सभा को संबोधित करते हुए वे भावुक भी हुए। उन्होंने कहा कि मुसलमानों का पैदल चलना मुश्किल हो गया है। इससे पहले मदनी ने देश में ‘नफरत’ फैलाने वालों को देश का दुश्मन और गद्दार बताया था। उन्होंने नफरत को मोहब्बत से खत्म करने का लोगों को पैगाम दिया।
मदनी ने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के देवबंद में जमीयत-उलेमा-ए-हिंद की प्रबंधक समिति के अधिवेशन को संबोधित करते हुए यह बात कही कि मदनी ने देश में हाल में हुई कुछ साम्प्रदायिक घटनाओं का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए कहा, ‘देश में बहुमत उन लोगों का नहीं है। जो नफरत के पुजारी हैं और अगर हम उनके उकसावे में आकर उसी लहजे में जवाब देंगे, तो वे अपने मकसद में कामयाब हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि देश में नफरत की दुकान चलाने वाले मुल्क के दुश्मन हैं, गद्दार हैं। उन्होंने कहा कि नफरत का जवाब कभी भी नफरत से नहीं दिया जाता। बल्कि मोहब्बत से दिया जाता।
ज्ञानवापी मस्जिद के मुद्दे को लेकर शनिवार से देवबंद में मुस्लिम संगठनों के दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इसकी शुरुआत जमीयत-उलमा-ए-हिंद मदनी गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद मौलाना महमूद असद मदनी ने अधिवेशन का झंडा फहराकर की। इस आयोजन में मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि ‘देश में नफरत का माहौल है। मुसलमानों को निराश होने की जरूरत नहीं है। एक दूसरे को उकसाया जा रहा है। हम मुश्किल में हैं। क्योंकि मुसलमानों के सब्र का इंतहान लिया जा रहा है। ऐसे में चाहे कुछ भी हो जाए, मैं ईमान की कीमत पर समझौता नहीं करूंगा।