गुरुवार, 5 मई 2022

स्कूल बस की चपेट में आने से एक छात्र की मौंत

स्कूल बस की चपेट में आने से एक छात्र की मौंत

गोपीचंद
बागपत। उत्तर प्रदेश के बागपत में गुरुवार सुबह एक छ: वर्षीय छात्र की स्कूल बस की चपेट में आने से मौत हो गई। सूचना मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया और स्कूल परिसर में जाकर जमकर हंगामा किया। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाने का प्रयास किया लेकिन परिजनों पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया।
जानकारी के अनुसार चामरावल निवासी अरुण का छह वर्षीय पुत्र आयुष पांची- चमरावल मार्ग के एक पब्लिक स्कूल में यूकेजी कक्षा का छात्र था। गुरुवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे वह स्कूल पहुंच गया था।
स्कूल परिसर में ही स्कूल की बस को बैक करते हुए वह छात्र बस के टायर के नीचे आ गया, जिसमें उसकी मौके पर ही मौत हो गई । सूचना मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। जिसके बाद परिजनों ने स्कूल परिसर में जमकर हंगामा किया और गाड़ी ड्राइवर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हत्या करने का आरोप लगाया।
परिजनों ने हंगामा करते हुए एसपी और डीएम को मौके पर बुलाने की मांग की। डीएम व एसपी को बुलाने की मांग को लेकर पांची-चमरावल मार्ग पर छात्र का शव रखकर जाम लगा दिया। इस दौरान प्रबंधक की गाड़ी में तोड़फोड़ भी की गई।

16 मई को लगेगा साल का पहला 'चंद्र ग्रहण'

16 मई को लगेगा साल का पहला 'चंद्र ग्रहण' 

डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत   
नई दिल्ली। वैशाख पूर्णिमा के दिन साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण है। चंद्र ग्रहण 16 मई 2022, सोमवार को लगेगा। सोमवार का संबंध चंद्रमा से है। साथ ही सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है। भगवान शिव अपने सिर पर चंद्रमा को धारण करते हैं। इसके अलावा इस दिन वैशाख पूर्णिमा भी है। इस तरह इन सभी कारणों से यह चंद्र ग्रहण बेहद खास होने जा रहा है।

चंद्र ग्रहण का समय और सूतक काल...
साल का पहला चंद्रग्रहण 16 मई 2022 सुबह 08:59 बजे शुरू होगा और करीब डेढ़ घंटे बाद सुबह 10:23 बजे खत्‍म होगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। साल 2022 का पहला चंद्र ग्रहण दक्षिणी-पश्चिमी यूरोप, दक्षिणी-पश्चिमी एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका के ज्यादातर हिस्सों, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, हिंद महासागर, अटलांटिक और अंटार्कटिका में दिखाई देगा। चूंकि यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा।
वैशाख पूर्णिमा 2022 पर जरूर करें यह काम
वैशाख पूर्णिमा और चंद्र ग्रहण एक ही दिन होने से इस दिन कुछ बातों का ख्‍याल रखना बहुत जरूरी है। इस दिन पवित्र नदी में या पवित्र नदी के जल मिले पानी से स्‍नान करें। ग्रहण खत्‍म होने के बाद दान अवश्‍य करें। ग्रहण के दौरान कुछ खाएं-पिएं नहीं। साथ ही इस दौरान जितना हो सके भगवान की आराधना करें। मंत्र जाप करें। दरअसल, ग्रहण के दौरान नकारात्‍मक शक्तियां सक्रिय हो जाती हैं। लिहाजा इस नकारात्‍मकता से बचने के लिए अपनी सोच को सकारात्‍मक रखें और अपना ध्‍यान भगवान की भक्ति में लगाए।

'फैटी लिवर डिसीज' बीमारी के लक्षण, जानिए

'फैटी लिवर डिसीज' बीमारी के लक्षण, जानिए   

सरस्वती उपाध्याय        
'फैटी लिवर डिसीज' एक ऐसी बीमारी है, जिसमें लिवर की कोशिकाओं में बहुत ज्यादा फैट जमा हो जाता है। यह बीमारी आज के समय में काफी आम हो चुकी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि आज हर 3 में से 1 इंसान इस बीमारी का सामना कर रहा है। इस बीमारी के कारण लिवर सही तरीके से काम नहीं कर पाता और कई समस्याएं होने लगती हैं। कई लोगों का मानना है कि जो लोग शराब आदि का सेवन ज्यादा करते हैं, केवल उन्हें ही इस समस्या का सामना करना पड़ता है, जबकि ऐसा नहीं है‌। जो लोग शराब नहीं पीते, उन लोगों में भी यह बीमारी हो सकती है।
लेकिन यह कहना गलत नहीं होगा कि जो लोग अधिक मात्रा में शराब का सेवन करते हैं, उन लोगों में यह समस्या अधिक देखी जाती है। जिन लोगों ने कभी भी शराब का सेवन नहीं किया है, उनमें भी यह समस्या देखने को मिलती है और इसके कई कारण हो सकते हैं। जैसे: हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल, डायबिटीज, स्लीप एपनिया, अंडरएक्टिव थाइरॉयड आदि। अधिकतर मामलों में शुरुआत में इस बीमारी का पता नहीं चल पाता। नॉन-अल्कोहल फैटी लिवर डिसीज एक ऐसी स्थिति है, जो शराब के कारण नहीं होती, लेकिन अगर ऐसे में शराब का सेवन किया जाए तो यह और भी बढ़ सकती है।

बढ़ता हुआ वजन हो सकता है कारण...
ब्रिटिश लिवर ट्रस्ट के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर पामेला हीली का कहना है कि कई लोगों को यह तक पता नहीं होता कि इंसान का बढ़ता हुआ वजन भी फैटी लिवर के जोखिम को बढ़ा सकता है।  लिवर हार्ट की ही तरह महत्वपूर्ण ऑर्गन है, लेकिन लोग इसे स्वस्थ रखने की बिल्कुल कोशिश नहीं करते।
लिवर के बारे में कई सारे मिथक भी फैले हुए हैं। उदाहरण के लिए बहुत से लोग मानते हैं कि लिवर की बीमारी उन लोगों को होती है, जो शराब का सेवन करते हैं। लेकिन इसके अलावा भी कुछ लोग ऐसे हैं जो शराब का सेवन नहीं करते लेकिन फिर भी उन्हें बढ़े हुए वजन के कारण फैटी लिवर डिसीज का खतरा होता है।

शुरुआत में नजर नहीं आते लक्षण...
हर इंसान के लिवर में फैट की कुछ मात्रा होती है, लेकिन जैसे-जैसे लिवर में फैट की मात्रा बढ़ती जाती है, उसे हाई ब्लड प्रेशर, किडनी प्रॉब्लम्स और डायबिटीज का खतरा बढ़ने लगता है।
शुरुआत में फैटी लिवर डिसीज के कोई लक्षण नजर नही् आते, लेकिन अगर इसे कंट्रोल नहीं किया जाए तो गंभीर लक्षण सामने आ सकते हैं। इसके बाद यह यह नॉन-अल्कोहॉलिक स्टीटोहेपेटाइटिस या NASH नामक एक और गंभीर स्थिति में परिवर्तित हो सकती है, जिसमें लिवर में काफी सूजन आ जाती है। जैसे-जैसे समय बीतता जाता है, यह सूजन ब्लड वेसिल्स और लिवर दोनों को प्रभावित करने लगती है। हो सकता है नॉर्मल इंसान को यह भी पता न चले कि उसके लिवर में समस्या पैदा हो चुकी है।

फैटी लिवर डिसीज वाले लोगों में दिखते हैं ये लक्षण...

अगर किसी को फैटी लिवर डिसीज की समस्या होती है तो उनमें ये लक्षण नजर आ सकते हैं।
पेट के ऊपरी दाएं भाग में दर्द (पसलियों के नीचे)
अत्यधिक थकान।
जरूरत से ज्यादा वेट लॉस।
कमजोरी।
लिवर को जब सालों से नुकसान पहुंच रहा हो तो वह सिरोसिस में बदल जाती है। सिरोसिस के कारण लिवर को जो नुकसान होता है, उसे सही नहीं किया जा सकता। ऐसी स्थिति के बाद ये लक्षण नजर आते हैं।
त्वचा का पीलापन।
आंखों का सफेद होना।
त्वचा में खुजली।
पैर, टखने या पेट में सूजन।
लाइफस्टाइल में करें बदलाव।
एक्सपर्ट कहते हैं कि इस बीमारी से बचने के लिए सबसे पहले लाइफस्टाइल में बदलाव करना काफी जरूरी है। एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी में लिवर रिसर्च के हेड प्रोफेसर जोनाथन फॉलोफील्ड कहते हैं, नॉन-अल्कोहॉलिक फैटी डिसीज के मरीज 2030 तक 5 प्रतिशत से बढ़कर 7 प्रतिशत तक हो जाएंगे। ज्यादातर लोग नहीं जानते कि उन्हें फैटी लिवर डिसीज हो चुका है। ये अक्सर ऐसे लोग होते हैं, जो बाहर से पतले दिखते हैं लेकिन उनके लिवर पर फैट होता है। उनके पेट के चारों ओर चर्बी जमी होती है और थकान भी होने लगती है‌।
फैटी लिवर डिसीज से बचने के लिए कुछ चीजों पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। एक्सपर्ट कहते हैं कि ऐसे लोगों को 7 से 10 प्रतिशत वजन घटाने की कोशिश करनी चाहिए। एरोबिक एक्सरसाइज या हल्की वेट ट्रेनिंग से भी लिवर की सेहत को फायदा होता है। इसके लिए डॉक्टर डायबिटीज कंट्रोल करने की भी सलाह देते हैं। शरीर में कॉलेस्ट्रोल लेवल को भी घटाने की कोशिश करनी चाहिए।

सुनवाई: 2 साल की सजा, 5 हजार का जुर्माना

सुनवाई: 2 साल की सजा, 5 हजार का जुर्माना  

भानु प्रताप उपाध्याय
मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर की एक अदालत ने लूट के आरोपी पर गैंगस्टर एक्ट के तहत सुनवाई करते हुए दोषी को 2 साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोषी पर 5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
महिला और एक युवक से हुई थी लूट
अभियोजन अधिकारी संदीप सिंह, विशेष लोक अभियोजक राजेश शर्मा एवं दिनेश सिंह पुंडीर ने बताया कि 17 अगस्त 2019 को नई मंडी क्षेत्र में सुजाता नाम की महिला अपने पति के साथ मोटरसाईकिल पर सवार हाे कर रक्षा बंधन के पर्व पर अपने भाई के पास जा रहीं थी।
बागोवाली चौराहे के पास शाम 7 बजे के लगभग दो बदमाश सुजाता से 5 हजार रुपये और आभूषण लूटकर फरार हो गए थे। इसके बाद दूसरी घटना में वादी सनव्वर से 8 अक्टूबर 2019 को एक्सिस बैंक से वापस आते समय बझेड़ी गांव के पास मोटरसाइकिल सवार बदमाशों ने तमंचा लगाकर 1500 रुपये सहित पर्स लूट लिया था और फरार हो गए थे।
कई लुटेरों पर गैंगस्टर में हुई थी कार्रवाई
पुलिस ने नौशाद पुत्र मीरहसन निवासी 24 दक्षिणी कृष्णापुरी थाना कोतवाली सहित अन्य चार अभियुक्तों रशीद निवासी सरवट, उस्मान निवासी नसीरपुर, शानू उर्फ शाहनवाज निवासी सरवट और आमिर निवासी बढ़िवाला थाना छपार को गिरफ्तार कर लूट की उक्त घटनाओं का अनावरण किया।
तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक नई मंडी दीपक चतुर्वेदी ने इन अभियुक्तों के विरुद्ध गेंगेस्टर की कार्यवाही की, तथा विवेचक वीरेंद्र कसाना ने आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया। नौशाद की पत्रांवली प्रथक कर सुनवाई उपरांत गेंगेस्टर एक्ट कोर्ट जज बाबूराम ने अभियुक्त नौशाद को 2 साल तीन माह की सजा और 5 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया।

भारत सरकार के खिलाफ साजिश का आरोप

भारत सरकार के खिलाफ साजिश का आरोप  

अकांशु उपाध्याय/दुष्यंत टीकम   

नई दिल्ली/रायपुर। भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर, राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर भारत सरकार के खिलाफ साजिश करने का आरोप लगाया है। इसकी शिकायत कैबिनेट मंत्री टीएस सिंहदेव ने जगदलपुर थाने में की है। उन्होंने 3 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया है। 
मंत्री सिंहदेव ने कहा कि राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की छवि धूमिल करने के उद्देश्य से भाजपा नेता ने ट्वीट किया है। सिंहदेव ने जगदलपुर पुलिस थाने में निरीक्षक एमन साहू को शिकायत पत्र सौंपा‌। 
इस दौरान युवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष , पूर्व महापौर जतिन जायसवाल और जिला कांग्रेस के पदाधिकरी मौजूद रहे।

परीक्षा केंद्र में छात्रों पर मधुमक्खियों का हमला

परीक्षा केंद्र में छात्रों पर मधुमक्खियों का हमला
दुष्यंत टीकम  
भिलाई। छत्‍तीसगढ़ के भिलाई इस्पात संयंत्र के सेक्टर-10 स्थित इंग्लिश मीडियम हायर सेकेंडरी स्कूल में सीबीएसई दसवीं कक्षा की परीक्षा आयोजित की गई थी। यहां पर डीपीएस भिलाई के बच्चों को परीक्षा केंद्र दिया गया था। करीब 400 छात्र-छात्राएं अपने पालकों के साथ परीक्षा देने पहुंचे थी।
परीक्षा केंद्र में प्रवेश के लिए जा रहे विद्यार्थियों के ऊपर प्रवेश द्वार पर अचानक मधुमक्खियों ने हमला कर दिया।
इससे कई छात्र-छात्राएं घायल हो गई थोड़ी देर के लिए हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई। सभी लोग इधर-उधर भागने लगे। करीब 12 बच्चों को मधुमक्खी ने काट लिया। इससे वे काफी असहज महसूस करने लगे इसकी जानकारी होते ही शक तो नहीं ना अस्पताल से एंबुलेंस में बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करने के लिए डॉक्टरों का एक दल पहुंचा जिनके द्वारा प्राथमिक उपचार के बाद सभी को परीक्षा के लिए रवाना कर दिया गया।
पहले भी हो चुकी है घटना
सेक्टर-10 स्थित इसी स्कूल में पिछले साल भी इस तरह से मधुमक्खियों के काटने की घटना हो चुकी है। इसके बाद संयंत्र प्रबंधन ने टाउनशिप के सभी सार्वजनिक भवनों की जांच करा कर मधुमक्खियों के छातों को हटाने के लिए कहा था । इसके लिए टेंडर भी जारी हुआ था और मधुमक्खियों के छत्ते को निकाला गया था ।
पालकों को भी किया घायल
सेक्टर 10 इंग्लिश मीडियम हाई सेकेंडरी स्कूल में अपने बच्चों को परीक्षा के लिए छोड़ने वाले कई अभिभावकों को मधुमक्खी ने काट लिया। मधुमक्खियों के डंक से घायल पालक परीक्षा होने तक परेशान रहे।

औद्योगिक क्षेत्र में कटौती, विनिर्माण सुधार में देरी

औद्योगिक क्षेत्र में कटौती, विनिर्माण सुधार में देरी 
सुनील श्रीवास्तव 
नई दिल्ली/सिडनी/बीजिंग/जकार्ता। कोयला एक जीवाश्म ईंधन है। भारत के बिजली उत्पादन में कोयले का महत्वपूर्ण योगदान है। लेकिन खदानों से बिजली संयंत्रों तक कोयला पर्याप्त नहीं पहुंच पाने की वजह से  बिजली उत्पादन पर भी असर पड़ने की संभावना है। इसको देखते हुए रेलवे ने विभिन्न बिजली संयंत्रों में कोयले की ढुलाई के लिए अपने 86 प्रतिशत खुले वैगनों को तैनात करने की बात कही थी। आईसीआरए लिमिटेड की अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि अगर औद्योगिक क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति में कटौती की जाती है, तो यह विनिर्माण क्षेत्र में कम से कम एक और तिमाही में सुधार में देरी कर सकता है।
भारत करीब 200 गीगावॉट बिजली यानी करीब 70% बिजली का उत्पादन कोयले से चलने वाले प्लांट्स से करता है, लेकिन इस समय ज्यादातर प्लांट्स बढ़ती हुई बिजली की मांग और कोयले की कमी की वजह से कम बिजली सप्लाई कर पा रहे हैं। देश के कोयले से चलने वाले बिजली प्लांट्स के पास पिछले 9 सालों में सबसे कम कोयले का भंडार बचा है। यानी बिजली की डिमांड ज्यादा है, लेकिन कोयले की कमी की वजह से प्लांट्स जरूरत के मुताबिक बिजली का उत्पादन नहीं कर पा रहे हैं। कोल इंडिया बिजली प्लांट्स के लिए रोजाना 16.4 लाख टन कोयले की सप्लाई कर रहा है, जबकि कोयले की मांग प्रतिदिन 22 लाख टन तक पहुंच गई है। कोयले की खपत इस साल 8% बढ़ी है, लेकिन कोल इंडिया ने कोयले का उत्पादन नहीं बढ़ाया है। देश में कोयले का 80% उत्पादन कोल इंडिया ही करता है।
देश में पीक आवर में बिजली की डिमांड इस साल कोरोना महामारी की वजह से दो साल बाद बढ़ी है। रॉयटर्स के मुताबिक, अप्रैल के पहले 27 दिनों में बिजली सप्लाई डिमांड से 1.88 अरब यूनिट यानी 1.6% कम रही। ये पिछले 6 वर्षों में किसी एक महीने में सबसे ज्यादा बिजली की कमी है। देश में पिछले हफ्ते 62.3 करोड़ यूनिट बिजली की कमी हुई। यह पूरे मार्च महीने में हुई बिजली की कमी से भी ज्यादा है। यही वजह है कि जम्मू-कश्मीर से लेकर आंध्र प्रदेश तक देश के लगभग हर हिस्से में 2-8 घंटे तक की बिजली कटौती झेलनी पड़ रही है। सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी के मुताबिक, देश के कोयले से चलने वाले 150 बिजली प्लांट्स में से 86 में कोयले का स्टॉक बेहद कम हो गया है। इन प्लांट्स के पास अपनी सामान्य जरूरतों का 25% स्टॉक ही बचा है। इस समय देश भर में स्थित थर्मल बिजली प्लांट्स में 2.12 मिलियन टन कोयला उपलब्ध है, जोकि सामान्य स्तर 6.63 करोड़ टन से काफी कम है।
पिछले साल अक्टूबर में भी कोयले की कमी की वजह से बिजली संकट पैदा हुआ था, लेकिन इस बार ये संकट गर्मियों के महीने में पड़ने की वजह से और ज्यादा गहरा है। बिजली संकट की एक और वजह कोयले की ढुलाई न हो पाना है। दरअसल, कोयला कंपनियों से बिजली प्लांट्स तक कोयला पहुंचाने के लिए रेलवे के पास पर्याप्त कोच नहीं थे। बिजली संकट गहराने पर बिजली प्लांट्स तक कोयला ले जाने वाली ट्रेनों को रास्ता देने के लिए रेलवे ने ट्रेनों के 670 फेरे रद्द कर दिए हैं। रेलवे बिजली प्लांट्स तक कोयला पहुंचाने के लिए 415 कोच उपलब्ध करवा रहा है। हर मालगाड़ी से करीब 3500 टन कोयला ले जाया जा सकता है। कोयला ढुलाई में कमी के आरोपों के बीच रेलवे का कहना है कि उसने वित्त वर्ष 2022 में कोयले के ट्रांसपोर्टेशन में 11.1 करोड़ टन की बढ़ोतरी करते हुए 65.3 करोड़ टन कोयला ढोया। साथ ही रेलवे ने अप्रैल के पहले दो हफ्ते में कोयला ढोने वाले कोचों की संख्या को 380 से बढ़ाकर 415 कर दिया है।
इस संकट की एक और वजह है कोयले का आयात घटना। दुनिया के दूसरे सबसे बड़े कोयला आयातक भारत ने पिछले कुछ वर्षों से लगातार अपना आयात घटाने की कोशिश की है। लेकिन इस दौरान घरेलू कोयला सप्लायर्स ने उतनी ही तेजी से अपना उत्पादन बढ़ाया नहीं है। इससे सप्लाई गैप पैदा हुआ। अब इस गैप को सरकार चाहकर भी नहीं भर सकती क्योंकि रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से इंटरनेशनल मार्केट में कोयले की कीमत 400 डॉलर यानी 30 हजार रुपए प्रति टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं।
देश में कोयले के उत्पादन के अतिरिक्त सालाना करीब 20 करोड़ टन कोयला इंडोनेशिया, चीन और ऑस्ट्रेलिया से आयात होता है। लेकिन अक्टूबर 2021 के बाद इन देशों से आयात घटना शुरू हो गया और अब भी इन देशों से आयात पूरी तरह प्रभावित है। इसका नतीजा ये हुआ कि बिजली कंपनियां कोयले के लिए अब पूरी तरह कोल इंडिया पर ही निर्भर हो गईं।
इस संकट की एक और प्रमुख वजह ये है कि राज्यों ने कोल इंडिया को जरूरत से एक महीने पहले कोयले की मांग ही नहीं भेजी। साथ ही कई राज्यों ने निर्धारित समय पर कोयले का उठाव भी नहीं किया। गर्मी बढ़ने से बिजली की खपत भी तेजी से बढ़ी और कोयला कम पड़ने लगा और अचानक बिजली संकट खड़ा हो गया। इस संकट के अगले दो महीने तक बने रहने की आशंका है। दरअसल, राज्यों का कोल इंडिया के साथ सालाना करार होता है। इसी के अनुसार हर राज्य को हर महीने निर्धारित कोयले का उठाव करना होता है। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। कई राज्यों पर तो कोयले का उठान नहीं करने के लिए कोल इंडिया ने जुर्माना भी लगाया। सभी राज्य आने वाले 3-4 महीनों में कोयले की आवश्यकता का आकलन करने में चूक गए।

कौशाम्बी: 'संपूर्ण समाधान दिवस' का आयोजन

कौशाम्बी: 'संपूर्ण समाधान दिवस' का आयोजन  गणेश साहू  कौशाम्बी। जिले के सभी तहसीलों में शनिवार को संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया ग...