बुधवार, 11 मई 2022

भारतीय वैज्ञानिकों के प्रति आभार व्यक्त किया

भारतीय वैज्ञानिकों के प्रति आभार व्यक्त किया 

अकांशु उपाध्याय           
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को अंतर्राष्ट्रीय टेक्नोलॉजी दिवस के अवसर पर 1998 में पोखरण परमाणु परीक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले भारतीय वैज्ञानिकों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भी याद किया और कहा कि उन्हे उस समय राजनीतिक साहस का परिचय दिया था। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, “आज राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर, हम अपने शानदार वैज्ञानिकों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं जिन्होंने 1998 में पोखरण परमाणु परीक्षण किया था। हमें अटल जी के अनुकरणीय नेतृत्व पर गर्व है जिन्होंने उत्कृष्ट राजनीतिक साहस दिखाया।
पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए एक वीडियो साझा किया।
वीडियो में पीएम कहते नजर आ रहे हैं कि पोखरण परमाणु परीक्षण ने देशवासियों को गर्व और आत्मविश्वास से भर दिया।
जिसमें उन्होने कहा की वाजपेयी के भाषण के अंश भी शामिल हैं।
जिसमें उन्होंने परमाणु हथियारों के लिए भारत की ‘पहले इस्तेमाल न करने’ की नीति की घोषणा की थी।
उल्लेखनीय है कि पोखरण परमाणु परीक्षण देश की तकनीकी प्रगति में सबसे महत्वपूर्ण मील का पत्थर रहा है।

पुलिस की अर्जी पर आपत्ति जताने के लिए समय दिया

पुलिस की अर्जी पर आपत्ति जताने के लिए समय दिया  

इकबाल अंसारी  

तिरुवनंतपुरम। केरल में एक मजिस्ट्रेट अदालत ने मुसलमानों के विरूद्ध कथित रूप से घृणापूर्ण भाषण देने के मामलें में आरोपी बनाये गये वरिष्ठ नेता पी सी जार्ज को पुलिस की एक अर्जी पर आपत्ति जताने के लिए बुधवार समय दिया हैै। जिसमें पुलिस ने उनकी जमानत को खारिज करने का अनुरोध किया है। अदालत ने आपत्ति दर्ज कराने के लिए समय दिये जाने संबंधी जार्ज के वकील अजीत कुमार के अनुरोध को स्वीकार कर लिया एवं मामले को 17 मई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। पुलिस ने अपनी अर्जी में आरोप लगाया है कि वरिष्ठ नेता ने जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया है। उसने कहा कि आरोपी का आचरण जमानत की शर्तों का स्पष्ट उल्लंघन है इसलिए अपराध दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 437 (5) के तहत उनकी जमानत खारिज करने योग्य है। पुलिस ने यह भी आरोप लगाया कि जमानत मिलने के शीघ्र बाद जार्ज ने वानचियूर में न्यायिक अधिकारी क्वार्टर्स के सामने मीडिया को संबोधित किया एवं कहा कि उन्होंने भाषण में जो कुछ था, उस पर वह अब तक कायम हैं एवं उसे जायज ठहरा रहे थे।

पुलिस ने कहा कि यह उसी अपराध को दोहराने एवं सांप्रदायिक नफरत फैलाने जैसा है। पुलिस ने कहा कि अदालत ने जमानत देते हुए आरोपी को इस दौरान विवादास्पद बयान नहीं देने एवं उसका प्रचार नहीं करने का निर्देश दिया था। जिससे दूसरों की धार्मिक भावना आहत हो। पुलिस ने फोर्ट थाने में भादंसं की धाराओं 153 ए (धर्म के आधार पर विभिन्न वर्गों में वैमनस्य फैलाना) और 295 (किसी वर्ग की धर्म एवं धार्मिक मान्यता को अपमानित करने एवं धार्मिक भावना आहत करने के उद्देश्य से दुर्भावनापूर्ण हरकत करना) के तहत मामला दर्ज करने के बाद जार्ज को एक मई को गिरफ्तार कर लिया था। जार्ज ने 29 अप्रैल को ‘‘अनंतपुरी हिंदू महा सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए कथित रूप से मुसलमानों के विरूद्ध सांप्रदायिक भाषण दिया था।

पूर्व विधायक जार्ज (70) ने गैर मुसलमानों को मुसलमानों द्वारा संचालित रेस्तराओं में नहीं खाने का आह्वान कर विवाद को जन्म दे दिया था। इस बीच, पोलारिवत्तोम पुलिस ने पूर्व विधायक के विरूद्ध आठ मई को एर्णाकुलम जिले में एक मंदिर उत्सव के सिलसिले में दिये अपने भाषण में कथित आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर मंगलवार को एक अन्य मामला दर्ज किया।

खालिस्तान के झंडे लगाने व नारे लिखने का मामला

खालिस्तान के झंडे लगाने व नारे लिखने का मामला  

इकबाल अंसारी

शिमला। हिमाचल प्रदेश पुलिस ने धर्मशाला में राज्य की शीतकालीन विधानसभा के मुख्य द्वार पर खालिस्तान के झंडे लगाने और उसकी दीवारों पर नारे लिखने के मामलें में बुधवार को पंजाब से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने यह जानकारी दी। व्यक्ति ने रविवार को कथित रूप से अलगाववादी समूह के झंडे वहां बांधे थे। इस कार्य की सभी राजनीतिक दलों ने निंदा की थी।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि दूसरे आरोपी की तलाश की जा रही है और उसे जल्द ही पकड़ लिया जाएगा। ठाकुर ने बुधवार को यहां जारी एक बयान में मीडिया को पुलिस की सफलता के बारे में बताया। पुलिस ने सुबह पंजाब से हरवीर सिंह नामक शख्स को गिरफ्तार किया। उन्होंने कहा कि सिंह ने खालिस्तानी झंडा लगाने और धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश विधानसभा परिसर की बाहरी दीवार पर अलगाववादी नारे लिखने की बात कबूल की है।

12वीं कक्षा के एक विद्यार्थी को मारा चाकू, मौंत

12वीं कक्षा के एक विद्यार्थी को मारा चाकू, मौंत 

अकांशु उपाध्याय  

नई दिल्ली। उत्तरी दिल्ली में सराय रोहिल्ला इलाके की झुग्गी बस्ती में किसी बात पर झगड़ा होने पर एक युवक ने 12वीं कक्षा के एक विद्यार्थी को कथित तौर पर चाकू मार दिया, जिससे उसकी मौंत हो गई। चाकू लगने से एक महिला घायल हो गयी। पुलिस ने बुधवार को बताया कि इस वारदात के सिलसिले में आरोपी आरजू (22) को गिरफ्तार किया गया है। उसके अनुसार, मंगलवार को रात करीब नौ बजे आरजू की मां और प्रवीण नामक महिला के बीच झगड़ा शुरू हो गया। उनके बीच पुरानी रंजिश थी। दोनों के पति दिहाड़ी मजदूर हैं। पुलिस के मुताबिक, घटना के दिन अपने घरों के समीप जब महिलाएं झगड़ रही थीं तब आरजू वहां पहुंचा। उसने प्रवीण को अपशब्द कहे और उसपर चाकू से वार कर दिया।

पुलिस का कहना है कि आरजू के पिता ने प्रवीण के पति से जब कुछ काम नहीं दिलाने को लेकर सवाल जवाब किया तब यह झगड़ा शुरू हुआ। पुलिस के अनुसार इस बीच कक्षा बारहवीं का छात्र मोहम्मद समीर अपने तीन दोस्तों के साथ वहां से गुजर रहा था। जब उसने झगड़ा होते हुए देखा तो उसने हस्तक्षेप किया। इस पर आरजू ने उसके साथ भी गाली-गलौज की और समीर को चाकू मार दिया। पुलिस के अनुसार, समीर की मौके पर ही मौत हो गयी और घायल महिला प्रवीण का अस्पताल में इलाज चल रहा है। उसकी हालत स्थिर बतायी गयी है। पुलिस उपायुक्त (उत्तर) सागर सिंह कलसी ने कहा,‘‘ हमने भादंसं की धाराओं 302 (हत्या) एवं 34 (साझा इरादा) के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपी आरजू एवं उसकी मां को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है जबकि बाकी फरार आरोपियों की धर-पकड़ की कोशिश की जा रही है।

अवैध निर्माण व आपूर्ति में शामिल गिरोह का भंडाफोड़

अवैध निर्माण व आपूर्ति में शामिल गिरोह का भंडाफोड़ 

मनोज सिंह ठाकुर  

इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर में पुलिस ने आग्नेय हथियारों के अवैध निर्माण और आपूर्ति में शामिल गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए तीन लोगों को बुधवार को धर दबोचा। इनके कब्जे से 15 पिस्तौल और इस आग्नेय हथियार की 590 अर्द्धनिर्मित बैरल बरामद की गई हैं। पुलिस के एक आला अधिकारी ने यह जानकारी दी।

अपराध निरोधक शाखा के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) निमिष अग्रवाल ने संवाददाताओं को बताया कि मुखबिर की सूचना पर सबसे पहले अकाल सिंह को पकड़ा गया। उन्होंने बताया कि सिंह की निशानदेही पर प्रेम सिंह उर्फ गोलू और कृष्णकांत झा को गिरफ्तार किया गया।

गलियारा परियोजना शुरू करने की अनुमति नहीं

गलियारा परियोजना शुरू करने की अनुमति नहीं 

इकबाल अंसारी 
भुवनेश्वर। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा उड़ीसा उच्च न्यायालय के समक्ष यह कहने के एक दिन बाद कि उसने राज्य सरकार को पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर के पास विरासत गलियारा परियोजना शुरू करने की अनुमति नहीं दी। विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस ने सत्तारूढ़ बीजद पर “अवैध” गतिविधियों को अंजाम देने का आरोप लगाते हुए तीखा हमला किया है।
एएसआई ने सोमवार को एक हलफनामे में उच्च न्यायालय को बताया कि ओडिशा सेतु एवं विनिर्माण निगम लिमिटेड (ओबीसीसी) के अधिकारियों, जगननाथ मंदिर प्रशासन के साथ संयुक्त निरीक्षण और मौके पर चर्चा के दौरान पाया गया कि मंदिर परिक्रमा गलियारा (कॉरिडोर) परियोजना के लिए सक्षम अधिकारियों द्वारा जारी कोई वैध अनुमति या अनापत्ति प्रमाणपत्र नहीं था।
संगठन ने इसपर पर भी गौर किया कि इस बात की पूरी संभावना थी कि खुदाई या मिट्टी हटाने के दौरान ओबीसीसी ने विरासत स्थल के पुरातात्विक अवशेषों को नष्ट कर दिया हो। भुवनेश्वर से भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी, जिन्होंने पहली बार संसद में इस मुद्दे को उठाया था, ने ट्वीट किया, ”एएसआई द्वारा उड़ीसा उच्च न्यायालय में अपने हलफनामे के हिस्से के रूप में दायर संयुक्त निरीक्षण जानकारी पढ़ने योग्य है।
राज्य सरकार के गलत काम एकदम स्पष्ट हैं।” उन्होंने ट्वीट के साथ संयुक्त निरीक्षण रिपोर्ट भी संलग्न की। सारंगी ने यह भी कहा कि मंदिर से सटे बुनियादी ढांचे के निर्माण पर जनता का पैसा खर्च किया जा रहा है, कुछ ऐसा जो कम से कम 100 मीटर दूर किया जा सकता था।
उन्होंने कहा, ”अगर कल संरचनाओं को अवैध घोषित कर दिया जाता है, तो सैकड़ों करोड़ रुपये की बर्बादी के लिए कौन जिम्मेदार होगा, जो ओडिशा (लोगों) की मेहनत की कमाई है?” उन्होंने लिखा, “एएसआई द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष एक हलफनामा दायर करने के बाद, मुझे विश्वास हो गया है कि भगवान जगन्नाथ खुद को और अपने मंदिर को एक निर्वाचित राज्य सरकार से बचाने की कोशिश कर रहे हैं, जो कानून का उल्लंघन करने पर आमादा है।

15 दिन के विदेश टूर पर जाने की इजाजत मांगी

15 दिन के विदेश टूर पर जाने की इजाजत मांगी 

कविता गर्ग  
मुंबई। बॉलीवुड एक्ट्रेस जैकलीन फर्नांडीस का जबसे महाठग सुकेश चंद्रशेखर संग कनेक्शन सामने आया है, वे कानूनी पचड़े में फंसी हुई हैं। ED ने जैकलीन पर पूरी तरह से शिकंजा कसा हुआ है। क्योंकि ED ने अभी तक सुकेश चंद्रशेखर के मनी लॉन्ड्रिंग केस में जैकलीन को क्लीन चिट नहीं दी है, इसलिए जांच एंजेंसी ने जैकलीन के भारत से बाहर जाने पर बैन लगाया हुआ है। इसी बैन के खिलाफ जैकलीन ने अब दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट से गुहार लगाई है। कहा, माउंटेन गर्ल जैकलीन फर्नांडीस ने कोर्ट से तुरंत 15 दिन के विदेश टूर पर जाने की इजाजत मांगी है। 
जैकलीन ने हवाला दिया है कि उन्हें 2022 IIFA अवॉर्ड समारोह में शिरकत करनी है। इसके लिए उन्हें अब धाबी जाना है। इसके अलावा जैकलीन को विदेश में फिल्म इवेंट को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी है। पटियाला हाउस कोर्ट में लगाई अपनी एप्लिकेशन में जैकलीन ने कहा है कि उन्हें तुरंत अबू धाबी UAE, नेपाल, फ्रांस जाने की परमिशन दी जाए। मालूम हो कि जैकलीन के खिलाफ ED ने लुक आउट सर्कुलर जारी करवाया हुआ है। जैकलीन ने उस LOC को बन्द करने की कोर्ट से गुहार लगाई है। इसके पहले भी बिना इजाजत जैकलीन विदेश जाते वक्त मुंबई एयरपोर्ट पर हिरासत में ली गई थी। वहीं मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने कुछ दिनों पहले जैकलीन फर्नांडिस की करीब 7.27 करोड़ की संपत्ति सीज की थी। जैकलीन की इस एप्लीकेशन पर कोर्ट 11 मई को सुनवाई करेगा। देखना होगा जैकलीन के फेवर में फैसला आता है या नही।

यूपी सरकार ने 'धान खरीद' नीति को मंजूरी दी

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