मंगलवार, 17 मई 2022

तेंदुलकर ने हर्षल के प्रदर्शन की तारीफ की

तेंदुलकर ने हर्षल के प्रदर्शन की तारीफ की   

मोमीन मलिक            
नई दिल्ली। भारत के दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने हर्षल पटेल के डेथ आवरों में शानदार प्रदर्शन की तारीफ की है। उन्होंने कहा है कि हर्षल ने अपनी विविधताओं को खूबसूरती से तराशा है। यही वजह है कि 31 वर्षीय रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के तेज गेंदबाज ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पिछले कुछ सत्रों में इतना अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। पटेल ने आईपीएल 2021 में 15 मैचों में 32 विकेट लेकर पर्पल कैप हासिल किया था। जिसमें विराट कोहली की अगुवाई वाली टीम के लिए उनका सर्वश्रेष्ठ आंकड़ा 5/27 रहा है। नए सीजन से पहले, उन्हें मेगा नीलामी में बेंगलुरु फ्रैंचाइजी ने 10.75 करोड़ रुपए में वापस खरीदा और दाएं हाथ के मध्यम तेज गेंदबाज ने 12 मैचों में 18 विकेट लेकर अपनी टीम को निराश नहीं किया है।
कुल मिलाकर अपने आईपीएल करियर में पटेल ने 96 विकेट लिए हैं और इस सीजन में आईपीएल में विकेटों के शतक पर नजरें गड़ाए हुए हैं। आरसीबी के फिलहाल 13 मैचों में 14 अंक हैं और अगर वह गुजरात टाइटंस के खिलाफ अपना आखिरी लीग मैच भारी अंतर से जीत लेती है तो उसके पास अंतिम चार में जगह बनाने का मौका है और टीम इस वक्त पटेल पर भरोसा करेगी।तेंदुलकर का मानना है कि पटेल भारतीय क्रिकेट के लिए एक अनमोल रतन हो सकते हैं। अपने यूट्यूब चैनल पर बोलते हुए, दिग्गज क्रिकेटर ने पटेल को डेथ ओवरों में सबसे शक्तिशाली गेंदबाजों में से एक बताया है। उन्होंने कहा, “पंजाब केवल 209 रन बनाने में सक्षम हुआ और वह केवल हर्षल पटेल की वजह से। उनकी गेंदबाजी में हर मैच के साथ सुधार हुआ है। क्योंकि वह अपनी विविधता को खूबसूरती से छिपाने में सक्षम हैं। मुझे लगता है कि जब डेथ ओवरों में गेंदबाजी की बात आती है तो वो देश के अग्रणी गेंदबाजों में से एक है।
पंजाब किंग्स 13 मई को ब्रेबोर्न स्टेडियम में आरसीबी के खिलाफ धुआंधार बल्लेबाजी के दम पर 240-250 के स्कोर तक पहुंचती दिख रही थी, लेकिन 209 तक ही पहुंच पाई। पटेल ने 8.50 की इकॉनमी रेट से गेंदबाजी करते हुए 4-0-34-4 के शानदार आंकड़े हासिल किए। ग्रुप चरण के टीम के अंतिम मैच में आरसीबी की गुजरात टाइटंस से भिड़ंत में हर्षल को अहम भूमिका निभानी होगी।

15.08 प्रतिशत के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर मुद्रास्फीति

15.08 प्रतिशत के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर मुद्रास्फीति 

अकांशु उपाध्याय      

नई दिल्ली। आम आदमी के ऊपर महंगाई की मार लगातार बढ़ती जा रही है। कभी रसोई-गैस की कीमतों में इजाफा हो रहा है तो कभी सीएनजी और पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ रहे हैं। इन सबके बीच थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल में बढ़कर 15.08 प्रतिशत के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई। यह तेजी खाद्य वस्तुओं से लेकर जिंसों तक के महंगा होने की वजह से हुई। डब्ल्यूपीआई आधारित मुद्रास्फीति मार्च में 14.55 फीसदी और पिछले साल अप्रैल में 10.74 फीसदी थी।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा, अप्रैल 2022 में मुद्रास्फीति की ऊंची दर मुख्य रूप से खनिज तेलों, मूल धातुओं, कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस, खाद्य वस्तुओं, गैर-खाद्य वस्तुओं, खाद्य उत्पादों, रसायनों और रासायनिक उत्पादों आदि की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण हुई। डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति पिछले साल अप्रैल से लगातार 13वें महीने दोहरे अंक में बनी हुई है। समीक्षाधीन माह में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 8.35 प्रतिशत थी।


एसएफआईओ की याचिका पर विचार करने को तैयार

एसएफआईओ की याचिका पर विचार करने को तैयार 

अकांशु उपाध्याय          

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय मंगलवार को जांच एजेंसी एसएफआईओ की उस याचिका पर विचार करने को तैयार हो गया, जिसमें सहारा समूह की फर्मों को राहत देने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई थी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सहारा समहू की नौ कंपनियों से संबंधित जांच को रोकने के आदेश दिए थे। मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय के खिलाफ जारी लुकआउट नोटिस पर हाल में एक अन्य पीठ द्वारा रोक लगाने के संबंध में याचिकाकर्ता (एसएफआईओ) ने कुछ चिंताएं जताई हैं।

कॉरपोरेट धोखाधड़ी की जांच करने वाली एजेंसी गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) ने दिल्ली उच्च न्यायालय के 13 दिसंबर 2021 के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत में अपील की थी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सहारा समूह के प्रमुख और अन्य के खिलाफ बाद की सभी कार्रवाइयों पर रोक लगा दी थी, जिसमें दंडात्मक कार्रवाई और लुकआउट नोटिस शामिल है। एसएफआईओ ने अपनी अपील में कहा कि कार्रवाई पर रोक लगा दी गई है, जिससे चल रही जांच पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। साथ ही जांच एजेंसी ने इस मामले में तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया।


गृहमंत्री ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की

गृहमंत्री ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी

नई दिल्ली/श्रीनगर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की मंगलवार को समीक्षा की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। केंद्र शासित प्रदेश में हाल में कुछ कश्मीरी पंडितों समेत अन्य की लक्षित हत्या की गई है। उच्च स्तरीय बैठक में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला के साथ-साथ खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों ने भी शिरकत की। इस बैठक में अमरनाथ यात्रा की तैयारियों का जायजा भी लिया गया, जो दो साल बाद 30 जून से शुरू होगी।

बडगाम जिले में 12 मई को सरकारी कर्मचारी राहुल भट की आतंकवादियों ने उनके कार्यालय के अंदर घुसकर हत्या कर दी थी। कश्मीरी पंडित भट के कत्ल के एक दिन बाद, पुलिस कांस्टेबल रियाज अहमद ठोकर की पुलवामा जिले में उनके आवास पर आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। पिछले हफ्ते जम्मू में कटरा के पास एक बस में आग लगने से चार श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी और कम से कम 20 अन्य जख्मी हो गए थे। पुलिस को शक है कि आग लगाने के लिए शायद “स्टिकी’’ (चिपकाने वाले) बम का इस्तेमाल किया गया था। भट की हत्या के बाद कश्मीरी पंडित समुदाय के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए है। उन्होंने घाटी में प्रदर्शन किया और अपने समुदाय के सरकारी कर्मचारियों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने तथा उनकी सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। जम्मू-कश्मीर की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के साझा मंच ‘‘गुपकार घोषणापत्र गठबंधन’’ ने रविवार को कश्मीरी पंडित कर्मचारियों से अपील की कि वे घाटी छोड़कर नहीं जाएं।

गठबंधन ने कहा कि यह उनका घर है और यहां से उनका जाना ‘‘सभी के लिए पीड़ादायक होगा।’’ हिंसा की हालिया घटनाओं के बाद अमरनाथ यात्रा अहम सुरक्षा चुनौती है और इसके सुचारू रूप से संपन्न होने के लिए केंद्र सरकार अर्धसैनिक बलों के कम से कम 12,000 जवानों के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस के हजारों कर्मियों को भी तैनात करेगी। पहाड़ी गुफा में स्थित अमरनाथ मंदिर की वार्षिक यात्रा 2020 और 2021 में कोरोना वायरस महामारी के कारण नहीं हो सकी थी। 2019 में, अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से ठीक पहले इसे संक्षिप्त कर दिया गया था। यात्रा में लगभग तीन लाख श्रद्धालुओं के भाग लेने की संभावना है और यह यात्रा 11 अगस्त को समाप्त हो सकती है।


लखनऊ का नाम बदलने की अटकलें, ट्वीट किया

लखनऊ का नाम बदलने की अटकलें, ट्वीट किया

संदीप मिश्र

लखनऊ। उत्तर-प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद से प्रदेश के कई शहरों के नाम बदल चुके हैं। इसी क्रम में उत्तर-प्रदेश की राजधानी लखनऊ का नाम बदलने की अटकलें लगनी शुरू हो गई हैं। गौरतलब है कि सीएम योगी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वागत में एक ट्वीट किया है। उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि शेषावतार भगवान श्री लक्ष्मण की पावन नगरी लखनऊ में आपका हार्दिक स्वागत व अभिनंदन। सीएम योगी के इस ट्वीट से लखनऊ का नाम बदलें जाने की अटकलें लगने लगीं हैं।

आपको बता दें कि सीएम योगी ने यह ट्वीट अमौसी एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्वागत करते हुए खींची गई फोटो को टैग करते हुए किया है। इस ट्वीट के बाद यह सवाल उठने लगा है कि लखनऊ का नाम लक्ष्मण के नाम पर किया जा सकता है। यह अटकलें इसलिए भी लगाई जा रही हैं, क्योंकि इससे पहले लखनऊ का नाम बदलकर लखनपुरी, लक्ष्मणपुरी और लखनपुर करने की मांग उठाई जा चुकी है।


'आईएफपीआरआई' ने भारत को लेकर चिंता जाहिर की

'आईएफपीआरआई' ने भारत को लेकर चिंता जाहिर की 

अखिलेश पांडेय         

नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। अंतरराष्ट्रीय फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट (आईएफपीआरआई) ने भारत को लेकर चिंता जाहिर की है। इंस्टिट्यूट की एक रिपोर्ट के मुताबिक जलवायु परिवर्तन के कारण आने वाले साल में भारत में 9 करोड़ से ज्यादा की आबादी पर भुखमरी का खतरा मंडरा सकता है। ग्लोबल फूड पॉलिसी रिपोर्ट 2022 में कहा गया है कि 2030 तक 9 करोड़ भारतीयों को भूखमरी का सामना करना पड़ेगा। रिपोर्ट में भी कहा गया है कि आने वाले 70-80 साल में फसलों की पैदावार में कमी आएगी और हीट वेव और अधिक बढ़ जायेगा। गर्मी के स्तर में भी कई गुना वृद्धि हो जाएगी।

23 फीसदी तक देश में बढ़ जाएंगे भुखमरी के शिकार...

रिपोर्ट में यह बताया गया कि भारत में जलवायु परिवर्तन के कारण 2030 तक 9 करोड़ से ज्यादा लोग भुखमरी का सामना करेंगे। सामान्य परिस्थिति में यह आंकड़ा 7.39 करोड़ होता लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण भुखमरी का सामना करने वालों की संख्या में 23 फ़ीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है। इसके साथ ही 2030 तक औसत कैलोरी खपत में मामूली गिरावट की भी संभावना देखने को मिल सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक सामान्य परिस्थिति में 2697 किलो कैलोरी प्रति व्यक्ति/दिन से जलवायु परिवर्तन के कारण 2651 किलोकैलोरी प्रति व्यक्ति/दिन तक कमी आएगी।

फसलों के पैदावार में आएंगी कमी...

औसत तापमान में वृद्धि की वजह से फसलों की पैदावार पर असर पड़ेगा। रिपोर्ट में कहा गया कि जलवायु परिवर्तन के कारण 2041-2060 तक पैदावार 1.8 से 6.6 प्रतिशत और 2061-2080 तक 7.2 से 23.6 प्रतिशत तक गिर सकती है। रिपोर्ट में ग्रीनहाउस उत्सर्जन को कम करने के लिए पानी की कमी वाले उत्तर-पश्चिम और प्रायद्वीपीय भारत में चावल के बजाय दूसरी फसलों की पैदावार बढ़ाने का सुझाव दिया गया है। इसमें कहा गया है कि खाद्य सुरक्षा को खतरे में डाले बिना इन क्षेत्रों में चावल की पैदावार वाले इलाकों को कम किया जा सकता है।

'ईवी' ढांचा स्थापित करने के लिए भागीदारी की

‍'ईवी' ढांचा स्थापित करने के लिए भागीदारी की  

अकांशु उपाध्याय      

नई दिल्ली। वाहन कंपनी हुंदै मोटर इंडिया ने देश में अपनी चुनिंदा डीलरशिप पर ‘फास्ट चार्जिंग इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी)' ढांचा स्थापित करने के लिए टाटा पावर के साथ भागीदारी की है। कंपनी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। इस भागीदारी के तहत 29 शहरों में कंपनी के 34 ईवी डीलरशिप पर 60 के डब्ल्यू के डीसी चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। हुंदै और टाटा पावर ईजेड चार्ज मोबाइल ऐप के जरिये ये सभी प्रकार के इलेक्ट्रिक वाहनों की जरूरत को पूरा करेंगे। हुंदै अपनी डीलरशिप, स्थान और आवश्यक प्रशासनिक मंजूरी के माध्यम से सुविधा प्रदान करेगी, जबकि टाटा पावर चार्जिंग स्टेशनों का संचालन और रखरखाव करेगी।

हुंदै मोटर इंडिया लिमिटेड (एचएमआईएल) के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) उन्सू किम ने बयान में कहा, ‘‘कंपनी भारत के मजबूत ईवी पारिस्थितिकी तंत्र को सुविधाजनक बनाने, मजबूत करने और टिकाऊ परिवहन पर सामान्य दृष्टिकोण को बढ़ाने के लिए टाटा पावर के साथ अपनी साझेदारी से खुश है।’’ कंपनी ने कहा कि कार्बन निरपेक्षता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ग्राहकों द्वारा ईवी को अपनाने में तेजी लाने के लिए इस तरह की रणनीतिक साझेदारी अत्यन्त जरूरी है।


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यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...