बुधवार, 11 मई 2022

यमुना की छाती को चीरकर, अवैध खनन बदस्तूर जारी

यमुना की छाती को चीरकर, अवैध खनन बदस्तूर जारी

अश्वनी उपाध्याय 
गाजियाबाद। लोनी विधानसभा स्थित गांव पचायरा के पास यमुना नदी के किनारे पर दो स्थानों पर अवैध खनन का कार्य बदस्तूर जारी है। 
गौरतलब हो, पत्रकार प्रतिनिधि मंडल के द्वारा अवैध खनन की कवरेज का कार्य किया गया। मौके पर पोकलेन मशीन को यमुना की धारा के बीचों-बीच पैड़ बनाकर अवैध खनन का कार्य किया जा रहा है। अवैध खनन से यमुना की सतह को काफी नुकसान पहुंचता है। उसी के साथ  भारी वाहनों के आवागमन के कारण यमुना के किनारे बने हुए पुस्ता सड़क का भी बुरा हाल हो गया है। 
जिससे स्थानीय निवासियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बहरहाल, प्रशासनिक अमले की सक्रियता के बावजूद अवैध खनन का कार्य बदस्तूर जारी है। जिसमें कहीं ना कहीं प्रशासनिक अमले की लापरवाही की मौजूदगी का एहसास होता है। अवैध खनन के संबंध में उप जिला अधिकारी लोनी एवं खनन अधिकारी से बात कर जानकारी अर्जित करने का प्रयास किया गया। किंतु उप जिला अधिकारी के मोबाइल की व्यस्तता के चलते बात नहीं हो पाई। वहीं, खनन अधिकारी के फोन पर घंटी गई। लेकिन, खनन अधिकारी ने कोई रिस्पांस नहीं दिया।

12 मई को कोविड शिखर बैठक में हिस्सा लेंगे पीएम

12 मई को कोविड शिखर बैठक में हिस्सा लेंगे पीएम 

अकांशु उपाध्याय     

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 मई को द्वितीय डिजिटल वैश्विक कोविड शिखर बैठक में हिस्सा लेंगे। विदेश मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय के बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी इस बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के निमंत्रण पर हिस्सा लेंगेे। शिखर बैठक में कोविड महामारी की चुनौतियों से निपटने के नये कदमों एवं मजबूत वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा ढांचा तैयार करने के बारे में चर्चा होगी। 

बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री इस शिखर बैठक के उद्घाटन सत्र में ‘महामारी के तनाव की रोकथाम एवं तैयारियों को प्राथमिकता’ विषय पर संबोधन देंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रथम वैश्विक कोविड शिखर बैठक में 22 मई 2021 को हिस्सा लिया था। जिसकी मेजबानी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने की थी।

एमवीए सरकार ने सांसद पर अन्यायपूर्ण कार्रवाई की

एमवीए सरकार ने सांसद पर अन्यायपूर्ण कार्रवाई की  

कविता गर्ग  

मुंबई। केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा है कि अमरावती की सांसद नवनीत राणा एक दलित हैं और महाराष्ट्र की महा विकास अघाडी (एमवीए) सरकार ने उनके खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से प्रेरित होकर अन्यायपूर्ण कार्रवाई की। हनुमान चालीसा विवाद को लेकर नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा के खिलाफ महाराष्ट्र में राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया था। केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्य मंत्री अठावले ने दिल्ली में नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा से मुलाकात करने के बाद मंगलवार रात को संवाददाताओं से कहा कि राणा दंपति से जुड़े पूरे प्रकरण की जांच होनी चाहिए। राणा दंपति ने पिछले महीने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी आवास के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने की घोषणा की थी, जिसे लेकर काफी विवाद हुआ था। शिव सैनिकों के प्रदर्शन के बाद इसी सिलसिले में मुंबई पुलिस ने पति-पत्नी के खिलाफ राजद्रोह तथा अन्य आरोपों के तहत प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। अठावले ने कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है। उन्होंने राणा दंपति के विरुद्ध देशद्रोह के आरोप में मामला दर्ज करने को लेकर प्रश्न खड़े किए।

अठावले ने कहा कि राणा दंपति केवल उद्धव ठाकरे के निजी आवास ‘मातोश्री’ के बाहर ‘हनुमान चालीसा’ का पाठ करना चाहते थे, इस मंशा से कि राज्य के विभिन्न मुद्दों को ईश्वरीय आह्वान के माध्यम से हल किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “राणा दंपति के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने की कोई आवश्यकता नहीं थी क्योंकि उन्होंने विरोध प्रदर्शन नहीं किया था। उन्हें देशद्रोह के आरोप में जेल भेजना लोकतंत्र पर एक धब्बे के समान है। अठावले ने आरोप लगाया कि अमरावती और मुंबई के उपनगरीय खार स्थित राणा दंपति के आवासों पर पथराव किया गया था। उन्होंने बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) द्वारा खार हाउसिंग सोसाइटी को नोटिस जारी करने के कदम का भी विरोध करते हुए इस पर प्रश्न खड़े किए। खार हाउसिंग सोसाइटी में ही राणा दंपति का एक फ्लैट है। अठावले ने बीएमसी पर प्रतिशोध की भावना से काम करने का आरोप लगाया। अठावले ने कहा, “राणा दंपति के साथ अन्याय किया गया है।

नवनीत राणा निर्वाचित सांसद हैं। बदला लेने की भावना के साथ उनके खिलाफ की गई कार्रवाई बेहद गंभीर है। नवनीत राणा हमारे दलित समुदाय से हैं। उनके साथ अन्याय हुआ है। मैं रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) की ओर से इस अन्यायपूर्ण व्यवहार की निंदा करता हूं। अन्याय करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।” मुंबई की एक अदालत ने पांच मई को राणा दंपति को जमानत दे दी थी।

महाराष्ट्र: कोरोना के 223 नए मामलें सामने आए

महाराष्ट्र: कोरोना के 223 नए मामलें सामने आए 

कविता गर्ग      

मुंबई। महाराष्ट्र में बुधवार को कोरोना संक्रमण के 223 नए मामलें सामने आए और दो लोगों की मौत हो गयी। इसके साथ ही प्रदेश में कुल संक्रमितों की संख्या 78,79,522 हो गयी तथा मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 1,47,848 पहुंच गया। 

इस दौरान 161 लोगों ने महामारी को मात दी, जिससे स्वस्थ होने वालों की संख्या 77,30,370 हो गयी। प्रदेश में स्वस्थ होने की दर 98.11 प्रतिशत और मृत्यु दर 1.87 प्रतिशत है। वर्तमान में राज्य भर के विभिन्न अस्पतालों में 1403 सक्रिय रोगियों का इलाज चल रहा है। इस दौरान मराठवाड़ा क्षेत्र को आठ जिलों में कोरोना के शून्य मामले सामने आए।

2 सदस्यीय जांच आयोग के काम-काज पर रोक

2 सदस्यीय जांच आयोग के काम-काज पर रोक

दुष्यंत टीकम

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने लगभग 11 वर्ष पूर्व बस्तर की झीरम घाटी में हुए नक्सल हमले की जांच के लिए भूपेश सरकार द्वारा गठित दो सदस्यीय जांच आयोग के काम-काज पर बुधवार को अगले आदेश तक रोक लगा दी। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरूप कुमार गोस्वामी की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने विधानसभा में विपक्ष के नेता धरमलाल कौशिक की याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए यह आदेश दिया। धरमलाल कौशिक की ओर से उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी के अलावा विवेक शर्मा एवं अभिषेक गुप्ता ने नए जांच आयोग की वैधानिकता पर सवाल उठाए और कहा कि घटना के बाद गठित उच्च न्यायालय के सीटिंग जज न्यायमूर्ति प्रशान्त मिश्रा के एकल सदस्यीय जांच आयोग की राज्यपाल को सौंपी गई रिपोर्ट को विधानसभा के पटल पर रखे बगैर नए आयोग का गठन करना गलत हैं।

दरअसल भूपेश सरकार ने न्यायमूर्ति प्रशान्त मिश्रा के एकल सदस्यीय जांच आयोग के राज्यपाल को लगभग आठ वर्षों बाद रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद राज्य सरकार ने जांच में कुछ और नए बिन्दुओं को शामिल करते हुए सेवानिवृत न्यायमूर्ति सतीशचन्द्र अग्निहोत्री एवं न्यायमूर्ति मिन्हाजुद्दीन के दो सदस्यीय जांच आयोग का गठन कर दिया। सरकार ने न्यायमूर्ति प्रशान्त मिश्रा जांच आयोग की रिपोर्ट को विधानसभा के पटल पर भी नही रखा। विधानसभा में विपक्ष के नेता धऱमलाल कौशिक ने इस पर नए आयोग की वैधानिकता को उच्च न्यायालय में चुनौती दी।इस पर उच्च न्यायालय ने दो सदस्यीय जांच आयोग के काम-काज पर आज अगले आदेश तक रोक लगा दी।

जेआरएफ पदों के लिए आवेदन आमंत्रित कियें

जेआरएफ पदों के लिए आवेदन आमंत्रित कियें 

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। सेंटर फॉर पर्सनेल टैलेंट मैनेजमेंट  डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने जूनियर रिसर्च फेलो (JRF) पदों के लिए योग्य उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित कियें हैं। जो उम्मीदवार इच्छुक हैं। उन्हें बता दें, आवेदन फॉर्म डीआरडीओ की वेबसाइट drdo.gov.in से डाउनलोड किया जा सकता है। बता दें, रिक्तियों की संख्या 2 है।

शैक्षणिक योग्यता...

निम्नलिखित कोर्सेज में प्रथम श्रेणी में गेट / नेट स्कोर या बीई / बीटेक के साथ एमई / एमटेक डिग्री के साथ प्रथम श्रेणी में बीई या बीटेक डिग्री वाले उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं।

कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग / टेक्नोलॉजी।

कंप्यूटर साइंस और ऑटोमेशन इंजीनियरिंग /
टेक्नोलॉजी।

कंप्यूटर साइंस  / टेक्नोलॉजी और इनफॉर्मेटिव साइंस।

कम्युनिकेशन साइंस इंजीनियरिंग।

कंप्यूटर साइंस और सिस्टम इंजीनियरिंग।

कंप्यूटर साइंस और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी।

कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी।

कंप्यूटर साइंस/इंजीनियरिंग/टेक्नोलॉजी।

सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग / टेक्नोलॉजी।

कम्युनिकेशन साइंस और इंजीनियरिंग / टेक्नोलॉजी।

कंप्यूटर और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग।
कंप्यूटर नेट्वर्किंग।

उम्र सीमा...
एससी, एसटी और ओबीसी उम्मीदवारों के लिए छूट के साथ इन पदों के लिए ऊपरी आयु सीमा 28 वर्ष है।एसआरएफ में उन्नयन के प्रावधान के साथ इस फेलोशिप का कार्यकाल 2 वर्ष है। शोध छात्रोंको सरकारी नियमों के अनुसार मकान किराया भत्ता और अन्य सुविधाओं के अलावा प्रति माह 31,000 रुपये प्राप्त होंगे।

भारतीय वैज्ञानिकों के प्रति आभार व्यक्त किया

भारतीय वैज्ञानिकों के प्रति आभार व्यक्त किया 

अकांशु उपाध्याय           
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को अंतर्राष्ट्रीय टेक्नोलॉजी दिवस के अवसर पर 1998 में पोखरण परमाणु परीक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले भारतीय वैज्ञानिकों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भी याद किया और कहा कि उन्हे उस समय राजनीतिक साहस का परिचय दिया था। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, “आज राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर, हम अपने शानदार वैज्ञानिकों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं जिन्होंने 1998 में पोखरण परमाणु परीक्षण किया था। हमें अटल जी के अनुकरणीय नेतृत्व पर गर्व है जिन्होंने उत्कृष्ट राजनीतिक साहस दिखाया।
पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए एक वीडियो साझा किया।
वीडियो में पीएम कहते नजर आ रहे हैं कि पोखरण परमाणु परीक्षण ने देशवासियों को गर्व और आत्मविश्वास से भर दिया।
जिसमें उन्होने कहा की वाजपेयी के भाषण के अंश भी शामिल हैं।
जिसमें उन्होंने परमाणु हथियारों के लिए भारत की ‘पहले इस्तेमाल न करने’ की नीति की घोषणा की थी।
उल्लेखनीय है कि पोखरण परमाणु परीक्षण देश की तकनीकी प्रगति में सबसे महत्वपूर्ण मील का पत्थर रहा है।

राष्ट्रपति पुतिन ने 'परमाणु नीति' पर हस्ताक्षर किए

राष्ट्रपति पुतिन ने 'परमाणु नीति' पर हस्ताक्षर किए  अखिलेश पांडेय  मॉस्को। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक अहम फैसले के अंतर...