गुरुवार, 28 अप्रैल 2022

वायरस: पहली बार 10 हजार से अधिक मामलें

वायरस: पहली बार 10 हजार से अधिक मामलें  


सुनील श्रीवास्तव            

ताइपे। ताइवान ने बड़े पैमाने पर अपनी सीमाओं को बंद कर दिया है और संक्रमण की संख्या को कम रखने के लिए महामारी के दौरान सख्त क्वारंटीन नियमों को लागू किया है। नेशनल ताइवान यूनिर्वर्सिटी में एसोसिएट प्रोफ़ेसर लिन सिएन-हो बताते हैं कि अस्पतालों में पहले जैसी गंभीरता से टेस्टिंग बंद होने लगी‌। यहाँ तक कि जिन्हें बुख़ार आता उनकी भी जाँच नहीं की जाती जो कि कोरोना संक्रमण का एक सामान्य लक्षण है। ताइवान में गुरुवार को पहली बार 10,000 से अधिक कोरोना के नए मामलें दर्ज किए गए।ताइवान की सरकार ने हाल ही में अपनी जीरो-कोविड पॉलिसी से दूर जाने और कोरोना वायरस के साथ रहने का फैसला किया है।

कोरोना संक्रमण एक बार फिर बढ़ रहा है। इस सप्ताह राजधानी शहर ताइपे में, निवासियों को टेस्ट किट खरीदने के लिए फार्मेसियों के बाहर लाइन में खड़ा देखा जा सकता है। स्वास्थ्य मंत्री चेन शिह-चुंग ने कहा, "हमारे पास 11,353 स्थानीय संक्रमण के मामले, दो मौतें और 164 आयातित मामले हैं।

मामलों में तेजी से वृद्धि होना निश्चित है..

ताइवान के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इस साल 1 जनवरी 2022 से दर्ज किए गए 51,504 संक्रमणों में से 99.7 प्रतिशत हल्के या एसिम्टोमैटिक हैं। अवधि में सात कोविड -19 मौतें हुईं। स्वास्थ्य मंत्री चेन शिह-चुंग ने कहा, "हम ऐसे चरण में हैं। जहां (संक्रमण) मामलों में तेजी से वृद्धि होना निश्चित है। जो अपरिहार्य है। चेन ने चेतावनी दी कि द्वीप के दैनिक संक्रमण के मामले एक सप्ताह में दोगुने से अधिक 37,000 हो सकते हैं। ताइवान की लगभग 80 प्रतिशत आबादी का दोहरा टीकाकरण हो चुका है। जबकि 58 प्रतिशत ने तीसरा बूस्टर लिया है। हालांकि, बुजुर्गों के बीच वैक्सीन टेक-अप (सबसे अधिक जोखिम वाले डेमोग्राफिक), ताइवान के लिए एक चिंता बनी हुई है। जिसमें 75 से अधिक लोगों में से केवल 59 प्रतिशत के पास पूरे तीन जैब्स (jabs) हैं। महामारी शुरू होने के बाद से ताइवान में 88,000 मामलें सामने आए और 860 मौतें हुई हैं।

पहली तिमाही में सोने की मांग 18 प्रतिशत घटी

पहली तिमाही में सोने की मांग 18 प्रतिशत घटी

कविता गर्ग 

नई दिल्ली। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) के अनुसार वर्ष 2022 की पहली तिमाही में भारत में सोने की मांग 18 प्रतिशत घटकर 135.5 टन रह गई। डब्ल्यूजीसी ने कहा कि मुख्य रूप से कीमतों में तेज वृद्धि के कारण मांग घटी। वर्ष 2021 के पहले तीन महीनों में सोने की मांग 165.8 टन थी।

सोने की मांग पर डब्ल्यूजीसी द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया कि कीमत के लिहाज से जनवरी-मार्च में सोने की मांग 12 फीसदी घटकर 61,550 करोड़ रुपये रह गई। एक साल पहले की इसी अवधि में यह आंकड़ा 69,720 करोड़ रुपये था।

डब्ल्यूजीसी के क्षेत्रीय सीईओ (भारत) सोमसुंदरम पी आर ने पीटीआई-भाषा को बताया कि जनवरी में सोने की कीमतें बढ़ने लगीं और कीमती धातु इस साल की पहली तिमाही में आठ प्रतिशत बढ़कर 45,434 रुपये प्रति 10 ग्राम (करों के बिना) के स्तर पर पहुंच गई।

रिपोर्ट के अनुसार समीक्षाधीन तिमाही के दौरान देश में आभूषणों की कुल मांग 26 प्रतिशत गिरकर 94.2 टन रह गई, जो पिछले साल की इसी अवधि में 126.5 टन थी। इस दौरान मूल्य के लिहाज से आभूषणों की मांग में 20 प्रतिशत की कमी हुई।

डब्ल्यूजीसी की रिपोर्ट में कहा गया कि मार्च तिमाही में सोने की वैश्विक मांग 34 प्रतिशत बढ़कर 1,234 टन हो गई। भूराजनीतिक और आर्थिक अनिश्चितता के बीच निवेशकों ने सुरक्षित निवेश की ओर रुख किया। वर्ष 2021 की पहली तिमाही के दौरान वैश्विक स्तर पर सोने की मांग 919.1 टन थी। 

यूएससीआईआरएफ की रिपोर्ट, घृणा की भावना

यूएससीआईआरएफ की रिपोर्ट, घृणा की भावना

अखिलेश पांडेय
नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। एक हिंदू संगठन ने यहां धार्मिक स्वतंत्रता पर यूएससीआईआरएफ की रिपोर्ट को ‘‘हिंदुओं के प्रति नफरत या घृणा की भावना रखने वाले’', (हिंदूफोबिक) आयोग के सदस्यों का काम बताया। जबकि मुस्लिम और ईसाई समूहों ने इसमें की गई टिप्पणियों की प्रशंसा करते हुए अमेरिका से भारत को ‘‘खास चिंता वाला देश’’ घोषित करने की मांग की।
अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) की इस रिपोर्ट में राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन को धार्मिक स्वतंत्रता के दर्जे के संबंध में भारत, चीन, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और 11 अन्य देशों को ‘‘खास चिंता वाले देशों’’ की सूची में डालने की सिफारिश की गयी है। हालांकि, अमेरिकी सरकार इस सिफारिश को मानने के लिए बाध्य नहीं है।
‘वर्ल्ड हिंदू काउंसिल ऑफ अमेरिका’ की एक पहल ‘हिंदूपैक्ट’ ने एक बयान में आरोप लगाया कि यूएससीआईआरएफ पर ‘‘भारत और हिंदुओं के प्रति नफरत या घृणा का भाव रखने वाले सदस्यों’’ का कब्जा हो गया है। इंस्टीट्यूशन’ (एएमआई) और उसे संबद्ध संगठनों ने यूएससीआईआरएफ की सिफारिशों की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारत में धार्मिक आजादी की स्थितियां 2021 में ‘‘बहुत ज्यादा खराब’’ हो गयीं।
‘फेडरेशन ऑफ इंडियन अमेरिकन क्रिश्चियन ऑर्गेनाइजेशंस’ और ‘इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल’ ने भी अलग-अलग बयानों में यूएससीआईआरएफ की सिफारिशों की प्रशंसा की।
बहरहाल, भातर ने ऐसे आरोपों को खारिज किया है। अमेरिकी सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने सांसदों को बताया कि भारत का एक जीवंत नागरिक समाज, स्वतंत्र न्यायपालिका और एक परिपक्व लोकतंत्र है, जिसमें आंतरिक मानवाधिकार की कोई चिंता पैदा होने पर उससे निपटने के लिए पर्याप्त तंत्र हैं।
हिंदूपैक्ट ने एक बयान में यूएससीआईआरएफ की आलोचना की। हिंदूपैक्ट के कार्यकारी निदेशक उत्सव चक्रवर्ती ने आरोप लगाया, ‘‘इस साल की रिपोर्ट में पिछले वर्षों में आयी रिपोर्टों की प्रवृत्ति ही दिखायी देती है। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और कश्मीर जैसे विषयों पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी के आधार पर यूएससीआईआरएफ की रिपोर्ट कट्टरपंथी इस्लामी समूह जस्टिस फॉर ऑल के साथ काम कर रहे इस्लामी समूहों की चर्चा की नकल है, जिनके मंच पर यूएससीआईआरएफ के आयुक्त नियमित तौर पर दिखायी देते रहते हैं।
‘वर्ल्ड हिंदू काउंसिल ऑफ अमेरिका’ (वीएचपीए) के अध्यक्ष अजय शाह ने कहा, ‘‘यह जाहिर है कि यूएससीआईआरएफ में भारत और हिंदुओं के प्रति नफरत या घृणा की भावना रखने वाले सदस्यों का कब्जा हो गया है।

तेज रफ्तार कार पलटी-टकराई, 3 लोगों की मौंत

तेज रफ्तार कार पलटी-टकराई, 3 लोगों की मौंत

संदीप मिश्र
उन्नाव। उन्नाव जिले के बांगरमऊ कोतवाली क्षेत्र में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे पर एक तेज रफ्तार कार के पलट जाने और उसके एक अन्य कार से टकरा जाने से तीन लोगों की मौत हो गयी और छह लोग घायल हो गए।
पुलिस सूत्रों ने बृहस्पतिवार को बताया नासिरापुर गांव के पास हवाई पट्टी के निकट बुधवार देर रात एक तेज रफ्तार कार पलट गई और सामने से आ रही एक अन्य कार की उससे टक्कर हो गई।
इस हादसे में पवन (23), चिंतन (18) और छह माह की बच्ची की मौत हो गई। हादसे में गंभीर रूप से घायल छह लोगों को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें लखनऊ रेफर कर दिया गया।
शेखर सिंह के अनुसार दुर्घनाग्रस्त हुई कार में राजस्थान के एक ही परिवार के नौ लोग सवार थे जिनमें से तीन की मौत हो गई।

रेप: 20 वर्ष सश्रम सजा, 10 हजार अर्थदंड

रेप: 20 वर्ष सश्रम सजा, 10 हजार अर्थदंड 

दुष्यंत टीकम 
महासमुंद। डरा धमकाकर और शादी का झांसा देकर नाबालिग से रेप के मामले में दोष सिद्ध होने पर लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के विशेष न्यायाधीश योगिता विनय वासनिक ने तुमगांव थाना क्षेत्र के ग्राम जोबा निवासी रूपेंद्र मांडले 21 साल को धारा 6 के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा व 10 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।
अभियोजन के अनुसार, 27 जनवरी 2021 को रात्रि 11 बजे एक नाबालिग को जान से मारने की धमकी देकर और शादी का प्रलोभन देकर बलात मोटर साइकिल में बैठाकर अपने मामा के गांव बनरसी ले गया और तीन दिन तक रेप किया। नाबालिग के विरोध करने पर वह जान से मारने की धमकी देता था। इस पर तुमगांव थाने में धारा 363, 366, 376-2, एवं 506 भादस एवं धारा 4, 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना के बाद मामला कोर्ट को सौंपा गया था। जहां आरोप दोष सिद्ध होने पर आरोपी रूपेंद्र मांडले को सजा सुनाई गई।

धरती के महान सपूत लचित की 400वीं जयंती

धरती के महान सपूत लचित की 400वीं जयंती 

इकबाल अंसारी  
दिसपुर। पीएम मोदी आज असम के दौरे पर हैं। असम के दीफू में पीएम मोदी ने कहा कि ये सुखद संयोग है कि आज जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तब हम इस धरती के महान सपूत लचित बोरफुकान की 400वीं जयंती भी मना रहे हैं। उनका जीवन राष्ट्रभक्ति और राष्ट्रशक्ति की प्रेरणा है। कार्बी आंगलोंग से देश के इस महान नायक को मैं नमन करता हूं।
पीएम ने आगे कहा कि डबल इंजन की सरकार, जहां भी हो वहां सबका साथ, सबका विकास एवं सबका विश्वास और सबका प्रयास की भावना से काम करती है। आज ये संकल्प कार्बी आंगलोंग की इस धरती पर फिर सशक्त हुआ है। असम की स्थाई शांति और तेज़ विकास के लिए जो समझौता हुआ था, उसको ज़मीन पर उतारने का काम तेज़ी से चल रहा है। आज असम में भी 2600 से अधिक अमृत सरोवर बनाने का काम शुरू हो रहा है। सरोवरों का निर्माण पूरी तरह से जनभागीदारी पर आधारित है। ऐसे सरोवरों की तो जनजातीय समाज में एक समृद्ध परंपरा रही है। इससे गांवों में पानी के भंडार तो बनेंगे ही, इसके साथ-साथ ये कमाई के भी स्रोत बनेंगे।
उन्होंने आगे कहा कि 2014 के बाद से नॉर्थ ईस्ट में मुश्किलें कम हो रही हैं, लोगों का विकास हो रहा है। आज जब कोई असम के जनजातीय क्षेत्रों में आता है, नॉर्थ ईस्ट के दूसरे राज्यों में जाता है, तो हालात को बदलते देखकर उसे भी अच्छा लगता है। असम के अलावा त्रिपुरा में भी NLFT ने शांति के पथ पर कदम बढ़ाए।करीब ढाई दशक से जो ब्रू-रियांग से जुड़ी समस्या चल रही थी, उसको भी हल किया गया है।
पिछले वर्ष सितंबर में कार्बी आंगलोंग के अनेक संगठन शांति और विकास के संकल्प से जुड़े।2020 में बोडो समझौते ने स्थाई शांति के नए द्वार खोले। लंबे समय तक नॉर्थ ईस्ट के अनेक राज्यों में रहा है, लेकिन बीते 8 सालों के दौरान स्थाई शांति और बेहतर कानून व्यवस्था लागू होने के कारण हमने AFSPA को नॉर्थ ईस्ट के कई क्षेत्रों से हटा दिया है।
सबका साथ, सबका विकास की भावना के साथ आज सीमा से जुड़े मामलों का समाधान खोजा जा रहा है। असम और मेघालय के बीच बनी सहमति दूसरे मामलों को भी प्रोत्साहित करेगी। इससे इस पूरे क्षेत्र के विकास की आकांक्षाओं को बल मिलेगा।
जनजातीय समाज की संस्कृति, यहां की भाषा, खान-पान, कला, हस्तशिल्प, ये सभी हिंदुस्तान की समृद्ध धरोहर है। असम तो इस मामले में और भी समृद्ध है। यही सांस्कृतिक धरोहर भारत को जोड़ती है, एक भारत श्रेष्ठ भारत के भाव को मज़बूती देती है।
उन्होंने आगे कहा कि आजादी के इस अमृतकाल में कार्बी आंगलोंग भी शांति और विकास के नए भविष्य की तरफ बढ़ रहा है। अब यहां से हमें पीछे मुड़कर नहीं देखना है। आने वाले कुछ वर्षों में हमें मिलकर उस विकास की भरपाई करनी है, जो बीते दशकों में हम नहीं कर पाए।

पत्नी को पत्र लिखकर तलाक दिया: दुखद

पत्नी को पत्र लिखकर तलाक दिया: दुखद

अंकुर कुमार       
लखनऊ/बर्लिन। राजधानी लखनऊ में में ट्रिपल तलाक का मामला सामने आया है। आरोप है कि मनचाहा दहेज न मिला तो पत्नी को एक साल बाद मायके भेज दिया। इसके बाद जर्मनी में रह रहे शौहर ने अपनी पत्नी को पत्र लिखकर तीन बार तलाक दे दिया। साथ ही यह लिखा कि अब उनका कोई रिश्ता नहीं है। यह देख पत्नी दंग रह गई। पीड़िता और परिवारीजनों ने ससुराल में जाकर मिन्नतें की लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। इसके बाद विवाहिता ने विभूतिखंड थाने में केस दर्ज कराया है। फिलहाल पुलिस जांच पड़ताल में जुटी है।
पुलिस के मुताबिक, विक्रांतखंड निवासी महिला की शादी 4 फरवरी 2021को नवी मुंबई निवासी करीम मकबूल से हुई थी। महिला के अनुसार, शादी के समय करीब 12 लाख 50 हजार रुपये खर्च किए गए थे। पीड़िता ने बताया कि विदा होकर वह जब ससुराल पहुंची तो पहले दिन से ही उसे कम दहेज लाने पर ताने दिए जाने लगे थे। लेकिन वह किसी तरह से ससुराल में रहती रही। पीड़िता ने आगे बताया कि पति करीम मकबूल के साथ उसके माता-पिता भी अपशब्द कहते थे। आपत्ति करने पर उसे पीटा जाता था। शादी के कुछ दिनों बाद ही करीम मकबूल नौकरी करने के लिए जर्मनी चला गया था।
उसके जाने के बाद सास-ससुर की प्रताड़ना बढ़ गई थी। उसे जबरन मायके भेजा गया था। 16 अप्रैल को उसे एक खत मिला जो पति की तरफ से आया था।  खत में करीम मकबूल ने महिला से रिश्ता तोड़ते हुए तलाक देने की बात लिखी थी। उसे पढ़कर महिला सदमे में चली गई। परिवार वालों को जब खत के बारे में पता चला तो उन्होंने रिश्ता बचाने के लिए कई प्रयास किए। लेकिन करीम और उसके परिवार वाले कुछ सुनने को तैयार नहीं थे। प्रभारी निरीक्षक डॉ. आशीष मिश्र के अनुसार, पीड़िता की तहरीर पर करीम मकबूल और उसके मां-बाप के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया  बृजेश केसरवानी  प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी ...