रविवार, 1 मई 2022

सेहत के लिए कारगर हैं 'आम की गुठली'

सेहत के लिए कारगर हैं 'आम की गुठली'    

आम एक ऐसा फल है, जिसका नाम लेते ही मुंह में पानी आ जाता है। एक कहावत तो आपने सुनी ही होगी, ‘आम के आम और गुठलियों के भी दाम’, मतलब आम का भी मजा लो और गुठलियों की भी कीमत वसूल हो जाए। खैर, ये कहावत कई मायनों में सही साबित हो रही है, क्योंकि आम ही नहीं बल्कि उसकी गुठली भी आपको कई स्वास्थ्य लाभ देती है। जी हां, अगर आप आम खाकर गुठली फेंकने की गलती कर रहे हैं, तो आपको ऐसा करने से बचाना चाहिए। आम की तरह इसकी गुठली में भी कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। जिनमें कोलेस्ट्रॉल, डायरिया और हार्ट से जुड़ी बीमारियों से लड़ने की क्षमता होती है। चलिए जानते हैं, सेहत को दुरुस्त रखने के लिए आम की गुठली कितनी कारगर है और इसका इस्तेमाल कैसे किया जाना चाहिए।

लूज मोशन में करेगी काम...
दस्त (लूज मोशन) जैसी समस्याओं से बचने के लिए आम की गुठली या गुठली का चूर्ण लेने की सलाह दी जाती है। इसके लिए आम की गुठली को अच्छी तरह से सुखा लें और उसे पीसकर दरदरा पाउडर बना लें। आप इस चूर्ण को एक गिलास पानी में मिलकार इसमें थोड़ा सा शहद मिलाकर सेवन कर सकते हैं। सुनिश्चित करें कि आप एक बार में 1 ग्राम से ज्यादा गिरी पाउडर का सेवन ना करें।

कंट्रोल में रहेगा कोलेस्ट्रॉल...
कहा जाता है कि आम की गुठली ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ावा देती है और इस तरह से ये शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में मदद करती है। आम की गुठली के पाउडर का सेवन खराब कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में मदद करता है और ब्लड शुगर लेवल को भी कंट्रोल करता है।
आम की गुठली हार्ट से जुड़ी बीमारियों के रिस्क को कम करने में भी मदद करती है। ये आपके ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखती है। इसका पाउडर खाने से हेल्थ को कई फायदे होते हैं। आप अपने आप को हेल्दी रखने के लिए कम से कम 1 ग्राम आम की गुठली के पाउडर का सेवन कर सकते हैं।
जो लोग एसिडिटी की समस्या से अक्सर परेशान रहते हैं उनके लिए आम की गुठली का पाउडर इसका उपाय है। आम की गुठली फिनोल औऱ फेनोलिक यौगिकों से भरी है, जो पाचन में सहायता करती है। एंटीऑक्सीडेंट की उपस्थिति के कारण पाउडर का सेवन शरीर में विषाक्त पदार्थों को बाहर निकलाने में भी मदद करता है।

स्कर्वी के इलाज में कारगर...
विटामिन सी से भरपूर आम की गिरी का पाउडर स्कर्वी रोगियों के लिए एक जादुई उपाय की तरह काम करता है। आपको बस इतना करना है कि एक भाग आम की गिरी के पाउडर में दो भाग गुड़ और चूना मिलाकर उसका सेवन करें। आप आमतौर पर विटामिन सी की अपनी दैनिक खुराक को पूरा करने के लिए इसका सेवन भी कर सकते हैं।

श्रीराम 'निर्भयपुत्र'


जापान में 10 फुट लंबी स्क्विड मिली: दुर्लभ

जापान में 10 फुट लंबी स्क्विड मिली: दुर्लभ 
अखिलेश पांडेय  
टोक्यो। पश्चिमी जापान में एक विशालकाय स्क्विड देखी गई है। इसकी लंबाई 10 फुट थी जो समुद्र के किनारे पर देखी गई थी। इसे गहरे समुद्र में पाए जाने वाले सबसे बड़े सेफलोपोड्स के तौर पर देखा जा रहा है। इतनी बड़ी स्क्विड का दिखना अपने आप में दुर्लभ है। माना जा रहा है कि यह पहली जीवित विशालकाय स्क्विड है, जिसे समुद्र के किनारे पर देखा गया। जापानी अखबार द मेनिची के मुताबिक, ये स्क्विड अपने घर यानी गहरे समुद्र से बहुत दूर किनारे पर दिखाई दी थी, इसलिए इसका जीवित होना किसी आश्चर्य से कम नहीं था। इसके बाद इस स्क्विड को पास के शहर साकाई में एक स्थानीय एक्वेरियम में ले जाया गया। एक वीडियो में इस स्क्विड को पानी में अपनी विशालकाय भुजाओं को फैलाते हुए देखा जा सकता है। हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि ये स्क्विड अब भी ज़िंदा है या नहीं। हालांकि, पर्यावरणीय कारणों के चलते, उसके जीवित रहने की संभावना नहीं है। इतने बड़े स्क्विड को पहली बार नहीं देखा गया है, बल्कि इससे पहले भी गहरे समुद्र में कई विशाल स्क्विड देखे गए हैं। नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) ने भी 2019 में एक किशोर विशालकाय स्क्विड की तस्वीरें ली थीं। अंदाजा लगाया गया कि उस स्क्विड की लंबाई 10 से 12 फीट लंबी थी। स्क्विड की प्रजातियों के बारे में हम बहुत कुछ नहीं जानते। हमें अभी भी पूरी तरह से नहीं पता कि पानी में ये कहां रहती हैं।लेकिन नेशनल ज्योग्राफिक  के मुताबिक, पृथ्वी के सभी महासागरों में इनके अवशेष पाए गए हैं। यह भी माना जाता है कि जानवरों के साम्राज्य में स्क्विड की आखें ही सबसे ज़्यादा बड़ी हैं। आंखों की लंबाई करीब 10 इंच होती है। इसकी मदद से वे समुद्र की सतह से कई मील नीचे, अंधेरे में भी देख सकते हैं। द स्मिथसोनियन  के मुताबिक, वैज्ञानिकों द्वारा अब तक का सबसे बड़ा स्क्विड लगभग 43 फीट लंबा मापा गया है। 1887 में एक मृत स्क्विड पाया गया था जो शायद 60 फीट लंबा था। विशालकाय स्क्वीड आज भी वैज्ञानिकों का ध्यान खींचते हैं। और इनका दिखना भी अविश्वसनीय रूप से दुर्लभ है।

भारत: कोरोना के 3324 नए मामले सामने आए

भारत: कोरोना के 3324 नए मामले सामने आए
अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। देश में एक बार फिर कोरोना वायरस का कहर बढ़ने लगा हैं। देश में कोरोना के 3324 नए मामले सामने आए हैं, जो कल की तुलना में 9.9% कम है। देश के पांच राज्यों में सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं।
देश में कोरोना के एक्टिव केस की संख्या 19 हजार 092 है। दिल्ली में सबसे ज्यादा कोरोना के 1,520 मामले मिले हैं, इसके बाद हरियाणा में 490 मामले, केरल में 337 मामले, उत्तर प्रदेश में 275 मामले और महाराष्ट्र में 155 मामले सामने आए हैं।
देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 40 मरीजों की मौत भी हुई, जिससे मरने वालों की कुल संख्या बढ़कर 5 लाख 23 हजार 843 हो गई है। वहीं, भारत का रिकवरी रेट अब 98.74% है।

भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों का सामना प्राथमिकता

भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों का सामना प्राथमिकता
अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। नवनियुक्त थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने रविवार को कहा कि देश के समूचे क्षेत्र में वर्तमान, समकालीन और भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए बेहद उच्च मानक की संचालन संबंधी तैयारियां सुनिश्चित करना उनकी ”सर्वोच्च व सबसे महत्वपूर्ण” प्राथमिकता होगी।
जनरल पांडे ने यह भी कहा कि वह थलसेना की संचालन और कार्यात्मक दक्षता को बढ़ाने के लिए जारी सुधारों, पुनर्गठन और परिवर्तन के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। जनरल पांडे थलसेना प्रमुख का पदभार संभालने के एक दिन बाद साउथ ब्लॉक के लॉन में औपचारिक ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिए जाने के बाद मीडिया से बात कर रहे थे। भू-राजनीतिक स्थिति तेजी से बदल रही है, जिसके परिणामस्वरूप हमारे सामने कई चुनौतियां हैं। थलसेना प्रमुख ने कहा, मेरी सर्वोच्च व सबसे महत्वपूर्ण प्राथमिकता देश के समूचे क्षेत्र में वर्तमान, समकालीन और भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए बेहद उच्च मानक की संचालन संबंधी तैयारियां सुनिश्चित करना होगी।
उन्होंने कहा कि थलसेना भारतीय वायुसेना और नौसेना के समन्वय से राष्ट्र के सामने आने वाली सभी संभावित सुरक्षा चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटेगी। जनरल पांडे ने कहा, थलसेना के आधुनिकीकरण एवं क्षमता विकास के मामले में मेरा प्रयास स्वदेशीकरण के माध्यम से नयी तकनीक का लाभ उठाने का होगा। जनरल मनोज पांडे ने जनरल एमएम नरवणे के सेवानिवृत्त होने के बाद शनिवार को 29वें थलसेना प्रमुख के रूप में पदभार संभाला था। इससे पहले, वह थलसेना के उप प्रमुख थे।

जिले में 42 दिन बाद कोराना का नया केस मिला

जिले में 42 दिन बाद कोराना का नया केस मिला 
भानु प्रताप उपाध्याय  
शामली। जिले में 42 दिन बाद कोराना का नया केस मिला है। 35 वर्षीय युवक के कोरोना संक्रमित मिलने पर स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया। स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना संक्रमित को होम क्वारंटीन किया है। स्वास्थ्य टीम ने उसके परिजनों और संपर्क में आने वाले लोगों के कोरोना की जांच के लिए सैंपल लिए हैं।शहर के मोहल्ला गुलशन नगर निवासी 35 वर्षीय युवक का सीएचसी पर सैंपल लिया गया था। एंटीजन जांच में युवक कोरोना पॉजिटिव मिलने पर उसका सैंपल आरटीपीसीआर जांच के लिए भेजा गया था। शनिवार को आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट में भी युवक कोरोना संक्रमित पाया गया। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने युवक को होम क्वारंटीन कर दिया। स्वास्थ्य टीम ने उसके परिवार के सभी सदस्य और संपर्क में आने वाले लोगों सैंपल लिए हैं। जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. जाहिद अली त्यागी ने बताया कि कोरोना संक्रमित मिला युवक क्षय रोग से पीड़ित है। दो दिन पहले वह सीएचसी पर दवा लेने गया था। स्वास्थ्य विभाग ने यह व्यवस्था बना रखी है कि जो भी क्षय रोग की जांच या दवा लेने आएगा, उसकी कोरोना की जांच के लिए सैंपल भी लिया जाएगा। इसी व्यवस्था के तहत उसका दो दिन पहले सैंपल लिया गया था। पहले एंटीजन और फिर आरटीपीसीआर जांच में युवक कोरोना संक्रमित पाया गया। उसे होम क्वारंटीन किया गया है। उन्होंने बताया कि युवक में कोरोना का कोई लक्षण नहीं दिख रहा था।

तीसरी लहर में नौ मार्च को आया था आखिरी केस
कोरोना की तीसरी लहर में पहला केस चार दिसंबर 2021 को मिला था। इसके बाद 29 दिसंबर को कोरोना का एक और केस मिला था। जनवरी माह में कोरोना पीक पर रहा था और फरवरी में कोरोना के केस कम आने शुरू हो गए थे। तीसरी लहर में कोरोना वायरस घातक रूप में नहीं था। कोरोना के मरीज तीन से पांच दिन में घर पर ही ठीक हो गए थे। किसी भी कोरोना संक्रमित अस्पताल में भर्ती नहीं होना पड़ा था। नौ मार्च को आखिरी केस आया था और 19 मार्च को कोरोना को कोई सक्रिय मरीज न होने के कारण जिला कोरोना मुक्त हो गया था।

यमुना पर 2 लेन का पुल 8 माह में तैयार होगा

यमुना पर 2 लेन का पुल 8 माह में तैयार होगा
भानु प्रताप उपाध्याय   
शामली। मेरठ-करनाल हाईवे पर बिड़ौली के पास बह रही यमुना नदी पर दो लेन का पुल अगले आठ माह में बनकर तैयार होगा। अगले साल 2023 की शुरूआत में यमुना नदी का दो लेन का 498 मीटर लंबाई के पुल आम नागरिकों के लिए चालू कर दिया जाएगा। हाईवे की निर्माण एजेंसी ने यमुना में नदी में पिलर पर गर्डर रखने शुरू कर दिए हैं। इसके बाद लिंटर डाला जाएगा।मेरठ-करनाल मार्ग पहले सात मीटर चौड़ा था। बिड़ौली में यमुना नदी पर दो लेन का पुल पहले से बना है। वर्ष 2015 में इसे स्टेट हाईवे घोषित कर चौड़ीकरण की शुरूआत हुई थी। वर्ष 2017 तक आते-आते हरियाणा के करनाल जिले की सीमा से मेरठ तक इसका निर्माण पूरा कर दिया गया था। भाजपा सरकार बनने के बाद इस हाईवे को एनएचएआई को हस्तांरित कर दिया गया। एनएचएआई ने इसके चौड़ीकरण की कार्ययोजना बनाकर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय को भेजी थी। परियोजना स्वीकृत होने के बाद करनाल से मेरठ तक हाईवे को चौड़ा करने और हाईवे पर पुलों व फ्लाईओवर का निर्माण कार्य चल रहा है। करनाल बाईपास से लेकर बिडौली में यमुना नदी तक 85 प्रतिशत तक कार्य पूरा हो चुका है। निर्माण कंपनी के उप महाप्रबंधक सुनील कुमार सिंह ने बताया कि 498 मीटर लंबाई वाले यमुना पुल पर 52 गर्डर में से 44 रखे जा चुके हैं। आठ गर्डर और रखने के बाद पुल पर लिंटर डालकर चौड़ा करने कार्य होगा। उन्होंने बताया कि पुल तैयार होने पर वाहनों के आवागमन में सुविधा होगी। वाहनों को पुल जाम की स्थिति से छुटकारा मिलेगा। अगले साल की शुरूआत में नए पुल को तैयार करके चालू कर दिया जाएगा।बिड़ौली में यमुना नदी का पुल हरियाणा, पंजाब और पउप्र के शामली, सहारनपुर समेत कई जिलों को जोड़ता है। हरियाणा और पंजाब पाकिस्तान के लाहौर दूसरी ओर बंगाल जाने के लिए मेरठ-करनाल हाईवे का महत्व है। बिड़ौली में यमुना नदी पर 40 साल पहले हरियाणा और यूपी सरकार की संयुक्त धनराशि से दो लेन का पुल तैयार किया था। पुल पर आए दिन जाम लगा लगा रहता था। लेकिन अब बिड़ौली में एनएचएआई की ओर से दूसरा पुल बनने जाने के बाद आवागमन को सुविधा मिलेगी।

अवैध कब्जा, जांच पर लेखपाल के साथ मारपीट

अवैध कब्जा, जांच पर लेखपाल के साथ मारपीट
भानु प्रताप उपाध्याय   
शामली। कैराना में बंजर भूमि पर अवैध कब्जा करने की शिकायत पर जांच करने पहुंचे लेखपाल के साथ कब्जाधारियों ने मारपीट कर दी। आरोपितों ने सरकारी कागजात भी फाड़ दिए। मामले में आठ लोगों के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया है। तहसील मुख्यालय पर कार्यरत लेखपाल अजीत पंवार ने कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है। लेखपाल के मुताबिक, गैर अहतमाल बसेड़ा गांव में बंजर की भूमि पर अवैध कब्जा करने की शिकायत हुई थी, जिस पर वह 27 अप्रैल को मौके पर जांच करने पहुंचे थे।आरोप है कि मौके पर कब्जाधारियों ने उनके साथ अभद्रता और मारपीट की। इसके अलावा सरकारी कागजात फाड़ दिए। उन्हें मौके पर सरकारी कार्य नहीं करने दिया गया। मामले में कुर्बान, नाजिम, जिंदा, इमरान, अरशद, नवाज, मेहरदीन व जाकिर निवासीगण गांव राणामाजरा थाना सनौली जनपद पानीपत हरियाणा को नामजद कराया गया है। पुलिस ने संबंधित धारओं में मामला दर्ज करने के पश्चात अग्रिम कार्रवाई शुरू कर दी है। — डेढ़ माह पूर्व भी लेखपाल पहूंचे थे पैमाइश पर गांव बसेड़ा निवासी किसान अलिनवाज की शिकायत पर पैमाइश के लिए लेखपाल अजित पंवार पहुंचे थे। उन्होंने वहां 683 खसरा नम्बर में पांच बीघे बंजर भूमि की पैमाइस के लिए किसानों को खाली करने के लिए अवगत कराया था। उस दौरान उस पर पानी भरने के कारण टीम वापस लौट आई थी।
यमुना के दूसरी ओर स्थित भूमि पर हुई मारपीट किसान की ओर से की शिकायत पर गई। जिसमें यमुना पार कर गई लेखपाल की टीम के साथ बसेड़ा गांव के रकबे पर लेखपाल अजित पंवार व उनके सहयोगी के साथ गाली-गलौज करने लगे। लेखपाल ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माने। वहां मौजूद पांच लोगों ने उनके साथ हाथापाई शुरू कर सरकारी कागजात फाड़ दिए गए। लेखपाल ने कोतवाली में तैनात हल्का इंचार्ज को सूचना दी। इस दौरान और अन्य तीस चालीस लोग वहां पहुंचने लगे। लेखपाल किसी तरह अपनी जान बचाकर भागे।आरोप है कि मौके पर कब्जाधारियों ने उनके साथ अभद्रता और मारपीट की। इसके अलावा सरकारी कागजात फाड़ दिए। उन्हें मौके पर सरकारी कार्य नहीं करने दिया गया। मामले में कुर्बान, नाजिम, जिंदा, इमरान, अरशद, नवाज, मेहरदीन व जाकिर निवासीगण गांव राणामाजरा थाना सनौली जनपद पानीपत हरियाणा को नामजद कराया गया है। पुलिस ने संबंधित धारओं में मामला दर्ज करने के पश्चात अग्रिम कार्रवाई शुरू कर दी है। — डेढ़ माह पूर्व भी लेखपाल पहूंचे थे पैमाइश पर गांव बसेड़ा निवासी किसान अलिनवाज की शिकायत पर पैमाइश के लिए लेखपाल अजित पंवार पहुंचे थे। उन्होंने वहां 683 खसरा नम्बर में पांच बीघे बंजर भूमि की पैमाइस के लिए किसानों को खाली करने के लिए अवगत कराया था। उस दौरान उस पर पानी भरने के कारण टीम वापस लौट आई थी।यमुना के दूसरी ओर स्थित भूमि पर हुई मारपीट किसान की ओर से की शिकायत पर गई। जिसमें यमुना पार कर गई लेखपाल की टीम के साथ बसेड़ा गांव के रकबे पर लेखपाल अजित पंवार व उनके सहयोगी के साथ गाली-गलौज करने लगे। लेखपाल ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माने। वहां मौजूद पांच लोगों ने उनके साथ हाथापाई शुरू कर सरकारी कागजात फाड़ दिए गए। लेखपाल ने कोतवाली में तैनात हल्का इंचार्ज को सूचना दी। इस दौरान और अन्य तीस चालीस लोग वहां पहुंचने लगे। लेखपाल किसी तरह अपनी जान बचाकर भागे।

सीएम धामी ने 'गुरुद्वारे' में मत्था टेका, प्रार्थना की

सीएम धामी ने 'गुरुद्वारे' में मत्था टेका, प्रार्थना की  पंकज कपूर  देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को गुरु नानक ज...