शनिवार, 7 मई 2022

गैस-सिलेंडर के दाम 1000 के आस-पास पहुंचें

गैस-सिलेंडर के दाम 1000 के आस-पास पहुंचें

अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। देश की पेट्रोलियम कंपनियां लोगों को कहीं से भी राहत देने को तैयार दिखाई नहीं दे रही है। रसोई गैस-सिलेंडर के दामों में की गई 50 रूपये की बढ़ोतरी के बाद गैस-सिलेंडर की कीमत तकरीबन 1000 के आस-पास पहुंच गई है। मार्च 2022 में ही रसोई-गैस के दामों में 50 रूपये की बढ़ोतरी की गई थी। देश की पेट्रोलियम कंपनियों ने देशवासियों के लिए आज के दिन को काला शनिवार बनाते हुए रसोई गैस सिलेंडर के दामों में 50 रूपये की बढ़ोतरी कर दी है।
जिससे पहले से ही महंगाई से सामजस्य बिठाने के प्रयासों में लगे देशवासियों पर पेट्रोलियम कंपनियों ने महंगाई की एक और करारी मार दी है। 50 रूपये प्रति गैस सिलेंडर की बढ़ोतरी के बाद देश में गैस सिलेंडर के दाम तकरीबन 1000 के आसपास पहुंच गए हैं। जबकि राजस्थान में रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 1000 के पार पहुंचते हुए 1003 रूपये 50 पैसे हो गई है। सिलेंडर की कीमतों में आज कोई इजाफा नहीं किया गया है क्योंकि कमर्शियल गैस सिलेंडर के दामों में इसी महीने की 1 मई को 102 रूपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी की गई थी। देश की पेट्रोलियम कंपनियों ने मार्च महीने में ही 50 रूपये की बढ़ोतरी करते हुए रसोई गैस सिलेंडर उपभोक्ताओं को तगड़ा झटका दिया था।

कांग्रेस ने मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया

कांग्रेस ने मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया  

दुष्यंत टीकम  
रायपुर। देश मे बढ़ रहे लगातार महंगाई के लिए छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए, कई गंभीर आरोप लगाए।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने सीमेंट की बढ़ती महंगाई को लेकर कहा, कि सीमेंट उत्पादन में जितना चूना पत्थर जरूरी है, उतना ही जरूरी कोयला भी है।
लोहा में भी वही स्थिति है। अनुमान है कि 1 टन सीमेंट का उत्पादन करने के लिए लगभग ढाई सौ किलोग्राम कोयले की आवश्यकता पड़ती है।
लोहा उत्पादन के लिये भी कोयला प्रमुख वस्तु है।
मोदी सरकार की गलत कोयला नीति के चलते कोयला के दामों में बेतहाशा वृद्धि हुई है।
लोहे की कीमत 84 रू. किलो हो गयी है।
इसका प्रमुख कारण कोयले की कमी है।
2014 की तुलना में कोयले पर लगने वाला ग्रीन टैक्स लगभग 8 गुना बढा है।
अपने पूंजीपति मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए बाहर से कोयला लाकर देश के भीतर कोल खनन को कम किया जा रहा है।
विगत 7 वर्षों से लगातार कोल इंडिया लिमिटेड और एसईसीएल की खदानें निजी पूंजी पतियों को सौंपी जा रही है।
जिसके चलते कोयले पर मुनाफाखोरी दिनोदिन बढ रही है।
मोदी सरकार की अदूरदर्शिता के चलते हैं पावर उत्पादक कंपनियों के अलावा बाकी उद्योग को दिए जाने वाले कोयले के रेक में अघोषित कटौती कर दी गई है।
सीमेंट अधिक भार वाला उत्पाद है इसलिए परिवहन का व्यय भी अधिक होता है।
विगत 7 वर्षों में मोदी सरकार द्वारा डीजल पर लगभग 10 गुना सेंट्रल एक्साइज बढ़ाए जाने के कारण परिवहन की लागत भी बढी है।
वर्ष 2014 में जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी तब डीजल पर प्रति लीटर 3.56 रुपया सेंट्रल एक्साइज लगता था।
जो मोदी राज में बढ़कर 31.80 रुपए हो गया है।
वही प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने रमन सरकार पर कहा कि
2003 में जब रमन सरकार आई तब सीमेंट का दाम 2 अंकों में था।
जिसे 2018 में 250रू. तक बढ़ाया गया। रमन सरकार के दौरान वाणिज्य कर और फिर वेट लगता था।
उस समय कर की दर तय करने का अधिकार राज्य सरकार के पास था।
रमन सरकार ने पहले 12.5 फिर 14 प्रतिशत बढ़ाया, उसके बाद 1 जुलाई 2017 में जब पूरे देश में जीएसटी लागू हुआ।
तो मोदी सरकार ने 28 प्रतिशत का भारी-भरकम जीएसटी सीमेंट पर लगाकर रियल स्टेट व्यवसाय की कमर तोड़ दी।
आम जनता पर दुगुना बोझ डाल दिया।
विदित हो कि 28 प्रतिशत का भारी-भरकम जीएसटी दर दुनिया में कहीं नहीं है।
जो मोदी राज में सीमेंट जैसी आम जनता के उपयोग की वस्तु पर लिया जा रहा है।
भूपेश बघेल सरकार का प्रयास सदैव ही रहा है।
कि कैसे आम जनता को राहत दी जा सके पूर्व में भी परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर ने मध्यस्थता कर।
सीमेंट के दामों में 20 रू. की कमी करने सहमति बनाई थी।
आगे भी प्रदेश सरकार के का प्रयास रहेगा कि आमजनता को राहत मिले।
दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है कि मोदी निर्मित महंगाई पर प्रदेश के भाजपा के सांसद,
विधायक, राष्ट्रीय पदाधिकारी और तमाम नेता मौन है।

टॉरनेडो की रफ्तार 217 किमी प्रति घंटे मापी

टॉरनेडो की रफ्तार 217 किमी प्रति घंटे मापी  

सुनील श्रीवास्तव  
वाशिंगटन डीसी।‌ अमेरिका को एक और टॉरनेडो ने झकझोर दिया है। वहां दक्षिण मध्य क्षेत्र टेक्सास और ओकलाहोमा में बवंडर आया। ओकलाहोमा के सोमिनोल में तो, टॉरनेडो की रफ्तार 217 किमी प्रति घंटे मापी गई। दूसरी तरफ टेक्सास के रस्क काउंटी में आए टॉरनेडो की रफ्तार 275 किमी प्रति घंटे मापी गई। उसकी चपेट में आकर कई शेड और इमारतों को नुकसान पहुंचा। 
वॉशिंगटन काउंटी में बाढ़ में फंसे 30 लोगों को बचाया गया। चार दिन पहले ही कंसास में बवंडर आया था। इसके कुछ वीडियो भी सामने आए, जिसमें जद में आए कई मकान उड़ते तक दिखाई दिए थे।

60,705 करोड़ पर 'रिलायंस का नेट प्रॉफिट'

60,705 करोड़ पर 'रिलायंस का नेट प्रॉफिट'  

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज सौ अरब डॉलर सालाना आय वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई है। 2021-22 के दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज का नेट प्रॉफिट बढ़कर 60,705 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इसकी वजह से कंपनी की आय बढ़कर 7.92 लाख करोड़ रुपये (102 अरब डॉलर) हो गई।
रिलायंस के मुताबिक तेल के धंधे में मुनाफे में मजबूती, दूरसंचार और डिजिटल सेवाओं में निरंतर वृद्धि और खुदरा कारोबार में मजबूत गति से कंपनी का लाभ बढ़ा है। शुक्रवार को कंपनी ने ये सूचना शेयर बाजार को भेजी है। कंपनी का कंंशोलिडेटिड मुनाफा वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में 22.5 फीसदी बढ़कर 16,203 करोड़ रुप में पर पहुंच गया है।
कंपनी के बोर्ड ने डिविडेंड बांटने का इशारा दिया है। कंपनी के बोर्ड ने 31 मार्च को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए प्रति इक्विटी शेयर ₹8 के लाभांश की सिफारिश की है। डिविडेंड भुगतान को लेकर कंपनी की अगली सालाना आम बैठक में फैसला होने की उम्मीद है। तेल से लेकर दूरसंचार क्षेत्र में कारोबार करने वाली कंपनी का वित्त वर्ष 2020-21 की जनवरी-मार्च तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ 13,227 करोड़ रुपये था। कंपनी के अहम ब्रांड जियो(JIO) का मुनाफा चौथी तिमाही में करीब 24 फीसदी बढ़कर 4,173 करोड़ रुपये हो गया।

अंडे को चेहरे पर लगाने के फायदे, जानिए

अंडे को चेहरे पर लगाने के फायदे, जानिए  

सरस्वती उपाध्याय 
खूबसूरत चेहरा भला किसे नहीं चाहिए। सभी चाहते हैं कि उसका चेहरा खिलता रहे‌। लेकिन बदलती लाइफस्टाइल और प्रदूषण के चलते फेस पर कई कई प्रकार की परेशानी देखने को मिलती है। कई लोगों के चेहरे पर दाग-धब्बे भी हो जाते हैं।
खूबसूरत चेहरा भला किसे नहीं चाहिए। सभी चाहते हैं कि उसका चेहरा खिलता रहे,लेकिन बदलती लाइफस्टाइल और प्रदूषण के चलते फेस पर कई कई प्रकार की परेशानी देखने को मिलती है। कई लोगों के चेहरे पर दाग-धब्बे भी हो जाते हैं। ऐसे में उनके चेहरे को फिर से बेदाग बनाने के लिए ज्यादातर लोग कई प्रकार के उपाय अपनाते हैं।
इतना ही नहीं फेस पर चमक लाने के लिए ज्यादातर लोग कई प्रकार के ट्रिक ट्राई करते हैं। तो क्या आप जानते हैं कि अंडे से भी आपके फेस पर चमक आ सकती है। आप सोच रहे होंगे कि भला अंडे से फेस पर चमक कैसे आ सकती है। तो आइए आपको बताते हैं कि कैसे आप अंडे का प्रयोग फेस के लिए कर सकते हैं।

अंडे को फेस पर कैसे लगाएं...
सबसे पहले आप अंडे को एक कटोरी में तोड़ लें। इसके बाद इसे अच्छे से चम्मच से मिला लें। थोड़ी देर कटोरी में रखने के बाद इसे आप अपने फेस पर अप्लाई करे। थोड़ी देर फेस पर रखने के बाद आप इसे पानी से धो लें। ऐसा करके आप खुद महसूस करेंगे कि आपका फेस चमक रहा है। हालांकि, इसे फेस पर लगाने के बाद स्मेल जरूर आ सकती है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए आप अंडे का येलो वाला पार्ट हटा सकते हैं।

अंडे को चेहरे पर लगाने के फायदे...
जैसे ही आप अंडे को फेस पर लगाएं, इससे आपकी स्किन टाइट हो जाएगी।
चेहरे पर ग्लो लाने के साथ-साथ दाग-धब्बे, ब्लैकहैड्स भी दूर हो जाएंगे।
झुर्रियों को दूर करने में भी अंडे का फेस पेक काफी फायदेमंद है।

चुनावी तैयारियों को लेकर घमासान प्रारंभ

चुनावी तैयारियों को लेकर घमासान प्रारंभ

अकांशु उपाध्याय/नरेश राघानी

नई दिल्ली/जयपुर। राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर प्रमुख राजनीतिक पार्टी भाजपा और कांग्रेस के बीच चुनावी तैयारियों को लेकर घमासान अभी से शुरू हो गई है। कांग्रेस की योजना 15 मई से उदयपुर में तीन दिवसीय चिंतन शिविर आयोजित करने की है। वहीं दूसरी ओर भाजपा 20 मई से जयपुर में दो दिवसीय राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक करेगी। राजस्थान भाजपा इकाई से कहा गया है कि बैठक के लिए जयपुर में जगह तय करें।
हाल के वर्षों में यह पहली बार है, जब भाजपा किसी विपक्षी शासित राज्य में इतनी महत्वपूर्ण बैठक करने जा रही है। अगले दो वर्षों में जिन छह राज्यों में चुनाव होने हैं, उनमें से दो राज्यों राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है। इससे राजस्थान में बीजेपी की बैठक अहम हो जाती है।
राज्य में भाजपा राज्य के विभिन्न हिस्सों में सांप्रदायिक तनाव और शासन की विफलता को लेकर अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर लगातार हमला करती रही है। पार्टी अपनी विजयी दौड़ को बनाए रखना चाहती है जो गुजरात, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे आसपास के अन्य राज्यों के चुनावों को प्रभावित कर सकती है। चूंकि यह पार्टी पदाधिकारियों की बैठक है, इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे वर्चुअल माध्यम से दिल्ली से संबोधित करेंगे। चुनाव में जाने वाले पार्टी के राज्यों के प्रभारियों को एक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है और बैठक में आगे की कार्रवाई के लिए विस्तृत योजना पर चर्चा की जानी है।
हाल के हफ्तों में भाजपा के वरिष्ठ नेता नियमित रूप से राजस्थान का दौरा करते रहे हैं। बैठक से पहले पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 10 मई से दो दिनों के लिए राज्य का दौरा करेंगे। वहीं, भाजपा महासचिव और राजस्थान के प्रभारी अरुण सिंह एक सप्ताह के लिए राज्य का दौरा करेंगे और पार्टी की चुनावी तैयारियों पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेंगे।
राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष सतीश पूनिया ने बताया कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष का महीने में दो बार राज्य का दौरा करना ही यह दर्शाता है कि पार्टी राज्य में चुनावी तैयारियों को लेकर गंभीर है। ये बैठकें निश्चित रूप से पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को चुनाव से पहले युद्ध के लिए तैयार होने के लिए प्रोत्साहित करेंगी।

रैली में नियमों के उल्लंघन पर सियासत गरमाई

रैली में नियमों के उल्लंघन पर सियासत गरमाई  

कविता गर्ग  
मुंबई। महाराष्ट्र में राज ठाकरे के नेतृत्व में शुरू हुए मंदिर मस्जिद में लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध को लेकर रैली में नियमों के उल्लंघन पर सियासत गरमा गई है। महाराष्ट्र में शिवसेना की सरकार उद्धव ठाकरे अपने ही सासमर्थित पार्टी के नेताओं के आक्रोश के शिकार हो रहे हैं।
कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे से डरी हुई है और इसलिए 1 मई की औरंगाबाद रैली के लिए ‘शर्तों का उल्लंघन करने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है।
कांग्रेस नेता ने रैली के लिए शर्तों के उल्लंघन के लिए मनसे प्रमुख की गिरफ्तारी की मांग करते हुए कहा कि उन्हें राज्य में सांप्रदायिक तनाव को भड़काने से रोकना आवश्यक है। संजय निरुपम ने मुंबई पुलिस द्वारा मनसे प्रमुख के खिलाफ ‘कार्रवाई की कमी’ के लिए निराशा व्यक्त की है।
निरुपम ने कहा कि महाराष्ट्र पुलिस ने औरंगाबाद में रैली के लिए 16 शर्तें रखी थीं, जिनमें से उन्होंने 12 का उल्लंघन किया। राज ठाकरे के खिलाफ दो अदालतों से गैर-जमानती वारंट हैं। मुझे समझ नहीं आता कि मुंबई पुलिस कुछ क्यों नहीं कर रही है। राज्य सरकार राज ठाकरे से डरी हुई प्रतीत होती है। उन्होंने कहा कि कानून के शासन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। निरुपम ने कहा, “देश और महाराष्ट्र में कानून का राज है और जो कोई भी कानून के खिलाफ चुनौती पेश करता है, उससे सख्ती से निपटा जाना चाहिए।
राज ठाकरे ने 1 मई को औरंगाबाद में एक रैली की थी और लाउडस्पीकर के मुद्दे पर उद्धव ठाकरे सरकार को लताड़ा था। उन्होंने मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने के लिए 3 मई की समय सीमा तय की थी। उन्होंने यह भी धमकी दी थी कि “यदि राज्य सरकार समय सीमा के भीतर कार्रवाई नहीं करती है तो उनकी पार्टी के कार्यकर्ता मस्जिदों के सामने ‘अज़ान’ से तेज आवाज में हनुमान चालीसा बजाएंगे।
कई मनसे कार्यकर्ताओं को कथित तौर पर हनुमान चालीसा बजाने के लिए मस्जिदों के बाहर लाउडस्पीकर लगाने की कोशिश करने के आरोप में हिरासत में लिया गया था।
महाराष्ट्र के बीड जिले के परली की एक अदालत ने कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के लिए 2008 के एक मामले में राज ठाकरे के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है। इससे पहले 3 मई को सांगली की एक अदालत ने 2008 के मामले में ठाकरे के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था।

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