शनिवार, 28 मई 2022
राज्यसभा चुनाव में चौथा प्रत्याशी नहीं उतारेंगे: यादव
राजनाथ ने 'रक्षा संपदा सर्किल' को मंजूरी दीं
राजनाथ ने 'रक्षा संपदा सर्किल' को मंजूरी दीं
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली/देहरादून। केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड में रक्षा संपदा सर्किल को मंजूरी दे दी है। इसके तहत यहां दो महत्वपूर्ण कार्यालय खुलने जा रहे हैं। मुख्य कार्यालय देहरादून में तथा उसकी शाखा के रूप में उप-कार्यालय रानीखेत में खोला जायेगा। इन कार्यालयों के खुलने से छावनी क्षेत्र के अंतर्गत निवास कर रहे लोगों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय रक्षा मंत्री ने नवीन रक्षा संपदा सर्किल बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसकी स्थापना ‘जीवन में सुगमता’ और ‘व्यापार करने में आसानी’ के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार द्वारा की जा रही है। ज्ञात रहे कि छावनी परिषद रक्षा सम्पदा कार्यालय के अधीन ही आता है, जिसे डीओ भी कहा जाता है। ये कार्यालय वर्तमान में बरेली में है तथा छावनी परिषद के विभिन्न कामों के लिए रानीखेत वासियों को बरेली पर निर्भर रहना पड़ता है। उप कार्यालय के रानीखेत में खुलने से रक्षा सम्पदा संबंधी कई काम, जिसमें दाखिल ख़ारिज, भवनों का नक्शा पास करना जैसे कई काम आसानी से हो जाएंगे।
इसके साथ ही नगर के आस—पास बंद मार्गों को खोलने के संबंध में भी आगे सफलता मिलने की उम्मीद बढ़ गयी है। जिसमें मुख्य रूप से लोअर मॉल रोड की सड़क का चिलियानौला में मिलान होना है। जिसके लिए रक्षा सम्पदा विभाग से अभी तक अनुमति नहीं मिलने से मामला ठंडे बस्ते में पड़ा है। इसके साथ ही नागरिको की अन्य कई छोटी—छोटी समस्याओं का समाधान भी होने की उम्मीद भी बढ़ गयी है।
वहीं, देहरादून में विशेष रूप से उत्तराखंड के लिए एक नए रक्षा संपदा सर्किल के निर्माण से यहां के निवासियों को रक्षा भूमि प्रबंधन की विभिन्न सेवाओं तक समय पर और त्वरित पहुंच प्राप्त करने में सुविधा होगी। इससे पहले, उत्तराखंड में संपूर्ण रक्षा भूमि और छावनियां उत्तर प्रदेश के मेरठ और बरेली में मुख्यालय वाले दो अलग-अलग रक्षा संपदा सर्किलों के अंतर्गत आती थीं।
इस बड़ी घोषणा के लिए स्थानीय नागरिको ने प्रसन्नता व्यक्त की है तथा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तथा रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट का आभार व्यक्त किया है। आभार प्रकट करने वालों में छावनी परिषद् के नामित सदस्य मोहन नेगी, दर्जा राज्य मंत्री ज्योति साह मिश्रा, व्यापारी नेता मनोज अग्रवाल, मनीष चौधरी, राजेंद्र जसवाल, भुवन पपनै, उमेश पाठक, संजय पंत, हर्षवर्धन पंत, सभासद नवल पांडेय, विनोद कुमार, चन्दन भगत, विनोद भार्गव आदि शामिल है।
जिला पंचायत सदस्यों की आवाज उठाई: नेता
उन्होंने कहा कि जिला पंचायत सदस्य चाहे वह पक्ष हो या विपक्ष हो, उनके विकास के लिए धनराशि आवंटित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मौजूदा विधायक व सांसद निर्माण कार्यों पर अपने नाम का बोर्ड लगवा देते है। जबकि ऐसा करके विधायकों का अपमान ना किया जाए।
युवाओं की नौकरियां छीन रहीं हैं, सरकार: राहुल
युवाओं की नौकरियां छीन रहीं हैं, सरकार: राहुल
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा है कि उनके नेतृत्व वाली सरकार युवाओं को रोजगार देने की बजाय, उनकी नौकरियां छीन रही है और यह काम उसको महंगा पड़ेगा।
गांधी ने ट्वीट किया, “मोदी सरकार नई नौकरियां नहीं दे रही लेकिन बची हुई नौकरियां छीनने में ज़रूर सक्षम है। याद रहे, यही युवा आपके सत्ता के घमंड को तोड़ेगा। इनके भविष्य को बर्बाद करना इस सरकार को महंगा पड़ेगा।” इसके साथ ही उन्होंने एक खबर पोस्ट की है जिसमें लिखा है कि रेलवे में 90000 पदों पर नौकरी मिलने की संभावना समाप्त हो गई है।
हमें, हमारे ही देश में अजनबी बना दिया गया: मदनी
सभा को संबोधित करते हुए वे भावुक भी हुए। उन्होंने कहा कि मुसलमानों का पैदल चलना मुश्किल हो गया है। इससे पहले मदनी ने देश में ‘नफरत’ फैलाने वालों को देश का दुश्मन और गद्दार बताया था। उन्होंने नफरत को मोहब्बत से खत्म करने का लोगों को पैगाम दिया।
मदनी ने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के देवबंद में जमीयत-उलेमा-ए-हिंद की प्रबंधक समिति के अधिवेशन को संबोधित करते हुए यह बात कही कि मदनी ने देश में हाल में हुई कुछ साम्प्रदायिक घटनाओं का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए कहा, ‘देश में बहुमत उन लोगों का नहीं है। जो नफरत के पुजारी हैं और अगर हम उनके उकसावे में आकर उसी लहजे में जवाब देंगे, तो वे अपने मकसद में कामयाब हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि देश में नफरत की दुकान चलाने वाले मुल्क के दुश्मन हैं, गद्दार हैं। उन्होंने कहा कि नफरत का जवाब कभी भी नफरत से नहीं दिया जाता। बल्कि मोहब्बत से दिया जाता।
ज्ञानवापी मस्जिद के मुद्दे को लेकर शनिवार से देवबंद में मुस्लिम संगठनों के दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इसकी शुरुआत जमीयत-उलमा-ए-हिंद मदनी गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद मौलाना महमूद असद मदनी ने अधिवेशन का झंडा फहराकर की। इस आयोजन में मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि ‘देश में नफरत का माहौल है। मुसलमानों को निराश होने की जरूरत नहीं है। एक दूसरे को उकसाया जा रहा है। हम मुश्किल में हैं। क्योंकि मुसलमानों के सब्र का इंतहान लिया जा रहा है। ऐसे में चाहे कुछ भी हो जाए, मैं ईमान की कीमत पर समझौता नहीं करूंगा।
बयान: 36 हजार मंदिरों को नष्ट कर, मस्जिदें बनाई
इसके अलावा केएस ईश्वरप्पा ने जिन्ना के भाषण को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाए जाने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि क्या आरएसएस के संस्थापक केबी हेडगेवार द्वारा दिए गए भाषण पर एक पाठ के बजाय, जिन्ना पर एक पाठ को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए था? हेडगेवार का भाषण जो स्कूली पाठ्यपुस्तकों में शामिल किया गया था, जिसका उद्देश्य भूमि की संस्कृति और देशभक्ति का परिचय देना था।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का उल्लंघन कर रहा है, ईरान
अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का उल्लंघन कर रहा है, ईरान
अखिलेश पांडेय
तेहरान/वाशिंगटन डीसी। ईरान और पश्चिमी देशों के बीच एक बार फिर तनाव बढ़ गया है। अमेरिका ने प्रतिबंधों के कथित उल्लंघन के आरोप में ग्रीस के सहयोग से ईरान के तेल टैंकर जब्त किए, तो पलटवार करते हुए ईरान ने भी ग्रीस के 2 टैंकर जब्त कर लियें। साथ ही चेतावनी जारी की कि अगर उसे छेड़ा गया, तो वह जवाब देने से नहीं चूकेगा। ईरान ने रिवोल्यूशनरी गार्ड ने घोषणा की कि उसने फारस की खाड़ी से गुजर रहे ग्रीस के 2 तेल टैंकर जब्त कर लिए हैं। इन दोनों टैंकरों पर ग्रीस के झंडे लगे हुए थे। इससे पहले अमेरिका ने ग्रीस की सहायता से भूमध्य सागर को जब्त कर लिया। अमेरिका ने आरोप लगाया कि ईरान उस पर लगे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का उल्लंघन कर रहा है, जिसे जवाब में यह कार्रवाई की गई।
ईरान के एलीट माने जाने रिवोल्यूशनरी गार्ड ने यह घोषणा ऐसे वक्त में की है, जब ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर वार्ता में गतिरोध को लेकर ईरान और पश्चिमी देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। गार्ड ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान जारी करते हुए अज्ञात टैंकरों पर ईरान के नियमों के उल्लंघनों का आरोप लगाया लेकिन इनके बारे में जानकारी नहीं दी। उधर, ग्रीस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि फारस की खाड़ी में उसके 2 जहाज ईरान ने हिंसक रूप से अपने कब्जे में ले लिए हैं। इस पर एथेंस में तैनात ईरान के राजदूत के सामने कड़ी आपत्ति जताई गई है। साथ ही तेल टैंकर न छोड़ने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। माना जा रहा है कि दोनों देशों के बीच का यह टकराव आगे और भी गंभीर रूप ले सकता है। जिसमें पश्चिम के कई दूसरे देशों की एंट्री हो सकती है।
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