शुक्रवार, 27 मई 2022
सोलर एवं पवन ऊर्जा में सबसे आगे 'चीन'
कांग्रेस में भगदड़ मची हुई हैं और टूटन जारी: मिश्रा
कांग्रेस में भगदड़ मची हुई हैं और टूटन जारी: मिश्रा
मनोज सिंह ठाकुर
खण्डवा। मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस पार्टी पर हमला करते हुए कहा है कि कांग्रेस में भगदड़ मची हुई है और टूटन जारी है। गृहमंत्री डॉ़ मिश्रा आज सुबह यहाँ पहुंचे और अधिकारियों के साथ जिले की कानून व्यवस्था पर चर्चा की। इसी दौरान उन्होंने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा शुक्रवार को कांग्रेस की हालत देखकर यह गाना याद आता है 'एक दिल के टुकड़े हजार हुए, कोई यहाँ गिरा कोई वहाँ'। उन्होंने कहा कि एक हफ्ते में कपिल सिब्बल, सुनील जाखड़ और हार्दिक पटेल ने कांग्रेस को अलविदा कर दिया।
कांग्रेस को भारत जोड़ो के बजाय, कांग्रेस जोड़ो रैली निकालना चाहिए, तो फायदा रहेगा। उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित बैठक में खण्डवा में कानून व्यवस्था के साथ ही, ट्रेफिक की समस्या और पुलिसकर्मियों के आवास एवं अन्य समस्याओं पर भी विस्तृत चर्चा की। उन्होंनेे बताया कि पुलिस के हाऊसिंग क़्वार्टर के विषय में भी इसे नए बजट में जोड़ने के लिए बात हुई है।
पीएम ने सबसे बड़े ड्रोन महोत्सव का उद्घाटन किया
पीएम ने सबसे बड़े ड्रोन महोत्सव का उद्घाटन किया
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। दिल्ली के प्रगति मैदान में प्रधानमंत्री मोदी ने देश के सबसे बड़े ड्रोन महोत्सव का उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने यहां ड्रोन एग्जिबिशन को देखा और इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे लोगों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने यहां मौजूद तमाम लोगों को संबोधित भी किया। जिसमें उन्होंने कहा कि, मैं इस काम से जुड़े सभी लोगों को शुभकामनाएं देता हूं। इस टेक्नोलॉजी को लेकर जो उत्साह देखने को मिल रहा है वो काफी अद्भुत है। पीएम ने कहा कि, पहले टेक्नोलॉजी का डर दिखाया जाता था, लेकिन हमने इसे लोगों तक पहुंचाने का काम किया।
पीएम ने कहा- टेक्नोलॉजी में तेजी से आगे बढ़ रहा भारत...
ड्रोन महोत्सव को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, आज भारत स्टार्टअप पावर के तौर पर ड्रोन टेक्नोलॉजी में तेजी से आगे बढ़ रहा है। ये उत्सव सिर्फ टेक्नोलॉजी का नहीं है, बल्कि नए भारत की नई गर्वनेंस का नए प्रयोगों के प्रति अभूतपूर्व पॉजिटिविटी का भी उत्सव है। 8 साल पहले यही वो समय था जब भारत में हमने सुशासन के नए मंत्रों को लागू करने की शुरुआत की थी। हमने ईज और लिविंग और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को प्राथमिकता बनाया। हमने सबका साथ सबका विकास के मंत्र पर चलते हुए देश के हर नागरिक को सरकार से कनेक्ट करने का रास्ता चुना। हमने आधुनिक टेक्नोलॉजी पर भरोसा किया।
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
गुरुवार, 26 मई 2022
मुख्य विकास अधिकारी ने वर्चुअल माध्यम से समीक्षा की
मुख्य विकास अधिकारी ने वर्चुअल माध्यम से समीक्षा की
हरिशंकर त्रिपाठी
देवरिया। मुख्य विकास अधिकारी रवींद्र कुमार ने बृहस्पतिवार को वर्चुअल माध्यम से जलजीवन मिशन, बाबा साहब अम्बेडकर रोजगार योजना एवं सोशल ऑडिट की समीक्षा की। सोशल आडिट की समीक्षा में ए.टी.आर में सबसे खराब प्रगति विकास खण्ड-भाटपाररानी की पायी गई। भाटपाररानी में 308 प्रकरणों में से मात्र 77 प्रकरण ही विकास खण्ड द्वारा अपलोड किया गया है। जिसमें से एक पर भी एक्सन टेकेन रिपोर्ट अपलोड नहीं किया गया है। जिसके लिए कार्यक्रम अधिकारी, भाटपाररानी को कड़ी चेतावनी दी गई। शेष अन्य समस्त कार्यक्रम अधिकारी को निर्देशित किया गया कि सोशल आडिट के अन्तर्गत ऑनलाईन प्रदर्शित हो रहे समस्त ए.टी.आर को अपलोड कर साक्ष्य स्वरूप ए.टी.आर की हार्ड कापी जनपद स्तर पर उपलब्ध करायें। बैठक में विकास खण्ड-भाटपाररानी व लार के अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी द्वारा प्रतिभाग न करने के कारण उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
बाबा साहब अम्बेडकर रोजगार प्रोत्साहन योजना की समीक्षा में पाया गया कि जिन लाभार्थियों को अनुदान राशि उपलब्ध कराया गया है। उनका सत्यापन आख्या विकास खण्डों द्वारा प्रेषित किया जाता है। अभी तक विकास खण्ड- रूद्रपुर, भलुअनी, भागलपुर, सलेमपुर तथा भटनी का सत्यापन आख्या अप्राप्त है। संबंधित खण्ड विकास अधिकारी को निर्देशित किया गया कि आज सायं तक अनिवार्य रूप से लम्बित सत्यापन आख्या उपलबध करायें अन्यथा लापरवाही मानते हुए कार्यवाही की जायेगी।जल जीवन मिशन योजना (ग्रामीण) की समीक्षा के तहत मे.एल.सी.इंफ्रा को 288 परियोजनाओं पर कार्य प्रारम्भ करने थे। जिसके सापेक्ष मात्र 160 परियोजनाओं पर ही कार्य प्रारम्भ किया गया है। मे० गायत्री प्रोजेक्ट लि. द्वारा 217 परियोजनाओं पर कार्य करने थे। जिसमें से मात्र 40 नग परियोजनाओं पर ही कार्य प्रारम्भ कराया गया है। यह प्रगति बहुत ही धीमी है। धीमी प्रगति के लिए दोनों फर्मों को नोटिस जारी करने हेतु अधिशासी अभियन्ता, जल निगम (ग्रामीण) को निर्देशित किया गया।
जहर खाने वाली आरोपी की मां-बहन की मौंत
फैसला: एससी ने 'वेश्यावृत्ति' को वैध करार दिया
फैसला: एससी ने 'वेश्यावृत्ति' को वैध करार दिया
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़े व अहम फैसले के तहत देश में वेश्यावृत्ति को वैध करार दिया है। उसने साफ शब्दों में कहा कि पुलिस इसमें दखलंदाजी नहीं कर सकती और न ही सहमति से यह कार्य करने वाले सेक्स वर्करों के खिलाफ कोई कार्रवाई कर सकती है। शीर्ष कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि सेक्स वर्कर भी कानून के समक्ष सम्मान व बराबरी के हकदार हैं। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एल. नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने यह अहम फैसला दिया। पीठ ने सेक्स वर्करों के अधिकारों की रक्षा के लिए छह सूत्रीय दिशानिर्देश भी जारी किए हैं। कोर्ट ने इन सिफारिशों पर सुनवाई की अगली तारीख 27 जुलाई तय की है। केंद्र को इन पर जवाब देने को कहा है।सुप्रीम कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि स्वैच्छिक वेश्यावृत्ति अवैध नहीं है। केवल वेश्यालय चलाना गैरकानूनी है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि शिकायत दर्ज कराने वाली सेक्स वर्करों के साथ पुलिस भेदभाव न करे। यदि उसके खिलाफ किया गया अपराध यौन प्रकृति का हो तो तत्काल चिकित्सा और कानूनी मदद समेत हर सुविधा प्रदान की जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि सेक्स वर्करों के प्रति पुलिस का रवैया अक्सर क्रूर और हिंसक होता है। ये ऐसे वर्ग के होते हैं, जिनके अधिकारों को मान्यता नहीं है, इसलिए उनके मामलों में संवदेनशील रवैया अपनाने की जरूरत है। शीर्ष कोर्ट ने मीडिया को भी ऐसे मामलों में नसीहत देते हुए कहा कि पुलिस द्वारा गिरफ्तारी, छापेमारी और बचाव अभियान के दौरान सेक्स वर्करों की पहचान उजागर नहीं करना चाहिए। चाहे वह पीड़ित हों या आरोपी हों। ऐसी किसी तस्वीर को प्रकाशित या प्रसारित नहीं किया जाए, जिससे उनकी पहचान का खुलासा हो।
सुप्रीम कोर्ट ने जारी किए ये निर्देश...
सेक्स वर्कर या यौनकर्मी कानून के तहत समान संरक्षण के पात्र हैं। आपराधिक कानून सभी मामलों में उम्र और सहमति के आधार पर समान रूप से लागू होना चाहिए। जब यह स्पष्ट हो जाए कि यौनकर्मी वयस्क है और सहमति से इस पेशे में भाग ले रही है तो पुलिस को हस्तक्षेप या कार्रवाई से बचना चाहिए।देश के प्रत्येक व्यक्ति को संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत सम्मानजनक जीवन का अधिकार है। सेक्स वर्करों को गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए और न ही दंडित किया जाना चाहिए। वेश्यालयों पर छापा मारते वक्त उनका उत्पीड़न नहीं होना चाहिए। सेक्स वर्कर के बच्चे को सिर्फ इस आधार पर मां से अलग नहीं किया जाना चाहिए कि वह देह व्यापार में है। मानवीय शालीनता और गरिमा की बुनियादी सुरक्षा सेक्स वर्करों और उनके बच्चों के लिए भी है। यदि कोई नाबालिग बच्चा वेश्यालय में सेक्स वर्कर के साथ रहता या रहती है, तो यह नहीं माना जाए कि वह तस्करी कर यहां लाया गया है।
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