गुरुवार, 16 जून 2022

विशेष आयुक्त ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

विशेष आयुक्त ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस अपने बल में नवीनतम तकनीकों को शामिल कर आधुनिकीकरण में जुटी हुई है। वह अपराध, कानून और व्यवस्था, यातायात प्रबंधन, खुफिया संग्रह और जनता को सेवाएं प्रदान करने के क्षेत्र में और बेहतर काम करना चाहती है। इसी दिशा में गुरुवार को दिल्ली पुलिस और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए हैं। एमओयू पर आईआईटी दिल्ली की ओर से निदेशक प्रो. रंगन बनर्जी व दिल्ली पुलिस की ओर से विशेष आयुक्त एसबीके सिंह ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
पुलिस आयुक्त आयुक्त राकेश अस्थाना ने कहा कि दिल्ली पुलिस और आइआइटी के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन नई तकनीक की खोज, मौजूदा प्रौद्योगिकी आधारित परियोजनाओं का मूल्यांकन, भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रौद्योगिकी आधारित समाधान के विकास और दिल्ली पुलिस की तकनीकी समितियों में उपयुक्त संसाधन और व्यक्ति को शामिल करने का मार्ग प्रशस्त करेगा। कई अन्य समाधानों के बीच उपरोक्त प्रक्रिया नई संचार प्रणालियों, ड्रोन फोरेंसिक, एक ही मंच पर सीसीटीवी फ़ीड के एकीकरण, पार्किंग समस्याओं को हल करने के लिए प्रौद्योगिकियों के समावेश, बुलेट प्रतिरोध (बीआर) जैकेट और बीआर वेस्ट आदि के लिए तकनीकी विशिष्टताओं के समाधान तैयार करेगी।
उन्होंने कहा कि इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से आइआइटी दिल्ली, दिल्ली पुलिस को नवीन तकनीकों को अपनाने और स्वदेशी डिजिटल ट्रैकिंग संचार प्रणाली, सीसीटीवी एकीकरण प्लेटफार्म विकसित करने में मदद करेगा, जो प्रधानमंत्री के 'आत्मनिर्भर भारत' के दृष्टिकोण के अनुरूप है। व्यवस्था बनाए रखना, नागरिकों के मन में सुरक्षा पैदा करना, दिए गए सीमित संसाधनों में मोबाइल फोन के दुरुपयोग की रोकथाम और वायस ओवर इंटरनेट प्रोटोकाल (वीओआइपी) एक विशाल चुनौती है, जिसे डिजिटल के क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकियों के समावेश से नियंत्रित किया जा सकता है।
आईआईटी दिल्ली इन क्षेत्रों में और भविष्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ), मशीन लर्निंग (एमएल), ड्रोन प्रौद्योगिकियों, यातायात प्रबंधन और कानून व व्यवस्था के रखरखाव जैसे प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में दिल्ली पुलिस की सहायता कर सकता है। इस दौरान प्रो. रंगन बनर्जी ने कहा कि दिल्ली पुलिस को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकी और प्रणालियों का विकास करने की बात कही।

कार में विस्फोट होने की वजह से 'पत्रकार' की मौंत

कार में विस्फोट होने की वजह से 'पत्रकार' की मौंत

अखिलेश पांडेय     
साना/अदन। यमन के सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक केंद्र और बंदरगाह शहर अदन में गुरुवार को एक कार में विस्फोट होने की वजह से एक स्थानीय पत्रकार की मौंत हो गई है। एक सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी। नाम न जाहिर करने की शर्त पर एक स्थानीय सरकारी अधिकारी ने कहा, 'पत्रकार सबर नोमान अल-हैदरी जिस कार से जा रहे थे उसमें आईईडी फिट किया गया था। कार जब अदन के मंसूर से गुजर रही थी तब उसमें धमाका हो गया।'अधिकारी ने कहा, रात को हुई इस घटना में पत्रकार की मौत सहित कुछ राहगीर भी घायल हुए हैं।
बुलडोजर की कार्रवाई एक पक्षीय नहीं होनी चाहिए,किसान बड़े आंदोलन के लिए रहें तैयार
पत्रकार सबर नोमान अल-हैदरी एक जापानी न्यूज आउटलेट के लिए काम करते थे। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि उन्हें क्यों निशाना बनाया गया है। अधिकारी ने इस पर जांच होने की जानकारी दी है।
अभी तक किसी भी आतंकवादी समूह ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, हालांकि इस युद्धग्रस्त अरब देश में हाल के दिनों में पत्रकारों को निशाना बनाए जाने की ऐसी कुछ घटनाएं सामने आई हैं।
यमन साल 2014 के अंत से गृह युद्ध की चपेट में है। देश के उत्तरी हिस्से के कुछ प्रांतों को हुती विद्रोहियों ने अपने कब्जे में ले लिया है और सऊदी समर्थित यमनी सरकार को भी जबरदस्ती राजधानी सना से बाहर कर दिया है।

सेना में नई भर्ती के प्रारूप पर युवा वर्ग निराश-बेचैन है

सेना में नई भर्ती के प्रारूप पर युवा वर्ग निराश-बेचैन है

संदीप मिश्र
लखनऊ। सेना भर्ती अभियान ‘अग्निपथ’ को युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुये बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने गुरुवार को कहा कि सेना में नई भर्ती के प्रारूप को लेकर युवा वर्ग निराश और बेचैन है। इसके मद्देनजर सरकार को अल्प अवधि की इस नौकरी के लिये किये गये फैसले पर पुर्नविचार करना चाहिये।
मायावती ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा “ सेना में काफी लम्बे समय तक भर्ती लम्बित रखने के बाद अब केन्द्र ने सेना में 4 वर्ष अल्पावधि वाली ’अग्निवीर’ नई भर्ती योजना घोषित की है, उसको लुभावना व लाभकारी बताने के बावजूद देश का युवा वर्ग असंतुष्ट एवं आक्रोशित है। वे सेना भर्ती व्यवस्था को बदलने का खुलकर विरोध कर रहे हैं।
1. सेना में काफी लम्बे समय तक भर्ती लम्बित रखने के बाद अब केन्द्र ने सेना में 4 वर्ष अल्पावधि वाली ’अग्निवीर’ नई भर्ती योजना घोषित की है, उसको लुभावना व लाभकारी बताने के बावजूद देश का युवा वर्ग असंतुष्ट एवं आक्रोशित है। वे सेना भर्ती व्यवस्था को बदलने का खुलकर विरोध कर रहे हैं।
उन्होने कहा “ इनका मानना है कि सेना व सरकारी नौकरी में पेंशन लाभ आदि को समाप्त करने के लिए ही सरकार सेना में जवानों की भर्ती की संख्या को कमी के साथ-साथ मात्र चार साल के लिए सीमित कर रही है, जो घोर अनुचित तथा गरीब व ग्रामीण युवाओं व उनके परिवार के भविष्य के साथ खुला खिलवाड़ है।
बसपा अध्यक्ष ने कहा “ देश में लोग पहले ही बढ़ती गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी एवं सरकार की गलत नीतियों व अहंकारी कार्यशैली आदि से दुःखी व त्रस्त हैं, ऐसे में सेना में नई भर्ती को लेकर युवा वर्ग में फैली बेचैनी अब निराशा उत्पन्न कर रही है। सरकार तुरन्त अपने फैसले पर पुनर्विचार करे, बीएसपी की यह माँग।
गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने पिछले मंगलवार को अग्निपथ भर्ती योजना का ऐलान किया था। योजना के तहत सेना के तीनो अंगों यानी थल,नभ और जल सेना में चार साल के लिये युवाओं की भर्ती की जायेगी। इन रणबांकुरों को अग्निवीर का नाम दिया जायेगा। चार साल बाद अग्निवीरों को सार्टिफिकेट और वेतन के एक अंश के रूप में मोटी रकम देकर विदा किया जायेगा। सरकार का मानना है कि इस योजना से न सिर्फ सैन्य बलों की ताकत में इजाफा होगा बल्कि युवा वर्ग में राष्ट्र प्रेम की भावना और मजबूत होगी। इस योजना को लेकर हालांकि देश के अलग अलग भागों से मिलीजुली प्रतिक्रियायें मिल रही है।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण  

1. अंक-251, (वर्ष-05)
2. शुक्रवार, जून 17, 2022
3. शक-1944, आषाढ़, कृष्ण-पक्ष, तिथि-तीज/चतुर्थी, विक्रमी सवंत-2079।
4. सूर्योदय प्रातः 05:22, सूर्यास्त: 07:15।
5. न्‍यूनतम तापमान- 31 डी.सै., अधिकतम-41+ डी.सै.। उत्तर भारत में बरसात की संभावना।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु, (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसेन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
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बुधवार, 15 जून 2022

शासन-प्रशासन स्तर पर कौन लेगा जिम्मेदारी ?

शासन-प्रशासन स्तर पर कौन लेगा जिम्मेदारी ?

अश्वनी उपाध्याय 
गाजियाबाद। जनपद की तहसील, विधानसभा क्षेत्र, नगर पालिका परिषद एवं विकास खंड क्षेत्र लोनी की वर्तमान आबादी 15 लाख से अधिक है। ऐसे सघन आबादी वाले क्षेत्र में सुविधाओं का कितना अभाव है ? जन समस्याएं मुंह उठाकर जैसे शासन-प्रशासन को चेतावनी दे रही है। किंतु कोई चेतावनी को स्वीकार नहीं करना चाहता है। जनता को समस्या से जूझने के लिए उसके हाल पर छोड़ दिया गया है। 
गौरतलब हो, दिल्ली-सहारनपुर राज्यमार्ग 709 बी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश की लाइफ लाइन कहे जाने में किसी प्रकार की कोई अतिशयोक्ति नहीं है। 709 बी यातायात और व्यापार का एक प्रमुख संसाधन है। लाखों लोगों का आवागमन प्रतिदिन इस राजमार्ग से होता है। दिल्ली से सहारनपुर तक इतना जाम कहीं पर नहीं लगता है, जितना जाम मेन लोनी तिराहे पर लगता है। इसका प्रमुख कारण है, शासन-प्रशासन की उदारता।
शासनिक और प्रशासनिक स्तर पर जनता की मूल समस्याओं पर किसी प्रकार की कोई चिंता नहीं की जाती है। बल्कि अगर यूं कहें मूल समस्याओं पर कोई ध्यान ही नहीं है तो भी कोई बुराई नहीं है।
स्थानीय विधायक नंदकिशोर गुर्जर, निकाय चेयरमैन रंजीता धामा, जिला अधिकारी और उप जिला अधिकारी किस प्रकार से जन जनता की सेवा कर रहे हैं। इतनी बड़ी जन समस्या बिना चश्मे के भी दिखाई दे सकती है। हालांकि, सभी लोग काले-पीले चश्मे लगा कर रहते हैं। एक तरफ जनता उत्पीड़ित है, समस्या से रूबरू होती है। दूसरी तरफ सभी लोग जनता की सेवा में दिन-रात जी-जान से लगे हुए हैं। 
क्या स्थानीय जनप्रतिनिधियों को अभी तक इस बात का आभास नहीं हुआ है कि लोनी तिराहे पर एक 'फुट ओवर ब्रिज' की अत्यधिक आवश्यकता है। बूढ़े बच्चे इस समस्या से अत्यधिक ग्रसित है। जवान व्यक्ति सड़क को पार करने में सक्षम है। कई बार वह भी हादसे का शिकार हो जाता है। लेकिन बात यदि बच्चे-स्त्री और वृद्ध जनों की जाए तो यह एक बड़ी समस्या है।
जनता लोनी तिराहे पर सड़क पार करने की समस्या से त्रस्त है। हालांकि किसी जनप्रतिनिधि का इस पर ध्यान नहीं है। अपितु यह कहा जाए जनसमस्याओं के बजाय अन्य कार्यों में ज्यादा व्यस्त हैं।

400-220 केवी लाइनों के प्रस्ताव को मंजूरी मिली

400-220 केवी लाइनों के प्रस्ताव को मंजूरी मिली

संदीप मिश्र
लखनऊ। योगी आद‍ित्‍यनाथ कैबिनेट ने मेरठ में 765 केवी बिजली उपकेंद्र से संबंधित 400 केवी और 220 केवी लाइनों की लागत के पुनरीक्षित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इन परियोजनाओं की पुनरीक्षित लागत 305.9 करोड़ रुपये है।
इसके तहत मेरठ के 765 केवी उपकेंद्र से संबंधित 400 केवी डीसी मेरठ-शामली लाइन का टैरिफ बेस्ड कंप्टीटिव बिल्‍ड‍िंग (टीबीसीबी) पद्धति से निर्माण कराया जाएगा, जिसकी कुल लागत 164.53 करोड़ रुपये होगी। मेरठ के इसी उपकेंद्र से संबंधित 220 केवी डीसी मेरठ-जानसठ लाइन व संबंधित हाइब्रिड बे तथा 220 केवी डीसी मेरठ-अमरोहा लाइन व उससे संबंधित हाइब्रिड बे का निर्माण इंजीनियर‍िंग प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) पद्धति से कराया जाएगा, जिसकी कुल लागत 141.37 करोड़ रुपये होगी।
इन परियोजनाओं का 70 प्रतिशत वित्त पोषण वित्तीय संस्थाओं से ऋण लेकर और बाकी 30 प्रतिशत शासकीय अंशपूंजी से कराने का निर्णय लिया गया है। कार्यदायी संस्था की नियुक्ति के बाद 18 माह में कार्य पूर्ण किया जाना संभावित है। मेरठ के 765 केवी उपकेंद्र से संबंधित 400 केवी डीसी मेरठ-शामली लाइन और 220 केवी डीसी मेरठ-जानसठ लाइन के निर्माण से शामली, जानसठ तथा अमरोहा क्षेत्र में भविष्य में बढऩे वाले विद्युत भार की पूर्ति तथा सुदृढ़ प्राथमिक स्रोत की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...