रविवार, 8 मई 2022

मंत्रालय का दावा, पर्याप्त मात्रा में कोयले की सप्लाई

मंत्रालय का दावा, पर्याप्त मात्रा में कोयले की सप्लाई  

अकांशु उपाध्याय  

नई दिल्ली। कोयला मंत्रालय ने दावा किया है कि देश के सभी पावर प्लांट को जरूरत के हिसाब से पर्याप्त मात्रा में कोयले की सप्लाई की जा रही है। सरकार कोयले का उत्पादन बढ़ाने का लगातार प्रयास कर रही है। बंद या छोड़ी गई कोयला खदानों में निकालने योग्य कोयला भंडार लगभग 38 करोड़ टन है। इन खदानों से कोयला आसानी से निकाला जा सकता है। ऐसे में इसकी भी कोशिशें जारी हैं। कोयला मंत्रालय का कहना है कि सरकार का लक्ष्य कोयले के आयात को कम करना और देश को इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। समय के हिसाब से कोयले की जरूरत बढ़ रही है। मंत्रालय ने कहा कि कोयले के जल्द आयात की सलाह दी गई थी, ताकि अतिरिक्त कोयला मई 2022 के महीने से ही बिजली संयंत्रों तक पहुंच जाए। तमिलनाडु और महाराष्ट्र ने कोयला आयात के आदेश दे दिए हैं। कोयले का उत्पादन बढ़ाने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं। कोयला ब्लॉक की नीलामी के लिए राजस्व हिस्सेदारी में 50 फीसद की छूट का प्रस्ताव है। समीक्षा बैठक में आवंटित कोयले की ढुलाई की प्रगति की भी समीक्षा की गई। मंत्रालय ने कहा कि आवंटित कोयले का उठान कुछ राज्यों में संतोषजनक नहीं है। उनसे कहा जा रहा है कि वह इस बारे में अपने प्रदर्शन में सुधार करें।

दुनिया की सबसे बड़ी कोयला कनन कंपनी कोल इंडिया मिलिटेड अपनी 20 बंद पड़ी भूमिगत कोयला खदानों को फिर से शुरू करेगी। कोल इंडिया इन खदानों को फिर से शुरू करने और राजस्व शेयरिंग मॉडल पर उत्पादन के लिए प्राइवेट सेक्टर से पेशकश करेगी। कंपनी ने शुक्रवार को निवेशकों के साथ मुंबई में एक बैठक भी की थी। बैठक में इस पेशकश के बारे में निजी क्षेत्र को बताया गया। इस कार्यक्रम में निवेशकों को संबोधित करते हुए केंद्रीय कोयला, खनन और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि कोयला मंत्रालय का लक्ष्य थर्मल कोयले के आयात को कम करना और देश को इस क्षेत्र में आत्म-निर्भर बनाना है। जोशी ने सत्र में मौजूद निवेशकों से कहा, ’अभी कुछ समय पहले लोग कहा करते थे कि कोयले की आवश्यकता कम होने वाली है, लेकिन वर्तमान में हम कोयले की आवश्यकताओं में वृद्धि देख रहे हैं।’

प्रह्लाद जोशी ने कहा कि बंद पड़ी कोयला खदानों में निकालने योग्य भंडार लगभग 38 करोड़ टन है। इसमें से 3-4 करोड़ टन कोयला आसानी से निकाला जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि खनन गतिविधियों को जारी रखने से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करते हुए टीपीपी को कोयले की आपूर्ति बढ़ाने में मदद मिलेगी।वहीं, केंद्रीय कोयला, खनन और रेल राज्य मंत्री रावसाहेब पाटिल दानवे ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि भारत के पास दुनिया में कोयले का पांचवां सबसे बड़ा भंडार है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य घरेलू कोयला उत्पादन को वित्त वर्ष 2023-24 तक 1.2 अरब मीट्रिक टन तक बढ़ाने का है। उन्होंने कहा कि ईंधन के रूप में ऊर्जा मिश्रण में कोयले का सबसे बड़ा योगदान है। उन्होंने आगे कहा कि यह पहल नवीनतम खनन प्रौद्योगिकी, मजबूत प्रणालियों और प्रक्रियाओं की तैनाती का मार्ग प्रशस्त करेगी।

कई विकास कार्यों की जमीनी हकीकत को परखा

कई विकास कार्यों की जमीनी हकीकत को परखा   

नीरज जैन

झांसी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दो दिवसीय झांसी दौरा कई मायनों में महत्वपूर्ण रहा। उन्होंने विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए कई को फटकार लगाई, कुछ पर कार्रवाई की तो कुछ को नसीहत भी दी। इसके अलावा उन्होंने कई विकास कार्यों की जमीनी हकीकत को परखा। साथ ही उन्होंने वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई के ऐतिहासिक दुर्ग में जाकर लाइट एंड साउंड शो का अवलोकन भी किया। दुर्ग की आगन्तुक पुस्तिका में उन्होंने अपने विचार व्यक्त करते हुए लिखा-अतीत को विस्मृत कर वर्तमान का नवनिर्माण नहीं हो सकता है।

वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई के सॉरी और पराक्रम को लाइट एंड साउंड शो के माध्यम से देखकर अभिभूत हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आगंतुक पुस्तिका में लिखा की भारत की आजादी का प्रथम स्वतंत्र समय समर अपने आप में अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। इस स्वतंत्र समर में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का नाम बड़े सम्मान के साथ भारत के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित है।

महारानी लक्ष्मीबाई की वीरता, शौर्य और आजादी के इन महत्वपूर्ण घटनाक्रम को स्मार्ट सिटी मिशन में लाइट एंड साउंड शो के माध्यम से वर्तमान पीढ़ी के सामने प्रस्तुत करना अत्यंत सराहनीय पहल है। इतिहास के इन्हीं पलों के सम्बंध में कहा गया है कि अतीत को विस्मृत करके वर्तमान का नवनिर्माण नहीं हो सकता। इस कार्यक्रम को अन्य प्रकार से भी आगे बढ़ने का प्रयास किया जाना चाहिए।

बच्चें व राजनेताओं ने अपनी-अपनी मां को याद किया

बच्चें व राजनेताओं ने अपनी-अपनी मां को याद किया

हरिओम उपाध्याय

लखनऊ। अंतरराष्ट्रीय मातृ दिवस के अवसर पर रविवार को नन्हें-मुन्ने बच्चों ने पेंटिंग के जरिये तो, राजनेताओं ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी-अपनी मां को याद किया है। जिनकी मां धरती पर मौजूद हैं‌। उनके बच्चों ने उनके पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया है। वहीं, जिनकी मां स्वर्गवासी हो गई हैं, उन बच्चों ने उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए याद किया है। मातृ दिवस के दिन लखनऊ के रहने वाले स्कूली बच्चों में अभय सिंह, अवंतिका सिंह, सानवी शर्मा, रिद्विमा पाण्डेय और विवान बिष्ट ने पेंटिग के जरिये अपनी माँ को खास होने का अहसास दिलाया है। इसके अलावा नौजवानों, युवतियों समेत सभी ने अपनी माँ के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लेते हुए मातृ दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी है। जिन लोगों की माँ अब इस धरती पर नहीं है। उन लोगों ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर नमन किया है।

सोशल मीडिया के फेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम पर हजारों लोगों को अपनी माँ के साथ फोटो शेयर कर मातृदिवस की बधाई दी है। इतना ही नहीं इस अवसर पर माँ से जुड़े अनेक वो पल को सोशल मीडिया में साझा किया हैं जो उन्होंने अपनी मां के साथ बिताया है। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने अपने अधिकारिक ट्वीट हैंडल पर माँ की फोटो को साझा करते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने कहा कि माँ पृथ्वी है, जगत है, धुरी है, माँ बिना इस सृष्टि की कल्पना अधूरी है’। ईश्वर हर जगह नहीं पहुंच सकता इसीलिए उसने माँ को बनाया है। आज मातृ दिवस के उपलक्ष्य पर सभी माताओं को नमन व चरणों में कोटि कोटि वंदन करता हूं।

इसके अलावा उप्र के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना,आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल,औद्योगिक विकास मंत्री नंदगोपाल नंदी, परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने मातृदिवस पर बधाई बधाई एवं शुभकामनाएं दी। हर वर्ष मई माह के दूसरे रविवार को ‘मदर्स डे’ यानी मातृ दिवस मनाया जाता है। यह परंपरा लगभग 110 साल से चल रही है। इस दिन की शुरुआत अमेरिकी महिला एना जार्विस ने की थी। एना अपनी माँ से बहुत प्रेम करती थी और उन्हें ही अपना आदर्श मानती थी। जब एना की माँ की निधन हुआ तो उन्होंने कभी शादी न करने का फैसला करते हुए अपनी माँ के नाम अपना जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने इसकी तारीख इस तरह चुनी कि वह उनकी मां की पुण्यतिथि 09 मई के आसपास ही पड़े। और खास बात यह भी है कि इस भी ‘मदर्स डे’ 09 मई को ही पड़ा है। माँ का हमारे जीवन में बहुत बड़ा योगदान है। चाहे इंसान हो या जीव-जंतू इस धरती पर लाने वाली सिर्फ माँ ही है। माँ को सम्मान देने के लिए मई माह के दूसरे रविवार के दिन पूरी दुनिया में मातृदिवस (मदर्स डे) मनाया जाता है। इस दिन लोग अपनी माँ को यह एहसास दिलाते हैं कि दुनिया में अगर उन्हें कोई लाया है तो वो सिर्फ उनकी माँ ही है।

कई उन्नत हथियारों का परीक्षण करने की तैयारी: भारत

कई उन्नत हथियारों का परीक्षण करने की तैयारी: भारत  

अकांशु उपाध्याय  

नई दिल्ली। भारत स्वदेशी रूप से विकसित कई उन्नत हथियारों का परीक्षण करने की तैयारी कर रहा है। इसमें हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल, विकिरण रोधी मिसाइल से लेकर स्मार्ट एंटी-एयरफील्ड हथियारों में लंबी दूरी तक मार करने वाले गाइडेड बम शामिल हैं। इसी माह कम से कम तीन हथियारों के परीक्षण होने हैं। जिसमें हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल के अलावा नई पीढ़ी की एंटी-रेडिएशन मिसाइल भी हैं। चीन के साथ गतिरोध शुरू होने के बाद से भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने देश में ही विकसित मिसाइलों के ताबड़तोड़ परीक्षण किये हैं। इसके बावजूद अभी भी डीआरडीओ के खजाने में कई ऐसे मिसाइल सिस्टम हैं जिनके सारे परीक्षण पूरे नहीं हुए हैं। आने वाले समय में इनके आखिरी परीक्षण करके इन्हें सशस्त्र बलों को उपयोग के लिए सौंपा जाना है। ”आत्मनिर्भर भारत” और ”मेक इन इंडिया” अभियान को पूरा करने के साथ ही यह स्वदेशी मिसाइलें चीन के साथ चल रहे गतिरोध के बीच भारत को भी रक्षा तकनीक में लगातार कामयाबी दिला रही हैं।

भारत स्वदेशी रूप से विकसित कई उन्नत हथियारों का परीक्षण इसी माह करने की तैयारी कर रहा है। इसमें हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल, विकिरण रोधी मिसाइल से लेकर स्मार्ट एंटी-एयरफील्ड हथियार और लंबी दूरी के ग्लाइड बम शामिल हैं। डीआरडीओ ने इस माह दृश्य सीमा से परे हवा से हवा में मार करने वाली 100-किमी. रेंज की एस्ट्रा-1 और 160 किमी. रेंज की एस्ट्रा-2 मिसाइल के परीक्षण की योजना बनाई है। इसके अलावा 150 किलोमीटर की स्ट्राइक रेंज के साथ नई पीढ़ी की एंटी-रेडिएशन मिसाइल (एनजीएआरएम) रुद्रम-1 का परीक्षण भी इस महीने के लिए निर्धारित है। 100-किमी. रेंज की एस्ट्रा-1 मिसाइल के उपयोगकर्ता परीक्षण पूरे होने के बाद रक्षा पीएसयू भारत डायनेमिक्स उत्पादन कर रहा है। डीआरडीओ के सूत्रों के मुताबिक एस्ट्रा-2 मिसाइल को अपने कैरिज और हैंडलिंग ट्रायल के साथ-साथ ”डमी ड्रॉप्स” को पूरा करने के बाद फाइटर जेट सुखोई-30एमकेआई से पहली बार ”लाइव लॉन्च” किया जायेगा। यह पहला मौका होगा जब सुखोई जेट से रूसी हथियार के बजाय स्वदेशी मिसाइल का परीक्षण किया जाएगा। भारतीय वायु सेना ने पहले ही 250 एस्ट्रा-1 मिसाइलों का प्रारंभिक आदेश दिया है। यह मिसाइल मैक 4.5 पर ध्वनि की गति से चार गुना अधिक तेज उड़ान भरती है। तेजस और मिग-29 लड़ाकू विमानों के साथ भी एस्ट्रा-1 के एकीकरण पर कार्य चल रहा है। रुद्रम मिसाइलों को लंबी स्टैंड-ऑफ रेंज से दुश्मन की हवाई सुरक्षा नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है ताकि वायु सेना के स्ट्राइकर विमान बिना किसी बाधा के अपने मिशन को अंजाम दे सकें।

सूत्रों ने कहा कि डीआरडीओ इस साल के अंत तक अपनी सीमा को 350 किलोमीटर तक बढ़ाने के लिए ठोस ईंधन आधारित डक्टेड रैमजेट (एसएफडीआर) प्रणोदन पर आधारित एस्ट्रा-3 मिसाइल का पहला परीक्षण करने की भी योजना बना रहा है। मिसाइलों की एस्ट्रा श्रृंखला दिन और रात में फायर करने में सक्षम है। इसे लंबी दूरी पर अत्यधिक चुस्त सुपरसोनिक लड़ाकू विमानों का पता लगाने, ट्रैक करने और नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो महंगे रूसी, फ्रेंच और इज़राइली मिसाइलों की जगह लेगी। डीआरडीओ 350 किमी. रेंज की रुद्रम-2 और 550 किमी. रेंज की रुद्रम-3 हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल भी विकसित कर रहा है, जिसमें आईएनएस-जीपीएस नेविगेशन भी है। रुद्रम-2 का ट्रायल भी जल्द शुरू होने की उम्मीद है।इसके अलावा स्मार्ट एंटी-एयरफील्ड हथियारों के परीक्षण किये जाने हैं, जो सटीक गाइडेड बम हैं। इन्हें दुश्मन के रनवे, बंकर, एयरक्राफ्ट हैंगर और राडार को 100 किमी. की दूरी तक नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है। 125 किलोग्राम के यह बम उपग्रह नेविगेशन या इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल इमेजिंग इन्फ्रा-रेड सीकर (ईओआईआईआर) के दो विन्यासों पर आधारित हैं, जो सुखोई या जगुआर जैसे लड़ाकू विमानों में रैक पर रखे जाते हैं। एक सुखोई जेट ऐसे 32 बम ले जा सकता है। इसके अलावा 80 किलोमीटर तक मार करने वाले 1000 किलो भारी क्षमता वाले गाइडेड बम भी विकसित किए जा रहे हैं।

'हर घर नल से जल' योजना, ट्रीटमेंट प्लांट का अवलोकन

'हर घर नल से जल' योजना, ट्रीटमेंट प्लांट का अवलोकन

नीरज जैन

झांसी। अपने झांसी दौरे के दूसरे दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीताम्बरा पीठ के दर्शन करने के बाद चिरगांव विकासखंड स्थित गुलारा में निर्माणाधीन जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल से जल योजना के वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट का अवलोकन किया। उन्होंने गौशाला में गायों का पूजन कर उन्हें चारा भी खिलाया। झांसी के दो दिवसीय दौरे पर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज दूसरे दिन सुबह से ही अपने काफिले के साथ सीमा से सटे मप्र के दतिया स्थित मां पीताम्बरा पीठ के दर्शन के साथ उन्होंने अपने कार्यक्रम की शुरुआत की। वहां उन्होंने तंत्र साधना की विशिष्ट देवी मां धूमावती के भी दर्शन किए। आम तौर पर मां धूमावती के दर्शन केवल शनिवार को ही होते हैं। उन्होंने मां धूमावती को प्रसाद भी चढ़ाया। उनके साथ मप्र के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा समेत तमाम जनप्रतिनिध भी उपस्थित रहे।

उसके बाद मुख्यमंत्री ने वहां से सीधा चिरगांव के समीप स्थित गुलारा में जल जीवन मिशन के अंतर्गत गुलारा ग्राम समूह पेयजल परियोजना के निर्माणाधीन वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया। मौक़े पर ज़िलाधिकारी रविन्द्र कुमार ने उन्हें परियोजना के सम्बंध में अब तक हुए कार्यों की आवश्यक जानकारी दी। उन्होंने वहां उपस्थित कर्मचारियों से भी बात की। और प्लांट के निर्माण की गुणवत्ता की भी जानकारी ली।इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा ग्राम पंचायत गुलारा, विकास खण्ड चिरगांव में स्थित गौशाला का निरीक्षण किया गया। उन्होंने गौशाला में गायों का पूजन करते हुए उन्हें घास खिलाई। वहां उपस्थित लोगों व जिलाधिकारी को उन्होंने गायों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए। कुछ कमजोर बछड़ों को देख उन्होंने कहा कि इन्हें दूध नहीं पिलाते क्या? उन्होंने गौ के गोबर से गैस प्लांट लगाने, गौ आधारित खेती करने के भी टिप्स दिए। निरीक्षण के बाद वहां मुख्यमंत्री द्वारा अपने हाथों से पौधारोपण भी किया गया। इस दौरान उनके साथ जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, कैबिनेट मंत्री भानु प्रताप सिंह, सांसद अनुराग शर्मा, विधायक राजीव परीछा, विधायक डॉ रश्मि आर्या व तमाम जिले के आला अधिकारी उपस्थित रहे।

एक ही परिवार के 5 लोग, तालाब में डूबे

एक ही परिवार के 5 लोग, तालाब में डूबे  

कविता गर्ग  
मुंबई। महाराष्ट्र के ठाणे जिले के पूर्वी डोंबिवली इलाके में तालाब में डूबने से एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में तीन बच्चे और दो महिलाएं शामिल हैं।
पुलिस के अनुसार तालाब में एक ही परिवार के 5 लोग कपड़े धोने के लिए पास के एक तालाब पर गए थे। पैर फिसलने के चलते यहां एक बच्चा तालाब में गिर गया और उसे निकालने के प्रयास में बाकी लोग तालाब में उतर गए और एक दूसरे को बचाने के चक्कर में सभी डूब गए। जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने दमकल कर्मियों की मदद से देर रात सभी शव निकाले गए। ये दुखद घटना मुंबई से सटे डोंबिवली के संदप गांव की है।

इस पूरी घटना के संबंध में ग्रामीणों का कहना है कि गांव में पानी की किल्लत के चलते परिवार के लोग तालाब में कपड़े धोने गए थे। महिलाएं कपड़े धो रही थीं, तभी उनके साथ मौजूद एक बच्चा तालाब में गिर गया, जिसके बाद उसे बचाने के लिए एक-एक कर पानी में कूद पड़े। इसके बाद पांचों लोग डूब गए. मृतकों की पहचान मीरा गायकवाड़ (55), उनकी बहू अपेक्षा (30) और पोते मयूरेश (15), मोक्ष (13) और नीलेश (15) के रूप में हुई है। पुलिस का कहना है कि एक महिला और उसकी बहू तालाब के पास कपड़े धो रहे थे वहीं पास बैठा एक बच्चा अचानक फिसल कर तालाब में चला गया गया और वह डूबने लगा। वहां मौजूद परिवार के अन्य चार सदस्यों ने बच्चे को बचाने की कोशिश की, लेकिन वे सभी डूब गए और सभी की मौत हो गई, हालांकि घटना को लेकर तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं। पुलिस की टीम मौके पर पहुंचकर घटना की जांच कर रही है।

इंटरनेशनल बॉर्डर पर दिखा ड्रोन, फायरिंग

इंटरनेशनल बॉर्डर पर दिखा ड्रोन, फायरिंग  

इकबाल अंसारी  
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के इंटरनेशनल बॉर्डर पर एक बार फिर ड्रोन देखा गया है। बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स ने अरनिया सेक्टर में ड्रोन को देखा, जिसके बाद बीएसएफ जवानों ने फायरिंग शुरू कर दी। आठ राउंड की फायरिंग के बाद ड्रोन पाकिस्तान जाते दिखा।
पाकिस्तान की ओर से आ रहा एक ड्रोन आरएस पुरा सब डिवीजन के अरनिया इलाके में दिखाई दिया। उसने शायद इंटरनेशनल बॉर्डर पार नहीं किया था।
बीएसएफ की ओर से जारी किए गए बयान के मुताबिक जवानों ने ड्रोन पर आठ राउंड फायरिंग की, जिसके बाद वह तुरंत वापस लौट गया। बताया जा रहा है कि ड्रोन जम्मू के अरनिया सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास देखा गया। बीएसएफ के सतर्क जवानों ने ड्रोन पर फायरिंग की। जल्द ही ड्रोन गायब हो गया। ड्रोन के संचालकों ने इसे वापस पाकिस्तान की ओर खींच लिया। इसके बाद से अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चौकसी को और बढ़ा दी गई। बीएसएफ का तलाशी अभियान पूरा हो गया है। कोई भी संदिग्ध चीज नहीं मिली है।

10वीं-12वीं की परिक्षाओं की तारीखों का ऐलान

10वीं-12वीं की परिक्षाओं की तारीखों का ऐलान  संदीप मिश्र  लखनऊ। यूपी बोर्ड ने 10वीं और 12वीं की परिक्षाओं की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है।...