गुरुवार, 12 मई 2022

राजनीति: 57 सीटों पर 10 जून को होगा चुनाव

राजनीति: 57 सीटों पर 10 जून को होगा चुनाव 

कविता गर्ग

मुंबई। राज्‍य सभा की रिक्‍त हो रही 57 सीटों पर 10 जून को चुनाव होगा। इनमें सबसे ज्‍यादा सीटें उत्‍तर प्रदेश से 11, महाराष्‍ट्र और तमिलनाडु से 6-6, बिहार से 5 और राजस्‍थान और कर्नाटक से 4-4 सीटें शामिल हैं। वहीँ उत्तराखंड की एक सीट भी खाली हो रही हैं जिससे कांग्रेस के नेता प्रदीप टम्टा रिटायर हो रहे हैं। चुनाव आयोग ने बताया कि 57 सीटों पर चुनाव की अधिसूचना 24 मई को जारी होगी। इसके नामांकन की आखिरी तारीख 31 मई होगी। नॉमिनेशन की स्क्रूटनी की तारीख 1जून और नाम वापस लेने के लिए 3 जून अंतिम तारीख होगी। सभी 57 सीटों पर 10 जून को सुबह 9 बजे से 4 बजे तक वोट डाले जाएंगे। 10 जून को ही वोटों की गिनती शाम 5 बजे होगी। जानकारी के अनुसार इन सीटों में उत्तर प्रदेश से सबसे ज्‍यादा 11 सीटें खाली हो रही हैं।

इसके साथ ही महाराष्ट्र की 6, आंध्र प्रदेश की 4 सीटें, तेलंगाना की 2 सीटों, छत्तीसगढ़ की 2 सीटों, मध्य प्रदेश की 3 सीटों, तमिलनाडु की 6 सीटों, कर्नाटक की 4, ओडिशा की 3, पंजाब की 2, राजस्थान की 4, उत्तराखंड की 1, बिहार की 5, झारखंड की 2, हरियाणा की 2 सीटों पर मतदान होगा।

राजस्थान विधानसभा चुनाव की तैयारियां प्रारंभ

राजस्थान विधानसभा चुनाव की तैयारियां प्रारंभ 

हरिओम उपाध्याय/नरेश राघानी  

लखनऊ/जयपुर। वेस्ट यूपी में किसानों की पार्टी कही जाने वाली राष्ट्रीय लोकदल ने राजस्थान विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। 2023 में होने वाले चुनावों के लिए रालोद ने राजस्थान को 6 क्षेत्रों में बांटा है। वहीं हर क्षेत्र की जिम्मेदारी संभालने के लिए प्रभारी, सहप्रभारी की नियुक्ति भी कर दी है। यूपी के नेताओं के चेहरों के सहारे रालोद राजस्थान में नल चलाने की कोशिश में हैं।

6 क्षेत्र, 33 जिलों में बांटा राजस्थान...
रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने पूरे राजस्थान को चुनाव के लिए 6 क्षेत्रों में बांटकर चुनावी कार्ययोजना बनाई है। 6 क्षेत्रों में ब्रज, मारवाड़, मेवाड़, हाड़ौती मध्य राजस्थान और थार क्षेत्र में पूरे प्रदेश को बांट दिया है। हर क्षेत्र के लिए एक प्रभारी और सहप्रभारी की नियुक्ति भी की गई है। इसमें अधिकांश चेहरे पश्चिमी यूपी के वो नेता हैं जो लंबे समय से पार्टी में सक्रिय रहे हैं।

आइए जान लें रालोद ने कैसे किया क्षेत्रों का बंटवारा।
1 ब्रज क्षेत्र- भरतपुर, धौलपुर, अलवर, करौली, सवाई माधोपुर।
2 मारवाड़- जोधपुर, नागौर, पाली, बाड़मेर, जैसलमेर, जालौर।
3 मेवाड़- उदयपुर, चित्तोड़गड़, प्रतापगढ़, सरोही, बांसवाड़ा, राजसमंद, डूंगरपुर।
4 मध्य राजस्थान- जयपुर, दौसा, अजमेर, टोंक, भीलवाड़ा।
5 धार- सीकर, झुंझनू, चुरु, बीकानेर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर।
6 हाड़ौती- कोटा, बूंदी, बारा, झालावाड़।

ये हैं क्षेत्रों में प्रभारी, सहप्रभारी...
1 ब्रज क्षेत्र में डॉ. अजय तोमर प्रभारी, चंदन चौहान सहप्रभारी
2 मारवाड़ क्षेत्र में दिलनवाज खान प्रभारी, नरेंद्र सिंह खजूरी सहप्रभारी
3 मेवाड़ क्षेत्र में शिवकरन सिंह प्रभारी, अनिल कुमार सहप्रभारी
4 मध्य राजस्थान में भगवती प्रसाद प्रभारी, सहप्रभारी प्रसन्न चौधरी को बनाया है।
5 धार क्षेत्र में गजराज सिंह प्रभारी और गुड्‌डू चौधरी सहप्रभारी
6 हाड़ौती में सुदेश शर्मा प्रभारी और मेरठ सिवालखास से सपा नेता विधायक गुलाम मोहम्मद सहप्रभारी रहेंगे।

कार्यक्रम: राज्यपाल द्वारा मुजफ्फरनगर का भ्रमण

कार्यक्रम: राज्यपाल द्वारा मुजफ्फरनगर का भ्रमण  

भानु प्रताप उपाध्याय

मुजफ्फरनगर। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा बृहस्पतिवार को जनपद मुजफ्फरनगर का भ्रमण किया गया। राज्यपाल के जनपद भ्रमण के दौरान जिला पंचायत सभागार मुजफ्फरनगर में आंगनबाडी केन्द्रो को गोद लेने का कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसके अन्तर्गत राज्यपाल की प्रेरणा से जनपद के अन्तर्गत कुल 75 आंगनबाडी केन्द्रो को गोद लिया गया उक्त कार्यक्रम में राज्यपाल के अतिरिक्त केन्द्रीय राज्यमंत्री, भारत सरकार डॉ. संजीव कुमार बालियान, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), उत्तर प्रदेश सरकार, कपिल देव अग्रवाल, अध्यक्षा, नगर पालिका परिषद श्रीमती अंजू अग्रवाल, विधान परिषद सदस्य श्रीमती वंदना वर्मा, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की कुलपति, प्रो0 संगीता शुक्ला, शाकुम्भरी देवी विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रो0 एचएस सिंह द्वारा सम्मानित अतिथि के रूप में मंच पर प्रतिभाग किया गया। मंचासीन अतिथियों के अतिरिक्त जिलाधिकारी चन्द्र शभूषण सिंह, अपर जिलाधिकारी (प्रशासन), नरेन्द्र बहादुर सिंह, उपजिलाधिकारी, सदर, परमानन्द झा, मुख्य चिकित्साधिकारी, महावीर सिंह फौजदार, जिला पंचायत राज अधिकारी, अनिल कुमार, अपर मुख्य अधिकारी जितेन्द्र कुमार, उपायुक्त उद्योग, परमहंस मोर्य, प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेश कुमार गोंड, समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी, गोद लिये गये आंगनबाडी केन्द्रो की 75 आंगनवाड़ी कार्यकत्रियां, 09 आंगनबाडी सहायिकाएं, 18 आषा एवं 18 ग्राम प्रधान द्वारा प्रतिभाग किया गया। मंच का संचालन मुख्य विकास अधिकारी आलोक यादव द्वारा किया गया। आंगनबाडी केन्द्र गोद लेने वाली चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ द्वारा 15 आंगनबाडी केन्द्र, शाकुम्भरी देवी विश्वविद्यालय द्वारा 10 आंगनबाडी केन्द्र, बैंकिग एसोसिएशन, मुजफ्फरनगर द्वारा कुल 30 आंगनबाडी केन्द्र (पंजाब नेशनल बैंक, भारतीय स्टेट बैंक व कैनरा बैंक द्वारा 05-05 आंगनबाडी केन्द्र, सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया, इण्डिन बैंक, पंजाब एण्ड सिंध बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया द्वारा 03-03 आंगनबाडी केन्द्र बैंक ऑफ बडौदा द्वारा 02 आंगनबाडी केन्द्र तथा बैंक ऑफ इण्डिया द्वारा 01 आंगनबाडी), विपुल भटनागर, अध्यक्ष, आईआईए चैप्टर, मुजफ्फरनगर, रजनीश कुमार, अध्यक्ष, फैडरेशन ऑफ मुजफ्फरनगर कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज, सतीषचन्द गोयल, निदेशक, टिहरी ऑयरन एण्ड स्टील कास्टिंग लिमिटिड, मुजफ्फरनगर एवं संजय कुमार जैन, निदेशक, सर्वोत्तम रोलिंग मिल्स प्रालि मुजफ्फरनगर द्वारा 05-05 आंगनबाडी केन्द्रो को गोद लिया गया।

कार्यक्रम के दौरान 5 अथवा अधिक आंगनबाडी केन्द्रो गोद लेने वाली 07 संस्थाओ को राज्यपाल द्वारा प्रषस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। साथ ही 10 आंगनबाडी केन्द्रो को सुविधा सम्पन्न बनाने के लिए खिलौना किट का वितरण राज्यपाल एवं मंचासीन अतिथियों द्वारा स्वयं किया गया। कार्यक्रम के दौरान मुख्य विकास अधिकारी, मुजफ्फरनगर द्वारा राज्यपाल का संक्षिप्त परिचय दिया गया। तत्पश्चात राज्यपाल द्वारा अपनी उद्बोधन के दौरान सर्वप्रथम आंगनबाडी केन्द्र गोद लेने वाली संस्थाओं का धन्यवाद किया गया। राज्यपाल द्वारा आंगनबाडी केन्द्रो के उत्थान हेतु केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे विभिन्न प्रयासों के अतिरिक्त समाज द्वारा भी योगदान किये जाने का अनुरोध किया गया।राज्यपाल द्वारा जनप्रतिनिधियों एवं जनपद स्तरीय अधिकारियों से अपेक्षा की गयी कि वह अपने भ्रमण के दौरान आंगबाडी केन्द्र पर ड्राई राशन वितरण व्यवस्था, प्राथमिक विद्यालयों में मिड-डे-मील एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र/स्वास्थ्य उपकेन्द्र पर गर्भवती महिलाओ के पंजीकरण से सम्बंधित जानकारी अवश्य करें एवं किसी भी व्यवधान की दशा में अपेक्षित कार्यवाही भी करें। राज्यपाल द्वारा ‘‘नगर‘‘ सूत्र (न-नल अर्थात जल, ग-गटर/नाली एवं र-रोड) का उल्लेख करते हुए करते हुए जनप्रतिनिधियों को इनसे सम्बंधित समस्याओ के निराकरण में व्यस्त रहने एवं अन्य आधारभूत सुविधाओ पर अपेक्षित ध्यान न दिये जाने के विशय में अवगत कराया गया।

राज्यपाल द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रत्येक आम जन तक पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में किये जा रहे प्रयास का उल्लेख करते हुए समाज के प्रत्येक व्यक्ति को जल एवं विद्युत का समुचित उपयोग करने का संदेश दिया गया, ताकि जल एवं विद्युत का व्यर्थ उपयोग रोका जा सके। इसी प्रकार राज्यपाल द्वारा सभी लोगो को अपने बच्चो में बचत की आदत अपनाने हेतु प्रेरित किया गया ताकि विभिन्न संषाधनो को आगामी पीढी हेतु संरक्षित किया जा सके।राज्यपाल द्वारा आंगनबाडी केन्द्रो के विकास पर विशेष बल दिये जाने के विशय में अवगत कराया गया कि आज हमें आवश्यकता इस बात की है कि उच्च शिक्षा के साथ-साथ आधारभूत/प्राथमिक शिक्षा पर भी विशेष ध्यान केन्द्रित किया जाये। इस हेतु उपस्थित कुलपति, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय एवं शाकुम्भरी देवी विश्वद्यिालय से भी गांव/आंगनबाडी केन्द्रो से सीधे सम्पर्क की अपेक्षा की गयी। राज्यपाल द्वारा आम जीवन प्रतिरक्षण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए सभी को यथासम्भव प्रशिक्षण प्राप्त करने का संदेश दिया गया, ताकि हम अपने अनुभव से आगामी पीढी को भी लाभान्वित कर सके। राज्यपाल द्वारा जिलाधिकारी से अपेक्षा की गयी कि वह उनके आंगनबाडी केन्द्र गोद लेने/सुविधा सम्पन्न बनाने के कार्यक्रम को आगे बढाने की दिशा में यथासम्भव प्रयास करेंगे। राज्यपाल के उद्बोधन के पश्चात जिलाधिकारी द्वारा राज्यपाल को धन्यवाद ज्ञापित किया गया एवं आश्वासन दिया गया कि वह आंगनबाडी केन्द्र गोद लेने/सुविधा सम्पन्न बनाने के कार्यक्रम को आगे बढाने का हर सम्भव प्रयास करें।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण     

1. अंक-216, (वर्ष-05)
2. शुक्रवार, मई 13, 2022
3. शक-1944, वैशाख, शुक्ल-पक्ष, तिथि-द्वादशी, विक्रमी सवंत-2079।
4. सूर्योदय प्रातः 05:33, सूर्यास्त: 07:01।
5. न्‍यूनतम तापमान- 29 डी.सै., अधिकतम-41+ डी.सै.। उत्तर भारत में बरसात की संभावना।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु, (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102
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बुधवार, 11 मई 2022

रूस की सेना ने अपने ही सैनिकों पर हमला किया

रूस की सेना ने अपने ही सैनिकों पर हमला किया 

अखिलेश पांडेय        

मॉस्को/कीव। रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग को ढाई महीने से ज्यादा का वक्त हो चुका है। यूक्रेन के कई शहर बर्बाद हो चुके हैं। इस बीच, यूक्रेन ने दावा किया है कि रूस की सेना ने गलती से अपने ही सैनिकों पर हमला करके उनको मौत के घाट उतार दिया। यूक्रेनी सेना के अधिकारियों ने रूस को थैंक्यू कहा है।रिपोर्ट के अनुसार, रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच व्लादिमीर पुतिन की सेना को एक और झटका लगा है। रूसी सैनिकों को उनकी ही सेना ने गलती से मार दिया। रूसी सेना ने अपने सैनिकों पर फ्लेमथ्रोवर से हमला किया‌‌। लेकिन जब रूसी सेना हमला कर रही थी तब उसे पता नहीं था कि वो यूक्रेन के सैनिकों को नहीं बल्कि अपने सैनिकों को मार रही है। रूसी सैनिकों पर उनकी ही आर्मी की तरफ किए गए हमले के बाद यूक्रेन के मिलिट्री अफसरों ने रूस को धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा कि रूसी सेना ने हमारी मदद की इसके लिए धन्यवाद। रूसी सेना ने अपने सैनिकों पर यूक्रेन के प्रांत में हमला किया।

हालांकि, रूस ने अभी तक रूसी सेना की गलती पर कोई रिएक्शन नहीं दिया है। ये पता नहीं चल पाया है कि रूसी सेना के हमले में उसके कितने सैनिक मारे गए? इस बीच, यूक्रेन की तरफ से ये भी दावा किया है कि रूसी सैनिक खुद अपने वाहनों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। जिससे उनको यूक्रेन में आगे की तरफ बढ़कर जंग नहीं करनी पड़े। वहीं, रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन में एक लंबे युद्ध की तैयारी कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, जब से रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर अपना आक्रमण शुरू किया। राजधानी कीव में 390 इमारतों को नष्ट कर दिया गया है। जिनमें से 222 आवासीय अपार्टमेंट हैं।

प्रोजेक्ट के विकास पर भारत से बातचीत का फैसला

प्रोजेक्ट के विकास पर भारत से बातचीत का फैसला  

डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत

नई दिल्ली/काठमांडू। नेपाल सरकार ने पश्चिमी सेती हाइड्रोपॉवर प्रोजेक्ट के विकास को लेकर भारत से बातचीत करने का फैसला किया है। बता दें कि इस प्रोजेक्ट को लेकर नेपाल इस से पहले चीन के साथ बातचीत कर रहा था। नेपाली मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 2012 और 2017 में इस हाइड्रोपॉवर प्रोजेक्ट को लेकर चीनी कंपनियों से समझौता किया था। लेकिन अब नेपाल के पीएम शेर बहादुर देउबा ने जानकारी दी है कि सेती हाइड्रोपॉवर प्रोजेक्ट को लेकर नेपाल भारत से बातचीत कर रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस से 1250 मेगावाट की बिजली पैदा की जा सकती है। देउबा ने बताया है कि पीएम नरेंद्र मोदी 16 मई लुंबिनी आ रहे हैं और इसी दौरान उनसे पश्चिमी सेती हाइड्रोपॉवर प्रोजेक्ट को लेकर बातचीत की जाएगी। उन्होंने आगे बताया है कि चूंकि भारत नेपाल में चीनी कंपनियों द्वारा उत्पादित ऊर्जा खरीदने को लेकर अनिच्छुक है, ऐसे में हम भारतीय डेवलपर्स की भागीदारी के लिए पीएम मोदी से बात करेंगे। बता दें कि नेपाल के सुदूरपश्चिम प्रदेश में सेती नदी पर बनने वाली प्रस्तावित 1250 मेगावाट की पश्चिमी सेती हाइड्रोपॉवर प्रोजेक्ट को लेकर पिछले छह दशकों से बातचीत हो रही है।

देउबा ने बताया है कि पश्चिमी सेती हाइड्रोपॉवर प्रोजेक्ट के विकास के लिए एक विश्वसनीय भारतीय कंपनी के साथ निर्णायक बातचीत की जरूरत है। हमें सर्दियों में ऊर्जा सुरक्षा के लिए भंडारण-प्रकार के प्रोजेक्ट्स में निवेश करने की जरूरत है। बता दें कि नेपाल और भारत पंचेश्वर बहुउद्देशीय प्रोजेक्ट को भी विकसित करने के लिए बातचीत कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पश्चिमी सेती हाइड्रोपॉवर प्रोजेक्ट को जमीन पर उतारने का प्लान 1981 से जारी है। 1981 में एक फ्रांसीसी कंपनी सोग्रेह ने 37 मेगावाट के प्रोजेक्ट को लेकर स्टडी की गई थी लेकिन इस प्लान में बांध बनाने की बात नहीं थी। बाद में 1987 में उसी फ्रांसीसी कंपनी ने अपने प्लान में बदलाव किया और कहा कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना 380 मेगावाट का भंडारण किया जा सकता है। लेकिन 1994 में इस प्रोजेक्ट के सर्वेक्षण के लिए एक ऑस्ट्रेलियाई कंपनी को लाइसेंस मिला। 1997 में इस कंपनी को लाइसेंस दिया गया। इस प्रोजेक्ट के तहत 90 फीसद बिजली भारत को बेचने का इरादा था। इतना सब कुछ होने के बाद भी प्रोजेक्ट पर काम नहीं शुरू हो सका।

फिर चीनी कंपनी चाइना नेशनल मशीनरी एंड इक्विपमेंट इम्पोर्ट एंड एक्सपोर्ट कॉरपोरेशन में इसमें निवेश करने की इच्छा जताई। 2009 में नेपाल के तत्काल पीएम माधव नेपाल चीन के दौरे पर गए तो समझौते पर साइन किए। चीनी फर्म ने इसमें नेपाली 15 अरब रुपये लगाने का फैसला किया। लेकिन बाद में इस कंपनी ने निवेश के लिए अनुकूल वातावरण नहीं होने का कारण बताकर प्रोजेक्ट को छोड़ने की बात कही। फिर हुआ ये कि नेपाल सरकार ने लाइसेंस रद्द कर दिया। 2017 में फिर दूसरी चीनी थ्री गोरजेस इंटरनेशनल कारपोरेशन कंपनी आई। 2018 में इस कंपनी ने भी भारी पुनर्वास और पुनर्वास लागत को कारण बताकर प्रोजेक्ट छोड़ने की बात कही। रिपोर्ट्स के मुताबिक नई दिल्ली ने नेपाल से दो टूक कहा हुआ है कि अगर काठमांडू भारत के पावर एक्सचेंज मार्केट में बिजली बेचने की योजना बना रहा है तो यह सुनिश्चित करना होगा कि उन हाइड्रोपॉवर प्रोजेक्ट्स में कोई चीनी घटक नहीं होगा। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि यही कारण है कि नेपाल पश्चिमी सेती हाइड्रोपॉवर प्रोजेक्ट को लेकर भारत के पास पहुंचा है।

14 मई को कराया जाएगा, लोक अदालत का आयोजन

14 मई को कराया जाएगा, लोक अदालत का आयोजन   

भानु प्रताप उपाध्याय               

मुजफ्फरनगर। जनपद में माननीय न्यायालय द्वारा लगातार जनपदवासियों की समस्याओं को ध्यान रखते हुए उनके निस्तारण हेतु लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में आज जिला जज चव्यनप्रकाश द्वारा आगामी 14 मई को लोक अदालत का आयोजन कराया जाएगा। जिसको लेकर जिला जज द्वारा लोक अदालत की रैली को जन जागरूकता के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। वहीं एडीजे व नोडल प्रभारी लोक अदालत शक्ति सिंह ने बताया कि मुजफ्फरनगर की जनता को त्वरित न्याय दिलाने के लिए वह उनकी समस्याओं को ध्यान में रखकर लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है।

जिसका आयोजन 14 मई को कलेक्ट्रेट परिसर में किया जाएगा। वही लोक अदालत में ट्रैफिक चालान, छोटे मुकदमा निस्तारण, बैंक से संबंधित समस्याएं, आरटीओ से संबंधित आदि समस्याओं का निस्तारण किया जाएगा। यह लोक अदालत राष्ट्रीय लोक अदालत है। जो पूरे भारत में एक ही दिन एक ही तारीख को हर जनपद व हर प्रदेश के अंदर लोगों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए आयोजित की जाती है। लोगों में जन जागरूकता के लिए आज लोक अदालत रैली को हरी झंडी दिखाकर जनपद में रवाना किया। यह रैली लोगों को गली मोहल्ले में जाकर जागरूक करेगी। इस दौरान सभी अधिकारी मौजूद रहे।

राष्ट्रपति पुतिन ने 'परमाणु नीति' पर हस्ताक्षर किए

राष्ट्रपति पुतिन ने 'परमाणु नीति' पर हस्ताक्षर किए  अखिलेश पांडेय  मॉस्को। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक अहम फैसले के अंतर...