शनिवार, 28 मई 2022

सेवा 'शिक्षा प्रशिक्षण' वर्ग के चौथे दिन का उद्घाटन

सेवा 'शिक्षा प्रशिक्षण' वर्ग के चौथे दिन का उद्घाटन

बृजेश केसरवानी
प्रयागराज। रानी रेवती देवी सरस्वती विद्या निकेतन इंटर कॉलेज, राजापुर प्रयागराज के संगीताचार्य एवं मीडिया प्रभारी मनोज गुप्ता की सूचना अनुसार, विद्यालय के प्रधानाचार्य बांके बिहारी पांडे के संयोजन में विद्या भारती काशी प्रांत द्वारा संचालित सेवा बस्तियों में चल रहे संस्कार केंद्रों के संयोजको के सात दिवसीय सेवा शिक्षा प्रशिक्षण वर्ग के चौथे दिन का उद्घाटन मुख्य अतिथि मिल्कियत सिंह बाजवा ने किया तथा मुख्य वक्ता के रूप में प्रधानाचार्य बांके बिहारी पांडे का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। कार्यक्रम का प्रारंभ मां सरस्वती की सुमधुर वंदना से हुआ। अतिथियों का सम्मान माल्यार्पण स्मृति चिन्ह एवम अंगवस्त्रम से किया गया।
प्रांतीय सेवा प्रमुख कमलाकर तिवारी ने अतिथियों सहित आए हुए समस्त केंद्र संयोजको का स्वागत किया। मुख्य वक्ता के रूप में अपना उद्बोधन देते हुए बांके बिहारी पांडे ने बताया कि समाज को समरस बनाने के लिए संस्कार केंद्रों की बहुत आवश्यकता है। भारतीय संस्कृति के प्रचार प्रसार के लिए संस्कार केंद्र एक जरूरत बन चुका है। परिवार प्रबोधन का कार्य संस्कार केंद्र के माध्यम से ही होता है। संस्कार केंद्र में पढ़ने वाले भैया बहनों के अंदर बहुत ऊर्जा है। उसी ऊर्जा को हम जागृत करने का कार्य कर रहे है। हमारे अंदर इतनी क्षमता होनी चाहिए, कि हम एक या दो नहीं कम से कम 10 संस्कार केंद्र अपने विद्यालय के माध्यम से चलाएं। सेवा बस्तियों में ईसाई मिशनरियां जाकर उनका धर्म परिवर्तन करा रही हैं।
यदि हिंदू समाज जागृत नहीं हुआ तो हम पहले से अधिक कठिनाई में पड़ सकते हैं।
मुख्य अतिथि के रूप में अपना उद्बोधन देते हुए मिल्कियत सिंह बाजवा ने बताया कि सेवा निस्वार्थ भाव से होनी चाहिए। इसके लिए हमें पांच बुराइयों काम, क्रोध, लोभ, मोह और मत्सर त्यागना पड़ता है। हमारे देश के ऋषि-मुनियों ने भी सेवा भाव अपनाया था। सेवा बस्तियों में हम जाकर जो भी कार्य कर रहे हैं, वही ईश्वर का कार्य है। हमारे स्वयंसेवकों ने तो मुस्लिम शवों को भी दफनाने का कार्य किया है। विद्या भारती के द्वारा अनेकों सेवा कार्य चलाए जा रहे हैं। हम सब उसमें जुड़कर अपनी सहभागिता प्रदान करें, उक्त कार्यक्रम में काशी प्रांत से लगभग 100 सेवा केंद्र के संयोजक भाग ले रहे हैं।
इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा शिक्षा संयोजक रामस्वरूप, क्षेत्रीय सीमा सेवा संयोजक राघव, सह शिक्षा सेवा संयोजक नरसिंह नारायण सिंह, सुनील कुमार गुप्ता, अवधेश कुमार, प्रवीण कुमार तिवारी, कुंदन सिंह, अभिषेक शर्मा, दीपक दयाल, सचिन सिंह परिहार सहित विद्यालय के समस्त आचार्य बंधु एवं आचार्या दीदियां उपस्थित रहे। संचालन दिनेश कुमार शुक्ला ने किया।

राज्यसभा चुनाव में चौथा प्रत्याशी नहीं उतारेंगे: यादव

राज्यसभा चुनाव में चौथा प्रत्याशी नहीं उतारेंगे: यादव  

हरिओम उपाध्याय      

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 11 राज्यसभा सीटों के चुनाव के लिए रणभेरी बज गई है और नामांकन का दौर जारी है। इसी कड़ी में शनिवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बताया कि वह राज्यसभा चुनाव में चौथा प्रत्याशी नहीं उतारेंगे। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि, भर्तियों में आरक्षण नियमों का पालन नहीं हुआ है। आज युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। बीजेपी लोकतंत्र, सेक्युलरिज्म,सोशलिज़्म को बर्बाद कर रही है’। वहीं समाजवादी पार्टी ने जावेद अली खान, राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी को प्रत्याशी बनाया है। इसके अलावा ने सपा ने कांग्रेस के नेता रहे कपिल सिब्बल को समर्थन दिया है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी में भी नामों पर मंथन चल रहा है। 

राज्यसभा चुनाव के लिए 10 जून को सुबह 9 से शाम 4 बजे तक मतदान होगा और शाम 5 बजे से मतगणना होगी।दरअसल, राज्यसभा में उत्तर प्रदेश के कुल 31 सदस्यों में से 11 सदस्यों का कार्यकाल आगामी 4 जुलाई को पूरा हो रहा है। इनमें भाजपा के जफर इस्लाम, शिव प्रताप शुक्ला, संजय सेठ, सुरेंद्र नागर और जयप्रकाश निषाद शामिल हैं। इसके अलावा सपा के सुखराम सिंह यादव, रेवती रमण सिंह और विशंभर प्रसाद निषाद का कार्यकाल भी समाप्त हो रहा है। इन सीटों पर नामांकन की प्रक्रिया मंगलवार को शुरू हो चुकी है और चुनाव 10 जून को होगा।

यूपी की 403 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के 255 और उसके सहयोगी दलों को मिलाकर कुल 273 विधायक हैं। उत्तर प्रदेश में राज्यसभा के एक प्रत्याशी को जीतने के लिए कम से कम 34 विधायकों के वोट की जरूरत होती है। ऐसे में बीजेपी राज्यसभा की 11 सीटों में से आठ पर अपने उम्मीदवारों को आसानी से जीत दिला सकती है। वहीं, दूसरी ओर सपा और उसके सहयोगी दलों के सदस्यों की कुल संख्या 125 है और वह तीन उम्मीदवारों को जिता सकती है।

राजनाथ ने 'रक्षा संपदा सर्किल' को मंजूरी दीं

राजनाथ ने 'रक्षा संपदा सर्किल' को मंजूरी दीं

अकांशु उपाध्याय

नई दिल्ली/देहरादून। केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड में रक्षा संपदा सर्किल को मंजूरी दे दी है। इसके तहत यहां दो महत्वपूर्ण कार्यालय खुलने जा रहे हैं। मुख्य कार्यालय देहरादून में तथा उसकी शाखा के रूप में उप-कार्यालय रानीखेत में खोला जायेगा। इन कार्यालयों के खुलने से छावनी क्षेत्र के अंतर्गत निवास कर रहे लोगों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय रक्षा मंत्री ने नवीन रक्षा संपदा सर्किल बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसकी स्थापना ‘जीवन में सुगमता’ और ‘व्यापार करने में आसानी’ के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार द्वारा की जा रही है। ज्ञात रहे कि छावनी परिषद रक्षा सम्पदा कार्यालय के अधीन ही आता है, जिसे डीओ भी कहा जाता है। ये कार्यालय वर्तमान में बरेली में है तथा छावनी परिषद के विभिन्न कामों के लिए रानीखेत वासियों को बरेली पर निर्भर रहना पड़ता है। उप कार्यालय के रानीखेत में खुलने से रक्षा सम्पदा संबंधी कई काम, जिसमें दाखिल ख़ारिज, भवनों का नक्शा पास करना जैसे कई काम आसानी से हो जाएंगे।

इसके साथ ही नगर के आस—पास बंद मार्गों को खोलने के संबंध में भी आगे सफलता मिलने की उम्मीद बढ़ गयी है। जिसमें मुख्य रूप से लोअर मॉल रोड की सड़क का चिलियानौला में मिलान होना है। जिसके लिए रक्षा सम्पदा विभाग से अभी तक अनुमति नहीं मिलने से मामला ठंडे बस्ते में पड़ा है। इसके साथ ही नागरिको की अन्य कई छोटी—छोटी समस्याओं का समाधान भी होने की उम्मीद भी बढ़ गयी है।

वहीं, देहरादून में विशेष रूप से उत्तराखंड के लिए एक नए रक्षा संपदा सर्किल के निर्माण से यहां के निवासियों को रक्षा भूमि प्रबंधन की विभिन्न सेवाओं तक समय पर और त्वरित पहुंच प्राप्त करने में सुविधा होगी। इससे पहले, उत्तराखंड में संपूर्ण रक्षा भूमि और छावनियां उत्तर प्रदेश के मेरठ और बरेली में मुख्यालय वाले दो अलग-अलग रक्षा संपदा सर्किलों के अंतर्गत आती थीं।

इस बड़ी घोषणा के लिए स्थानीय नागरिको ने प्रसन्नता व्यक्त की है तथा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तथा रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट का आभार व्यक्त किया है। आभार प्रकट करने वालों में छावनी परिषद् के नामित सदस्य मोहन नेगी, दर्जा राज्य मंत्री ज्योति साह मिश्रा, व्यापारी नेता मनोज अग्रवाल, मनीष चौधरी, राजेंद्र जसवाल, भुवन पपनै, उमेश पाठक, संजय पंत, हर्षवर्धन पंत, सभासद नवल पांडेय, विनोद कुमार, चन्दन भगत, विनोद भार्गव आदि शामिल है।

जिला पंचायत सदस्यों की आवाज उठाई: नेता

जिला पंचायत सदस्यों की आवाज उठाई: नेता 

भानु प्रताप उपाध्याय          
मुजफ्फरनगर। रालोद विधानमंडल के नेता राजपाल बालियान ने मुजफ्फरनगर में जिला पंचायत सदस्यों की आवाज उठाई। बालियान ने राज्यपाल के अभिभाषण में भाग लेते हुए कहा जनपद मुजफ्फरनगर के अंदर पूर्व जिला पंचायत सदस्यों के द्वारा किए गए कार्यों के बोर्ड लगाए जा रहे है। जबकि नए जिला पंचायत सदस्यों के बोर्ड लगने चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे जिला पंचायत में 43 मेंबर है। जिनमें से 13 जिला पंचायत सदस्यों को विकास के नाम पर एक रुपया भी नहीं मिला है।
उन्होंने कहा कि जिला पंचायत सदस्य चाहे वह पक्ष हो या विपक्ष हो, उनके विकास के लिए धनराशि आवंटित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मौजूदा विधायक व सांसद निर्माण कार्यों पर अपने नाम का बोर्ड लगवा देते है। जबकि ऐसा करके विधायकों का अपमान ना किया जाए।
उन्होंने किसानों से संबंधित समस्याओं को भी उठाया और कहा कि सरकार ने अवारा जानवरों के लिए गौशाला खुलवाई। लेकिन उनके लिए भी प्रबंध सही तरीके से नही किया गया।

युवाओं की नौकरियां छीन रहीं हैं, सरकार: राहुल

युवाओं की नौकरियां छीन रहीं हैं, सरकार: राहुल  

अकांशु उपाध्याय             

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा है कि उनके नेतृत्व वाली सरकार युवाओं को रोजगार देने की बजाय, उनकी नौकरियां छीन रही है और यह काम उसको महंगा पड़ेगा।

गांधी ने ट्वीट किया, “मोदी सरकार नई नौकरियां नहीं दे रही लेकिन बची हुई नौकरियां छीनने में ज़रूर सक्षम है। याद रहे, यही युवा आपके सत्ता के घमंड को तोड़ेगा। इनके भविष्य को बर्बाद करना इस सरकार को महंगा पड़ेगा।” इसके साथ ही उन्होंने एक खबर पोस्ट की है जिसमें लिखा है कि रेलवे में 90000 पदों पर नौकरी मिलने की संभावना समाप्त हो गई है।

हमें, हमारे ही देश में अजनबी बना दिया गया: मदनी

हमें, हमारे ही देश में अजनबी बना दिया गया: मदनी 

हरिओम उपाध्याय        
लखनऊ। ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर विवाद बढ़ता चला जा रहा है। इसे लेकर जमीयत-उलमा-ए-हिंद ने शनिवार को देवबंद में विशाल सभा आयोजित की जमीयत के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने सभा में लोगों से कहा कि हमें, हमारे ही देश में अजनबी बना दिया गया है। लेकिन, जो एक्शन प्लान वो लोग तैयार कर रहे हैं, उस पर हमें नहीं चलना है। हम आग को आग से नहीं बुझा सकते हैं। नफरत को प्यार से हराना होगा।
सभा को संबोधित करते हुए वे भावुक भी हुए। उन्होंने कहा कि मुसलमानों का पैदल चलना मुश्किल हो गया है। इससे पहले मदनी ने देश में ‘नफरत’ फैलाने वालों को देश का दुश्मन और गद्दार बताया था। उन्होंने नफरत को मोहब्बत से खत्म करने का लोगों को पैगाम दिया।
मदनी ने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के देवबंद में जमीयत-उलेमा-ए-हिंद की प्रबंधक समिति के अधिवेशन को संबोधित करते हुए यह बात कही कि मदनी ने देश में हाल में हुई कुछ साम्प्रदायिक घटनाओं का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए कहा, ‘देश में बहुमत उन लोगों का नहीं है। जो नफरत के पुजारी हैं और अगर हम उनके उकसावे में आकर उसी लहजे में जवाब देंगे, तो वे अपने मकसद में कामयाब हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि देश में नफरत की दुकान चलाने वाले मुल्क के दुश्मन हैं, गद्दार हैं। उन्होंने कहा कि नफरत का जवाब कभी भी नफरत से नहीं दिया जाता। बल्कि मोहब्बत से दिया जाता।
ज्ञानवापी मस्जिद के मुद्दे को लेकर शनिवार से देवबंद में मुस्लिम संगठनों के दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इसकी शुरुआत जमीयत-उलमा-ए-हिंद मदनी गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद मौलाना महमूद असद मदनी ने अधिवेशन का झंडा फहराकर की‌। इस आयोजन में मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि ‘देश में नफरत का माहौल है। मुसलमानों को निराश होने की जरूरत नहीं है। एक दूसरे को उकसाया जा रहा है। हम मुश्किल में हैं। क्योंकि मुसलमानों के सब्र का इंतहान लिया जा रहा है। ऐसे में चाहे कुछ भी हो जाए, मैं ईमान की कीमत पर समझौता नहीं करूंगा।

बयान: 36 हजार मंदिरों को नष्ट कर, मस्जिदें बनाई

बयान: 36 हजार मंदिरों को नष्ट कर, मस्जिदें बनाई

इकबाल अंसारी
बेंगलुरु। कर्नाटक में मंदिर-मस्जिद विवाद गहराता जा रहा है। इसी कड़ी में कर्नाटक के पूर्व सीएम और भाजपा विधायक केएस ईश्वरप्पा ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि 36 हजार मंदिरों को नष्ट कर उन पर मस्जिदें बनाई। उन्हें कहीं और मस्जिदें बनाने दें और नमाज अदा करने दें। लेकिन हम उन्हें अपने मंदिरों पर मस्जिद बनाने की अनुमति नहीं दे सकते। सभी 36000 मंदिरों को हिंदुओं द्वारा कानूनी रूप से पुनः प्राप्त किया जाएगा।
इसके अलावा केएस ईश्वरप्पा ने जिन्ना के भाषण को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाए जाने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि क्या आरएसएस के संस्थापक केबी हेडगेवार द्वारा दिए गए भाषण पर एक पाठ के बजाय, जिन्ना पर एक पाठ को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए था? हेडगेवार का भाषण जो स्कूली पाठ्यपुस्तकों में शामिल किया गया था, जिसका उद्देश्य भूमि की संस्कृति और देशभक्ति का परिचय देना था।

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जनपद के टाउन हॉल में मंगलवार को सामाजिक न्याय क्रांति मोर्चा ...