मंगलवार, 3 मई 2022

खोज: 40 लाख साल पहले का जीवाश्म मिला

खोज: 40 लाख साल पहले का जीवाश्म मिला
सुनील श्रीवास्तव 
जकार्ता। वैज्ञानिकों ने बोर्नियो द्वीप पर पत्ते के जीवाश्म की खोज की है। ये जीवाश्म द्वीप पर प्रमुख रूप से पाए जाने वाले वृक्ष डिप्टरोकार्प्स के हैं। लेकिन खास बात ये है कि वैज्ञानिकों को जो जीवाश्म मिला है, वह 40 लाख साल पहले का है। इससे वैज्ञानिकों ने ये निष्कर्ष निकाला है कि लगभग 40 लाख सालों से डिप्टरोकार्प्स ने वर्षावनों को घेर रखा है। ये पेड़ 60 मीटर तक लंबे हो सकते हैं। करीब 40-50 मीटर की ऊंचाई तक इनमें कोई शाखा नहीं होती है। अगर इन पेड़ों के होने तक डॉनासोर जिंदा होते तो सबसे बड़ा डायनासोर जिराफैटिटान जो 12 मीटर का होता था, वह भी उसकी पत्तियों तक न पहुंच पाता।
पेन स्टेट यूनिवर्सिटी के नेतृत्व में एक अतंरराष्ट्री रिसर्च टीम ने पाया की द्वीप पर जिस तरह का लैंडस्केप आज है। उसी तरह 26 लाख से 53 लाख साल पहले प्लियोसीन युग के दौरान भी था। शोधकर्ता मानते हैं कि उनका निष्कर्ष गंभीर रूप से लुप्त हुई प्रजातियों को संरक्षित करने के लिए और अधिक औचित्य जोड़ते हैं, जिनका ये कभी घर हुआ करता था।

एशिया के टापुओं पर थे डिप्टरोकार्प्स...
पेन स्टेट कॉलेज अर्थ एंड मिनरल साइंसेज में भूविज्ञान के प्रोफेसर पीटर विल्फ ने कहा, ‘ये पहली बार है जब पता चलता है कि बोर्नियों समेत एशिया के अन्य समुद्र तटीय क्षेत्रों में डिप्टरोकार्प्स के पेड़ मौजूद थे, बल्कि प्रभावशाली भी थे। हमें किसी भी अन्य पौधों के समूह की जगह डिप्टरोकार्प्स के जीवाश्म मिले हैं।’

पत्तियों से मिले बड़ी जानकारी...
इससे पहले शोधकर्ताओं ने अपनी रिसर्च को बोर्नियो में पराग (Pollen) के जीवाश्म की रिसर्च तक सीमित कर रखा था। इस पराग के जरिए शोधकर्ता बोर्नियो के जंगल जीवन के बारे में रिसर्च कर रहे थे। लेकिन पराग उनके लिए उतना अच्छा विकल्प नहीं रहा, क्योंकि ये बेहद तेजी से गलते हैं। लेकिन पत्तियों के मिलने से पूरी इनफॉर्मेशन मिल सकती है।

सपा द्वारा असंतोष दूर करने की कोशिश: राजनीति

सपा द्वारा असंतोष दूर करने की कोशिश: राजनीति
हरिओम उपाध्याय
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मुस्लिम वोट बैंक किसके साथ रहेगा। क्या समाजवादी पार्टी का एम+वाई (मुस्लिम-यादव) समीकरण बिखर जाएगा। अगर मुस्लिम वोट बैंक समाजवादी पार्टी से छिटका तो उनका दूसरा ठिकाना कौन बनेगा? इन तमाम सवालों के बीच रमजान का महीना गुजर गया। ईद के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति में कई बदलावों की चर्चा की कानाफूसी हो रही है। इन कानाफूसी के बीच प्रदेश की राजनीति किस किनारे लगेगी, यह भविष्य बताएगा। 
फिलहाल, हर तरफ से अपने वोट बैंक को बचाने और खोए वोट बैंक को पाने की खींचतान चल रही है। उत्तर प्रदेश में भले ही चुनाव आने में करीब दो साल का समय हो, लेकिन अखिलेश यादव की बड़ी परीक्षा अगले कुछ माह में होने वाली है। आजम खान की नाराजगी के बहाने अल्पसंख्यक वोट बैंक में उपजे असंतोष को तमाम गैर-भाजपा राजनीतिक दल हवा देकर माहौल को अपने पक्ष में करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। वहीं, अखिलेश यादव रोजा-इफ्तार पार्टियों के जरिए असंतोष को दूर करने की कोशिश करते दिख रहे हैं।
आजम के मुद्दे ने बढ़ाया है प्रदेश का राजनीतिक तापमान
उत्तर प्रदेश के राजनीतिक तापमान को आजम खान के मुद्दे ने काफी बढ़ा दिया है। अल्पसंख्यक समाज के भीतर अखिलेश यादव के रवैये पर एक नाराजगी साफ दिख रही थी। चाहे केंद्र हो या राज्य की भाजपा सरकार, उनकी नीतियों के खिलाफ अखिलेश ने उस प्रकार का विरोध नहीं दर्ज कराया, जिसकी उम्मीद यह समाज कर रहा था। नाहिद हसन हों या शहजिल इस्लाम, दोनों के ठिकानों पर बुलडोजर चला तो अखिलेश खुलकर सामने आकर विरोध नहीं कर पाए। कानून व्यवस्था के मसले पर होने वाली कार्रवाई के मामलों में भी अखिलेश का विरोध लोग सतही मानने लगे हैं। ऐसे में आजम खान के प्रवक्ता की ओर से उनके पार्टी और पार्टी अध्यक्ष के खिलाफ नाराजगी का मामला सामने आया तो समाज को एक आवाज मिल गई। सुर में सुर मिले तो लखनऊ तक हिल गया।
अखिलेश ने लगातार रोजा-इफतार कार्यक्रमों में हुए हैं शामिल।
रोजा-इफ्तार के जरिए वोट बैंक का साधने की कोशिश
रमजान के महीने में राजधानी और अन्य स्थानों पर रोजा-इफ्तार कार्यक्रमों में अखिलेश यादव ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। पिछले दिनों में उन्हें दो से तीन ऐसे कार्यक्रमों में शिरकत करते देखा गया। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आजम खान की नाराजगी के साथ बढ़ रहे अल्पसंख्यक समुदाय के आक्रोश को कम करने के लिए इस प्रकार की कवायद की गई। इस दरम्यान प्रदेश के अन्य नेताओं की आवक इन कार्यक्रमों में नहीं दिखी। संकेतों में अखिलेश यादव, मायावती और कांग्रेस नेताओं पर तंज कसते रहे। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी यूपी चुनाव परिणाम के बाद से लखनऊ की राजनीति में दिख ही नहीं रही हैं। ऐसे में अखिलेश अपने नाराज वोट बैंक को मनाने की भरसक कोशिश कर रहे हैं। वे जानते हैं कि अभी उनकी जगह को भरने वाला कोई दिख नहीं रहा।
इफ्तार कार्यक्रमों में पहले अखिलेश दिखता था अलग लुक
इफ्तार कार्यक्रमों में पहले अखिलेश दिखता था अलग लुक
टोपी-रुमाल का भी उठ रहा मुद्दा
अखिलेश यादव भले ही रोजा-इफ्तार में जमकर भागीदारी कर रहे हों, लेकिन उनके पहनावे का मुद्दा भी खासा जोर पकड़ रहा है। अखिलेश यादव की पुरानी रोजा-इफ्तार कार्यक्रमों की तस्वीरें देखेंगे तो उसमें वे सफेद टोपी और कंधे पर गमछा लिए दिख जाएंगे। इस बार वह लुक बदला हुआ दिखा। अखिलेश यादव पार्टी की टोपी यानी लाल टोपी में ही रोजा-इफ्तार कार्यक्रमों में नजर आए। इस पर भी मुस्लिम समाज में चर्चा का बाजार गर्म है कि अखिलेश यादव को भी हिंदू वोट बैंक की चिंता सताने लगी है। अगर उन्होंने लुक बदला तो इसे अलग रूप में पेश किया जाएगा। इसलिए, वे उनकी तरह नहीं दिखना चाहते हैं।
अखिलेश के पहले के लुक और बदले लुक की हो रही चर्चा
अखिलेश के पहले के लुक और बदले लुक की हो रही चर्चा
ईद के दिन आजम खान ने अपनी नाराजगी व्यक्त कर साफ कर दिया है कि समाजवादी पार्टी अब उनकी प्राथमिकता में नहीं है। पार्टी को उनकी चिंता नहीं है। ऐसे में आगे सुप्रीम कोर्ट में होने वाली जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद उन्हें बेल मिलती है। वे बाहर आते हैं तो उनके अगले कदम पर हर किसी की नजर होगी। इलाहाबाद हाई कोर्ट के सीनियर वकील एस. फरमान नकवी के अनुसार, मुस्लिम समुदाय को नया विकल्प बनाना होगा। मतलब साफ है कि मुस्लिमों में अब सपा के विकल्प की तलाश होने लगी है। ऐसे में अगर आजम खान एक अलग राह पकड़ते हैं तो यह वर्ग उनके साथ जाता दिखाई दे सकता है।
लोकसभा चुनाव वर्ष 2024 में है और विधानसभा चुनाव वर्ष 2027 में। फिर अभी अखिलेश यादव की नाराजगी क्यों बढ़ी हुई है। इसको ऐसे समझिए, अगले कुछ माह में अखिलेश की बड़ी परीक्षा होने वाली है। इसमें अल्पसंख्यक वोट बैंक सबसे महत्वपूर्ण होगा। वह परीक्षा है आजमगढ़ और रामपुर में लोकसभा उप चुनाव। आजमगढ़ से अखिलेश यादव सांसद थे। वहीं, रामपुर से आजम खान। दोनों ने यूपी चुनाव 2022 के परिणाम के बाद अपनी सांसदी छोड़ दी। अब उप चुनाव में अगर अल्पसंख्यक वोट बैंक का बिखराव होता है।
अखिलेश यादव के खिलाफ यह वर्ग नाराज रहता है तो समाजवादी पार्टी की परंपरागत दोनों सीटों पर चुनाव परिणाम बदल सकता है। यह अखिलेश यादव के नेतृत्व पर सवाल खड़ा कर देगा। इसलिए, अखिलेश अभी इस वर्ग को किसी और पाले में जाने देने के मूड में नहीं है। वैसे, उन्हें लगता है कि वक्त के साथ नाराजगी भी दूर हो ही जाएगी, लेकिन तत्कालिक नाराजगी अगर बनी रही तो मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण     

1. अंक-207, (वर्ष-05)
2. बुधवार, मई 4, 2022
3. शक-1984, वैशाख, शुक्ल-पक्ष, तिथि-चतुर्थी, विक्रमी सवंत-2078‌‌। 
4. सूर्योदय प्रातः 07:04, सूर्यास्त: 06:24।
5. न्‍यूनतम तापमान- 28 डी.सै., अधिकतम-39+ डी सै.। उत्तर भारत में बरसात की संभावना।
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सोमवार, 2 मई 2022

तृतीया तिथि को मनाईं जाएंगी 'परशुराम जयंती'

तृतीया तिथि को मनाईं जाएंगी 'परशुराम जयंती'  

सरस्वती उपाध्याय         
परशुराम भगवान विष्णु को छठवें अवतार माने जाते हैं। उनके पिता का जमदग्नि और माता का नाम रेणुका था। परशुराम के चार बड़े भाई थे। परशुराम को न्याय देवता माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, भगवान परशुराम का जन्म वैशाख माह के शुक्ल-पक्ष की तृतीया तिथि को हुआ था। इस दिन को लोग अक्षय तृतीया के नाम से भी जानते हैं। इस साल अक्षय तृतीया व परशुराम जयंती 3 मई, मंगलवार को है। 
प्रभु परशुराम अपने माता-पिता के आज्ञाकारी पुत्र थे। इसके बावजूद उन्होंने अपने पिता के कहने पर अपनी माता की गर्दन काट दी थी।
ब्रह्रावैवर्त पुराण के अनुसार, भगवान परशुराम को एक बार उनके पिता ने आज्ञा दी थी कि वो अपनी मां का वध कर दें। भगवान परशुराम आज्ञाकारी पुत्र थे। इसलिए उन्होंने अपने पिता की आज्ञा का पालन करते हुए तुरंत अपनी मां का सिर धड़ से अलग कर दिया था। अपने पुत्र को आज्ञा का पालन करते हुए देखकर भगवान परशुराम के पिता ऋषि जमदग्नि बेहद प्रसन्न हुए। पिता को प्रसन्न देखकर उन्होंने अपनी मां को दोबारा जीवित करने का आग्रह किया।

पिता से भगवान परशुराम ने मांगे तीन वरदान...

परशुराम ने अपने पिता से तीन वरदान मांगे थे। पहले वरदान में माता रेणुका को पुनर्जीवित करने और दूसरा चारों भाइयों को ठीक करने का वरदान मांगा। तीसरे वरदान में उन्होंने कभी पराजय का सामना न करना पड़ा और लंबी आयु का वरदान मांगा था।

एमपी: साधारण सभा की बैठक का आयोजन

एमपी: साधारण सभा की बैठक का आयोजन  

रमाशंकर योगी     
दतिया। योगी समाज धर्मशाला देहात थाने के पास दतिया पर अ.भा.योगी महासभा जिला इकाई दतिया की जिला कार्यकरणी के गठन हेतु साधारण सभा की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता श्री भानुप्रकाश गोस्वामी निवर्तमान जिलाध्यक्ष ने की। बैठक में सर्वप्रथम भगवान शिव गोरक्ष का विधिवत पूजन अर्चन कर किया गया। ततपश्चात अध्यक्षता कर रहे श्री भानुप्रकाश गोस्वामी का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। बैठक में समाज के संगठन द्वारा किये गये कार्यो पर प्रकाश डाला गया। साथ ही संगठनात्मक कार्यो को बढ़ाने के लिये कार्यकारणी का गठन सर्व सहमति से किया गया।
बैठक में जिलाध्यक्ष के लिये सर्वसम्मति से निर्विरोध श्री स्वतंत्र कुमार योगी(एस. के.योगी) सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी को चुना गया,ततपश्चात अध्यक्ष की सहमति,बरिष्ठ जनों के मार्गदर्शन में जिला कार्यकरणी का गठन किया गया। जिसमे जिला उपाध्यक्ष श्री कल्याणदास योगी सेवड़ा,श्री लव योगी बसई, श्री परशुराम योगी,श्री महेश योगी बड़ौनी,श्री डॉ कैलाश योगी कामद,सचिव श्री रमाशंकर योगी,कोषाध्यक्ष श्री भूपेंद्र योगी,संगठन मंत्री श्री बब्लू योगी,संयोजक श्री अवधेश कुमार योगी,प्रवक्ता महेंद्र योगी,जिला प्रचारक श्री जगदीश योगी,जिला कार्यकारिणी सदस्य धर्मेंद्र योगी,राधेश्याम गोस्वामी, रमेश गोस्वामी, मंगल योगी सिकरी, कन्हैयालाल योगी,चंद्रप्रकाश योगी,रमाशंकर योगी हनुमानगढ़ी,मनोज गोस्वामी को चुना गया, मुख्य सलाहकार श्री भानुप्रकाश गोस्वामी को चुना गया।
 योगी समाज द्वारा पहली बार संगठन में महिला मोर्चा के लिये श्रीमती उमा नेहरू योगी को निर्विरोध,सर्वसम्मति से चुना गया। साथ ही युवा जिलाध्यक्ष के लिये श्री नरोत्तम योगी पूर्व सांसद प्रतिनिधि को चुना गया। इसी तरह बैठक में दतिया विकासखंड अध्यक्ष के लिये श्री रूपेश योगी जिला मीडिया प्रभारी भाजपा को चुना गया। बैठक में प्रमुख रूप से सर्व श्री जानकी प्रसाद योगी,रामलाल योगी, रामनरेश योगी,नरेश गोस्वामी इंदरगढ़,राधेश्याम गोस्वामी फौजी,रमेश योगी,सन्तोष योगी,हरिशंकर गोस्वामी, बालजी योगी,जगदीश योगी उनाव,टिंकू योगी,देवेंद्र योगी,जितेंद योगी,शिवम योगी,धीरज योगी,अवधेश योगी पड़री,गौरी योगी महुआ,वीरू योगी केवलारी, राजू योगी,नगेन्द्र गोस्वामी, सुमित गोस्वामी, सुनील गोस्वामी,, राकेश बबलू योगी मिस्त्री,सालिकराम योगी,महेंद्र योगी,ऋतुराज योगी,राहुल योगी,वीरू योगी,नरेंद्र योगी भांडेर,आशीष योगी,आचार्य नरेंद्र योगी,दीपक योगी,प्रदीप योगी,सुनील योगी,रविन्द्र गोस्वामी,प्रदीप गोस्वामी,धर्मेंद्र गोस्वामी,सुरेश योगी,मुकेश योगी,हरवंश योगी,महेंद्र योगी, नितेन्द्र योगी,नितेश योगी,आदि बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम में समाज बन्धुओ के लिये स्वरूचि भोज की साथ व्यवस्था रखी गई।
बैठक का संचालन रमाशंकर योगी जिला सचिव ने किया। आभार श्री श्रीकांत योगी जी पूर्व विधायक प्रतिनिधि ने व्यक्त किया।

2 वर्ष बन्दीशों के बाद ईद की नमाज़ अदा की जाएगी

2 वर्ष बन्दीशों के बाद ईद की नमाज़ अदा की जाएगी

बृजेश केसरवानी  

प्रयागराज। रविवार को ईद का चाँद देश के किसी भी प्रान्त मे नहीं दिखाई दिया था। सोमवार को माहे रमज़ान के तीस रोज़े मुकम्मल हो गए। रोज़े मुकम्मल होने पर अल्लाह की तरफ से रोज़ादारों को ईद की खुशियों भरी सौग़ात तोहफे के तौर पर अता की गई है। मंगलवार को देश भर की सभी ईदगाहों मस्जिदों इबादतखानों व इमामबारगाहों में अक़ीदत और उल्लास के साथ दो वर्षों की बन्दीशों के बाद इस साल ईद-उल-फितर की नमाज़ अदा की जाएगी। शिया जामा मस्जिदे खदीजा करैली में पेश इमाम मौलाना रज़ी हैदर ,मस्जिद क़ाज़ी साहब बख्शी बाज़ार मे पेश इमाम मौलाना जव्वादुल हैदर रिज़वी ,मदरसा जमीयतुल अब्बास मे प्रबन्धक व इमाम ए जमात मौलाना सैय्यद कल्बे अब्बास रिज़वी ,इमाम ए जुमा चक मौलाना हसन रज़ा ज़ैदी , बैतुस्सलात रानी मण्डी में मौलाना ज़ीशान हैदर ,मस्जिद इमाम हुसैन दरियाबाद में मौलाना सज्जाद हुसैन ,मस्जिद मौला अली मे मौलाना अम्मार ज़ैदी ,मस्जिद ए नूर दायरा शाह अजमल मे मौलाना साक़िब साहब , बैतुस्सलात करैली मे मौलाना हसनुल हसन , इबादतखाना रहमत नगर मे मौलाना मोहम्मद ताहिर ,मुसल्ला ए ज़ीशान करैलाबाग़ मे मौलाना आमिरुर रिज़वी ,मस्जिद ए मोहम्मदी करैली लेबर चौराहा मे मौलाना वसी हसन ईद उल फित्र की नमाज़ तय समय पर अदा कराएँगे। ओलमाओं ने देश भर मे उन्तिस रमज़ान रविवार को चाँद नहीं दिखाई देने की तसदीक़ करते हुए सोमवार को तीसवाँ रोज़ा रखने और मंगलवार को ईद-उल-फितर की नमाज़ पढने का ऐलान किया था। तीसवें रोज़े मुकम्मल होने पर मस्जिदो इबादतगाहों मे जहाँ ओलमाओं के साथ तमाम रोज़ादारों ने माबूद ए इलाही के सामने सर झुका कर शुक्र का सजदा किया और पुरे तीस रोज़े मुकम्मल होने पर नमाज़ ए शुक्राना अदा की। वहीं पुरी रात ईद की तय्यारी और खरीदारी मे लगे रहे।

ईद उल फित्र पर शासन प्रशासन व सम्बन्धित विभाग से मांग...

उम्मुल बनीन सोसाईटी के महासचिव सै०मो०अस्करी ,शिया सुन्नी इत्तेहाद कमेटी के किताब अली एडवोकेट ,समाजसेवी शाहिद प्रधान ,हसनी हुसैनी फाउण्डेशन के सद्र वज़ीर खाँ ने ईद-उल-फितर पर्व पर शासन प्रशासन से चौबिस घंटे बिजली की व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ मुस्लिम इलाक़ो मे लगे ट्रान्सफार्मर मे कोई फाल्ट आने पर बिजली व्यवस्था बाधित न हो ऐसे मे ट्रान्सफार्मर के क़रीब ही दो कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने की मांग की। पानी की सप्लाई के साथ वज़ू के लिए मस्जिदों के पास टैंकरों की व्यवस्था। मुस्लिम क्षेत्रो मस्जिदों के ईर्द गिर्द साफ सफाई चूने का छिड़काव और मस्जिद क़ाज़ी साहब बख्शी बाज़ार के नुक्कड़ पर नाला नाली चोक होकर अकसर सड़को पर गंदा पानी बहने लगता है। वहाँ पर सफाई कर्मचारियों को मुस्तैद रखने की व्यवस्था पर ध्यान देने को कहा।

चार धाम यात्रा हेलीकॉप्टर बुकिंग पर धांधली का आरोप

चार धाम यात्रा हेलीकॉप्टर बुकिंग पर धांधली का आरोप
विकास शर्मा

हरिद्वार। चार धाम यात्रा को लेकर शुरू होने वाली राज्य सरकार द्वारा आरंभ की गई ऑनलाइन हेलीकॉप्टर यात्रा बुकिंग पर धांधली का आरोप लगाते हुए हरिद्वार के ट्रैवल व्यवसायियों ने जिला पर्यटन अधिकारी के समक्ष प्रदर्शन कर जमकर नारेबाजी की।                                             
हरिद्वार के ट्रेवल वेबसाइटों ने हेलीकॉप्टर यात्रा की गड़बड़ी पर ऑनलाइन बुकिंग को लेकर राज्य सरकार द्वारा बुकिंग में धांधली का आरोप लगाते हुए कहा की रविवार को आरंभ होने वाली हेलीकॉप्टर बुकिंग में एक ही दिन में 18 हजार बुकिंग का होना दर्शाया गया। सैकड़ों पंजीकृत ट्रैवलर्स व्यवसाई अपने कंप्यूटर के आगे टिकट की बुकिंग के लिए सुबह से शाम तक बुकिंग का इंतजार करते रहे। जबकि ऑनलाइन बुकिंग पर बार-बार साइट का रुकना और चलना दर्शाया जाता रहा और ऑनलाइन बुकिंग में बार-बार बाधा आती रही बुकिंग चालू होने पर साइड द्वारा ऑनलाइन 18 हजार यात्रियों की बुकिंग कर दी गई। 

जबकि ट्रेवल व्यवसाई मात्र 30 से 40 टिकट ही सारे दिन भर बुक कर पाए। ऐसे में सरकारी ऑनलाइन बुकिंग की पारदर्शिता संदेह के घेरे में आती है। जिससे ट्रेवल व्यवसायियों में रोष व्याप्त है। ट्रैवल व्यवसायियों का आरोप है यदि इसी प्रकार चार धाम हेलीकॉप्टर यात्राऑनलाइन बुकिंग में धांधली चलती रही तो इससे उनके व्यवसाय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा । ट्रैवल व्यवसायियों द्वारा पर्यटन अधिकारी को इस संदर्भ में ज्ञापन सौंपते हुए इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया  बृजेश केसरवानी  प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी ...