बुधवार, 11 मई 2022

80 से अधिक बच्चों को चपेट में लिया: फीवर

80 से अधिक बच्चों को चपेट में लिया: फीवर 

अकांशु उपाध्याय     
नई दिल्ली। कोरोना वायरस का कहर अभी पूरी तरह खत्म भी नहीं हुआ है और एक नई बीमारी का प्रकोप शुरू हो गया है। केरल के कई हिस्सों में एक नए वायरस का पता चला है, जिसका नाम टोमैटो फीवर है। इस बीमारी के सबसे ज्यादा शिकार बच्चे हो रहे हैं। भारत के केरल में अब तक 80 से ज्यादा बच्चों को टोमैटो फीवर ने अपनी चपेट में लिया है।
टोमैटो फीवर क्या है ?
टोमैटो फीवर एक तरह का वायरल बुखार है। यह अधिकतर पांच साल से कम उम्र के बच्चों को होता है। इसे टोमैटो फ्लू और टोमैटो फीवर का नाम दिया गया है।
टोमैटो फीवर के कारण...
टोमैटो फीवर किस वायरस की वजह से हो रहा, इसका पता नहीं चल सका है। कहा जा रहा है कि बीमार बच्चे से इसका संक्रामण दूसरे में फैल सकता है। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार संक्रमण रोकने के उपाय नहीं किए गए तो वायरस तेजी से लोगों को शिकार बना सकता है।

टोमैटो फीवर के लक्षण...
टोमैटो फीवर की चपेट में आने पर शरीर पर लाल रंग के चकत्ते हो जाते हैं। इसके साथ ही तेज बुखार, शरीर में दर्द, पेट में ऐंठन, उल्टी, दस्त, खांसी और जुकाम हो जाता है। कुछ बच्चों में हाथों का रंग बदलने जैसे लक्षण भी नजर आ रहे हैं।

नड्डा ने राज्य में 'सत्ता परिवर्तन' का आह्वान किया

नड्डा ने राज्य में 'सत्ता परिवर्तन' का आह्वान किया  

नरेश राघानी  

जयपुर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राज्य में सत्ता परिवर्तन का आह्वान करते हुए बुधवार को पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि उन्हें राज्य में डबल इंजन वाली सरकार चाहिए। नड्डा ने राज्य की मौजूदा कांग्रेस सरकार को जनविरोधी करार देते हुए कहा कि इसे सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। नड्डा सीमावर्ती हनुमानगढ़ शहर में पार्टी के जिला कार्यालय के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। राज्य में अगले साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। नड्डा ने कहा,‘‘मैं कार्यालय के उद्घाटन के लिए आया हूं, लेकिन मैं आपसे निवेदन करने भी आया हूं कि मुझे राजस्थान में डबल इंजन की सरकार चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि राज्य में ऐसी जनविरोधी सरकार बैठी है जिसका जनता से कोई लेना देना नहीं, जो जनता के मर्म, जनता के विषयों को नहीं समझती है। नड्डा ने कहा कि जब भी चुनाव हो तो प्रजातांत्रिक तरीके से ऐसी सरकार को उखाड़ फेंकना है।

राज्य की महिलाओं, दलितों और जनजातियों पर अत्याचार की घटनाओं का जिक्र करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि राजस्थान संस्कार, संतोष, विकास और शांति के लिए जाना जाता था, लेकिन मौजूदा अशोक गहलोत सरकार ने राजस्थान की आबरू और मान सम्मान को गहरी चोट पहुंचाई है। उन्होंने कहा कि देश में सबसे ज्यादा दुष्कर्म के मामले राजस्थान में हो रहे हैं और गहलोत जी को कोई पीड़ा नहीं होती, उन्हें इसकी कोई चिंता नहीं है। नड्डा के अनुसार हाल ही में जोधपुर में जिस दिन उपद्रव की घटना हो रही थी उस दिन मुख्यमंत्री गहलोत जयपुर में अपना जन्मदिन मना रहे थे। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘वे मिशन से काम करें और यहां अशोक गहलोत सरकार कमीशन में लगी रहे। वे लोगों की सेवा के लिए काम करें और यहां गहलोत सरकार मेवा खाने में लगी रहे। वे लोगों की तस्वीर बदलने के लिए काम करें और यहां पर घोटाले हों। ऐसी सरकार को चलने का कोई अधिकार नहीं है। ’’नड्डा ने हनुमानगढ़ सहित 10 जगहों पर पार्टी के कार्यालयों का वर्चुअल (आभासी) माध्यम से उद्धाटन किया। इसके साथ ही उन्होंने चार जगहों पर पार्टी कार्यालयों का शिलान्यास भी किया। उन्होंने कहा कि कार्यालय संस्कार और ऊर्जा का केंद्र होता है।

साहित्य अकादमी के सदस्य अनादिरंजन का इस्तीफा

साहित्य अकादमी के सदस्य अनादिरंजन का इस्तीफा  

मिनाक्षी लोढी  

कोलकाता। पश्चिम बंगाल से साहित्य अकादमी के सदस्य अनादिरंजन विश्वास ने इस्तीफा दे दिया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक विशेष पुरस्कार दिए जाने के विरोध में इसके एक दिन बाद मंगलवार को बंगाली लेखिका और शोधकर्ता रत्ना राशिद बनर्जी ने राज्य अकादमी को अपना पश्चिमबंगा बांगला अकादमी पुरस्कार लौटाने की घोषणा की। यह पुरस्कार इस वर्ष साक्षरता में ममता बनर्जी के योगदान के लिए दिया गया। मुख्यमंत्री बनर्जी को प्रदेश के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने सोमवार को इस नए पुरस्कार के लिए चुना गया। वह पश्चिमबंगा बांग्ला अकादमी के अध्यक्ष भी हैं। राज्य सरकार रवींद्रनाथ टैगोर की 161वीं जयंती मना रही है। ममता बनर्जी को इस विशेष पुरस्कार से सम्मानित किए जाने के एक दिन बाद लेखक अनादिरंजन विश्वास ने कल साहित्य अकादमी के सदस्य के रूप में इस्तीफा दे दिया।

अनादिरंजन विश्वास 1982 से अंडमान में रहते हैं और साहित्य अकादमी कोलकाता बंगाली सलाहकार बोर्ड की सदस्य थे। उन्होंने कहा, “मैं हमेशा गुरुदेव रवींद्रनाथ ठाकुर की कविताओं सम्मान करता हूँ। गुरुदेव की 161वीं जयंती के अवसर पर नौ मई को कोलकाता में बंगाली कविता का बहुत अपमान हुआ है। इससे पहले लेखिक और शोधकर्ता रत्ना राशिद बनर्जी ने कल अपने अन्नदा शंकर पुरस्कार वापस करने की घोषणा की, जो उन्हें 2019 में मिला था। रत्ना राज्य सरकार में पूर्व अधिकारी रह चुकी हैं। उन्होंने पश्चिमबंगा बांगला अकादमी को लिखे अपने पत्र में कहा कि उन्हें 2019 में प्राप्त अन्नदा शंकर रे मेमोरियल पुरस्कार को अकादमी को वापस कर देगी।

उन्होंने कहा, “मुझे मीडिया के माध्यम से पता चला कि पश्चिमबंगा बांगला अकादमी ने एक नए पुरस्कार की घोषणा की है और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पुरस्कार से सम्मानित किया है। यह सत्य को तोड़ मरोड़ा गया है। मुख्यमंत्री का सम्मान कर अकादमी ने न केवल एक निंदनीय उदाहरण पेश किया है, बल्कि उन सभी लोगों का अपमान भी किया है जो बंगाली साहित्य के प्रति समर्पित हैं। शिक्षा मंत्री बसु ने घोषणा की कि यह पुरस्कार तीन साल में एक बार गैर-साहित्यिक लोगों को प्रदान किया जाएगा, जिन्होंने साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ लेखकों की एक टीम ने मुख्यमंत्री को उनकी कविताओं के संग्रह कोबीता बितान के लिए इस पहले पुरस्कार के लिए चुना था।

'भाजपा' शासित राज्यों में दलित सुरक्षित नहीं

'भाजपा' शासित राज्यों में दलित सुरक्षित नहीं

कविता गर्ग

मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने बुधवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्यों में दलित ‘‘सुरक्षित नहीं’’ हैं। उसने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश में दलित समुदाय की सुरक्षा स्वयं सुनिश्चित करनी चाहिए। राकांपा की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख प्रवक्ता महेश तापसे ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के एक गांव के पूर्व प्रधान की गिरफ्तारी के संदर्भ में यह बयान दिया, जिसने एक व्यक्ति से कथित रूप से घोषणा कराई थी कि यदि दलित समुदाय का कोई व्यक्ति उसके खेत में घुसा, तो उसे 50 जूते मारे जाएंगे और उससे पांच हजार रुपए जुर्माना वसूला जाएगा।

पुलिस ने मंगलवार को बताया था कि एक वीडियो में कुंवरपाल चरथावल क्षेत्र के पावती खुर्द गांव में दलितों के मकानों के सामने ढोल पीटते हुए यह घोषणा करता नजर आ रहा है। इस पूरे प्रकरण पर प्रतिक्रिया देते हुए तापसे ने कहा, भाजपा शासित राज्यों में दलित सुरक्षित नहीं हैं और इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश में दलितों की सुरक्षा स्वयं सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के शासन में देश में दलितों के खिलाफ अत्याचार बढ़े हैं।

    पार्ट्स बनाने की फैक्टरी में लगीं आग, काबू

    पार्ट्स बनाने की फैक्टरी में लगीं आग, काबू  

    अश्वनी उपाध्याय  
    गाजियाबाद। गाजियाबाद के लोनी में ट्रॉनिका सिटी औद्योगिक क्षेत्र की कूलर गीजर के पार्ट्स बनाने की फैक्टरी में आग लग गई। जिसकी सूचना दमकल विभाग को दी गई। दमकल कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया।
    गाजियाबाद के लोनी में उस वक्त अफरा-तफरी का माहौल देखने को मिला, जब ट्रॉनिका सिटी औद्योगिक क्षेत्र की एक फैक्टरी में आग लग गई। फैक्टरी के अंदर से निकलता धुंआ देख आसपास के लोगों ने दमकल विभाग को इसकी जानकारी दी। दमकल कर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
    जानकारी के मुताबिक कूलर गीजर के पार्ट्स बनाने की फैक्टरी के बाहरी हिस्से में पड़े कूड़े में आग लग गई। इसकी सूचना लोगों ने फैक्टरी के मालिक को दी। जिसके बाद दमकल कर्मियों को बुलाया गया। मौके पर पहुंचकर दमकल विभाग की टीम ने आग पर काबू पाया। जिसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली। 

    एससी का आदेश, राजद्रोह कानून पर रोक

    एससी का आदेश, राजद्रोह कानून पर रोक 

    अकांशु उपाध्याय     
    नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को राजद्रोह कानून के मामलें पर सुनवाई करते हुए अहम फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आदेश दिया कि विवादास्पद राजद्रोह कानून पर रोक रहेगी। क्योंकि सरकार इसकी समीक्षा करेगी और जेल में बंद लोग जमानत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं। वहीं आदेश के तुरंत बाद, केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि वह “अदालत और इसकी स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं”, लेकिन एक “लक्ष्मण रेखा” है जिसे पार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि “हमने अपनी स्थिति बहुत स्पष्ट कर दी है और अपने पीएम (प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी) के इरादे के बारे में अदालत को सूचित किया है हम अदालत और इसकी स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं। लेकिन एक ‘लक्ष्मण रेखा’ है। जिसका सम्मान सभी अंगों द्वारा किया जाना चाहिए।
    इसके अलावा केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम भारतीय संविधान के प्रावधानों के साथ-साथ मौजूदा कानूनों का भी सम्मान करें। बता दें कि अपनी सुनवाई में शीर्ष अदालत ने कहा है कि जो लोग इस कानून की धारा 124 A के तहत जेल में बंद हैं वे जमानत के लिए कोर्ट में जाएं। इससे पहले सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि सरकार पुलिस को देशद्रोह के प्रावधान के तहत संज्ञेय अपराध दर्ज करने से नहीं रोक सकती, लेकिन एक सक्षम अधिकारी (SP रैंक) की संस्तुति के बाद ही 124A के मामले दर्ज किए जाएं। ऐसा किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि लंबित राजद्रोह के मामलों की समीक्षा की जा सकती है।124 A के तहत दर्ज मामलों में जल्द से जल्द जमानत देने पर विचार किया जा सकता है।
    सुप्रीम कोर्ट ने इस केस को लेकर तीन अहम बातें कही। पहला फिलहाल कोई मुकदमा इस मामले में दर्ज नहीं होगा। दूसरा पेंडिंग मामलों में जो मुकदमे इस धारा के तहत दर्ज है उन्हे ठंडे बस्ते में रखा जाएगा। ये सारे आदेश तब तक लागू रहेंगे जब तक कोर्ट कोई अगला आदेश न दे या फिर सरकार इस पर कोई फैसला न ले ले। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बड़ा फैसला देते हुए राजद्रोह कानून के तहत कोई नया केस दर्ज करने पर रोक लगा दी। चीफ जस्टिस एनवी रमण की बेंच ने केंद्र सरकार को देशद्रोह कानून धारा 124A पर पुनर्विचार करने की इजाज़त देते हुए कहा कि इस प्रावधान का उपयोग तब तक करना उचित नहीं होगा। जब तक कि इस पुनर्विचार की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती।


    प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

    प्राधिकृत प्रकाशन विवरण     

    1. अंक-215, (वर्ष-05)
    2. बृहस्पतिवार, मई 12, 2022
    3. शक-1944, वैशाख, शुक्ल-पक्ष, तिथि-एकादशी, विक्रमी सवंत-2079। 
    4. सूर्योदय प्रातः 05:33, सूर्यास्त: 07:01।
    5. न्‍यूनतम तापमान- 29 डी.सै., अधिकतम-41+ डी.सै.। उत्तर भारत में बरसात की संभावना।
    6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
    7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु, (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
    8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
    9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102
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    यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई

    यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई  संदीप मिश्र  लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को लेकर उत्तर प्रदेश में भी 7 दिनों के...