बुधवार, 11 मई 2022

प्रोजेक्ट के विकास पर भारत से बातचीत का फैसला

प्रोजेक्ट के विकास पर भारत से बातचीत का फैसला  

डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत

नई दिल्ली/काठमांडू। नेपाल सरकार ने पश्चिमी सेती हाइड्रोपॉवर प्रोजेक्ट के विकास को लेकर भारत से बातचीत करने का फैसला किया है। बता दें कि इस प्रोजेक्ट को लेकर नेपाल इस से पहले चीन के साथ बातचीत कर रहा था। नेपाली मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 2012 और 2017 में इस हाइड्रोपॉवर प्रोजेक्ट को लेकर चीनी कंपनियों से समझौता किया था। लेकिन अब नेपाल के पीएम शेर बहादुर देउबा ने जानकारी दी है कि सेती हाइड्रोपॉवर प्रोजेक्ट को लेकर नेपाल भारत से बातचीत कर रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस से 1250 मेगावाट की बिजली पैदा की जा सकती है। देउबा ने बताया है कि पीएम नरेंद्र मोदी 16 मई लुंबिनी आ रहे हैं और इसी दौरान उनसे पश्चिमी सेती हाइड्रोपॉवर प्रोजेक्ट को लेकर बातचीत की जाएगी। उन्होंने आगे बताया है कि चूंकि भारत नेपाल में चीनी कंपनियों द्वारा उत्पादित ऊर्जा खरीदने को लेकर अनिच्छुक है, ऐसे में हम भारतीय डेवलपर्स की भागीदारी के लिए पीएम मोदी से बात करेंगे। बता दें कि नेपाल के सुदूरपश्चिम प्रदेश में सेती नदी पर बनने वाली प्रस्तावित 1250 मेगावाट की पश्चिमी सेती हाइड्रोपॉवर प्रोजेक्ट को लेकर पिछले छह दशकों से बातचीत हो रही है।

देउबा ने बताया है कि पश्चिमी सेती हाइड्रोपॉवर प्रोजेक्ट के विकास के लिए एक विश्वसनीय भारतीय कंपनी के साथ निर्णायक बातचीत की जरूरत है। हमें सर्दियों में ऊर्जा सुरक्षा के लिए भंडारण-प्रकार के प्रोजेक्ट्स में निवेश करने की जरूरत है। बता दें कि नेपाल और भारत पंचेश्वर बहुउद्देशीय प्रोजेक्ट को भी विकसित करने के लिए बातचीत कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पश्चिमी सेती हाइड्रोपॉवर प्रोजेक्ट को जमीन पर उतारने का प्लान 1981 से जारी है। 1981 में एक फ्रांसीसी कंपनी सोग्रेह ने 37 मेगावाट के प्रोजेक्ट को लेकर स्टडी की गई थी लेकिन इस प्लान में बांध बनाने की बात नहीं थी। बाद में 1987 में उसी फ्रांसीसी कंपनी ने अपने प्लान में बदलाव किया और कहा कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना 380 मेगावाट का भंडारण किया जा सकता है। लेकिन 1994 में इस प्रोजेक्ट के सर्वेक्षण के लिए एक ऑस्ट्रेलियाई कंपनी को लाइसेंस मिला। 1997 में इस कंपनी को लाइसेंस दिया गया। इस प्रोजेक्ट के तहत 90 फीसद बिजली भारत को बेचने का इरादा था। इतना सब कुछ होने के बाद भी प्रोजेक्ट पर काम नहीं शुरू हो सका।

फिर चीनी कंपनी चाइना नेशनल मशीनरी एंड इक्विपमेंट इम्पोर्ट एंड एक्सपोर्ट कॉरपोरेशन में इसमें निवेश करने की इच्छा जताई। 2009 में नेपाल के तत्काल पीएम माधव नेपाल चीन के दौरे पर गए तो समझौते पर साइन किए। चीनी फर्म ने इसमें नेपाली 15 अरब रुपये लगाने का फैसला किया। लेकिन बाद में इस कंपनी ने निवेश के लिए अनुकूल वातावरण नहीं होने का कारण बताकर प्रोजेक्ट को छोड़ने की बात कही। फिर हुआ ये कि नेपाल सरकार ने लाइसेंस रद्द कर दिया। 2017 में फिर दूसरी चीनी थ्री गोरजेस इंटरनेशनल कारपोरेशन कंपनी आई। 2018 में इस कंपनी ने भी भारी पुनर्वास और पुनर्वास लागत को कारण बताकर प्रोजेक्ट छोड़ने की बात कही। रिपोर्ट्स के मुताबिक नई दिल्ली ने नेपाल से दो टूक कहा हुआ है कि अगर काठमांडू भारत के पावर एक्सचेंज मार्केट में बिजली बेचने की योजना बना रहा है तो यह सुनिश्चित करना होगा कि उन हाइड्रोपॉवर प्रोजेक्ट्स में कोई चीनी घटक नहीं होगा। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि यही कारण है कि नेपाल पश्चिमी सेती हाइड्रोपॉवर प्रोजेक्ट को लेकर भारत के पास पहुंचा है।

14 मई को कराया जाएगा, लोक अदालत का आयोजन

14 मई को कराया जाएगा, लोक अदालत का आयोजन   

भानु प्रताप उपाध्याय               

मुजफ्फरनगर। जनपद में माननीय न्यायालय द्वारा लगातार जनपदवासियों की समस्याओं को ध्यान रखते हुए उनके निस्तारण हेतु लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में आज जिला जज चव्यनप्रकाश द्वारा आगामी 14 मई को लोक अदालत का आयोजन कराया जाएगा। जिसको लेकर जिला जज द्वारा लोक अदालत की रैली को जन जागरूकता के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। वहीं एडीजे व नोडल प्रभारी लोक अदालत शक्ति सिंह ने बताया कि मुजफ्फरनगर की जनता को त्वरित न्याय दिलाने के लिए वह उनकी समस्याओं को ध्यान में रखकर लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है।

जिसका आयोजन 14 मई को कलेक्ट्रेट परिसर में किया जाएगा। वही लोक अदालत में ट्रैफिक चालान, छोटे मुकदमा निस्तारण, बैंक से संबंधित समस्याएं, आरटीओ से संबंधित आदि समस्याओं का निस्तारण किया जाएगा। यह लोक अदालत राष्ट्रीय लोक अदालत है। जो पूरे भारत में एक ही दिन एक ही तारीख को हर जनपद व हर प्रदेश के अंदर लोगों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए आयोजित की जाती है। लोगों में जन जागरूकता के लिए आज लोक अदालत रैली को हरी झंडी दिखाकर जनपद में रवाना किया। यह रैली लोगों को गली मोहल्ले में जाकर जागरूक करेगी। इस दौरान सभी अधिकारी मौजूद रहे।

यमुना की छाती को चीरकर, अवैध खनन बदस्तूर जारी

यमुना की छाती को चीरकर, अवैध खनन बदस्तूर जारी

अश्वनी उपाध्याय 
गाजियाबाद। लोनी विधानसभा स्थित गांव पचायरा के पास यमुना नदी के किनारे पर दो स्थानों पर अवैध खनन का कार्य बदस्तूर जारी है। 
गौरतलब हो, पत्रकार प्रतिनिधि मंडल के द्वारा अवैध खनन की कवरेज का कार्य किया गया। मौके पर पोकलेन मशीन को यमुना की धारा के बीचों-बीच पैड़ बनाकर अवैध खनन का कार्य किया जा रहा है। अवैध खनन से यमुना की सतह को काफी नुकसान पहुंचता है। उसी के साथ  भारी वाहनों के आवागमन के कारण यमुना के किनारे बने हुए पुस्ता सड़क का भी बुरा हाल हो गया है। 
जिससे स्थानीय निवासियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बहरहाल, प्रशासनिक अमले की सक्रियता के बावजूद अवैध खनन का कार्य बदस्तूर जारी है। जिसमें कहीं ना कहीं प्रशासनिक अमले की लापरवाही की मौजूदगी का एहसास होता है। अवैध खनन के संबंध में उप जिला अधिकारी लोनी एवं खनन अधिकारी से बात कर जानकारी अर्जित करने का प्रयास किया गया। किंतु उप जिला अधिकारी के मोबाइल की व्यस्तता के चलते बात नहीं हो पाई। वहीं, खनन अधिकारी के फोन पर घंटी गई। लेकिन, खनन अधिकारी ने कोई रिस्पांस नहीं दिया।

12 मई को कोविड शिखर बैठक में हिस्सा लेंगे पीएम

12 मई को कोविड शिखर बैठक में हिस्सा लेंगे पीएम 

अकांशु उपाध्याय     

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 मई को द्वितीय डिजिटल वैश्विक कोविड शिखर बैठक में हिस्सा लेंगे। विदेश मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय के बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी इस बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के निमंत्रण पर हिस्सा लेंगेे। शिखर बैठक में कोविड महामारी की चुनौतियों से निपटने के नये कदमों एवं मजबूत वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा ढांचा तैयार करने के बारे में चर्चा होगी। 

बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री इस शिखर बैठक के उद्घाटन सत्र में ‘महामारी के तनाव की रोकथाम एवं तैयारियों को प्राथमिकता’ विषय पर संबोधन देंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रथम वैश्विक कोविड शिखर बैठक में 22 मई 2021 को हिस्सा लिया था। जिसकी मेजबानी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने की थी।

एमवीए सरकार ने सांसद पर अन्यायपूर्ण कार्रवाई की

एमवीए सरकार ने सांसद पर अन्यायपूर्ण कार्रवाई की  

कविता गर्ग  

मुंबई। केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा है कि अमरावती की सांसद नवनीत राणा एक दलित हैं और महाराष्ट्र की महा विकास अघाडी (एमवीए) सरकार ने उनके खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से प्रेरित होकर अन्यायपूर्ण कार्रवाई की। हनुमान चालीसा विवाद को लेकर नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा के खिलाफ महाराष्ट्र में राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया था। केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्य मंत्री अठावले ने दिल्ली में नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा से मुलाकात करने के बाद मंगलवार रात को संवाददाताओं से कहा कि राणा दंपति से जुड़े पूरे प्रकरण की जांच होनी चाहिए। राणा दंपति ने पिछले महीने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी आवास के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने की घोषणा की थी, जिसे लेकर काफी विवाद हुआ था। शिव सैनिकों के प्रदर्शन के बाद इसी सिलसिले में मुंबई पुलिस ने पति-पत्नी के खिलाफ राजद्रोह तथा अन्य आरोपों के तहत प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। अठावले ने कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है। उन्होंने राणा दंपति के विरुद्ध देशद्रोह के आरोप में मामला दर्ज करने को लेकर प्रश्न खड़े किए।

अठावले ने कहा कि राणा दंपति केवल उद्धव ठाकरे के निजी आवास ‘मातोश्री’ के बाहर ‘हनुमान चालीसा’ का पाठ करना चाहते थे, इस मंशा से कि राज्य के विभिन्न मुद्दों को ईश्वरीय आह्वान के माध्यम से हल किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “राणा दंपति के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने की कोई आवश्यकता नहीं थी क्योंकि उन्होंने विरोध प्रदर्शन नहीं किया था। उन्हें देशद्रोह के आरोप में जेल भेजना लोकतंत्र पर एक धब्बे के समान है। अठावले ने आरोप लगाया कि अमरावती और मुंबई के उपनगरीय खार स्थित राणा दंपति के आवासों पर पथराव किया गया था। उन्होंने बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) द्वारा खार हाउसिंग सोसाइटी को नोटिस जारी करने के कदम का भी विरोध करते हुए इस पर प्रश्न खड़े किए। खार हाउसिंग सोसाइटी में ही राणा दंपति का एक फ्लैट है। अठावले ने बीएमसी पर प्रतिशोध की भावना से काम करने का आरोप लगाया। अठावले ने कहा, “राणा दंपति के साथ अन्याय किया गया है।

नवनीत राणा निर्वाचित सांसद हैं। बदला लेने की भावना के साथ उनके खिलाफ की गई कार्रवाई बेहद गंभीर है। नवनीत राणा हमारे दलित समुदाय से हैं। उनके साथ अन्याय हुआ है। मैं रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) की ओर से इस अन्यायपूर्ण व्यवहार की निंदा करता हूं। अन्याय करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।” मुंबई की एक अदालत ने पांच मई को राणा दंपति को जमानत दे दी थी।

महाराष्ट्र: कोरोना के 223 नए मामलें सामने आए

महाराष्ट्र: कोरोना के 223 नए मामलें सामने आए 

कविता गर्ग      

मुंबई। महाराष्ट्र में बुधवार को कोरोना संक्रमण के 223 नए मामलें सामने आए और दो लोगों की मौत हो गयी। इसके साथ ही प्रदेश में कुल संक्रमितों की संख्या 78,79,522 हो गयी तथा मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 1,47,848 पहुंच गया। 

इस दौरान 161 लोगों ने महामारी को मात दी, जिससे स्वस्थ होने वालों की संख्या 77,30,370 हो गयी। प्रदेश में स्वस्थ होने की दर 98.11 प्रतिशत और मृत्यु दर 1.87 प्रतिशत है। वर्तमान में राज्य भर के विभिन्न अस्पतालों में 1403 सक्रिय रोगियों का इलाज चल रहा है। इस दौरान मराठवाड़ा क्षेत्र को आठ जिलों में कोरोना के शून्य मामले सामने आए।

2 सदस्यीय जांच आयोग के काम-काज पर रोक

2 सदस्यीय जांच आयोग के काम-काज पर रोक

दुष्यंत टीकम

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने लगभग 11 वर्ष पूर्व बस्तर की झीरम घाटी में हुए नक्सल हमले की जांच के लिए भूपेश सरकार द्वारा गठित दो सदस्यीय जांच आयोग के काम-काज पर बुधवार को अगले आदेश तक रोक लगा दी। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरूप कुमार गोस्वामी की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने विधानसभा में विपक्ष के नेता धरमलाल कौशिक की याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए यह आदेश दिया। धरमलाल कौशिक की ओर से उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी के अलावा विवेक शर्मा एवं अभिषेक गुप्ता ने नए जांच आयोग की वैधानिकता पर सवाल उठाए और कहा कि घटना के बाद गठित उच्च न्यायालय के सीटिंग जज न्यायमूर्ति प्रशान्त मिश्रा के एकल सदस्यीय जांच आयोग की राज्यपाल को सौंपी गई रिपोर्ट को विधानसभा के पटल पर रखे बगैर नए आयोग का गठन करना गलत हैं।

दरअसल भूपेश सरकार ने न्यायमूर्ति प्रशान्त मिश्रा के एकल सदस्यीय जांच आयोग के राज्यपाल को लगभग आठ वर्षों बाद रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद राज्य सरकार ने जांच में कुछ और नए बिन्दुओं को शामिल करते हुए सेवानिवृत न्यायमूर्ति सतीशचन्द्र अग्निहोत्री एवं न्यायमूर्ति मिन्हाजुद्दीन के दो सदस्यीय जांच आयोग का गठन कर दिया। सरकार ने न्यायमूर्ति प्रशान्त मिश्रा जांच आयोग की रिपोर्ट को विधानसभा के पटल पर भी नही रखा। विधानसभा में विपक्ष के नेता धऱमलाल कौशिक ने इस पर नए आयोग की वैधानिकता को उच्च न्यायालय में चुनौती दी।इस पर उच्च न्यायालय ने दो सदस्यीय जांच आयोग के काम-काज पर आज अगले आदेश तक रोक लगा दी।

'राष्ट्रपति' ने विमान हादसे के लिए माफी मांगी

'राष्ट्रपति' ने विमान हादसे के लिए माफी मांगी  अखिलेश पांडेय  मॉस्को। कजाकिस्तान विमान हादसे के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुति...