शुक्रवार, 10 जून 2022
शांति-अकीदत के साथ संपन्न हुई, जुमे की नमाज
आपत्तिजनक टिप्पणियों के विरोध में बंद का आयोजन
शेयर बाजार में भारी गिरावट, कारोबार की शुरुआत
शेयर बाजार में भारी गिरावट, कारोबार की शुरुआत
कविता गर्ग
मुंबई। शेयर बाजार में शुक्रवार को भारी गिरावट के साथ कारोबार की शुरुआत हुई। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स 560.03 अंक गिरकर 54,760.25 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 194.15 अंकों के दबाव 16,283.95 अंक पर खुला। लाल निशान के साथ खुले शेयर बाजार में मिडकैप और स्मॉलकैप में भी गिरावट दर्ज की गई। बीएसई का मिडकैप 106.70 अंकों की गिरावट के साथ 22,528.35 अंक पर और स्मॉलकैप 100.36 अंक उतरकर 25,938.91 अंकों पर खुला।
बता दें कि बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स गुरुवार को 427.79 अंक की छलांग लगाकर 55 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के पार 55,320.28 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 121.85 अंक उछलकर 16,478.10 अंक पर पहुंच गया था।
भारत: 24 घंटे में कोरोना के 7,584 नए मामलें
एक बार फिर सरकार ने किसानों के साथ धोखाधड़ी की
एक बार फिर सरकार ने किसानों के साथ धोखाधड़ी की
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। अखिल भारतीय किसान सभा ने आरोप लगाया है कि खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में मामूली बढ़ोतरी करके मोदी सरकार ने एक बार फिर किसानों के साथ धोखाधड़ी की है तथा एमएसपी के जरिए वादा किए गए उत्पादन लागत से अधिक रिटर्न को लेकर भ्रामक दावे कियें हैं। किसान सभा ने कहा है कि खरीफ 2022-23 के लिए घोषित एमएसपी में चावल, मक्का, अरहर, उड़द और मूंगफली के लिए एमएसपी में सिर्फ 7 फीसदी और बाजरा के लिए सिर्फ 8 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। अधिकांश फसलों में यह वृद्धि अर्थव्यवस्था में सामान्य मुद्रास्फीति को मुश्किल से ही कवर करती है। शुक्रवार को यहां जारी एक बयान में अ. भा. किसान सभा के अध्यक्ष अशोक ढवले तथा महासचिव हन्नान मोल्ला ने कहा है कि एमएसपी में ये मामूली वृद्धि तब की गई है, जब ईंधन और अन्य आदानों की उच्च कीमतों और उर्वरकों की आपूर्ति में भारी कमी और कीमतों में वृद्धि के कारण उत्पादन लागत में तेजी से वृद्धि हुई है। पिछले सीजन में भी, आपूर्ति की कमी के कारण किसानों को उर्वरकों की कालाबाजारी का बड़े पैमाने पर सामना करना पड़ा था। बेलारूस और रूस के खिलाफ अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा प्रतिबंधों के कारण हाल के महीनों में स्थिति और खराब हो गई है।
उन्होंने कहा है कि खाद्य तेल और दाल जैसी वस्तुओं के लिए भारत आयात पर निर्भर है, जिनकी वैश्विक कीमतें बहुत अधिक बढ़ गई है। ऐसी स्थिति में हमारी सरकार को अपने किसानों को लाभकारी मूल्य देकर आयात-निर्भरता कम करनी चाहिए, लेकिन वह ठीक इसके उल्टा चल रही है और विकसित देशों के किसानों को बहुत अधिक कीमत का भुगतान करने के लिए तैयार है। इस प्रकार सरकार हमारे देश के किसानों के साथ ही भेदभाव कर रही है।किसान सभा नेताओं ने कहा है कि केंद्र सरकार ने खरीफ 2022-23 के लिए उत्पादन लागत का आकलन सी-2 लागत के बजाय ए-2 लागत पर किया है, जिसमें किसानों के स्वयं के संसाधनों की लागत शामिल नहीं होती है। यह किसानों के साथ धोखा है, क्योंकि ए-2 लागत पर आधारित एमएसपी उत्पादन की कुल लागत को भी पूरी तरह से कवर नहीं करता है। उन्होंने कहा कि चूंकि देश के अधिकांश हिस्सों में कोई सरकारी खरीद नहीं है, इसलिए किसानों का केवल एक छोटा सा हिस्सा ही इस मामूली एमएसपी का लाभ उठा पाएगा।
किसान सभा ने मांग की है कि सरकार स्वामीनाथन आयोग के सी2+50% के फार्मूले को गंभीरता से लागू करें, ताकि किसानों को उत्पादन की कुल लागत के 50 प्रतिशत रिटर्न का भुगतान किया जा सके ; दलहन, तिलहन और बाजरा के लिए सार्वजनिक खरीद की व्यवस्था की जाए, ताकि किसानों को इन फसलों को और अधिक उगाने के लिए प्रोत्साहित करके दालों और तिलहन के लिए भारत की आयात-निर्भरता को कम किया जा सके तथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली में खाद्य तेल और दालों को शामिल किया जाये, जिससे खाद्य मुद्रास्फीति को कम करने और देश की खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने में मदद मिलेगी। किसान सभा ने देश भर के किसानों का आह्वान किया है कि वे मोदी सरकार द्वारा एमएसपी पर किये जा रहे धोखाधड़ी का विरोध करें और अपनी फसलों के लिए लाभकारी एमएसपी के वैधानिक अधिकार की मांग के लिए एक बार फिर से एकजुट होकर विरोध कार्यवाहियां आयोजित करें।
तेलांगना प्रमुख कुमार के खिलाफ मामला दर्ज हुआ
तेलांगना प्रमुख कुमार के खिलाफ मामला दर्ज हुआ
इकबाल अंसारी
हैदराबाद। हैदराबाद में पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी के एक नेता को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, भाजपा के तेलांगना प्रमुख बंडी संजय कुमार के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है। आरोप है कि उन्होंने अपमानजनक टिप्पणियों के जरिए राज्य के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की आलोचना की थी। तेलंगाना राष्ट्र समिति की सोशल मीडिया विंग ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। पार्टी का कहना था कि भाजपा नेताओं ने सीएम पर झूठे आरोप लगाकर सरकारी योजनाओं को बदनाम किया है। रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा नेता ने सीएम को 'शराबी और धोखेबाज' कहा था। उनके खिलाफ हयातनगर पुलिस स्टेशन में आईपीसी की 114, 504 समेत कई धाराओं में मामला दर्ज किया है।
आरोप है कि तेलांगना स्थापना दिवस के मद्देनजर 2 जून को कुमार की अगुवाई में आयोजित कार्यक्रम का आयोजन किया और मंच का दुरुपयोग किया। रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस का कहना है कि मंच पर हुई स्किट (नाटक) में एक ऐसे व्यक्ति का अपमान किया, जो संवैधआनिक पद पर है और लोकतांत्रिक तरीके से राज्य के लोगों की तरफ से चुना गया है। लिखित शिकायत के आधार पर बंडी संजय कुमार, जित्ता बालकृष्ण रेड्डी, रानी रुद्रम, बोदू येलाना, दारुवु येलाना और उनकी टीम के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।पुलिस ने कहा कि आरोपी ने अपमानजनक टिप्पणियों, व्यक्तिगत हमलों का इस्तेमाल किया। साथ ही यह भी बताया कि राज्य के सीएम को शराबी और धोखेबाज आदि की तरह दिखाया गया।
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