मंगलवार, 24 मई 2022

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण  

1. अंक-228, (वर्ष-05)
2. बुधवार, मई 25, 2022
3. शक-1944, ज्येष्ठ, कृष्ण-पक्ष, तिथि-दसमीं, विक्रमी सवंत-2079।
4. सूर्योदय प्रातः 05:33, सूर्यास्त: 07:01।
5. न्‍यूनतम तापमान- 22 डी.सै., अधिकतम-31+ डी.सै.। उत्तर भारत में बरसात की संभावना।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु, (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
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सोमवार, 23 मई 2022

सक्सेना को दिल्ली का नया उपराज्यपाल नियुक्त किया

सक्सेना को दिल्ली का नया उपराज्यपाल नियुक्त किया  

अकांशु उपाध्याय       

नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल के तौर पर अनिल बैजल के इस्तीफा देने के बाद विनय कुमार सक्सेना को दिल्ली का नया उपराज्यपाल बनाया गया है। सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अनिल बैजल का इस्तीफा स्वीकर कर लिया और विनय कुमार सक्सेना को दिल्ली का नया उपराज्यपाल नियुक्त किया। बता दें कि 18 मई को दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने अचानक इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफे के पीछे की वजह बैजल ने निजी कारण बताए थे। उपराज्यपाल के तौर पर उनका कार्यकाल के 5 साल 31 दिसंबर 2021 को पूरा हो गया था। हालांकि, दिल्ली के उपराज्यपाल का कार्यकाल निश्चित नहीं होता। कई मामलों को लेकर आए दिन दिल्ली की केजरीवाल सरकार और पूर्व उपराज्यपाल अनिल बैजल के बीच टकराव की बातें सामने आती रहती थीं।

दरअसल, बैजल ने एक साल पहले दिल्ली सरकार की 1000 बसों की खरीद प्रक्रिया की जांच को लेकर तीन सदस्यों की एक कमेटी बना दी थी। भारतीय जनता पार्टी लगातार इस मामले में सीबीआई जांच की अपील कर रही थी। उपराज्यपाल ने जो पैनल बनाया था, उसमें एक रिटायर्ड आईएएस ऑफिसर, विजिलेंस विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी और दिल्ली सरकार के ट्रांसपोर्ट कमिश्नर शामिल थे। इस मसले पर भी केजरीवाल सरकार से उनकी काफी खटपट हुई थी। इससे पहले स्वास्थ्य विभाग से जुड़े मामले में भी उपराज्यपाल से सराकर की अनबन हुई थी। मंत्री सत्येंद्र जैन की बजाय खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एलजी अनिल बैजल को चिट्ठी लिखकर सरकारी अस्पतालों में स्टाफ की कमी को पूरा करने की अपील की थी।


अभिभाषण में किसानों-नौजवानों को गुमराह किया

अभिभाषण में किसानों-नौजवानों को गुमराह किया

संदीप मिश्र        
लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि सोमवार को राज्य विधानमण्डल के समक्ष राज्यपाल के अभिभाषण में किसानों-नौजवानों को गुमराह किया गया है। नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को कहा कि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण में कुछ भी नया नहीं है और न ही उसमें प्रदेश के विकास की कोई सुनियोजित मंशा ही दिखाई देती है। सरकार कुछ कहे पर जनता को सब सच्चाई मालूम है कि भाजपा सरकार ने पिछले पांच साल नाम और पत्थर बदलने में लगा दिए।
जबकि आज भी वह जनहित की ठोस योजनाओं की प्रस्तुति से वंचित है। नामों में कुछ हेरफेर के साथ राज्य सरकार ने जो योजनाएं पेश की है, वे सामान्यतया वही है, जिनका प्रारम्भ समाजवादी सरकार में हुआ था। चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्र में नया कुछ करने के बजाय समाजवादी सरकार के कामों को ही गिना दिया गया है। 
एक भी यूनिट बिजली का उत्पादन न करने वाली भाजपा सरकार में लोग बिजली कटौती के चलते अंधेरे और भीषण तपिश में जीने को मजबूर है। उन्होने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण में किसानों, नौजवानों को गुमराह ही किया है। किसान की फसल औने पौने दाम पर बिक रही है। एमएसपी की अनिवार्यता पर एक भी शब्द नहीं है। किसान की आय दुगनी करने का वादा थोथा ही दिख रहा है। गन्ना किसानों के भुगतान की बड़ी राशि बकाया है। गेहूं खरीद का लक्ष्य पूरा नहीं हुआ। नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा राज में निवेश के नाम पर कुछ भी नहीं हुआ। समाजवादी सरकार ने तो आईटी हब बनाकर दिखा दिया, भाजपा कोई नया मॉडल भी नहीं बना सकी। नौजवानों को रोजगार के लिए कोई योजना नहीं है। भाजपा सरकार ने सिर्फ पेपर लीक और भर्ती घोटालों की सौगाते दी है। बेरोजगार नौजवानों की न्याय की मांग पर उन्हें सिर्फ लाठियों से पीटा गया। एक भी सैनिक स्कूल नहीं खोला गया।

सड़कों पर बढ़ाएं गए अतिक्रमण को हटवाया

सड़कों पर बढ़ाएं गए अतिक्रमण को हटवाया  

बृजेश केसरवानी               
प्रयागराज। जनपद में नगर निगम और पुलिस प्रशासन ने संयुक्त रूप से सोमवार को कटरा इलाके में अतिक्रमण अभियान चलाया। उस दौरान सड़कों पर बढ़ाएं गए अतिक्रमण को हटवाया गया। साथ ही दुकानदारों को भी चेतावनी दी गई कि अगर अब सड़कों पर अतिक्रमण किया गया, तो आप के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी। नगर निगम प्रशासन अपने तोड़ू दस्ते के साथ कटरा इलाके पहुंचा। नगर निगम के तोड़ो दस्ते को देखकर दुकानदारों में हड़कंप मच गया। दुकानदार अपने सामानों को भी समेटने लगे। उस दौरान दुकानदारों द्वारा सड़क तक किए गए कब्जा को तोड़ू दस्ते के माध्यम से हटवाया गया।
कोई बवाल ना हो, उसके लिए भारी मात्रा में पुलिस प्रशासन भी मौजूद था। यह अभियान सीओ के नेतृत्व में चलाया गया। मौके पर सीओ मौजूद थे। 
सीओ का कहना था कि नगर निगम के द्वारा यह अतिक्रमण अभियान चलाया जा रहा है। जिससे सड़क के किनारे जो अवैध रूप से दुकानदार अतिक्रमण किए हुए हैं। उसको आज हटाया जा रहा है और उनको चेतावनी भी दी जा रही है कि अगर आगे से अतिक्रमण करेंगे तो उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की।

ज्ञानवापी मामला, मंगलवार तक के लिए सुनवाई टाली

ज्ञानवापी मामला, मंगलवार तक के लिए सुनवाई टाली

संदीप मिश्र

लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सोमवार को वाराणसी की जिला जज में सुनवाई शुरू हुई। सिविल जज की अदालत से सभी फाइलें जिला जज की अदालत में पहुंच गई हैं। लेकिन अभी फाइलों को देखा नहीं जा सका है। दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी तरफ से मांगें रखीं। लेकिन अदालत ने कोई फैसला नहीं देते हुए मंगलवार तक के लिए सुनवाई टाल दी है। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने पहले कमीशन कार्यवाही की रिपोर्ट और वीडियोग्राफी-फोटोग्राफी कोर्ट में पढ़ने की मांग की। क्योंकि, अब रिपोर्ट कोर्ट का हिस्सा है।

उस पर आपत्ति दाखिल की जा सके। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने दोनों पक्ष की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया है। कोर्ट कल यानी 24 मई को इस पर फैसला सुनाएगी।

इस मामले में अदालत को आठ सप्ताह में सुनवाई करने का निर्देश दिया गया है। ज्ञानवापी परिसर में मां श्रृंगार गौरी की दैनिक पूजा-अर्चना की इजाजत देने और अन्य देवी-देवताओं को संरक्षित करने को लेकर दायर वाद की सुनवाई आज हुई। इस दौरान कचहरी परिसर और आसपास सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था रही।


शराब परोसने के लिए 'होम बार' लाइसेंस जारी

शराब परोसने के लिए 'होम बार' लाइसेंस जारी    

अश्वनी उपाध्याय      

गाजियाबाद। मदिरा दीवानें अब घर में मदिरालय बना सकेंगे। अब कोई भी व्यक्ति अपने घर में दोस्तों-रिश्तेदारों को शराब परोसने के लिए होम बार लाइसेंस ले सकता है। गाजियाबाद जिले में इसकी शुरुआत कर दी गई है। मुरादनगर क्षेत्र के लिए पहला होम बार लाइसेंस जारी किया गया है। यह लाइसेंस एक साल को मान्य होगा। अधिकारियों की मानें तो कोई भी व्यक्ति अपने घर में शराब की चार बोतल से ज्यादा नहीं रख सकता, लेकिन अब शराब पीने व पिलाने के शौकीन होम बार लाइसेंस ले सकेंगे। हालांकि, इसके लिए आबकारी विभाग के नियमों का पालन करना होगा। लाइसेंस पाने वाला व्यक्ति एक साथ 84 बोतल से ज्यादा स्टॉक में नहीं रख सकता। बार में मौजूद शराब के ब्रांड भी तय हैं। देशी व विदेशी किसी भी ब्रांड की चार बोतल से ज्यादा नहीं रख सकते। इसके साथ ही बीयर की 12 बोतल रखने की इजाजत होगी। व्हिस्की, बोदका, रम, देशी शराब, बीयर, सैंपेन, स्कॉच व्हिस्की के अलावा भी कई श्रेणी तय की गई हैं। हर श्रेणी के में तय सीमा तक ही बोतल होम बार में रखी जा सकती हैं। पहला होम बार लाइसेंस मुरादनगर क्षेत्र में एक व्यापारी को जारी किया गया है।

इसके लिए कुछ नियम भी निर्धारित किए गए है जैस 1। बिक्री के लिए नहीं अपने अतिथियों को शराब पिलाने की होगी इजाजत, 2। लाइसेंस धारक 20 फीसदी आयकर के दायरे में आना चाहिए, 3। पांच साल का आयकर रिटर्न होना जरूरी, एक साल के लिए जारी किया जाएगा लाइसेंस आदि। लाइसेंस प्राप्त करने वाला व्यक्ति आयकर सीमा के 20 फीसदी वाले स्लैब में शामिल होना चाहिए। इसी स्लैब में पांच साल से आयकर जमा कर रहा हो। इसके लिए पांच साल का आयकर रिटर्न भी जरूरी है। लाइसेंस के लिए 25 हजार रुपये सिक्योरिटी और 11 हजार रुपये फीस तय है। घर में बार लाइसेंस लेने के बाद व्यक्ति को बोतलों का स्टॉक भी रखना होगा।

अधिकारी कभी भी स्टॉक चेक कर सकते हैं। बोतल खरीदने का बिल भी होना जरूरी है। तय सीमा से ज्यादा पाए जाने पर लाइसेंस रद्द किया जा सकता है। जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया कि कि जनपद में पहला होम बार लाइसेंस जारी किया गया है। इस योजना से जो लोग अपने घर में आए दिन शराब की पार्टी करते हैं। वह किसी छापेमारी के डर बगैर पार्टी कर सकते हैं।


स्‍थानीय निकाय चुनाव 2022 का ऐलान किया

स्‍थानीय निकाय चुनाव 2022 का ऐलान किया

राणा ओबरॉय

चंडीगढ़। हरियाणा में सोमवार को राज्य चुनाव आयोग द्वारा स्‍थानीय निकाय चुनाव 2022 का ऐलान कर दिया गया है। राज्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर चुनाव का पूरा शेड्यूल जारी किया। जारी शेड्यूल के मुताबिक, 19 जून को स्‍थानीय निकाय चुनाव के लिए वोटिंग होगी। सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक वोट डाले जा सकेंगे। इसके अलावा 22 जून को वोटों की गिनती होगी और वोटों की गिनती खत्म होते ही तत्काल हार-जीत डिक्लेयर कर दी जाएगी।

पूरा शेड्यूल...

  • 24 मई को चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।
  • 30 मई से 4 जून तक नामांकन दाखिल होगा, समय सुबह 11 बजे 3 बजे तक रहेगा, 2 जून को छुट्टी रहेगी।
  • 6 जून को सुबह 11.30 बजे से नामांकनों की छटनी की जाएगी, उनका रिकॉर्ड देखा जायेगा
  • 7 जून को उम्मीदवार अपना नामांकन वापिस ले सकते हैं, इसी दिन उम्मीदवारों की फाइनल लिस्ट भी जारी हो जाएगी। साथ ही पोलिंग स्टेशन की लिस्ट भी जारी कर दी जायेगी।
  • 19 जून को वोट पड़ेंगे।
  • 21 जून को कोई शिकायत तो दोबारा वोटिंग होगी।
  • 22 जून को फाइनल परिणाम और हार-जीत घोषित।

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई  संदीप मिश्र  लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को लेकर उत्तर प्रदेश में भी 7 दिनों के...