गुरुवार, 26 मई 2022

मोदी सरकार 2.0 की तीसरी सालगिरह, कार्यकाल

मोदी सरकार 2.0 की तीसरी सालगिरह, कार्यकाल 

अकांशु उपाध्याय        
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने दोनों कार्यकाल को मिलाकर 8 वर्ष पूरे कर लिए हैं। यानी 26 मई को मोदी सरकार 2.0 की तीसरी सालगिरह है। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल करने के बाद मोदी सरकार ने कई ऐसे फैसले लिए, जो मील का पत्थर साबित हुए। कुछ को लेकर अपवाद भी हुए। इन दोनों कार्यकाल के दौरान मोदी सरकार ने कई ऐसे फैसले लिए, जिन्होंने देश की दशा-दिशा ही बदल दी। अब इन्हीं फैसलों के आधार पर भाजपा 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रही है। आइए जानते हैं कि मोदी ने इन 8 साल में क्या बडे़ फैसले लिए...

1. जनधन योजना... 

इस योजना का मकसद हर परिवार को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ना है। इसकी शुरुआत 15 अगस्त, 2014 को हुई थी। योजना के तहत 45 करोड़ से अधिक खाते खोले जा चुके हैं। सरकार की सब्सिडी इन्हीं खातों में जा रही है।

2. तीन कृषि कानून... 

किसानों को फसलों का उचित मूल्य दिलाने और अन्य सुविधाएं मुहैया कराने के मकसद से मोदी सरकार ने 2021 में तीन कृषि कानून लागू किए थे। हालांकि किसानों के लंबे चले आंदोलन के एक साल बाद इन्हें निरस्त करना पड़ गया था।

3. आर्टिकल 370... 

जनसंघ के संस्थापक डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की इसी मुद्दे को लेकर जान गई थी। मुखर्जी को जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा दिए जाने के विरोध में आंदोलन चलाने के लिए गिरफ्तार किया गया था। 23 जून 1953 को श्रीनगर में उनकी जेल में संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई थी। आजादी के बाद से किसी भी सरकार ने इस मुद्दे में हाथ नहीं डाला, लेकिन मोदी सरकार 2.0 में आर्टिकल 370 निष्प्रभावी किया गया। 5 अगस्त को राज्यसभा से बिल पास हो गया। साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्रशासित राज्य बन गए।

4. तीन तलाक कानून...
 1 अगस्त 2019 को मोदी सरकार ने तीन तलाक विधेयक को पारित कराया था। इसने मुस्लिम महिलाओं को एक ताकत दी। यह अलग बात है कि कुछ मुस्लिम संगठनों ने इसका विरोध भी किया था।

5: नोटबंदी...

 8 नवंबर 2016 को मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार और कालेधन को रोकने के लिए नोटबंदी का ऐतिहासिक फैसला किया था। इस फैसले के बाद 85% नकदी बेकार हो गई थी। उस वक्त देश में कुल 15.41 लाख करोड़ मूल्य के 500 और हजार के नोट चल रहे थे। रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, नोटबंदी के दौरान बैंकों में 99.3% यानी 5.31 लाख करोड़ रुपए जमा हुए थे। इस फैसले का फायदा ये हुआ कि देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन में इजाफा हुआ।

6. नागरिकता संशोधन कानून...

2019 में मोदी सरकार ने संसद में नागरिकता (संशोधन) कानून पारित किया था। इसे लेकर भी विरोध हुआ। इस कानून के तहत पड़ोसी मुल्कों में प्रताड़ित अल्पसंख्यकों-हिन्दू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी को भारतीय नागरिकता दी जा रही है। सिर्फ मुसलमानों को इसमें नागरिकता देने का प्रावधान नहीं है। 10 जनवरी 2020 को यह कानून लागू हुआ, हालांकि अब तक नियमों को अधिसूचित नहीं किया गया है।

7. जीएसटी...

मोदी सरकार ने 1 जुलाई 2016 को जीएसटी लागू की थी। जबकि पहले हर राज्य अपने अलग-अलग टैक्स वसूलते थे। जीएसटी में आधा टैक्स केंद्र सरकार को जाता है और आधा राज्यों को। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने 2000 में इसे लागू करने का फैसला किया था। इसके लिए कमेटी भी बनी थी। लेकिन मामला लटका रहा। 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार ने कई बदलावों के साथ संविधान संशोधन विधेयक लेकर आई। अगस्त 2016 में यह विधेयक संसद ने पास किया।

8. सर्जिकल एयरस्ट्राइक...

 पाकिस्तान समर्थित आतंकियों के उरी में आतंकी हमले के बाद जवाबी कार्रवाई में भारतीय सेना ने पीओके में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। 18 सितंबर 2016 की सुबह आतंकियों ने भारतीय सेना के कैंप में घुसकर सोते हुए जवानों पर हमला किया था। हमले में 19 जवान शहीद हो गए थे। 1971 के बाद यह ऐसा पहली बार हुआ था। 2019 में पुलवामा हमले के बाद भी भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में जैश के आतंकियों को तहस-नहस किया था।

9. उज्ज्वला योजना...

मोदी सरकार की उज्ज्वला योजना एक बड़ी उपलब्धि मानी जाती है। योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों को घरेलू रसोई गैस(LPG) कनेक्शन मुफ्त दिया जाता है। योजना 1 मई 2016 को शुरू हुई थी। 25 अप्रैल-2022 तक 9 करोड़ से अधिक कनेक्शन बांटे जा चुके हैं।

10.आयुष्मान भारत योजना... इस योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे (BPL) आने वाले परिवारों का 5 लाख रुपए तक कैशलेस स्वास्थ्य बीमा कराया जाता है। सरकार का दावा है कि योजना के तहत 10 करोड़ परिवारों के 50 करोड़ सदस्यों को लाभ मिल चुका है।

11. स्वच्छ भारत मिशन...

प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण और शहरी इलाकों में स्वच्छता और सरकारी खर्चे पर टॉयलेट बनाने की योजना है। यह योजना 2 अक्टूबर, 2014 को शुरू की गई थी। इस योजना ने देश में साफ-सफाई के प्रति एक नई अलख जगाई है।

12.जल जीवन मिशन....

इस योजना का मकसद 2024 तक घर-घर स्वच्छ पानी उपलब्ध कराना है। वर्ष 2022-23 में देश भर में 3.8 करोड़ परिवारों को इस योजना से जोड़ दिया गया है। यह योजना 2019 में शुरू हुई थी।

13. प्रधानमंत्री आवास योजना...

 यह योजना कच्चे मकान वालों को पक्के घर बनाकर देने से जुड़ी है। इसमें कम कीमत पर लोन दिया जाता है। इस योजना के तहत 2022 के अंत तक 2 करोड़ मकान बनाने का लक्ष्य है। योजना 2015 में शुरू हुई थी।

पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती की

पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती की  

अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। बढ़ती महंगाई से आम लोगों को राहत देने के लिए केंद्र ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती की है। इसके बाद कुछ राज्यों ने भी पेट्रोल और डीजल पर वैट (VAT) में कमी करने का दावा किया। लेकिन अब भी कई राज्यों में पेट्रोल और डीजल पर टैक्स केंद्र से अधिक है। आम लोगों को महंगाई से राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने हाल में पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती की थी। इसके बाद केरल, राजस्थान और महाराष्ट्र ने भी पेट्रोल-डीजल पर वैट (VAT) घटाने का दावा किया।

केरल की एलडीएफ सरकार ने पेट्रोल पर 2.41 रुपये और डीजल पर 1.36 रुपये कम करने का दावा किया। राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने पेट्रोल पर वैट में 2.48 रुपये और डीजल पर 1.16 रुपये घटाने की बात कही।
महाराष्ट्र में शिव सेना की अगुवाई वाली सरकार ने पेट्रोल पर वैट 2.08 रुपये और डीजल पर 1.44 रुपये घटाने का दावा किया। लेकिन इन राज्यों के दावे हकीकत से परे हैं। वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे के वी सुब्रमण्यन का कहना है कि इन राज्यों ने वैट में कटौती नहीं की है। बल्कि केंद्र के एक्साइज ड्यूटी कम करने से वैट कम हुआ है।

सक्सेना को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई

सक्सेना को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई   

अकांशु उपाध्याय           

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बृहस्पतिवार को नए उपराज्यपाल ने शपथ ग्रहण की। राज निवास में आयोजित एक समारोह में विनय कुमार सक्सेना को दिल्ली हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। विनय कुमार दिल्ली के 22वें उपराज्यपाल के तौर पर शपथ ली। इस दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, दिल्ली से सांसद एवं विधायक और शहर की सरकार के शीर्ष नौकरशाह समारोह में शामिल हुए।

खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष रहे सक्सेना को 23 मई को दिल्ली का उपराज्यपाल नियुक्त किया गया था। सक्सेना ने अनिल बैजल का स्थान लिया है, जिन्होंने ‘निजी कारणों’ का हवाला देते हुए 18 मई को पद से इस्तीफा दे दिया था।
सक्सेना कानपुर विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं और उनके पास पायलट का लाइसेंस भी हैं। उन्हें मार्च 2021 में भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने पर समारोहों के आयोजन के लिए बनाई गई राष्ट्रीय समिति का सदस्य नियुक्त किया गया था। उन्हें नवंबर 2020 में, 2021 के लिए पद्म पुरस्कार चयन पैनल के सदस्य के रूप में नामित किया गया था।


शेयर बाजार ने तेजी के साथ कारोबार की शुरुआत की

शेयर बाजार ने तेजी के साथ कारोबार की शुरुआत की 

कविता गर्ग     

मुंबई। शेयर बाजार ने गुरुवार को तेजी के साथ कारोबार की शुरुआत की। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स 201.58 अंकों की बढ़त के साथ 53,950.84 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 79.2 अंकों की बढ़त के साथ 16,105.00 अंक पर खुला। हरे निशान के साथ खुले शेयर बाजार में मिडकैप और स्मॉलकैप में भी बढ़ोतरी देखी गयी।

बीएसई का मिडकैप 97.35 अंक बढ़कर 21,926.41 अंक पर और स्मॉलकैप 98.08 अंकों की तेजी के साथ 25,221.38 अंकों पर खुला। बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स बुधवार को 303.35 अंक लुढ़ककर 54 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे 53749.26 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 99.35 अंक टूटकर 16025.80 अंक पर रहा था।

‘कोवैक्सीन’ को मान्यता देने का फैसला: डबल्यूएचओ

‘कोवैक्सीन’ को मान्यता देने का फैसला: डबल्यूएचओ 

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव

नई दिल्ली/बर्लिन/थिंपू। भारत और भूटान में जर्मनी के राजदूत वाल्टर जे लिंडनर ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनका देश भारत बायोटेक के कोविड-19 रोधी टीके को यात्रा के उद्देश्य से एक जून से मान्यता देगा। लिंडनर ने एक ट्वीट में कहा, “बहुत खुश हूं कि जर्मन सरकार ने एक जून से जर्मनी की यात्रा के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा सूचीबद्ध ‘कोवैक्सीन’ को मान्यता देने का फैसला किया है।

दूतावास इस तरह के निर्णयों पर सक्रिय रूप से जोर दे रहा है। (कोविड के कारण वीजा विभागों में सामान्य से अधिक प्रतीक्षा समय होता है। कृपया धैर्य रखें)।” पिछले साल नवंबर में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोवैक्सीन के आपात इस्तेमाल की सिफारिश की थी। ऑस्ट्रेलिया, जापान और कनाडा सहित कई देश कोवैक्सीन लगवा चुके यात्रियों को अपने यहां आने की अनुमति देते हैं।

निचली अदालत का रुख करने की स्वीकृति: एचसी

निचली अदालत का रुख करने की स्वीकृति: एचसी 

अकांशु उपाध्याय       

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र शरजील इमाम को देश में राजद्रोह के सभी मामलों में कार्यवाही स्थगित रखने के उच्चतम न्यायालय के आदेश के आधार पर अंतरिम जमानत के लिए निचली अदालत का रुख करने की बृहस्पतिवार को स्वीकृति दी। इमाम को 2019 में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान दिए कथित भड़काऊ भाषणों से संबंधित मामले में गिरफ्तार किया गया था।

न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता और न्यायमूर्ति मिनी पुश्कर्ण की पीठ ने उच्च न्यायालय से अंतरिम जमानत देने का अनुरोध करने वाली अपनी याचिका वापस लेने की इमाम को अनुमति दी। इससे पहले विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने कहा कि यह मामला अनिवार्य रूप से भारतीय दंड सहिता की धारा 124ए (राजद्रोह) से जुड़ा है, जिसमे कानून के अनुसार आरोपी को जमानत के लिए पहले निचली अदालत में जाने और अपील के मामले में उच्च न्यायालय का रुख करने की आवश्यकता होती है। इसके बाद इमाम के वकील तनवीर अहमद मीर ने अर्जी वापस लेने की इजाजत मांगी।

उद्योग की आवश्यकताओं के बीच अंतराल, समझें

उद्योग की आवश्यकताओं के बीच अंतराल, समझें 

इकबाल अंसारी           

पणजी। गोवा के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रोहन खुंटे ने कहा कि राज्य सरकार श्रमशक्ति की उपलब्धता और क्षेत्र विशेष के उद्योग की आवश्यकताओं के बीच जो अंतराल है, उसे पाटने का काम करेगी। पणजी में आयोजित एक सत्र की अध्यक्षता करने के दौरान खुंटे ने अकादमिक क्षेत्र के लोगों, आईटी उद्योग और सरकारी अधिकारियों से कहा कि वे उद्योग की जरूरतों और मानव संसाधन के बीच जो दूरी है, उसे समझने का प्रयास करें।

उन्होंने कहा, ‘‘इस अंतर को पाटने के लिए सभी हितधारकों को भरोसे में लेकर समाधान निकाला जाएगा। हम आईटी क्षेत्र में और निवेश आमंत्रित कर रहे हैं, वहीं हमें यह भी समझना होगा कि उस जरूरत को पूरा करने के लिए हमारे पास कुशल मानव संसाधन हैं या नहीं।’

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...