मंगलवार, 7 जून 2022

तालाबों को साफ करने के लिए नौकरी छोड़ी

तालाबों को साफ करने के लिए नौकरी छोड़ी 

अश्वनी उपाध्याय  
गाजियाबाद। किसी आम नौजवान की तरह ही गाजियाबाद के डाढ़ा गांव के रामवीर तंवर भी इंजीनियरिंग करने के बाद अपना करियर बनाना चाहते थे। उनके पिता भी चाहते थे कि बेटा इंजीनियर बन कर अच्छी नौकरी करे। रामवीर तंवर की पढ़ाई के लिए उनके किसान पिता ने अपनी कुछ जमीन भी भेज दी थी। रामवीर तंवर इंजीनियर भी बने और वह नौकरी भी करने लगे। इसी दौरान वे मशहूर पर्यावरणविद अनुपम मिश्र के संपर्क में आए। रामवीर तंवर ने महसूस किया कि शहरों में लोग वॉटर पंप लगाकर पानी खींच रहे हैं और वॉटर लेवल नीचे गिरता जा रहा है। जबकि तालाबों की हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है।
अपने गांव और आसपास के इलाकों में तालाबों की बिगड़ती हालत को देखने के बाद रामवीर तंवर के मन में तालाबों के बेहतर बनाने के लिए काम करने की इच्छा जागी। रामवीर तंवर ने 2014 में तालाबों को सुधारने का काम शुरू कर दिया। उस समय रामवीर तंवर कुछ बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते थे। उन बच्चों के परिवार वालों को साथ लेकर रामवीर तंवर ने अपने गांव के तालाब को साफ सुथरा करने का काम किया। इससे उन्हें अच्छा लगा और उन्होंने तालाबों को साफ करने का काम करने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी।

6 राज्यों में साफ कर चुके 42 तालाब...
रामवीर तंवर ने जब तालाबों को साफ करने का काम शुरू किया तो जल्द ही उन्हें इसमें कुछ एनजीओ और कारपोरेट कंपनियों का भी समर्थन मिलने लगा. आज रामवीर तंवर हरियाणा, उत्तराखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और दिल्ली जैसे 6 राज्यों में करीब 42 तालाबों की हालत सुधार चुके हैं। इस काम में उनकी मदद 12 लोगों की एक कोर टीम करती है।जिसके साथ 100 के करीब वालंटियर जुड़े हैं। इसके अलावा रामवीर तंवर 150 मजदूरों को भी काम देते हैं। रामवीर तंवर की कोशिश से अब तक डेढ़ लाख वर्ग मीटर इलाके में तालाबों की हालत बेहतर हो चुकी है। जिससे सालाना 20 करोड़ लीटर पानी का संरक्षण होता है।
अपने काम से रामवीर तंवर अब गाजियाबाद के पांडमैन बन चुके हैं। उनको तालाबों का एक्सपर्ट मान लिया गया है। रामवीर तंवर सरकारी संस्थाओं और निजी संस्थाओं को कंसल्टेंसी भी देते हैं।
एक्सपोर्ट कंसल्टेंट के तौर पर रामवीर तंवर तालाबों को सुधारने के लिए काम करते हैं और इसके लिए फीस भी लेते हैं। अपने तालाब संरक्षण के काम को संस्थागत रूप देने के लिए उन्होंने ‘से अर्थ’ नामक एक एनजीओ बनाया है।भविष्य में रामवीर तंवर ने शहरों में अर्बन फॉरेस्ट लगाने का काम आगे बढ़ाने का फैसला किया है। इसके लिए उन्होंने जापान की मियावाकी पद्धति अपनाई है। गाजियाबाद में उन्होंने अर्बन फॉरेस्ट तैयार करने के तीन प्रोजेक्ट हाथ में लिए हैं। अभी तक उन्होंने जितने पौधे लगाए हैं, उनमें 95% सफल हैं।

तालाब हो आर्थिक तौर पर सक्षम...
रामवीर चाहते हैं कि देश में तालाब खुद आर्थिक रूप से समर्थ हों और खुद पर निर्भर हों।इसके लिए वे तालाबों में मछली पालन, सिंघाड़ा और कमल उगाने जैसे काम शुरू करने पर जोर देते हैं। इससे तालाबों से एक नियमित आय हासिल होती है और इस काम में लगे लोग तालाबों को सुरक्षित रखने के लिए तत्पर होते हैं। क्योंकि तालाब के साथ उनकी आमदनी जुड़ जाती है। तालाबों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए रामवीर तंवर ने जल चौपाल नामक कार्यक्रम भी शुरू किया है।  जिससे लोगों के अंदर जागरूकता आए और वे अपने आसपास के तालाबों और वॉटर बॉडी की साफ-सफाई और देखरेख करें। रामवीर तंवर का मानना है कि तालाबों को उन्होंने एक बार साफ तो कर दिया लेकिन उसे सुरक्षित रखना स्थानीय लोगों का काम है। इसके लिए लोगों में जागरूकता पैदा करने के अनेक कार्यक्रम वे करते रहते हैं।
रामवीर तंवर ने तालाबों के संरक्षण के लिए नौजवानों को अपने साथ जोड़ने की मुहिम में एक अनोखी पहल सेल्फी विद पांड शुरू किया है। उन्होंने युवाओं से कहा कि वे अपने पसंदीदा तालाब के साथ एक सेल्फी लें और सोशल मीडिया पर उसको पोस्ट करें। अपने तालाबों की पहचान के लिए जगह का नाम भी लिखें। सोशल मीडिया पर अपलोड करने के साथ उनके पास नोटिफिकेशन पहुंच जाता है।
‌इससे वह तालाब के साथ सेल्फी लेने वाले लोगों से संपर्क करके अपने साथ उनको जोड़ने लगते हैं। इससे एक कड़ी से कड़ी जुड़ती जाती है और देश में तालाबों की हालत के बारे में रामवीर तंवर को जानकारी मिल जाती है। रामवीर तंवर को इससे पता चल जाता है कि कहां के तालाब पर उनको जल्द से जल्द काम करने की जरूरत है।

वेव ग्रुप की याचिका खारिज, 1 करोड़ का जुर्माना

वेव ग्रुप की याचिका खारिज, 1 करोड़ का जुर्माना 

विजय भाटी 
गौतमबुद्ध नगर। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्युनल 
(एनसीएलटी) ने सोमवार को हुई सुनवाई में वेव ग्रुप की याचिका खारिज कर दी। बिल्डर ग्रुप ने वेव मेगा सिटी सेंटर परियोजना पर दिवालिया प्रक्रिया चलाने की याचिका दायर की थी। सुनवाई के बाद याचिका खारिज करते हुए वेव समूह पर एक करोड़ का जुर्माना भी लगाया गया है। साथ ही घर खरीदारों, प्राधिकरण के पैसों की हेरफेर की आशंका को देखते हुए वेव समूह की जांच गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) से कराने का आदेश दिया है। कोर्ट का मानना है कि वेव ग्रुप ने अपने घर खरीदारों को धोखे की मंशा से दिवालिया प्रक्रिया चलवाने की कोशिश की।
सेक्टर-32-25 के वेव मेगा सिटी सेंटर प्राइवेट लिमिटेड (डब्ल्यूएमसीसी) ने एनसीएलटी में दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने के लिए आवेदन किया गया। उस दौरान खरीदारों के हित में कंपनी ने ऐसा फैसला लेने की बात कही गई थी। इससे पहले कंपनी की 1.08 लाख वर्गमीटर जमीन का आवंटन निरस्त करते हुए नोएडा प्राधिकरण ने वेव ग्रुप की एक परियोजना पर सीलिंग और कब्जे की कार्रवाई की थी।
वेव ग्रुप का कहना था कि नोएडा प्राधिकरण ने सेक्टर-32 और 25 में आवासीय-सह-वाणिज्यिक परियोजना को मनमाने तरीके से सील कर दिया है। कंपनी प्रवक्ता ने बताया था कि इस परियोजना में 3,800 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। जिसमें इसके प्रमोटर्स और उनके सहयोगियों के 2,213 करोड़ रुपये का निवेश शामिल है। इसके अलावा बैंक लोन के रूप में 200 करोड़ रुपये की राशि ली गई है। जबकि खरीदारों से करीब 1400 करोड़ रुपये की राशि ली गई है। इसमें से 2000 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान विभिन्न सरकारी एजेंसियों को किया गया है, जिसमें नोएडा प्राधिकरण को किया गया लगभग 1600 करोड़ रुपये का भुगतान शामिल है।
निरस्त की गई 1.08 लाख वर्गमीटर जमीन वापस लेने के लिए वेव को देने होंगे करीब 2700 करोड़
प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल वेव ग्रुप के पास 56 हजार वर्गमीटर जमीन है। जिसके एवज में प्राधिकरण का 90 करोड़ रुपये बकाया है। वहीं, अगर वेव ग्रुप निरस्त की गई 1.08 लाख वर्गमीटर जमीन की वापसी चाहता है तो उसे बकाये का करीब 2700 करोड़ रुपये वापस करने होंगे।
2300 खरीदार अब भी फंसे...
वेव ग्रुप की विभिन्न परियोजनाओं में अब भी करीब 2300 ग्रुप हाउसिंग और कॉमर्शियल के खरीदार फंसे हुए हैं। वेव ग्रुप के खरीदारों की ओर से यहां आंकड़ा दिया गया है। उनका कहना है कि अब तक एक भी खरीदार की रजिस्ट्री नहीं हुई है। वेव ग्रुप की ओर से पैसे जमा कराने के बाद ही रजिस्ट्री संभव है। एनसीएलटी का मानना है कि सुनवाई के दौरान खरीदारों ने यह साबित कर दिया कि उन्होंने बिल्डर को पैसे दिए। लेकिन इन पैसों का हेरफेर किया गया। ऐसे में घर खरीदारों के मकान भी नहीं मिल पाए। प्राधिकरण को भी पैसे नहीं मिले। आखिर यह पैसे कहां गए। लिहाजा इसकी गंभीर जांच होनी चाहिए।

यह है वेव मेगा सिटी सेंटर का मामला...
नोएडा के सेक्टर 25 और 32 के बीच स्थित वेव मेगा सिटी सेंटर प्राइवेट लिमिटेड ने 2011 में लीजहोल्ड के आधार पर 6.18 लाख वर्गमीटर भूमि का आवंटन लगभग 1.07 लाख रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से 6,622 करोड़ रुपये में कराया था। मूल योजना के हिसाब से पुनर्भुगतान की अवधि पहले दो साल मोरेटोरियम के बाद 16 अर्द्धवार्षिक किस्तों में थी। दिसंबर 2016 में खरीदारों को समय पर युनिट्स की डिलीवरी देने तथा किस्तों पर बकाया राशि की वसूली के लिए नोएडा प्राधिकरण प्रोजेक्ट सैटलमेंट पॉलिसी (पीएसपी) लेकर आया। पीएसपी के तहत प्राधिकरण ने डब्ल्यूएमसीसी की 4.5 लाख वर्गमीटर जमीन वापस ले लीं। इसमें ग्रुप की ओर से जमा किए गए पैसे को ब्याज की राशि मान लिया गया। 10 मार्च 2021 को, नोएडा प्राधिकरण द्वारा 1.08 लाख वर्ग मीटर अधिग्रहण जमीन के आवंटन को निरस्त कर दिया गया और साथ ही दो टावरों को भी सील कर दिया गया। हालांकि अभी भी करीब 56 हजार वर्गमीटर जमीन कंपनी के पास है।
देश में न्याय प्रणाली अभी भी जिंदा है और यह फैसला इसका प्रमाण है। इस फैसले से फंसे हुए घर खरीदारों में एक नई उम्मीद जगी है। अब घर खरीदार के साथ नई उम्मीद के साथ आगे बढ़ेगा। हमारे लिए यह पहली जीत है। हालांकि लड़ाई लंबी है।

3 फर्जी पत्रकारों को गिरफ्तार कर जेल भेजा

3 फर्जी पत्रकारों को गिरफ्तार कर जेल भेजा 

भानु प्रताप उपाध्याय     
मुजफ्फरनगर। शहर कोतवाली पुलिस ने मंगलवार को तीन फर्जी पत्रकारों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। विगत दिनों एक नेत्रहीन महिला ने एसएसपी अभिषेक यादव को एक प्रार्थना पत्र देते हुए आरोप लगाया था कि कुछ पत्रकारों ने उससे 10 हजार रुपये की उगाही की है और घर पर जाकर उसकी पुत्री के साथ भी अश्लील हरकतें करने का भी आरोप लगाया था, इस मामले का संज्ञान लेते हुए एसएसपी अभिषेक यादव ने तथाकथित पत्रकारों की गिरफ्तारी के लिए आदेश जारी किए थे और महिला की तहरीर के आधार पर मामला दर्ज कर लिया था। इस मामले में मुकदमा दर्ज करने के बाद आज शहर कोतवाली पुलिस ने तीन फर्जी पत्रकारों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
एसपी सिटी अर्पित विजयवर्गीय ने शहर कोतवाली में पत्रकार वार्ता में जानकारी देते हुए बताया कि यह तीनों शातिर किस्म के अपराधी है और सरकारी दफ्तरों पर पीड़ित लोगों से पत्रकार या पुलिस बनकर अवैध उगाही करते थे। उन्होंने बताया कि इन तीनो के नाम सरताज अहमद, शारिक और निसार है, जिसमें तीनों को गिरफ्तार किया गया है। इस संबंध में और भी पूछताछ जारी है। एसपी सिटी अर्पित विजयवर्गीय ने बताया कि अभी और लोगों के गिरफ्तारी के प्रयास जारी है। इनमें अभी दो लोग और बाकी है, जो इस तरह की घटनाओं में संलिप्त रहते हैं और फ़िलहाल इन लोगों के पास से पांच अलग-अलग संस्थान के आई कार्ड और दो मोबाइल फोन और नगदी भी बरामद हुई है।
एसपी सिटी अर्पित विजयवर्गीय ने बताया कि प्रशासन ने एक निर्णय लिया है कि अब जनपद में उन्हीं पत्रकारों को काम करने की अनुमति दी जाएगी, जो अखबारों में या न्यूज़ चैनलों में रजिस्टर्ड पत्रकार है। उन्होंने कहा कि सूचना विभाग से हम लेटर वेरीफाई भी करेंगे और जो फर्जी पत्रकारों होंगे, उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। पत्रकार वार्ता में सीओ सिटी कुलदीप सिंह व शहर कोतवाल आनंद देव मिश्रा भी मौजूद रहे।

14 साल की नाबालिग ने अपने रेपिस्ट का मर्डर किया

14 साल की नाबालिग ने अपने रेपिस्ट का मर्डर किया

नरेश राघानी  
अलवर। अलवर में चाैंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक 14 साल की नाबालिग ने अपने रेपिस्ट का मर्डर कर उससे दरिंदगी का बदला लिया। इससे पहले रेपिस्ट को जब नाबालिग के अफेयर के बारे में पता चला तो वह भी उसके साथ जबरदस्ती रिलेशन बनाने लगा।
इससे परेशान नाबालिग ने उसे मारने का प्लान बनाया। इसके बाद 17 मई की रात मृतक विक्रम यादव की चुन्नी से गला घोंटकर हत्या कर दी। इतना ही नहीं नाबालिग के साथ 3 से ज्यादा लोगों ने अपनी दरिंदगी का शिकार बनाया। पुलिस ने इस पूरे मामले का खुलासा सोमवार रात में किया।
मामला कोटकासिम थाने के खानपुर गांव का है। एएसपी अतुल साहू ने बताया कि 17 मई की रात पूर्व सरपंच धनीराम यादव के बेटे विक्रम यादव(45) की हत्या कर दी गई थी। अगले दिन 18 मई को उसका शव गांव के पास सड़क पर मिला था। परिजन जब शव घर लेकर पहुंचे तो गले पर निशान और खून मिले। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच की गई। सामने आया कि दसवीं में पढ़ने वाली एक नाबालिग ने मर्डर किया। पुलिस ने बताया कि नाबालिग का एक साल से गांव के किसी युवक के साथ अफेयर चल रहा था। इस बीच 6 महीने पहले गांव के ही दो अन्य लड़कों को उसके अफेयर के बारे में पता चला। इस पर वे भी ब्लैकमेल कर उसके साथ रेप करने लगे। पुलिस ने बताया कि नाबालिग विक्रम यादव के घर पानी भरने जाया करती थी। डेढ़ महीने पहले नाबालिग ने अपने प्रेमी से बात करने के लिए विक्रम का फोन मांगा। दोनों के बीच की बात विक्रम के फोन में रिकॉर्ड हो गई थी। इस पर विक्रम भी उसे ब्लैकमेल करने लगा और रेप किया। विक्रम नाबालिग से दूसरों के साथ भी रिलेशन करने का दबाव बनाने लगा। इस पर वह परेशान हो गई और मर्डर करने का प्लान बनाया।
एएसपी ने बताया कि 17 मई की रात विक्रम ने नाबालिग को फोन किया। नाबालिग ने विक्रम को अपने घर के पास बने खेत में बुला दिया। विक्रम शराब के नशे में पहुंचा था। इसी का फायदा उठा नाबालिग ने चुन्नी से गला घोंट कर मार दिया और सड़क पर शव फेंक दिया।
कोटकासिम थाना अधिकारी महावीर सिंह शेखावत ने बताया कि मामला सामने आने के बाद नाबालिग को डिटेन कर अलवर के नारी निकेतन में भेजा गया है। वहीं नाबालिग ने मृतक विक्रम सिंह समेत तीन लोगों के खिलाफ सोमवार को रेप का मामला दर्ज करवाया है।
गले पर निशान व खून देखकर पुलिस बुलाई गई
पुलिस के अनुसार पहले यही माना जा रहा था कि गिरने से विक्रम की मौत हो गई। ऐसे में बिना पुलिस को सूचना दिए ही ग्रामीण और परिजन शव को उसके घर ले गए। वहां अंतिम क्रियाओं के बीच उन्हें विक्रम के गले पर निशान और शरीर पर खून के निशान मिले। शक होने पर उन्होंने पुलिस को सूचना दी। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और जहां शव मिला उसके आसपास छानबीन की। फोरेंसिक टीम भी मौके पर बुलाई गई। मौके पर ही पुलिस को विक्रम का एक मोबाइल भी मिला। जांच में नाबालिग की रिकॉर्डिंग पुलिस को मिली। तलाशी में मौके पर एक जगह जली हुई चुन्नी का टुकड़ा मिला। उसे जब्त कर जांच की गई तो उस पर खून के निशान भी मिले। इसके बाद नाबालिग से पूछताछ की तो उसने सारी कहानी बताई। नाबालिग की मां की पहले मौत हो चुकी थी। परिवार में एक भाई और पिता है। भाई प्राइवेट कंपनी में काम करता है।

पेचीदा मामला था...
यह पूरा मामला बेहद पेचीदा था। घटना स्थल से हमें कोई ज्यादा सबूत नहीं मिले थे। कई लोगों से पूछताछ और तकनीकी सहायता के जरिए हम नाबालिग तक पहुंचे। पूछताछ की तो यह सारा खुलासा हुआ। मामले में नाबालिग ने कोटकासिम थाने में सोमवार को रेप का मामला दर्ज करवाया है। उसकी भी जांच की जा रही है।

नुपूर की निंदा के बीच विल्‍डर्स ने खुलकर समर्थन किया

नुपूर की निंदा के बीच विल्‍डर्स ने खुलकर समर्थन किया 

अकांशु उपाध्याय/अखिलेश पांडेय
नई दिल्ली/ एम्सटर्डम। खाड़ी समेत मुस्लिम बहुल देशों में बीजेपी की निलंबित प्रवक्‍ता नुपूर शर्मा की पैगंबर को लेकर हो रही निंदा के बीच नीदरलैंड के सांसद गिर्ट विल्‍डर्स ने खुलकर उनका समर्थन किया है। गिर्ट विल्‍डर्स ने कहा कि यह बहुत हास्‍यास्‍पद है कि अरब और इस्‍लामिक देश भारतीय नेता नुपूर शर्मा के पैगंबर के बारे में सच बताने पर भड़के हुए हैं। उन्‍होंने सवाल किया कि भारत क्‍यों माफी मांगे ?
 उन्‍होंने भारतीयों को सलाह दी कि वह नुपूर शर्मा का बचाव करें। नीदरलैंड के सांसद गिर्ट विल्‍डर्स ने ट्वीट करके कहा, ‘तुष्‍टीकरण कभी काम नहीं करता है‌। यह चीजों और ज्‍यादा खराब कर देता है। इसलिए भारत के मेरे मित्रों आप मुस्लिम देशों की धमकी में नहीं आएं।
 आजादी के लिए खड़े हों और अपनी नेता नुपूर शर्मा के बचाव में गर्व महसूस करें और दृढ़ रहें जिन्‍होंने पैगंबर के बारे में सच बोला था। इस ट्वीट के बाद गिर्ट विल्‍डर्स को मौत की धमकियां दी जाने लगीं। इस पर उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान से लेकर तुर्की तक से मुझे धमकियां दी जा रही हैं लेकिन इस धमकी से कुछ भी हासिल नहीं होगा। मैं सच बोलने से नहीं रुकूंगा।
इससे पहले कतर, कुवैत, पाकिस्‍तान इंडोनेशिया समेत 10 से ज्‍यादा मुस्लिम देशों ने पैगंबर पर की गई टिप्‍पणी की आलोचना की थी। सऊदी अरब ने भी नुपूर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी की निंदा की है। सऊदी अरब की संवाद समिति एसपीए के मुताबिक विदेश मंत्रालय ने नुपूर शर्मा की टिप्पणी की आलोचना और सार्वजनिक निंदा करते हुए कहा,’विदेश मंत्रालय भाजपा की पूर्व प्रवक्ता की पैगंबर मोहम्मद का निरादर करने वाली टिप्पणी की आलोचना और सार्वजनिक निंदा करता है। सऊदी अरब साथ ही इस्लाम धर्म के प्रतीकों और तमाम धार्मिक हस्तियों के प्रति पूर्वग्रह को अस्वीकार करने की बात दोहराता है।

प्रस्ताव जीतने के बाद पीएम पद पर बनें रहेंगे, जॉनसन

प्रस्ताव जीतने के बाद पीएम पद पर बनें रहेंगे, जॉनसन

सुनील श्रीवास्तव
लंदन। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अविश्वास प्रस्ताव पर हुई वोटिंग में जीत हासिल की है। अविश्वास प्रस्ताव जीतने के बाद बोरिस जॉनसन पीएम पद पर बने रहेंगे। पीएम बोरिस जॉनसन ने इस जीत को निर्णायक करार दिया है। अविश्वास प्रस्ताव जीतने के बाद पीएम बोरिस जॉनसन ने कहा कि ये निर्णायक और बेहद ही सकारात्मक परिणाम हैं। 148 सांसदों ने बोरिस जॉनसन के खिलाफ वोट किया। जबकि 211 सांसदों ने उनके समर्थन में वोट डाले।
बोरिस जॉनसन की ही पार्टी के सासदों ने उनसे इस्तीफे की मांग की थी।
कोरोना महामारी के दौरान बोरिस जॉनसन का पार्टी करते हुए वीडियो सामने आया था उसके बाद उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। बोरिस जॉनसन के खिलाफ आरोप लगाया गया था कि वो कोरोना महामारी में लॉकडाउन के दौरान पार्टी कर रहे थे। उनके ऊपर कोरोना लॉकडाउन का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था।
जॉनसन ने अविश्वास प्रस्ताव जीतने के बाद इसे निर्णायक बताया है। बोरिस जॉनसन को 148 वोटों के मुकाबले 211 वोट मिले। यह अविश्वास प्रस्ताव जॉनसन की कंजरवेटिव पार्टी के सांसदों की ओर से ही लाया गया था। अविश्वास प्रस्ताव जीतने के बाद उन्होंने कहा कि ये काफी निर्णायक और सकारात्मक परिणाम है। हम एक सरकार के रूप में आगे बढ़ सकते हैं और उन चीजों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं जो वास्तव में लोगों के लिए मायने रखते हैं।
ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन ने कहा कि हम इस बात पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं कि हम आम लोगों की मदद करने के लिए क्या कर रहे हैं। हम कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में आगे क्या कर रहे हैं। हम सड़कों और समुदायों को सुरक्षित बनाने के लिए क्या कर सकते हैं। इन नतीजों ने हमे एक मौका दिया है कि हम उन तमाम चीजों को पीछे छोड़ देना चाहते हैं जिसे मीडिया आगे रखना चाहता है।

विवादों में घिरीं नूपुर व परिवार को सुरक्षा दीं

विवादों में घिरीं नूपुर व परिवार को सुरक्षा दीं 

ओमवीर सिंह    
नई दिल्ली। पैगंबर मोहम्मद पर टीवी शो में डिबेट के दौरान टिप्पणी के कारण विवादों में घिरीं नूपुर शर्मा और उनके परिवार को दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा दी है। नूपुर शर्मा और उनके परिवार की ओर से पुलिस में शिकायत दी गई थी कि उन्हें जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं। इसके बाद पुलिस ने उन्हें सुरक्षा कवर दिया है।दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, नूपुर शर्मा और उनकी फैमिली को पुलिस सुरक्षा प्रदान की गई है। उन्होंने आरोप लगाया था कि उनको जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं और उनके बयान के बाद से उन्हें परेशान किया जा रहा है।
नूपुर शर्मा ने एक टीवी डिबेट के दौरान पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी कर दी थी, जिसके बाद से बवाल मच गया था। एक तरफ भारत के कानपुर जैसे शहर में मुस्लिम समुदाय के लोग सड़कों पर उतर आए और हिंसा भड़क गई थी तो वहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत को आलोचना झेलनी पड़ी है। कई देशों में तो ट्विटर पर अभियान ही चल गया और भारतीय उत्पादों के बहिष्कार की मांग उठने लगी थी। सऊदी अरब, कतर, ओमान, जॉर्डन, संयुक्त अरब अमीरात और ईरान समेत कुल 15 देश अब तक इस मसले पर भारत से आपत्ति जाहिर कर चुके हैं।कई देशों ने तो भारत के राजदूत को तलब कर विरोध जताया है। अरब देशों में विरोध बढ़ने के बाद ही भाजपा ने नूपुर शर्मा को रविवार को निलंबित कर दिया था। नूपुर शर्मा ने नई दिल्ली विधानसभा सीट से अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ा था। दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ की अध्यक्ष रहीं नूपुर शर्मा को केजरीवाल के खिलाफ उतरने के बाद से रही चर्चा मिली थी और फिर उनका लगातार कद बढ़ता गया और वह राष्ट्रीय प्रवक्ता बन गईं। हालांकि पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी के बाद छिड़े विवाद के चलते उनका राजनीतिक करियर ही दांव पर लग गया है।

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई  संदीप मिश्र  लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को लेकर उत्तर प्रदेश में भी 7 दिनों के...