कांग्रेस ने मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया
दुष्यंत टीकम
रायपुर। देश मे बढ़ रहे लगातार महंगाई के लिए छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए, कई गंभीर आरोप लगाए।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने सीमेंट की बढ़ती महंगाई को लेकर कहा, कि सीमेंट उत्पादन में जितना चूना पत्थर जरूरी है, उतना ही जरूरी कोयला भी है।
लोहा में भी वही स्थिति है। अनुमान है कि 1 टन सीमेंट का उत्पादन करने के लिए लगभग ढाई सौ किलोग्राम कोयले की आवश्यकता पड़ती है।
लोहा उत्पादन के लिये भी कोयला प्रमुख वस्तु है।
मोदी सरकार की गलत कोयला नीति के चलते कोयला के दामों में बेतहाशा वृद्धि हुई है।
लोहे की कीमत 84 रू. किलो हो गयी है।
इसका प्रमुख कारण कोयले की कमी है।
2014 की तुलना में कोयले पर लगने वाला ग्रीन टैक्स लगभग 8 गुना बढा है।
अपने पूंजीपति मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए बाहर से कोयला लाकर देश के भीतर कोल खनन को कम किया जा रहा है।
विगत 7 वर्षों से लगातार कोल इंडिया लिमिटेड और एसईसीएल की खदानें निजी पूंजी पतियों को सौंपी जा रही है।
जिसके चलते कोयले पर मुनाफाखोरी दिनोदिन बढ रही है।
मोदी सरकार की अदूरदर्शिता के चलते हैं पावर उत्पादक कंपनियों के अलावा बाकी उद्योग को दिए जाने वाले कोयले के रेक में अघोषित कटौती कर दी गई है।
सीमेंट अधिक भार वाला उत्पाद है इसलिए परिवहन का व्यय भी अधिक होता है।
विगत 7 वर्षों में मोदी सरकार द्वारा डीजल पर लगभग 10 गुना सेंट्रल एक्साइज बढ़ाए जाने के कारण परिवहन की लागत भी बढी है।
वर्ष 2014 में जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी तब डीजल पर प्रति लीटर 3.56 रुपया सेंट्रल एक्साइज लगता था।
जो मोदी राज में बढ़कर 31.80 रुपए हो गया है।
वही प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने रमन सरकार पर कहा कि
2003 में जब रमन सरकार आई तब सीमेंट का दाम 2 अंकों में था।
जिसे 2018 में 250रू. तक बढ़ाया गया। रमन सरकार के दौरान वाणिज्य कर और फिर वेट लगता था।
उस समय कर की दर तय करने का अधिकार राज्य सरकार के पास था।
रमन सरकार ने पहले 12.5 फिर 14 प्रतिशत बढ़ाया, उसके बाद 1 जुलाई 2017 में जब पूरे देश में जीएसटी लागू हुआ।
तो मोदी सरकार ने 28 प्रतिशत का भारी-भरकम जीएसटी सीमेंट पर लगाकर रियल स्टेट व्यवसाय की कमर तोड़ दी।
आम जनता पर दुगुना बोझ डाल दिया।
विदित हो कि 28 प्रतिशत का भारी-भरकम जीएसटी दर दुनिया में कहीं नहीं है।
जो मोदी राज में सीमेंट जैसी आम जनता के उपयोग की वस्तु पर लिया जा रहा है।
भूपेश बघेल सरकार का प्रयास सदैव ही रहा है।
कि कैसे आम जनता को राहत दी जा सके पूर्व में भी परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर ने मध्यस्थता कर।
सीमेंट के दामों में 20 रू. की कमी करने सहमति बनाई थी।
आगे भी प्रदेश सरकार के का प्रयास रहेगा कि आमजनता को राहत मिले।
दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है कि मोदी निर्मित महंगाई पर प्रदेश के भाजपा के सांसद,
विधायक, राष्ट्रीय पदाधिकारी और तमाम नेता मौन है।