सोमवार, 6 जून 2022

एंजेलो की 171वीं जयंती पर डूडल बनाकर याद किया

एंजेलो की 171वीं जयंती पर डूडल बनाकर याद किया 

अखिलेश पांडेय
नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी/रोम। सर्च दिग्गज गूगल ने एस्प्रेसो मशीनों के गॉडफादर के रूप में लोकप्रिय आविष्कारक एंजेलो मोरियोनडो की 171वीं जयंती पर एक विशेष एनिमेटेड डूडल बनाकर उन्हें याद किया है। 6 जून का गूगल डूडल इटालियन आविष्कारक को श्रद्धांजलि देने के लिए बनाया गया है‌। जिन्होंने वर्ष 1884 में एस्प्रेसो मशीन का आविष्कार और पेटेंट कराकर कॉफी प्रेमियों के लिए जीवन को आसान बना दिया। यह डूडल सबसे पहले ज्ञात एस्प्रेसो मशीन का कार्टून जैसा प्रतिनिधित्व दर्शाता है। जब कोई गूगल पर सर्च करेगा, तो उसे कॉफी मशीन के चित्र दिखाई देंगे जो दिखा रहा है कि कॉफी कैसे बनाई और परोसी जाती है।
आविष्कार से पहले, ग्राहकों को कॉफ़ी बनाने की प्रक्रियाओं के कारण अपने पेय के लिए पांच मिनट से अधिक समय तक इंतजार करना पड़ता था। चूंकि, कॉफी पहले उन्नीसवीं सदी के इटली में सबसे लोकप्रिय पेय थी, इस आविष्कार ने बहुत समय बचाया है। यह देखा जा सकता है कि मशीन से कपों में कॉफी डाली जा रही है। इसके अलावा, जब आप डूडल पर क्लिक करेंगे, तो वह एक वेब पेज पर ले जाएगा। जहां कोई भी आविष्कारक एंजेलो मोरियोनडो के बारे में सभी संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकता है।
मोरियोनडो का जन्म 6 जून, 1851 को इटली के ट्यूरिन में, व्यवसायियों के एक परिवार में हुआ था, जो हमेशा नए आइडियाज और बिजनेस का इजात करते थे। उनके दादा ने एक शराब निर्माण व्यवसाय की स्थापना की। जिसे एंजेलो के पिता को सौंप दिया गया, जिन्होंने अपने भाई और चचेरे भाई के साथ प्रसिद्ध चॉकलेट फर्म "मोरियोंडो और गैरीग्लियो" का निर्माण किया।
अपने परिवार की विरासत को आगे बढ़ाते हुए, मोरियोनडो ने दो स्थान खरीदे, सिटी सेंटर पियाज़ा कार्लो फेलिस में ग्रैंड-होटल लिगुर और वाया रोमा के गैलेरिया नाज़ियोनेल में अमेरिकन बार इटली में कॉफी की लोकप्रियता के बावजूद, कॉफ़ी का इंतजार खरीदारों के लिए असुविधाजनक होने लगा, जिसके बाद मोरियोनडो को आइडिया आया कि एक बार में कई कप कॉफी बनाने से वह अधिक ग्राहकों को तेज दर पर सेवा दे सकेगा, जिससे उसे प्रतिस्पर्धात्मक लाभ मिलेगा।मोरियोनडो ने 1884 में ट्यूरिन के जनरल एक्सपो में अपनी एस्प्रेसो मशीन की शुरुआत की। जहां उसे एक मैकेनिक की बारीकी से देखरेख करने के बाद कांस्य पदक मिला, उसने इसे बनाने के लिए लोगों को काम पर रखा। उपकरण में एक विशाल बॉयलर था जो कॉफी पीस के बेड के माध्यम से गर्म पानी को फ़ोर्स करता था, साथ ही दूसरा बॉयलर जो कॉफी को बेड पर फ्लैश करने और ब्रू खत्म करने के लिए स्टीम उत्पन्न करता था।

प्राची ने शर्मा व जिंदल का समर्थन कर, बयान दिया

प्राची ने शर्मा व जिंदल का समर्थन कर, बयान दिया

भानु प्रताप उपाध्याय 
मुजफ्फरनगर। विवादित बयान देने के मामलें में भारतीय जनता पार्टी से निलंबित की गई प्रवक्ता नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल का मामला गर्माता जा रहा है। देशभर में कट्टर हिन्दू विचार-धारा के लोग नूपुर शर्मा के पक्ष में खड़े नजर आ रहे हैं। सोमवार को मुजफ्फरनगर पहुंची साध्वी प्राची ने भी नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल का समर्थन करते हुए बड़ा बयान दिया है। साध्वी ने कहा कि मुझे बड़ी हंसी आती है कि सच बोलने पर भी सजा मिलती है। नूपुर शर्मा को भी वहीं सजा मिल रही है। लेकिन, याद रखना सच परेशान हो सकता है, मगर पराजित कभी नहीं होता।
हरिद्वार जाते समय कुछ देर के लिए उत्तर प्रदेश के जनपद मुज़फ्फरनगर में स्थित शिव चौक पर रुकी हिंदूवादी नेत्री साध्वी प्राची ने मीडिया से बातचीक कर रही थी। उन्होंने कहा कि सच बोलने की सजा लोगों को मिल चुकी है। नूपुर शर्मा को भी वहीं मिल रही है, लेकिन याद रखना सच परेशान तो हो सकता है, पराजित नहीं हो सकता‌। आज हर सनातनी नूपुर शर्मा के साथ है मैं भी नूपुर शर्मा और भाई नवीन जिंदल के साथ हूं। साध्वी प्राची ने कहा कि हिम्मत हो तो जरा ओवैसी को गिरफ्तार करके दिखाओ। ओवैसी फूल नहीं बरसा रहा है। उन्होंने कहा कि बरेली का तौकीर रजा 10 जून को क्या कहा उसने खुलेआम 100 करोड़ को धमकी दी है। अभी जलसा हुआ था देवबंद के अंदर मदनी को जरा गिरफ्तार करो कह रहे हैं जो हमारे धर्म को स्वीकार करते हैं वह हिंदुस्तान में रहे।
कानपुर का ही नहीं जहां दंगा होता है वहां पीएफआई का आईएसआई का हाथ होता है। मैं योगी सरकार से कहना चाहती हूं कि जुमे की नमाज के बाद जब मौलवियों का भाषण होता है तो उसकी वीडियो रिकॉर्डिंग कराई जाए और जहां पर दंगे होते हैं।वहां के मदरसे और मस्जिद को तुरंत प्रतिबंधित कर दिया जाए, फिर कहीं दंगा नहीं होगा। अल्लाह भी खुश होगा और पूरा मोहल्ला भी खुश होगा।

'परीक्षा 2022' का आयोजन, 12 जून को होगा

'परीक्षा 2022' का आयोजन, 12 जून को होगा 

हरिओम उपाध्याय/सत्येंद्र पंवार   
लखनऊ/मेरठ। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग प्रयागराज की ओर से सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा 2022 का आयोजन (रविवार) 12 जून को होगा। परीक्षा मेरठ सहित प्रदेश के 28 जिलों में आयोजित कराई जा रही है। मेरठ में आयोग की परीक्षा के लिए 37 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। जिले में कुल 17,323 परीक्षार्थी पंजीकृत हैं, जो दोनों पालियों में परीक्षा देंगे। दोनों पालियों में सामान्य अध्ययन की परीक्षा होगी।

30 मिनट पहले होगी एंट्री...
परीक्षा केंद्रों पर दो महिला व दो पुरुष पुलिस कर्मी अभ्यर्थियों की तलाशी करेंगे। केन्द्रों के भीतर अभ्यर्थियों का प्रवेश 30 मिनट पहले शुरू होगा। इसलिए सभी अभ्यर्थी समय से पहले ही केंद्रों पर पहुंच जाएं। वहीं परीक्षा शुरू होने से 10 मिनट पहले प्रवेश बंद कर दिया जाएगा। इसके बाद किसी परीक्षार्थी को प्रवेश की अनुमति नहीं मिलेगी। इसलिए जरूरी यह है कि अभ्यर्थी समय का विशेष ध्यान रखें। परीक्षा कक्ष में अभ्यर्थियों को अपने साथ किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण केलकुलेटर, स्लाइड रूल, मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक घड़ी आदि के साथ सादा कागज, कॉपी, किताब, नोट, पत्रिका खाद्य सामग्री, गुटका आदि ले जाने की अनुमति नहीं है। जो भी सामान परीक्षार्थी लाएंगे उन्हें बाहर ही रखना पड़ेगा।

सीसीटीवी की निगरानी में होगी परीक्षा...
लोक सेवा आयोग की परीक्षा केंद्र पर सीसीटीवी की निगरानी में होगी। जिन परीक्षा केंद्रों पर हर कक्ष में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे होंगे, वहां हर कक्ष की वीडियो रिकॉर्डिंग पूरी परीक्षा की करानी होगी। केंद्रों से सीसीटीवी और वीडियो रिकॉर्डिंग एक पेन ड्राइव में आयोग ने मांगा है।
परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र पर स्कैन फोटो लगाए गए हैं। वही फोटो रोललिस्ट में भी भेजी गई है। जिन अभ्यर्थियों की उपस्थिति पत्रक में फोटो नहीं है उन्हें परीक्षा के दिन दो फोटो के साथ प्रवेश पत्र लेकर परीक्षा में पहुंचन है। परीक्षा पार्टी रोललिस्ट के आधार पर ऐसे परीक्षार्थियों को चिन्हित कर उनसे परीक्षा के दिन प्रथम सत्र में फोटो लेकर उसकी जांच पहचान पत्र से करेंगे। फोटो और आईडी प्रूफ न हो तो उनसे शपथ पत्र भरवा कर दिया जाएगा।

इन जिलों में होगी परीक्षा...
लोक सेवा आयोग की परीक्षा प्रदेश के 28 जिलों में हो रही है। इसमें मेरठ के अलावा आगरा, गाजीपुर, ज्योतिबा फुले नगर, महाराजगंज, मैनपुरी, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, शाहजहांपुर, प्रयागराज, आजमगढ़, बरेली, गोरखपुर, अयोध्या, गाजियाबाद, जौनपुर, झांसी, कानपुर नगर, लखनऊ, बाराबंकी, मुरादाबाद, रायबरेली, वाराणसी, सीतापुर, मिर्जापुर, मथुरा, देवरिया और मऊ शामिल है।

ई-रिक्शाओं का प्रतिबंधित क्षेत्र में शुभारंभ किया

ई-रिक्शाओं का प्रतिबंधित क्षेत्र में शुभारंभ किया 

भानु प्रताप उपाध्याय 
मुजफ्फरनगर। शहरी क्षेत्र में प्रतिबंधित क्षेत्र, जहां रिक्शाओं को प्रशासन ने प्रतिबंधित कर दिया था। वहां, आज सोमवार को एसपी ट्रैफिक कुलदीप कुमार ने हरी झंडी दिखाकर प्रतिबंधित क्षेत्र में 30 ई-रिक्शा को चलाने की परमिशन व दिशा-निर्देश दिया। वही, शिव चौक से एसपी ट्रैफिक व व्यापारियों ने हरी झंडी दिखाकर ई-रिक्शाओं को प्रतिबंध क्षेत्र में चलाने का शुभारंभ किया।
इस दौरान मौके पर मौजूद ई रिक्शा चालकों में खुशी का माहौल दिखा उनकी मानें, तो पिछले कई दिनों से एसपी यातायात कुलदीप कुमार सिंह के नेतृत्व में शहर की यातायात व्यवस्था को बेहतर वह सुचारू रूप से चलाने के लिए जनपद मुजफ्फरनगर के हृदय स्थली शिव चौक भगत सिंह रोड और झांसी की रानी रोड मीनाक्षी चौक आदि मुख्य मार्गों पर ई-रिक्शाओ का संचालन प्रतिबंधित था। इस दौरान व्यापारी व यातायात पुलिसकर्मियों के साथ कई बार परीक्षाओं के संचालन को लेकर तीखी बहस भी देखने को मिली थी।
आज जब प्रतिबंधित क्षेत्र से ई-रिक्शा ओं का संचालन किया जा रहा था, तो इस मौके पर व्यापारियों ने प्रशासन का धन्यवाद अदा किया। दरअसल, ई रिक्शाओं से शिव चौक क्षेत्र में अत्यधिक जाम लगने के कारण इस क्षेत्र में ई-रिक्शाओं के संचालन पर जिला प्रशासन ने प्रतिबन्ध लगा दिया था। जिससे आम लोंगो को बड़ी राहत मिली थी। लेकिन व्यापारियों को इससे नुकसान हो रहा था। क्योंकि, उनका मानना था कि ई-रिक्शा इस क्षेत्र में प्रतिबन्ध होने के कारण खरीदार उन तक नही आ पा रहे। जिसके चलते उनको आर्थिक हानी उठानी पड़ रही है। व्यापारियों के जबरदस्त दबाव के चलते बरहाल आज इस प्रतिबंध में छूट देते हुए ट्रेफिक एसपी द्वारा 30 ई-रिक्शाओ को इस क्षेत्र में आने जाने की परमिशन दे दी गयी।

शामली के वैभव का रणजी ट्रॉफी के लिए चयन

शामली के वैभव का रणजी ट्रॉफी के लिए चयन

भानु प्रताप उपाध्याय
शामली। उत्तर प्रदेश के जनपद शामली के गांव सिलावर निवासी 22 वर्षीय वैभव चौधरी पुत्र राजीव का रणजी ट्रॉफी के लिए चयन कर लिया गया है। वैभव चौधरी आज होने वाले कर्नाटक व उत्तर प्रदेश के बीच रणजी टॉफी के लिए उत्तर प्रदेश की तरफ से खेलेंगे। किसान पिता ने वैभव चौधरी का पूरा सहयोग किया। प्रतिभाएं कब कहां जन्म ले लें, यह कहा नहीं जा सकता। इसका ताजा उदाहरण हैं वैभव चौधरी। वैभव चौधरी, शामली जनपद के गांव सिलावर के निवासी हैं। इनके पिता राजीव पेशे से एक साधारण किसान हैं। वैभव चौधरी के सपनों को पूरा करने के लिए उन्होंने बेटे को पूरा सहयोग दिया है।
वैभव शुरू से ही क्रिकेट खेलने में रुचि लेते थे
बता दें कि अभी वैभव चौधरी का चयन रणजी के लिए हुआ है। आज कर्नाटक और यूपी का मैच है, जिसमें यूपी की तरफ से वैभव चौधरी रणजी ट्रॉफी के लिए खेलेंगे। वैभव चौधरी के परिजनों का कहना है कि वैभव का शुरू से ही खेल के प्रति लगाव था और वह अधिकतर क्रिकेट खेलने में रुचि लेते थे। राजीव का सपना भी है कि वह एक दिन, देश के लिए जरूर खेलेगा।
परिजन एक दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दे रहे हैं। वैभव चौधरी के पिरजन संजीव चौधरी ने कहा कि वैभव ने अपने सपने को पूरा करने के लिए पहली सीढ़ी पर कदम रख दिया है। रणजी टॉफी के लिए वैभव चौधरी का चयन होना न केवल गांव और परिवार के लिए बल्कि पूरे जनपद के लिए हर्ष का विषय है। परिजन एक दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दे रहे हैं।

बस दुर्घटना में मरने वालों की संख्या-25 हुईं

बस दुर्घटना में मरने वालों की संख्या-25 हुईं

पंकज कपूर
देहरादून। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में यमुनोत्री राजमार्ग पर दमटा के पास हुई बस दुर्घटना में मरने वालों की संख्या 25 पहुंच गई है। उत्तराखंड गृह विभाग ने रविवार रात को जानकारी दी।
मध्य प्रदेश गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश राजौरा के अनुसार, उन्हें उत्तराखंड के गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव से जानकारी मिली, जिसमें 25 लोगों की मौत की पुष्टि हुई। वहीं, हादसे में तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, जबकि दो लोगों की तलाश की जा रही है।
बस में पन्ना जिले के 28 तीर्थयात्री, एक ड्राइवर और एक हेल्पर सवार थे। घायलों को दमटा के स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया है, जो दुर्घटनास्थल से करीब तीन किमी दूर है।
मध्य प्रदेश के गृह विभाग ने सभी 28 यात्रियों की सूची भी जारी कर दी है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पुलिस, होमगार्ड और पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर द्वारा बचाव कार्य जारी है।

गोवा के कई दस्तावेज पुर्तगाल में, वापसी की मांग

गोवा के कई दस्तावेज पुर्तगाल में, वापसी की मांग

इकबाल अंसारी  
पणजी। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने सोमवार को कहा कि गोवा सरकार राज्य के उन सभी ऐतिहासिक दस्तावेजों को वापस पाने के लिए विदेश मंत्रालय से मदद मांगेगी, जो फिलहाल पुर्तगाली सरकार के कब्जे में हैं। सावंत ने दक्षिण गोवा के बैतूल में छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक की स्मृति में कहा कि ये दस्तावेज इतिहासकारों और छात्रों को शोध में मदद कर सकते हैं। सावंत ने कहा, "गोवा के कई दस्तावेज अभी भी पुर्तगाल में हैं। गोवा के पुरातत्व विभाग को विदेश मंत्रालय से संपर्क करना चाहिए और गोवा से संबंधित उन सभी दस्तावेजों को वापस लाने का प्रयास करना चाहिए।

उन्होंने कहा, "पुरातत्व मंत्री पुर्तगाल भी जा सकते हैं और गोवा में उन दस्तावेजों को वापस ले सकते हैं। इससे इतिहासकारों को शोध कार्य में मदद मिलेगी।" सावंत ने कहा कि किलों और गोवा के अन्य इतिहास से संबंधित दस्तावेज पुर्तगाल के कब्जे में हैं, जिन्हें शोध उद्देश्यों के लिए वापस लाने और अतीत में हुई सभी घटनाओं की सटीक जानकारी प्राप्त करने की आवश्यकता है।
सावंत ने कहा, "शिवाजी महाराज ने गोवा पर शासन किया। कई लोगों ने इस इतिहास को मिटाने की कोशिश की। पुर्तगालियों ने गोवा के चुनिंदा तालुकों में 450 वर्षों तक गोवा पर शासन किया। उन्होंने कुछ वर्षों तक 8 तालुकों पर शासन किया। यदि हम इतिहास देखें तो हमें पता चलेगा कि पुर्तगालियों ने पूरे गोवा पर शासन नहीं किया था।" उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज की वजह से गोवा की हिंदू संस्कृति बरकरार है। उन्होंने कहा कि छात्र शिवाजी महाराज के समय में मौजूद लोक प्रशासन की प्रणाली को सीख सकते हैं।

'समाधान दिवस' में फरियादियों की समस्याएं सुनीं

'समाधान दिवस' में फरियादियों की समस्याएं सुनीं  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश पर थाना खालापार पर आय...