रविवार, 19 जून 2022

युवाओं के जीवन व महत्वाकांक्षाओं से खिलवाड़, गलत

युवाओं के जीवन व महत्वाकांक्षाओं से खिलवाड़, गलत

कविता गर्ग  

मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना को लेकर केंद्र पर रविवार को प्रहार किया और कहा कि देश के युवाओं के जीवन और महत्वाकांक्षाओं से खिलवाड़ करना गलत है। शिवसेना के 56वें स्थापना दिवस पर पार्टी के विधायकों और वरिष्ठ नेताओं को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा कि यदि युवाओं के पास नौकरी नहीं होगी तो केवल भगवान राम के बारे में बात करने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र के कुछ कृषि कानूनों के खिलाफ पहले किसान सड़कों पर उतरे थे। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आपको सिर्फ वही आश्वासन देना चाहिए, जो आप पूरा कर सकते हैं।’ 

ठाकरे ने सवाल किया, ‘‘योजनाओं को अग्निपथ और अग्निवीर नाम क्यों दिया गया? 17 से 21 साल तक के युवा चार वर्षों बाद क्या करेंगे?’’ शिवसेना प्रमुख ने कहा, ‘‘संविदा पर सैनिक रखना खतरनाक है और युवाओं के जीवन एवं महत्वाकांक्षाओं से खिलवाड़ करना गलत है। यदि युवाओं के पास नौकरी नहीं होगी तो केवल भगवान राम के बारे में बात करने का कोई मतलब नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना के खिलाफ देश के कुछ हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन होने के बावजूद महाराष्ट्र शांत है। ठाकरे ने कहा, ‘‘आज मेरा दिन हो सकता है, कल कोई और बेहतर विकल्प के तौर पर उभरेगा।’’

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-254, (वर्ष-05)
2. सोमवार, जून 20, 2022
3. शक-1944, आषाढ़, कृष्ण-पक्ष, तिथि-सप्तमी, विक्रमी सवंत-2079।
4. सूर्योदय प्रातः 05:22, सूर्यास्त: 07:15।
5. न्‍यूनतम तापमान- 26 डी.सै., अधिकतम-34+ डी.सै.। उत्तर भारत में बरसात की संभावना।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
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शनिवार, 18 जून 2022

'पीसीआई' की पहली महिला अध्यक्ष बनीं, देसाई

'पीसीआई' की पहली महिला अध्यक्ष बनीं, देसाई 
अकांशु उपाध्याय    
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) की पहली महिला अध्यक्ष बनीं। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई। पीसीआइ अध्यक्ष पद के लिए 72 वर्षीय न्यायमूर्ति देसाई के नाम को हाल ही में उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और पीसीआइ सदस्य प्रकाश दुबे की एक समिति ने मंजूरी दी थी। सुप्रीम कोर्ट में कार्यकाल से पहले, वह बांबे हाई कोर्ट की न्यायाधीश थीं। जस्टिस रंजना देसा जम्मू और कश्मीर पर परिसीमन आयोग की अध्यक्ष भी रह चुकीं हैं। पीसीआई अध्यक्ष का पद न्यायमूर्ति चंद्रमौली कुमार प्रसाद (सेवानिवृत्त) का कार्यकाल पूरा होने के बाद पिछले नवंबर से खाली था।

बता दें कि कुछ दिनों पहले उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिकता संहिता (यूनिफार्म सिविल कोड) लागू करने के लिए जो ड्राफ्टिंग कमेटी की घोषणा की है उसमें रंजना प्रकाश देशाई भी शामिल हैं। देशाई साल 1996 में मुंबई उच्च न्यायालय की न्यायधीश भी रह चुकी हैं। उन्होंने 30 जुलाई, 1937 को वकालत की शुरुआत की थी। उनका जन्म 30 अक्टूबर 1949 को हुआ था। बता दें उन्होंने 1970 में एल्फिंस्टन कालेज मुंबई से कला में स्नातक और 1973 में गवर्नमेंट ला कालेजऔर मुंबई से कानून में स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। रंजना प्रकाश देसाई की साल 1986 में निवारक नजरबंदी के मामलों के लिए विशेष लोक अभियोजक के रूप में नियुक्ति हुई। वे 1 नवम्बर 1995 को सरकारी अधिवक्ता, अपीलीय साइड, मुंबई उच्च न्यायालय के पद पर नियुक्त हुई और 15 अप्रैल 1996 को उन्हें मुंबई उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनाया गया। 13 सितंबर 2011 को उनकी नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश के रूप में हुई।

घटिया राजनीति की दलदल में कमर तक ईओ

घटिया राजनीति की दलदल में कमर तक ईओ

अश्वनी उपाध्याय  
गाजियाबाद। जनपद स्थित नगर पालिका परिषद लोनी उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी नगरपालिका है। ठीक उसी प्रकार नगर पालिका में भ्रष्टाचार भी बड़ा ही होगा। 300 करोड़ के घोटाला प्रकरण से आप सभी वाकिफ हैं। घोटाला प्रकरण में आरोपी निकाय अध्यक्ष को लोकायुक्त के द्वारा क्लीन चिट दे दी गई है। अधिशासी अधिकारी के द्वारा घोटाला प्रकरण के संबंध में लोनी थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया है। जिसमें बताया गया कि नगरपालिका से फाइलें गुम हो गई है। किंतु, अब फाइलों से संबंधित कुछ दस्तावेज मिल रहे हैं। इस प्रकरण में अधिशासी अधिकारी की भूमिका संदिग्ध प्रतीत हो रही है। यह आधा-अधूरा सच है। 
निकाय क्षेत्र में जो भी विकास कार्य किए जा रहे हैं या पूर्व में किए गए हैं। सभी विकास कार्यों से भ्रष्टाचार का संबंध है। सभी विकास कार्यों में निकाय निदेशालय द्वारा निर्धारित मानकों के विरुद्ध कार्य किए गए हैं। नगर पालिका अधिनियम को ताक पर रखकर निविदाएं प्रदान की जाती है। सभी मदों में निर्धारित कमीशन का खेल होता है। निकाय में सभी पंजीकृत संस्था इसके प्यादें हैं। अब यह खेल ज्यादा रोमांचकारी हो गया है। विधायक और पूर्व चेयरमैन के संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं। चेयरमैन के द्वारा विधायक पर आरोप लगाया गया है। हालांकि, दोनों के संबध किस स्तर पर है। वहीं बेहतर जानते हैं। किंतु राजनीति की यह जंग कूटनीति पर आधारित है। 
यह बात किसी से छिपी नहीं है। यदि हम भ्रष्टाचार की बात करते हैं तो विधायक के द्वारा शहीद विनोद द्वार से विजय विहार पुलिस चौकी तक निर्मित संपर्क मार्ग पर सड़क के दोनों तरफ इंटरलॉकिंग टाइल्स बिछाने का कार्य अभी तक नहीं किया गया है। भ्रष्टाचार और राजनीति लहंगा-चुनरी जैसे हैं। एक दूसरे के बिना अधूरे हैं। एक भ्रष्ट अधिकारी ही भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई के लिए दृढ़ निश्चय करता है। इससे अधिक उदारता अन्य कहीं संभव ही नहीं है। 
अवगत कराते चले, अधिशासी अधिकारी को स्थानीय राजनीति में घसीटा जा रहा है। राजनीति से प्रेरित घटिया राजनीति की दलदल में अधिशासी अधिकारी फिलहाल कमर तक है। जनता के हित साधने के उद्देश्य की धारणा वाले अधिकारी को राजनीति से परहेज करना चाहिए। लेकिन क्षेत्र में विवेकी रणनीतिज्ञो ने राजनीति की परिभाषा ही बदल दी है। इसके पीछे क्या उद्देश्य है तो साफ-साफ नहीं जा सकता है। लेकिन इतना जरूर कहा जा सकता है कि अधिशासी अधिकारी स्पष्ट तौर पर राजनीति के मैदान में कूद चुकी है। मीडिया की सुर्खियां बना रहना है, राजनीति का पहला पाठ है। रोज बयान बाजी करना, नए कारनामे करना, बखूबी सब हो भी रहा है।

अग्निपथ: युवा से खिलवाड़, देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन

अग्निपथ: युवाओं की आकांक्षाओं से खेलना बंद करें सरकार, सेना होगी कमजोर, 21 जून को पूरे देश में विरोध-प्रदर्शन

अकांशु उपाध्याय/दुष्यंत टीकम
नई दिल्ली/रायपुर। कल दिल्ली में हुई अखिल भारतीय किसान सभा की पदाधिकारी बैठक के बाद जारी एक बयान में किसान सभा ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा देश की सेना में "अग्निपथ" योजना शुरू करने के देश विरोधी व जनविरोधी कदम की निंदा की है। किसान सभा का स्पष्ट मत है कि अग्निपथ योजना - छल कपट के साथ अति-राष्ट्रवादी बयानबाजी के आवरण में – सेना में चोर दरवाजे से ठेका प्रथा और अस्थायी रोजगार लाने वाला कदम है। यह भारत के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने में अपनी विफलता को छिपाने के लिए किया गया एक हताशापूर्ण प्रयास है। इसका कार्यकुशलता , रोजगार की गुणवत्ता और सैन्य बलों की दक्षता पर विनाशकारी प्रभाव पड़ने वाला है।
अखिल भारतीय किसान सभा के अध्यक्ष डॉ. अशोक ढवले तथा महासचिव हन्नान मौल्ला ने कहा है कि 2014 में हर साल 2 करोड़ नौकरियों देने का वादा करने वाली सरकार अब धोखा देकर बिना पेंशन के चार सस्ल के एक निश्चित अवधि के अनुबंध की घोषणा करके बेरोजगार युवाओं को बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा है कि कि"अग्निपथ" योजना से भारतीय समाज का सैन्यीकरण होगा, जो पहले से ही धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों के खिलाफ राज्य प्रायोजित फासीवादी हिंसा से संक्रमित है। संघ के विचारक सावरकर की राष्ट्र के हिंदूकरण और हिंदुओं के सैन्यीकरण की अवधारणा से प्रेरित भाजपा सरकार सुरक्षित रोजगार की तलाश में घूम रहे निर्दोष युवाओं के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रही है।
किसान सभा ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सरकार के बल प्रयोग कर दमन के प्रयासों की तथा उनके खिलाफ अफवाह फैलाने के लिए भाजपा-आरएसएस की कड़ी निंदा की है। किसान सभा ने कहा है कि यह कदम उन लाखों बेरोजगार युवाओं की आकांक्षाओं का अपमान करता है, जो सुरक्षित नौकरी पाने की उम्मीद में बहुत अधिक खर्च और मेहनत करते हैं। किसान सभा नेताओं ने कहा कि यह कदम हमारे देश की सेना को भी कमजोर करेगा। परम्परागत रूप से किसान परिवारों से आने वाले युवाओं का सेना में एक बड़ा हिस्सा हैं। किसानों और सेना के बीच यह ऐतिहासिक व जैविक संबंध कठोर कृषि-कानूनों के खिलाफ किसानों के ऐतिहासिक संघर्ष में भी देखा गया था, जो कई सेवारत और सेवानिवृत्त सेनिको द्वारा खुले और अपरोक्ष समर्थन में स्पष्ट दिखा था।
किसान सभा ने मांग की है कि केंद्र सरकार नौटंकी के बजाय सुसंगत वैज्ञानिक तरीके से बेरोजगारी के सवाल और ग्रामीण इलाकों में कृषि संकट का समाधान करने के लिए कदम उठाए और विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों जैसे - रेलवे, विश्वविद्यालयों आदि में भर्ती पर लगे प्रतिबंधों को रद्द कर नौकरियों के लिए भर्ती चालू करे। किसान सभा ने 21 जून को देश भर में भाजपा सरकार और संघ परिवार के उकसावे में आए बिना इस धोखाधड़ीपूर्ण योजना के खिलाफ शांतिपूर्ण देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान किया है।
"अग्निपथ" योजना को वापस लेने की मांग करते हुए छत्तीसगढ़ किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते तथा महासचिव ऋषि गुप्ता ने बताया कि देशव्यापी आह्वान के अनुरूप छत्तीसगढ़ में भी कई स्थानों धरना/प्रदर्शन/पुतला दहन के कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।

पोस्ट करने की मनमानी पर नकेल, मसौदा तैयार

पोस्ट करने की मनमानी पर नकेल, मसौदा तैयार  

अकांशु उपाध्याय 
 
नई दिल्ली।‌ सोशल मीडिया पर लोगों की मनमानी को लेकर बहुत सारी आलोचनाओं का निदान करने के लिए केंद्र सरकार ने कमर कस ली है। यानी अब तक सोशल मीडिया पर कुछ भी पोस्ट करने की मनमानी पर नकेल कसने के लिए सरकार ने मसौदा तैयार कर लिया है। सरकार उसके नियमन के उपाय ला रही है। अगले महीने जुलाई के बाद कड़ाई होने की उम्मीद है। मसौदे के मुताबिक सोशल मीडिया के लिए बनाए नियमों में संशोधन किया जा रहा है। इसके अलावा शिकायतें निपटाने और अधिकारियों के फैसलों के खिलाफ दायर अपीलों पर विचार करने के लिए शिकायत अपीलीय समिति का भी गठन किया जाएगा। सूचना प्रौद्योगिकी नियम 2021 में संशोधन के लिए एक आम अधिसूचना भी जारी की गई है। 
मसौदे के मुताबिक इस समिति को अपील मिलने के 30 दिन के भीतर शिकायत का निपटारा करना होगा। यह निर्णय ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम, वॉट्सएप समेत सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की कंपनियों पर लागू होगा। ट्विटर ने समय-समय पर सामुदायिक दिशा-निर्देशों के कथित उल्लंघन का हवाला देते हुए चर्चित हस्तियों समेत कई उपयोगकर्ताओं के खाते बंद किए हैं। ऐसे में सरकार का यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अधिसूचना के मसौदे के बारे में केंद्र सरकार एक या अधिक समितियों का गठन करेगी। समिति में एक प्रमुख और अन्य सदस्य होंगे। उपयोगकर्ता शिकायत अधिकारियों के खिलाफ अपील दायर कर सकते हैं। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 22 जून तक आम नागरिकों से इस बारे में सलाह और आपत्तियां मंगाई हैं। जुलाई के अंत तक केंद्र सरकार सोशल मीडिया के नियमों को अंतिम रूप दे देगी। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री राजीव चंद्रशेखर के मुताबिक सोशल मीडिया के उपयोग शिकायतों के बेहतर समाधान के लिए स्वयं की व्यवस्था बनाने के सुझाव पर किया जा रहा है। चंद्रशेखर ने ये भी कहा कि व्यापक विचार विमर्श के बाद सोशल मीडिया नियमों में नए संशोधनों को जुलाई समाप्त होने से पहले अंतिम रूप दे दिया जायेगा।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...