शुक्रवार, 27 मई 2022
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
गुरुवार, 26 मई 2022
मुख्य विकास अधिकारी ने वर्चुअल माध्यम से समीक्षा की
मुख्य विकास अधिकारी ने वर्चुअल माध्यम से समीक्षा की
हरिशंकर त्रिपाठी
देवरिया। मुख्य विकास अधिकारी रवींद्र कुमार ने बृहस्पतिवार को वर्चुअल माध्यम से जलजीवन मिशन, बाबा साहब अम्बेडकर रोजगार योजना एवं सोशल ऑडिट की समीक्षा की। सोशल आडिट की समीक्षा में ए.टी.आर में सबसे खराब प्रगति विकास खण्ड-भाटपाररानी की पायी गई। भाटपाररानी में 308 प्रकरणों में से मात्र 77 प्रकरण ही विकास खण्ड द्वारा अपलोड किया गया है। जिसमें से एक पर भी एक्सन टेकेन रिपोर्ट अपलोड नहीं किया गया है। जिसके लिए कार्यक्रम अधिकारी, भाटपाररानी को कड़ी चेतावनी दी गई। शेष अन्य समस्त कार्यक्रम अधिकारी को निर्देशित किया गया कि सोशल आडिट के अन्तर्गत ऑनलाईन प्रदर्शित हो रहे समस्त ए.टी.आर को अपलोड कर साक्ष्य स्वरूप ए.टी.आर की हार्ड कापी जनपद स्तर पर उपलब्ध करायें। बैठक में विकास खण्ड-भाटपाररानी व लार के अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी द्वारा प्रतिभाग न करने के कारण उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
बाबा साहब अम्बेडकर रोजगार प्रोत्साहन योजना की समीक्षा में पाया गया कि जिन लाभार्थियों को अनुदान राशि उपलब्ध कराया गया है। उनका सत्यापन आख्या विकास खण्डों द्वारा प्रेषित किया जाता है। अभी तक विकास खण्ड- रूद्रपुर, भलुअनी, भागलपुर, सलेमपुर तथा भटनी का सत्यापन आख्या अप्राप्त है। संबंधित खण्ड विकास अधिकारी को निर्देशित किया गया कि आज सायं तक अनिवार्य रूप से लम्बित सत्यापन आख्या उपलबध करायें अन्यथा लापरवाही मानते हुए कार्यवाही की जायेगी।जल जीवन मिशन योजना (ग्रामीण) की समीक्षा के तहत मे.एल.सी.इंफ्रा को 288 परियोजनाओं पर कार्य प्रारम्भ करने थे। जिसके सापेक्ष मात्र 160 परियोजनाओं पर ही कार्य प्रारम्भ किया गया है। मे० गायत्री प्रोजेक्ट लि. द्वारा 217 परियोजनाओं पर कार्य करने थे। जिसमें से मात्र 40 नग परियोजनाओं पर ही कार्य प्रारम्भ कराया गया है। यह प्रगति बहुत ही धीमी है। धीमी प्रगति के लिए दोनों फर्मों को नोटिस जारी करने हेतु अधिशासी अभियन्ता, जल निगम (ग्रामीण) को निर्देशित किया गया।
जहर खाने वाली आरोपी की मां-बहन की मौंत
फैसला: एससी ने 'वेश्यावृत्ति' को वैध करार दिया
फैसला: एससी ने 'वेश्यावृत्ति' को वैध करार दिया
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़े व अहम फैसले के तहत देश में वेश्यावृत्ति को वैध करार दिया है। उसने साफ शब्दों में कहा कि पुलिस इसमें दखलंदाजी नहीं कर सकती और न ही सहमति से यह कार्य करने वाले सेक्स वर्करों के खिलाफ कोई कार्रवाई कर सकती है। शीर्ष कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि सेक्स वर्कर भी कानून के समक्ष सम्मान व बराबरी के हकदार हैं। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एल. नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने यह अहम फैसला दिया। पीठ ने सेक्स वर्करों के अधिकारों की रक्षा के लिए छह सूत्रीय दिशानिर्देश भी जारी किए हैं। कोर्ट ने इन सिफारिशों पर सुनवाई की अगली तारीख 27 जुलाई तय की है। केंद्र को इन पर जवाब देने को कहा है।सुप्रीम कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि स्वैच्छिक वेश्यावृत्ति अवैध नहीं है। केवल वेश्यालय चलाना गैरकानूनी है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि शिकायत दर्ज कराने वाली सेक्स वर्करों के साथ पुलिस भेदभाव न करे। यदि उसके खिलाफ किया गया अपराध यौन प्रकृति का हो तो तत्काल चिकित्सा और कानूनी मदद समेत हर सुविधा प्रदान की जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि सेक्स वर्करों के प्रति पुलिस का रवैया अक्सर क्रूर और हिंसक होता है। ये ऐसे वर्ग के होते हैं, जिनके अधिकारों को मान्यता नहीं है, इसलिए उनके मामलों में संवदेनशील रवैया अपनाने की जरूरत है। शीर्ष कोर्ट ने मीडिया को भी ऐसे मामलों में नसीहत देते हुए कहा कि पुलिस द्वारा गिरफ्तारी, छापेमारी और बचाव अभियान के दौरान सेक्स वर्करों की पहचान उजागर नहीं करना चाहिए। चाहे वह पीड़ित हों या आरोपी हों। ऐसी किसी तस्वीर को प्रकाशित या प्रसारित नहीं किया जाए, जिससे उनकी पहचान का खुलासा हो।
सुप्रीम कोर्ट ने जारी किए ये निर्देश...
सेक्स वर्कर या यौनकर्मी कानून के तहत समान संरक्षण के पात्र हैं। आपराधिक कानून सभी मामलों में उम्र और सहमति के आधार पर समान रूप से लागू होना चाहिए। जब यह स्पष्ट हो जाए कि यौनकर्मी वयस्क है और सहमति से इस पेशे में भाग ले रही है तो पुलिस को हस्तक्षेप या कार्रवाई से बचना चाहिए।देश के प्रत्येक व्यक्ति को संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत सम्मानजनक जीवन का अधिकार है। सेक्स वर्करों को गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए और न ही दंडित किया जाना चाहिए। वेश्यालयों पर छापा मारते वक्त उनका उत्पीड़न नहीं होना चाहिए। सेक्स वर्कर के बच्चे को सिर्फ इस आधार पर मां से अलग नहीं किया जाना चाहिए कि वह देह व्यापार में है। मानवीय शालीनता और गरिमा की बुनियादी सुरक्षा सेक्स वर्करों और उनके बच्चों के लिए भी है। यदि कोई नाबालिग बच्चा वेश्यालय में सेक्स वर्कर के साथ रहता या रहती है, तो यह नहीं माना जाए कि वह तस्करी कर यहां लाया गया है।
कोई कंपटीशन, कोई तुलना नहीं: टंडन
कोई कंपटीशन, कोई तुलना नहीं: टंडन
कविता गर्ग
मुंबई। रवीना टंडन के दशक की खूबसूरत एक्ट्रेस हैं। जो इन दिनों अपनी फिल्म ‘केजीएफ 2’ की सफलता का आनंद उठा रही हैं। इस फिल्म की सफलता ने ना सिर्फ बंपर कमाई की है। बल्कि हिंदी फिल्मी बनाम साउथ फिल्म को लेकर एक बहस भी छेड़ दी है। इस मुद्दे पर साउथ और बॉलीवुड के कई कलाकार अपनी राय रख रहे हैं। ऐसे में रवीना ने भी खुलकर अपनी बात रखीं। पिछले कुछ दिनों से हिंदी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं दिखा पा रही हैं। वहीं साउथ इंडस्ट्री की फिल्में हिंदी वर्जन में भी तहलका मचा रही हैं। ‘केजीएफ 2’ और ‘आरआरआर’ की बॉक्स ऑफिस पर सफलता ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। ऐसे में लोगों ने अब हिंदी फिल्मों और साउथ की फिल्मों की तुलना करनी शुरू कर दी है।
रवीना ने कहा, कोई तुलना और कंपटीशन नहीं है...
रवीना टंडन ने आगे कहा, कि ‘ये सब ओवर हाइप्ड है कि किस इंडस्ट्री के साथ क्या सही है या क्या गलत है ? हम हर हिंदी फिल्म के बारे में जानते है। सक्सेस या फ्लॉप का रेशियो इसी पर है। यहां तक कि आरआरआर और केजीएफ के आंकड़े भी ऐसे ही हैं। जब आप दो हिंदी फिल्मों के बिजनेस की तुलना करते हैं, तो हमारी फिल्मों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है। हो सकता है कि एक-दो दूसरी हिंदी फिल्में सुपर-डुपर हिट हो, लेकिन कोई कंपटीशन, कोई तुलना नहीं है।
साउथ की सफल फिल्मों के बारे में लोग सुनते हैं...
इस मामले पर रवीना टंडन का कहना है कि ‘मैं ऐसा नहीं सोचती, ये हर इंडस्ट्री में एक फेज होता है। साउथ में भी वे अलग तरह की फिल्में बनाने की कोशिश कर रहे हैं। ठीक वैसा ही मुंबई इंडस्ट्री में भी हो रहा है। आप रिलीज होने वाली हर हिंदी फिल्म के बारे में सुनते हैं। लेकिन आपने रिलीज होने वाली हर साउथ की फिल्म में नहीं सुना होगा। आप सिर्फ सुपर सक्सेसफुल साउथ फिल्मों के बारे में सुनते हैं।
त्यागी ब्राह्मण समाज, विवाद से अवगत कराया
त्यागी ब्राह्मण समाज, विवाद से अवगत कराया
भानु प्रताप उपाध्याय
मुजफ्फरनगर। गांव पावटी में त्यागी व दलित समाज के बीच उत्पन्न हुए विवाद को लेकर बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय त्यागी ब्राह्मण समाज ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव से मुलाकात कर उनको गांव पावटी में हुए राजबीर और एससी समाज के विवाद में उत्पन्न हुई त्यागी ब्राह्मण समाज के लिए अभद्र टिप्पणी के विवाद से अवगत कराया और एसएसपी को यह भी याद दिलाया कि तीन दिन में न्याय व उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया था। किंतु वह समय पूरा होने के उपरांत भी कोई कार्यवाही उन असामाजिक तत्वों के खिलाफ नहीं हुई, इसका त्यागी ब्राह्मण समाज में अत्यधिक रोष है। आपसे उस में अवतरित कार्यवाही करने का अनुरोध करते हैं। ताकि समाज में उपजे इस रोष को शांत किया जा सके।
जो समाज के माहौल को शांत रख सके ऐसी कार्यवाही उन असामाजिक तत्वों के खिलाफ करने का अनुरोध ब्राह्मण समाज ने किया और उचित कार्यवाही की मांग की l इस क्रम में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के एक सवाल के जवाब में त्यागी समाज ने कहा कि वह अपने बच्चों को भी समझाएंगे कि किसी भी समाज के खिलाफ कोई अभद्र टिप्पणी ना करें और गांव की शांति कायम रखें। बाद में एसएसपी ने त्यागी समाज को आश्वासन दिया कि जो सच्चाई होगी उसके आधार पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उल्लेखनीय है कि विक्की त्यागी के पिता राजवीर त्यागी ने दलित समाज के खिलाफ गांव में मुनादी कराई थी। एससी समाज के खिलाफ ढोल नगाड़े बजाकर अभद्र टिप्पणी की थी।
जिसके बाद दलित समाज में आक्रोश बन गया था यह मामला पूरी चर्चा में आया तो आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद गांव पावटी पहुंचे जिसके बाद यह मामला वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव के संज्ञान में आया उनके कड़े रुख के चलते चरथावल पुलिस ने राजबीर त्यागी व ढोल बजा कर मुनादी करने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसके बाद यह मामला दूसरा रूप ले गया था जहां त्यागी समाज ने भी गांव में इस मामले को लेकर एक महापंचायत करने का निर्णय लिया लेकिन इस पंचायत के विरुद्ध पुलिस प्रशासन पूरी तरह सख्त नजर आया पंचायत वाले दिन पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी पूरा अमला लेकर गांव पहुंच गए थे और उन्होंने महापंचायत नहीं होने दी इसी के चलते राष्ट्रीय त्यागी ब्राह्मण समाज वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से मिले। इस दौरान अविनाश त्यागी, प्रवेश त्यागी, पंडित संजीव शास्त्री, पंडित माता शर्मा, राकेश आडवाणी, पवन कुमार, विच इत्यादि। कुलदीप त्यागी, अनिरुद्ध त्यागी, धीरज प्रधान, दुष्यंत प्रधान, अजय त्यागी, बसंत त्यागी आदि गणमान्य लोग मौजूद रहे।
सीबीआई के मुख्यालय में पेश हुए चिंदबरम, आरोप
सीबीआई के मुख्यालय में पेश हुए चिंदबरम, आरोप
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। कार्ति चिदंबरम गुरुवार को चीनी वीजा के घोटाले मामले में अपना बयान दर्ज कराने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के मुख्यालय में यहां पेश हुए। उन पर अन्य लोगों के साथ कथित तौर पर 263 चीनी नागरिकों को नियमों की धज्जियां उड़ाकर वीजा दिलाने में मदद करने का आरोप लगाया गया है।कार्ति को बुधवार सुबह 11 बजे तक सीबीआई के सामने पेश होना था, लेकिन वह जांच में शामिल नहीं हुए। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि उन्हें बाल कटवाने के लिए नाई की दुकान पर जाना पड़ा।
'समाधान दिवस' में फरियादियों की समस्याएं सुनीं
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