गुरुवार, 28 अप्रैल 2022
पत्नी को पत्र लिखकर तलाक दिया: दुखद
श्रीलंका के बाद नेपाल में भी आर्थिक संकट
48 मिलियन डॉलर की उच्चतम बोली, नीला हीरा
रंगीन हीरों में इसकी रैंकिंग उच्चतम है।
मंगल ग्रह पर 2 बड़े भयानक भूकंप दर्ज किए
मंगल ग्रह पर आए अब तक के भूकंपों में सबसे भयानक और बड़े जो इंसानों ने दर्ज किए है। पहले भूकंप को नाम दिया गया है S0976a। इसकी तीव्रता 4.2 थी। यह 25 अगस्त 2021 को आया था। इसका केंद्र मंगल ग्रह की सबसे बड़ी घाटी वैलेस मैरिनेरिस थी। यह घाटी 4000 किलोमीटर लंबी है। लेकिन इसकी तीव्रता को इस घाटी के विपरीत दिशा में ग्रह के दूसरी तरफ मौजूद इनसाइट लैंडर ने दर्ज किया। इस घाटी में कई भूकंपीय फॉल्ट्स हैं। यह सौर मंडल का सबसे बड़ा कैनयन सिस्टम है। यहां प भूस्खलन भी होता रहता है। 'खतरनाक' एस्टेरॉयड, 780 मीटर है लंबाई दूसरे भूकंप का नाम है S1000a। पहले भूकंप के 24 दिन बाद 18 सितंबर को आया। इसकी तीव्रता 4.1 थी। लेकिन इसका केंद्र पता नहीं चल पाया। यह भूकंप 94 मिनट तक मंगल ग्रह को कंपकंपाता रहा। यह मंगल ग्रह पर अब तक दर्ज सबसे लंबी भूकंपीय गतिविधि थी। इनसाइट लैंडर के सीस्मोमीटर ने यहां पर धरती पर आने वाले भूकंपों की तरह दो तरह की तरंगों को महसूस किया। जिन्हें प्रेशर वेव्स गतिविधियों से यह पता चलता है कि मंगल ग्रह फिलहाल मरने वाला तो नहीं है। लेकिन उसके अंदर बहुत ज्यादा खलबली मची हैं। मंगल ग्रह के अंदर लगातार घरघराहट हो रही है। भूकंपीय गतिवधियां बढ़ी हुई हैं। ऑस्ट्रेलिया में स्थित ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के जियोफिजिसिस्ट हरवोए कालसिक ने कहा कि हमारे लिए यह जरूरी है कि हम मंगल ग्रह के मैंटल को समझे। हरवोए कालसिक ने कहा कि मैंटल को समझने से हम यह जान पाएंगे कि यहां इतने भूकंप क्यों आ रहे हैं। दूसरा यह ग्रह कैसे विकसित हुआ। सौर मंडल में कैसे ग्रहों का निर्माण हुआ। बहुत समय से वैज्ञानिक यह मानकर चल रहे थे कि मंगल ग्रह शांत है। किसी तरह की गतिविधियां नहीं हो रही हैं, हो सकता है कि वह मरने की कगार पर जा रहा हो। लेकिन इन गतिविधियों ने बता दिया कि मंगल जीवित है और पूरी तरह से दमदार है। आएगा बदलाव मंगल ग्रह के पास चुंबकीय शक्ति बहुत कम है। किसी भी ग्रह की चुंबकीय शक्ति उसके अंदर से पैदा होती है। जिसे आमतौर पर डायनमो कहते हैं। यानी एक गर्म तरल पदार्थ का घूमता हुआ इलेक्ट्रकिली चार्ज्ड गोला। इसकी वजह से काइनेटिक एनर्जी चुंबकीय शक्ति में बदल जाती है। इसकी वजह से ग्रह के चारों तरफ मैग्नेटिक फील्ड का निर्माण होता है। मंगल ग्रह के चारों तरफ चुंबकीय शक्तियां कम हैं। चुंबकीय शक्ति की वजह से किसी भी ग्रह के लिए जीवन और मौत के बीच की प्रमुख डोर होती है। जैसे धरती पर मौजूद चुंबकीय शक्ति कि वजह से ग्रह और इस पर रहने वाले जीव-जंतु अंतरिक्ष के रेडिएशन से बच जाते हैं। मंगल ग्रह पर रेडिएशन का स्तर बहुत ज्यादा है। जबकि, धरती की तुलना में वह सूरज से काफी ज्यादा दूर है। हरवोए कालसिक ने कहा कि बिना चुंबकीय शक्ति के किसी भी ग्रह पर जीवन संभव नहीं है। लेकिन जब साल 2018 में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के इनसाइट लैंडर ने मंगल ग्रह की धड़कनों को सुनना शुरु किया तो वैज्ञानिकों को पहली बार इस बात के पुख्ता सबूत मिले कि वहां पर भूकंप आते हैं। इनसाइट ने सैकड़ों भूकंपों को दर्ज किया है। जियोफिजिसिस्ट वीजिया सुन ने मंगल ग्रह से संबंधित इनसाइट और उससे अलग डेटा की स्टडी की। दोनों ने गैर-पारंपरिक तरीके से इनकी गणना की। मंगल ग्रह पर आने वाले भूकंपों को मार्सक्वेक कहते हैं। इन दोनों ने 47 जोड़े भूकंपीय गतिविधियों का अध्ययन किया। जोड़े से मतलब ये है कि भूकंप की लहर एक तरफ से जाकर वापस लौटे तो उसे जोड़ा कहा जाता है। दोनों वैज्ञानिकों ने देखा कि यह भूकंप मंगल ग्रह के सेरबेरस फॉसे नाम की जगह से पैदा हो रहे हैं। यह ऐसा स्थान है। जहां पर कई फॉल्ट्स बने हैं। साल 2019 में मई से जुलाई महीने के बीच इस जगह से दो बड़े भूकंप पैदा हुए। जिनके आसपास कई छोटे भूकंपों की सीरीज चलती रही। हर सीरीज हर एक बड़े भूकंप से संबंधित थी। लेकिन इन भूकंपों के पैदा होने की सही वजह नहीं पता चल रही थी। हरवोए कालसिक ने कहा कि नासा के डेटा के अनुसार पहले आए भूकंप रात में रिकॉर्ड किए गए। लेकिन जिन 47 भूकंपों की बात हम कर रहे हैं, वो मंगल ग्रह के मैंटल की वजह से पैदा हुए हैं। इनकी शुरुआत सेरबेरस फॉसे से हुई। यह इलाका एक करोड़ से साल से काफी ज्यादा सक्रिय है। यहां पर काफी ज्यादा भूकंप आ रहे हैं। क्योंकि मंगल ग्रह के अंदर मैग्मा का बहाव काफी ज्यादा हो रहा।
बैंक ऑफ इंडिया, 696 पदों पर निकाली भर्ती
यह नौकरियां बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से निकाली गई है। कुल पदों की संख्या 696 है। इसके लिए आवेदन 26 अप्रैल 2022 से शुरू हो जाएंगे। ऐसे में अभ्यर्थियों की जानकारी के लिए बता दें कि आवेदन प्रक्रिया और चयन प्रक्रिया किस आधार पर होगी।
मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतारे, योगी की प्रशंसा
सरकार का राज्य सरकारों के बीच अंतर व्यवहार
सरकार का राज्य सरकारों के बीच अंतर व्यवहार
मीनाक्षी लोढी
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गैर-भाजपा शासित राज्यों पर पेट्रोल और डीजल पर मूल्य वर्धित कर नहीं कम करने का आरोप लगाया है, लेकिन तथ्य यह है कि केंद्र सरकार सिर्फ भाजपा शासित राज्यों को तरजीह दे रही है और बाकी की अनदेखी कर रही है, बकाया राशि का भुगतान नहीं कर रही है। बीते दिनों सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक में प्रधानमंत्री ने पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करने के लिए भाजपा शासित राज्य सरकारों की प्रशंसा की, जबकि ऐसा नहीं करने के लिए गैर-भाजपा राज्यों की आलोचना की।
ममता बनर्जी ने कहा कि हालांकि, उन्होंने यह नहीं कहा कि केंद्र सरकार केंद्रीय बकाया के भुगतान के मामले में भाजपा शासित राज्य और गैर-भाजपा राज्य सरकारों के बीच अंतर व्यवहार कर रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वर्चुअल बैठक में प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों को बोलने का मौका दिए बिना एकतरफा व्याख्यान दिया।ममता ने कहा कि पश्चिम बंगाल में हम पहले से ही पेट्रोल और डीजल पर 1 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी दे रहे हैं। केंद्र सरकार से पश्चिम बंगाल सरकार का कुल बकाया 97,000 करोड़ रुपये है। मैं प्रधानमंत्री से हमें भुगतान करने का अनुरोध करती हूं। हमें उस राशि का आधा भी मिले तो हम भाजपा शासित राज्यों की तुलना में पेट्रोल और डीजल पर बहुत अधिक सब्सिडी देंगे।
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