आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के एक पाकिस्तानी सहित दो आतंकवादियाें को मार गिराया गया था।

लोकेश ने 72, अर्जुन ने 76 फीसदी अंक हासिल किए

लोकेश ने 72, अर्जुन ने 76 फीसदी अंक हासिल किए

अश्वनी उपाध्याय/भानु प्रताप उपाध्याय      
गाजियाबाद/सहारनपुर। उत्तर-प्रदेश के सहारनपुर के लोकेश ने 12वीं कक्षा में 72 फीसदी और गाजियाबाद के अर्जुन ने 10वीं में 76 फीसदी अंक हासिल किए हैं। जो बात इन दोनों को अन्य छात्रों से अलग करती है, वह यह है कि दोनों जेल में बंद हैं और अपनी परीक्षा सलाखों के पीछे से दिए। जेल अधिकारियों के मुताबिक, लोकेश सहारनपुर जेल में बंद है और उसे अपहरण और एक महिला को शादी के लिए मजबूर करने के मामले में दोषी ठहराया गया है।
लोकेश पर मई 2018 में अपने ही रिश्तेदार की नाबालिग बेटी का अपहरण करने और उसे बस से करनाल जिले ले जाने का आरोप था।
बाद में नाबालिग के अपहरण और शादी के लिए मजबूर करने के आरोप में उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।
उसे 30 सितंबर, 2021 को 10 साल की सजा के साथ आरोपों में दोषी ठहराया गया था।
हालांकि, जेल में बंद रहने के बाद से लोकेश हमेशा से पढ़ना और खुद को सुधारना चाहता था।
अधिकारी ने कहा, "उसकी अंग्रेजी और इतिहास में गहरी दिलचस्पी थी, जिसके लिए हमने जेल में ही सारी किताबें उपलब्ध करा दी थीं।" वह 12वीं की परीक्षा में बैठने वाले कैदियों में टॉपर है।
हत्या का आरोपी अर्जुन सिंह गाजियाबाद जेल में बंद है। उन्होंने कक्षा 10 में 76 प्रतिशत अंक प्राप्त किए और गणित और विज्ञान में असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया।
जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अर्जुन का मामला विचाराधीन है, इसलिए वे टिप्पणी करने में सक्षम नहीं होंगे, लेकिन उन्होंने कहा कि वह आगे पढ़ना चाहते हैं और पढ़ाई में अपनी रुचि को आगे बढ़ाना चाहते हैं।
उत्तर प्रदेश की विभिन्न जेलों में बंद 200 से अधिक कैदी न केवल यूपी बोर्ड की हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं में शामिल हुए।
शनिवार को घोषित परिणामों में उत्तर प्रदेश में जेल के कैदियों ने इस साल हाईस्कूल में 90 फीसदी और इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षा में 70 फीसदी सफलता हासिल की है।
जेल अधिकारियों ने कहा कि 2022 में 14 जिलों के कैदियों ने परीक्षा दी थी। कक्षा 12 की परीक्षा देने वाले 99 कैदियों में से 67 ने इसे पास किया, जबकि हाई स्कूल की परीक्षा में शामिल हुए 119 कैदियों में से 104 ने परीक्षा पास की।
जेल महानिदेशक आनंद कुमार ने कहा कि प्रदेश की जेलों में काफी बदलाव आया है। "हमारे पास लगभग सभी जेलों में पुस्तकालय और अध्ययन की सुविधाएं हैं।"
अधिकारी ने आगे कहा, "अगर किसी कैदी को पढ़ाई में मदद या सहायता की जरूरत है, या यहां तक कि अपने शौक को भी पूरा करना है तो जेल कर्मचारी पूरी सहायता प्रदान करते हैं। हम उन कैदियों को प्रोत्साहित करते हैं जो अपने किसी भी शौक का अध्ययन या पीछा करने के इच्छुक हैं।

भाजपा की ‘भेदभाव की राजनीति’ करार: शिवसेना

भाजपा की ‘भेदभाव की राजनीति’ करार: शिवसेना

कविता गर्ग
मुंबई। शिवसेना ने सोमवार को दावा किया कि जेल में बंद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) विधायकों नवाब मलिक और अनिल देशमुख को राज्य विधान परिषद चुनाव में वोट देने की अनमुति नहीं दिया जाना, इन दोनों निर्वाचित प्रतिनिधियों के अधिकारों को रौंदने के समान है। कहा गया है कि इस महीने की शुरुआत में गंभीर बीमारियों से जूझ रहे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो विधायकों को महाराष्ट्र से राज्यसभा चुनाव के दौरान वोट देने के लिए एम्बुलेंस में लाया गया था। शिवसेना ने इसे भाजपा की ‘‘भेदभाव की राजनीति’’ करार दिया।
धन शोधन के अलग-अलग मामलों में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए गए महाराष्ट्र के मंत्री मलिक और राज्य के पूर्व गृह मंत्री देशमुख दोनों फिलहाल जेल में हैं। बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में मतदान करने के लिए जेल से अस्थायी रिहाई का अनुरोध करने वाली दोनों नेताओं की याचिकाएं शुक्रवार को खारिज कर दी थीं।
विधान परिषद की 10 सीटों के चुनाव के लिए सोमवार को मतदान हो रहा है।
सत्तारूढ़ सहयोगी दलों शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने दो-दो उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे हैं, जबकि भाजपा के पांच उम्मीदवार मैदान में हैं। राज्य की छह सीट पर 10 जून को हुए राज्यसभा चुनाव में शिवसेना के दूसरे उम्मीदवार भाजपा से हार गए थे। ‘सामना’ के संपादकीय में कहा गया है कि देशमुख और मलिक की विधानसभा सदस्यता अभी बरकरार है और उन्हें सभी आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था के साथ मतदान के वास्ते एक घंटे के लिए लाया जा सकता था।
मराठी प्रकाशन ने दावा किया, ‘‘उन्हें वोट देने के अधिकार से वंचित करना दो निर्वाचित प्रतिनिधियों के अधिकारों को कुचलने के समान है।’’ उन्होंने कहा कि यह ‘‘भेदभाव की राजनीति’’ है। प्रवर्तन निदेशालय ने अदालत में इन दोनों नेताओं की याचिकाओं का विरोध किया था, जिस पर शिवसेना ने कहा कि ‘‘केंद्रीय एजेंसी उच्चतम न्यायालय नहीं है’’।
पार्टी ने कहा, ‘‘लेकिन मुक्ता तिलक और लक्ष्मण जगताप (दोनों भाजपा से) गंभीर बीमारी की स्थिति में होने के बावजूद (राज्यसभा चुनाव में) मतदान के लिए लाए गए… जब राजनीतिक स्वार्थ की बात आती है, तो मानवता को कुचल दिया जाता है और उन्हें (तिलक और जपताप को) मतदान के लिए स्ट्रेचर पर लाया जाता है। भाजपा अपने राजनीतिक लक्ष्य को हासिल करने के लिए किसी भी स्तर तक गिर सकती है।
’ संपादकीय में कहा गया है, ‘‘केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है, लेकिन अगर अदालत भी होश खो देगी तो क्या होगा?’’ शिवसेना ने कहा कि दूसरी ओर, जेल की सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को एक महीने की पैरोल दी गई थी। उसने कहा कि उसे पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले भी इसी तरह की रियायत दी गई थी।

पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया

पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को बृहस्पतिवार को ...