सोमवार, 9 मई 2022

गरीब परिवारों को मुफ्त इंटरनेट सेवा देने की तैयारी

गरीब परिवारों को मुफ्त इंटरनेट सेवा देने की तैयारी 

इकबाल अंसारी 

तिरुवनंतपुरम। केरल की सरकार, वहां के गरीब परिवारों को मुफ्त इंटरनेट सेवा देने की तैयारी कर रही है। सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना से करीब 20 लाख से अधिक गरीब परिवार लाभान्वित होंगे।  इस प्रोजेक्ट को 2017 में पिनाराई विजयन सरकार द्वारा लॉन्च किया गया था और इसे केरल ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क नाम दिया गया था।सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस प्रोजेक्ट की देखरेख केरल स्टेट आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड द्वारा की जाती है और निकाय ने पहले ही स्थानीय इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स से एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट आमंत्रित किए हैं, जो उपयोगकर्ताओं को इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान कर सकते हैं।

प्रोजेक्ट के प्रमुख संतोष बाबू ने कहा कि शुरुआत में, हर विधानसभा क्षेत्र के केवल 100 परिवारों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। मुफ्त इंटरनेट प्राप्त करने वाले परिवारों की संख्या समय के साथ ज्यादा होती जाएगी। उन्होंने विकास पर जोर दिया कि सरकार 30,000 से अधिक सरकारी संस्थानों में हाई-स्पीड इंटरनेट सर्विसएं प्रदान करने के अपने लक्ष्य तक लगभग पहुंच गई है। प्रोजेक्ट के प्लान के अनुसार, सरकार हर दिन 10 एमबीपीएस  से 15 एमबीपीएस  की स्पीड के साथ चुनिंदा परिवारों को 1.5 जीबी डेटा मुफ्त देगी। प्रोजेक्ट के लिए टेंडर पहले ही मंगाए जा चुके हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि ऐसे कौन से लोकल इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर हैं, जो काम कर सकते हैं।

राज्य सरकार की योजना मई 2022 के अंत तक चुनिंदा परिवारों को यह मुफ्त इंटरनेट देने की है। इसलिए ज्यादा समय नहीं बचा है, और अगर सरकार अपनी योजनाओं के साथ ट्रैक पर रहना चाहती है तो लोकल आईएसपी को तेजी से पहचानने की जरूरत है। प्रोजेक्ट के पहले चरण में, सरकार लगभग 500 परिवारों की पहचान करेगी, ताकि वे मुफ्त में इंटरनेट सर्विस प्राप्त कर सकें। यह निश्चित रूप से राज्य में अर्थव्यवस्था और जागरूकता को बढ़ावा देने में मदद करेगा। जो परिवार इंटरनेट कनेक्टिविटी का खर्च नहीं उठा सकते, वे राज्य सरकार की मदद से कनेक्टिविटी और अवसरों की दुनिया का पता लगाने में सक्षम होंगे।

सभी नगरीय क्षेत्रों में ’कृष्ण कुंज’ विकसित होंगे

सभी नगरीय क्षेत्रों में ’कृष्ण कुंज’ विकसित होंगे 

दुष्यंत टीकम  
रायपुर। छत्तीसगढ़ के सभी नगरीय क्षेत्रों में ’कृष्ण कुंज’ विकसित किए जाएंगे। कृष्ण कुंज में बरगद, पीपल, नीम और कदंब जैसे सांस्कृतिक महत्व के जीवनोपयोगी वृक्षों का रोपण किया जाएगा। सीएम भूपेश बघेल ने सभी कलेक्टरों को ’कृष्ण कुंज’ विकसित करने के लिए वन विभाग को न्यूनतम एक एकड़ भूमि का आबंटन करने के निर्देश दिए हैं। आगामी कृष्ण जन्माष्टमी के दिन पूरे राज्य में ’कृष्ण कुंज’ के लिए चिन्हित स्थल पर वृक्षों का रोपण प्रारंभ किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने ’कृष्ण कुंज’ के माध्यम से वृक्षारोपण को जन अभियान बनाने की पहल करते हुए कहा है कि हमारे देश में बरगद, पीपल, नीम, कदंब तथा अन्य वृक्षों की पूजा करने की अत्यंत प्राचीन परंपरा है। मनुष्य के लिये वृक्षों की अत्यधिक उपयोगिता होने के कारण ही हमारी परंपराओं में इन्हें महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। परंतु विगत वर्षों में नगरीय क्षेत्रों का तीव्र विकास होने के कारण वृक्षों की हो रही अंधाधुंध कटाई से वृक्षों का अस्तित्व ही खतरे में पड़ गया है। अगर यही स्थिति जारी रही तो कदाचित भावी पीढ़ियों को इन वृक्षों के परंपरागत महत्व के बारे में जानकारी तक नहीं हो सकेगी, इसलिये वृक्षों की अमूल्य विरासत का संरक्षण हम सबका परम कर्तव्य है। यह अत्यंत आवश्यक है कि मनुष्य के लिये जितने भी जीवनोपयोगी वृक्ष हैं, उन्हें सभी नगरीय क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर लगाया एवं संरक्षित किया जाये।
मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टरों को नगरीय क्षेत्रों में ऐसे सांस्कृतिक महत्व वाले जीवनोपयोगी वृक्षों के रोपण हेतु उपयुक्त न्यूनतम 01 एकड़ शासकीय भूमि का आबंटन तत्काल वन विभाग को करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि वृक्षारोपण को जन जन से और अपनी सांस्कृतिक विरासत से जोडने एवं विशिष्ट पहचान देने के लिये इसका नाम ’कृष्ण कुंज’ रखा जाये। वन विभाग द्वारा आबंटित भूमि को विकसित करते हुए समस्त कार्यवाही इस प्रकार की जाये कि आगामी कृष्ण जन्माष्टमी के दिन पूरे राज्य में ’कृष्ण कुंज’ में वृक्षों के रोपण का कार्य विधिवत प्रारंभ किया जा सके।

मनोरंजन: फिल्म 'पृथ्वीराज' का ट्रेलर रिलीज

मनोरंजन: फिल्म 'पृथ्वीराज' का ट्रेलर रिलीज  

कविता गर्ग  
मुंबई। बॉलीवुड फिल्म 'पृथ्वीराज' का ट्रेलर, सोमवार को रिलीज हो गया है। ट्रेलर में सम्राट पृथ्वीराज चौहान की वीरता, साहस और उनके आगे की कहानी दिखाई गई है।
यह फिल्म मध्यकालीन कवि चंद बरदाई की महाकाव्य कविता पृथ्वीराज रासो पर आधारित, पीरियड ड्रामा में अक्षय कुमार मुख्य भूमिका में हैं।
जबकि  इस फिल्म से बॉलीवुड में डेब्यू करने जा रही है।
वह पृथ्वीराज रासो की पत्नी, राजकुमारी संयोगिता की भूमिका निभा रही है।
ट्रेलर में इनकी लव स्टोरी भी दिखाई गई है।
इसके साथ ही संजय दत्त भरोसेमंद सहयोगी काका कान्हा के रूप में दिखाई दिये हैं।
जबकि सोनू सूद चांद वरदाई का किरदार निभा रहे है।
यशराज के बैनर तले बनी यह फिल्म में आशुतोष राणा की भी एक झलक है।
Prithviraj के ट्रेलर में यह बात लिखी गई है की उनकी तलवार जीत के अलावा कुछ नहीं जानती।
अक्षय कुमार की यह फिल्म हिंदी, तमिल और तेलुगु में रिलीज होगी और 3 जून को सिनेमाघरों में लग जाएगी।
इस फिल्म का दर्शक काफी समय से इंतज़ार कर रहे है।
उनके इस ट्रेलर को भी फैंस द्वारा काफी प्यार और समर्थन मिल रहा है।

चंपावत उपचुनाव के लिए सीएम का नामांकन

चंपावत उपचुनाव के लिए सीएम का नामांकन 

पंकज कपूर  
चंपावत। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव के लिए सोमवार को अपना नामांकन कर दिया है। इस दौरान उनके साथ बड़ी संख्या में कार्यकता और पार्टी नेता भी मौजूद रहे।
नामांकन करने के लिए सीएम धामी आज सुबह ही खटीमा से रवाना हो गए थे। इस दौरान उनकी पत्नी गीता धामी ने उन्हें टीका लगाया और दही खिलाया। इसके बाद सीएम धामी ने अपने गांव के कुल देवता के मंदिर में जाकर आशीर्वाद लिया। उन्होंने कहा कि खटीमा मेरी मेरी कर्म भूमि है। इसी क्षेत्र में मैं पला-बढ़ा हूं। मैं सेवा करने के लिए आया हूं। चुनाव में हार-जीत होती रहती है। जनता का जनादेश सिर माथे पर है। अब उन्हें विश्वास है कि चंपावत की जनता भी उन्हें अपना आशीर्वाद देगी। चुनाव जीतने के बाद उनका प्रयास रहेगा कि वह चंपावत आदर्श विधानसभा क्षेत्र बनाएं।
निर्धारित समय से पौन घंटा पहले पहुंचे बनबसा, कार्यकर्ता मायूस
खटीमा से निकलने के बाद सीएम धामी  बनबसा पहुंचे। वह निर्धारित समय से पौन घंटा पहले ही बनबसा पहुंच गए। उनके पहले पहुंचने से उनके स्वागत की तैयारी में जगह-जगह कार्यकर्ताओं को काफी मायूसी हाथ लगी। उन्हें निर्धारित समय के अनुसार सुबह नौ बजे बनबसा जगबुढ़ा पुल पर पहुंचना था लेकिन वह सवा आठ बजे ही बनबसा पहुंच गए और नौ बजे वह टनकपुर से चम्पावत के लिए कार से रवाना हो गए। सीएम के पहले ही पहुंच जाने की खबर पाकर कार्यकर्ता तेजी से उनके पास पहुंचने लगे और उनका स्वागत किया। बनबसा में विधायक रेखा आर्य ने सीएम का स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज बेहद महत्वपूर्ण दिन है। हम सभी उत्साहित हैं। रेखा आर्य के अलावा पार्टी के नेताओं ने कहा कि चंपावत में सीएम धामी की ऐतिहासिक जीत होगी। इससे पूर्व सीएम धामी ने बनबसा में गौरव सेनानी कल्याण समिति कार्यालय के साथ सीएम कैंप कार्यालय का भी उद्घाटन किया। उनके साथ निवर्तमान विधायक कैलाश गहतोड़ी, सांसद अजय टम्टा के साथ कई वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता व विधायक है।
चंपावत में भाजपा दिग्गजों का जमावड़ा
सीएम धामी के नामांकन के लिए भाजपा के दिग्गज नेता रविवार से ही चंपावत में डेरा जमाए हुए हैं। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक रविवार को ही चंपावत के लिए रवाना हो गए थे। पार्टी के पदाधिकारियों के अलावा प्रदेश सरकार के मंत्री भी मुख्यमंत्री के नामांकन के लिए पहुंचे हैं। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी भी रविवार को ही चंपावत के लिए रवाना हो थे।
31 मई को होगा मतदान, 3 जून को आएगा रिजल्ट
भारत निर्वाचन आयोग की ओर से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, चंपावत उपचुनाव के लिए 31 मई को मतदान होगा और 3 जून को रिजल्ट आएगा। 4 मई को चंपावत चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने नोटिफिकेशन जारी किया और नॉमिनेशन की आखिरी तारीख 11 मई तय की गई है। नामांकन वापस लेने की तारीख 17 मई तय की गई है।
96016 वोटर करेंगे भाग्य का फैसला...
31 मई को होने वाले उपचुनाव में 96016 वोटर 151 बूथों में प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी एनएस मेहरा का कहना है कि चंपावत सीट में 50057 पुरुष और 45959 महिला मतदाता हैं। को घेरने के लिए कांग्रेस भी तैयार है। लंबी माथापच्ची के बाद कांग्रेस ने चंपावत विधानसभा सीट से अपने प्रत्याशी का चेहरा घोषित कर किया था। चंपावत सीट से निर्मला गहतोड़ी सीएम पुष्कर सिंह धामी के सामने खड़ी हैं। चार मई को उपचुनाव की अधिसूचना जारी हो हुई थी और नामांकन पत्र भी लिए जाने लगे थे, लेकिन कांग्रेस किस चेहरे पर उपचुनाव में दांव लगाएगी, इस रहस्य से पर्दा नहीं उठ पाया था। इसके बाद निर्मला गहतोड़ी को मैदान में उतारकर कांग्रेस ने अपने पत्ते खोले।

‘लाखों नौकरियों’ का वादा कर रहीं सरकार

‘लाखों नौकरियों’ का वादा कर रहीं सरकार  

पंकज कपूर  
देहरादून। उत्तराखंड के नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा है कि उत्तराखंड में भाजपा सरकार ‘लाखों नौकरियों’ का वादा कर रही हैं। लेकिन भाजपा सरकार का कोई रोडमैप नहीं दिख रहा है कि नई नौकरियां कैसे और कहां पैदा होंगी। उससे भी अधिक कष्टप्रद है कि सरकार कह रही है कि राज्य में बेरोजगारी की दर लगातार कम होती जा रही है और केंद्र त था राज्य सरकार द्वारा युवाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए विभिन्न विभागों के माध्यम से रोजगारपरक योजनाएं चलायी जा रही है।
उत्तराखंड में बेरोजगारी दर देश के 11 राज्यों से अधिक हो गई है तथा शहरी बेरोजगारी के मामले में पहले नंबर पर उत्तराखंड पहुँच गया है, वर्ष 2001 में प्रदेश में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या तीन लाख 13 हजार थी, जो अब बढ़कर 10 लाख 39 हजार 697 हो गई है।
सेंटर फार मानीटरिंग इंडियन इकोनामी (सीएमआइई) की ओर से एक मई को जारी आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान में उत्तराखंड की बेरोजगारी दर 5.3 प्रतिशत है। जो असम 1.2, छत्तीसगढ़ 0.6, गुजरात 1.6, हिमाचल प्रदेश 0.2, कर्नाटक 2.7, मध्य प्रदेश 1.6, महारष्ट्र 3.1, मेघालय 2.2, उड़ीसा 1.5, तमिलनाडु 3.2, उत्तर प्रदेश 2.9 प्रतिशत बेराजगारी दर से अधिक है। जबकि आंध्र प्रदेश की बेरोजगारी दर उत्तराखंड के बराबर है। वहीं, देश की वर्तमान बेरोजगारी दर 7.8 प्रतिशत है।
उत्तराखंड में बड़ी संख्या में नौकरियों में गिरावट दर्ज की गई है। सीएमआईई के द्वारा दिए गए आंकड़े के अनुसार उत्तराखंड में बेराजगारी दर साल 2016 के मुकाबले साल 2021 तक 10 प्रतिशत तक गिर गई है। रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में सितंबर-दिसंबर 2016 में 40.01 प्रतिशत लोग कार्यरत थे जो सितंबर-दिसंबर 2021 में कम होकर महज 30.43 प्रतिशत पर पहुंच गई है। वहीं इसे कामकाजी उम्र (15 साल या उससे अधिक) के आबादी के अनुसार समझे तो उत्तराखंड में पांच साल पहले 78 लाख कामकाजी उम्र की आबादी में 32.23 लाख से अधिक लोग कार्यरत थे। वहीं पिछले पांच सालों में कामकाजी उम्र की आबादी लगभग 14 प्रतिशत तक बढ़ी है और यह 91 लाख तक पहुंच गई है पर कार्यरत लोगों की संख्या बढ़ने की जगह कम हो गई है। दरअसल, रिपोर्ट के अनुसार साल 2021 दिंसबर तक कुल 91 लाख कामकाजी आबादी में सिर्फ 27.82 लाख लोग ही कार्यरत हैं जो साल 2016 के मुकाबले 4.41 लाख कम है।
ऐसा नहीं है कि इस राज्य में रोजगार की कोई संभावना ही नहीं है। इस राज्य में भी रोजगार की अपार संभावनाएं हैं।उत्तराखंड को प्रकृति ने अपार प्राकृतिक सौंदर्य ऊंचे पहाड़ ,नदियां,झीलें ,हिम से ढकी हिमालय की शानदार चोटियों, अनगिनत जड़ी बूटियां, फल-फूल साथ ही साथ भगवान शिव का निवास स्थान ( कैलाश),बद्रीनाथ, जागेश्वर ,केदारनाथ,पूर्णागिरी,यमनोत्री,गंगोत्री और नैना देवी आदि से परिपूर्ण किया है।
और उत्तराखंड का विस्मित कर देने वाला भू भाग आधा पहाड़ और आधा मैदान।फिर भी उत्तराखंड के युवा बेरोजगार है। कौशल विकास एवं सेवा योजना विभाग का गठन तो हुआ लेकिन भाजपा का जुमला भर ही रहा।
हालांकि सरकार सभी लोगों को सरकारी नौकरी नहीं दे सकती।लेकिन जो सरकारी पद रिक्त हैं उनको भरा तो जा ही सकता है। इस वक्त राज्य में लगभग 40,000 से ज्यादा पद रिक्त हैं । लेकिन उनको भरने की कोई व्यवस्था नहीं है। और न ही भरने में सरकार की कोई दिलचस्पी दिख रही है। सरकार हर साल नौकरी देने की बात तो करती है। लेकिन धरातल में ऐसी उसकी कोई मंशा नहीं लगती।वरना सरकार यह ऐलान क्यों करती कि 3 साल से ज्यादा लंबे समय से जो पद खाली हैं।उन्हें समाप्त कर दिया जाए और लगभग 25,000 पद खत्म कर दिए।

परीक्षा का प्रश्न पत्र ‘लीक’ होने पर नाराजगी

परीक्षा का प्रश्न पत्र ‘लीक’ होने पर नाराजगी  

अविनाश श्रीवास्तव    
पटना। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा रविवार को आयोजित सिविल सेवा (प्रारंभिक) की परीक्षा का प्रश्न पत्र ‘लीक’ होने पर सोमवार को कड़ी नाराजगी जताई। राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष यादव ने कहा कि आयोग का नाम बदलकर ‘लीक आयोग’ कर दिया जाना चाहिए।
उन्होंने राज्य की नीतीश कुमार सरकार से उन अभ्यर्थियों को मुआवजा देने की मांग की जो लंबी दूरी तय कर परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा देने पहुंचे थे। यादव ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘बीपीएससी में गड़बड़ी हुई है, यह कोई अच्छी खबर नहीं है। कल की घटना के बाद कुछ भी कहने को बचा नहीं है।
अब समय गया है कि लोक सेवा आयोग का नाम बदलकर ‘लीक आयोग’ कर दिया जाए। परीक्षाएं शायद ही समय पर होती हैं और जब ये आयोजित कराई जाती हैं, तो और देरी अनियमितताओं के नाम पर होती है।
’’ यादव ने दावा किया कि जब भी विधानसभा का सत्र होता है, वह बीपीएससी के कामकाज की शैली का मुद्दा उठाते हैं। उन्होंने मांग की कि ‘‘जिन अभ्यर्थियों का परीक्षा केंद्र अपने गृहनगर से दूर था और जिन्हें सबसे अधिक परेशानी हुई, उन्हें पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए।
’’ गौरतलब है कि रविवार दोपहर परीक्षा होने से कुछ मिनट पहले ही प्रश्नपत्र के ‘स्क्रीनशॉट’ सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे। हालांकि, परीक्षा को तत्काल रद्द नहीं किया गया था और आयोग ने शाम को प्रश्न पत्र ‘लीक’ होने की घटना के बारे में संतुष्ट होने के बाद परीक्षा रद्द करने की घोषणा की थी। यादव ने पूरे मामले की तेजी से जांच कर दोषियों को पकड़े जाने की मांग की।

असम-बांग्लादेश सीमा पर स्थिति की समीक्षा की

असम-बांग्लादेश सीमा पर स्थिति की समीक्षा की  

इकबाल अंसारी  

असम। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने असम के मनकाचर सेक्टर में असम-बांग्लादेश सीमा पर स्थिति की सोमवार को समीक्षा की। एक हेलीकॉप्टर से कामाख्या हिलटॉप पहुंचे शाह ने मनकाचर के लिए रवाना होने से पहले कामाख्या मंदिर में पूजा-अर्चना की। सीमा सुरक्षा बल और राज्य सरकार के अधिकारियों ने सीमा चौकी पर उनका स्वागत किया।बीएसएफ अधिकारियों के साथ आए गृह मंत्री ने इस मौके के लिए बनाए गए एक निगरानी टावर से सीमा पर स्थिति की समीक्षा की। उन्हें इलाके में एकत्रित स्थानीय ग्रामीणों से बातचीत करते हुए भी देखा गया। केंद्रीय मंत्री की मौजूदगी में भारत और बांग्लादेश दोनों के सीमा पर तैनात कर्मियों ने फ्लैग मार्च भी किया।

सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास की है कमी...

 गृह मंत्री ने जोर देते हुए कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास की कमी है, जिससे लोगों का पलायन हो रहा है। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन क्षेत्रों में विकास लाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने ट्वीट किया कि सीमावर्ती इलाकों में तैनात बीएसएफ जवानों को सुरक्षा बढ़ाने के लिए नवीनतम तकनीक मुहैया कराई जाएगी।

10वीं-12वीं की परिक्षाओं की तारीखों का ऐलान

10वीं-12वीं की परिक्षाओं की तारीखों का ऐलान  संदीप मिश्र  लखनऊ। यूपी बोर्ड ने 10वीं और 12वीं की परिक्षाओं की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है।...