गुरुवार, 28 अप्रैल 2022

मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतारे, योगी की प्रशंसा

मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतारे, योगी की प्रशंसा
कविता गर्ग  
मुंबई। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने मंदिरों और मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतारने का आदेश देने वाले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा की है। राज ठाकरे ने ट्वीट कर लिखा है कि धार्मिक स्थलों खासकर मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने को लेकर मैं योगी सरकार को पूरे दिल से बधाई देता हूं। दुर्भाग्य से महाराष्ट्र में कोई ‘योगी’ नहीं है, हमारे पास भोगी हैं। मैं ईश्वर से सद्बुद्धि देने की पार्थना करता हूं।
विवाद की शुरुआत राज ठाकरे ने ही की थी। उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने को कहा था।
इसके बाद यह विवाद महाराष्ट्र से यूपी तक पहुंच गया। इस बीच सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी धार्मिक स्थलों से अवैध लाउडस्पीकर उतारने का आदेश देते हुए कहा कि यदि कहीं लाउडस्पीकर बज भी रहा है तो उसकी आवाज परिसर से बाहर नहीं आनी चाहिए। यूपी में 72 घंटे के भीतर करीब 11 हजार लाउडस्पीकर उतारे जा चुके हैं।

सरकार का राज्य सरकारों के बीच अंतर व्यवहार

सरकार का राज्य सरकारों के बीच अंतर व्यवहार 

मीनाक्षी लोढी 

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गैर-भाजपा शासित राज्यों पर पेट्रोल और डीजल पर मूल्य वर्धित कर नहीं कम करने का आरोप लगाया है, लेकिन तथ्य यह है कि केंद्र सरकार सिर्फ भाजपा शासित राज्यों को तरजीह दे रही है और बाकी की अनदेखी कर रही है, बकाया राशि का भुगतान नहीं कर रही है। बीते दिनों  सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक में प्रधानमंत्री ने पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करने के लिए भाजपा शासित राज्य सरकारों की प्रशंसा की, जबकि ऐसा नहीं करने के लिए गैर-भाजपा राज्यों की आलोचना की।

ममता बनर्जी ने कहा कि हालांकि, उन्होंने यह नहीं कहा कि केंद्र सरकार केंद्रीय बकाया के भुगतान के मामले में भाजपा शासित राज्य और गैर-भाजपा राज्य सरकारों के बीच अंतर व्यवहार कर रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वर्चुअल बैठक में प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों को बोलने का मौका दिए बिना एकतरफा व्याख्यान दिया।ममता ने कहा कि पश्चिम बंगाल में हम पहले से ही पेट्रोल और डीजल पर 1 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी दे रहे हैं। केंद्र सरकार से पश्चिम बंगाल सरकार का कुल बकाया 97,000 करोड़ रुपये है। मैं प्रधानमंत्री से हमें भुगतान करने का अनुरोध करती हूं। हमें उस राशि का आधा भी मिले तो हम भाजपा शासित राज्यों की तुलना में पेट्रोल और डीजल पर बहुत अधिक सब्सिडी देंगे।

175 जीडबल्यू क्षमता का संयंत्र, करेंगे स्थापित

175 जीडबल्यू क्षमता का संयंत्र, करेंगे स्थापित

डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत
नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। भारत के पास दिसंबर 2022 तक 175 जीडबल्यू क्षमता के 'स्वच्छ ऊर्जा संयंत्र' स्थापित करने का लक्ष्य है। फिलहाल अप्रैल का महीना ख़त्म हो रहा है और मार्च 2022 तक कुल 110 जीडबल्यू रिन्युब्ल एनेर्जी क्षमता स्थापित हुई है। जो, कि 175 जीडबल्यू लक्ष्य का 63% है।
ग्लोबल थिंक टैंक एम्बर की एक नई रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत के चार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने तो, अपने रिन्युब्ल एनेर्जी क्षमता के लक्ष्यों को पार कर लिया है। लेकिन 27 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अब भी लक्ष्य से दूर हैं। इससे साफ़ होता है कि साल के बचे हुए महीनों में बड़े स्तर पर प्रयास करने होंगे देश के लक्ष्य को हासिल करने के लिए।
रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत ने मार्च 2022 तक 110 जीडबल्यू अक्षय ऊर्जा क्षमता (बड़े हाइड्रो पावर प्लांट्स को छोड़कर) स्थापित किया। जो कि 175 जीडबल्यू लक्ष्य का 63% है। 54 जीडबल्यू सौर क्षमता और ग्रिड पर 40 जीडबल्यू पवन क्षमता के साथ, राष्ट्र अपने सौर ऊर्जा लक्ष्य के आधे और 2022 के लिए अपने पवन ऊर्जा लक्ष्य के दो-तिहाई पर है।
मार्च तक, तेलंगाना, राजस्थान, कर्नाटक और अंडमान और निकोबार के केंद्र क्षेत्र के राज्यों ने अपने सालाना लक्ष्यों को पार कर लिया था। गुजरात और तमिलनाडु भी अपने लक्ष्यों के करीब आ रहे हैं। अन्य राज्यों में सिर्फ उत्तराखंड और सिक्किम हैं जिन्होंने अपने लक्ष्यों का 50% से अधिक हासिल किया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी राज्यों को योगदान करने की आवश्यकता है, क्योंकि दिसंबर तक 175 जीडबल्यू के अक्षय ऊर्जा लक्ष्य को पूरा करने के लिए राष्ट्र को अगले नौ महीनों में 65 जीडबल्यू अधिक की आवश्यकता होगी।
इस 65 जीडबल्यू की कमी में पांच प्रमुख भारतीय राज्य दो-तिहाई के हिस्सेदार हैं: महाराष्ट्र (11 जीडबल्यू), उत्तर प्रदेश (10 जीडबल्यू), आंध्र प्रदेश (9 जीडबल्यू), मध्य प्रदेश (7 जीडबल्यू), और तमिलनाडु (5 जीडबल्यू)।
एम्बर के वरिष्ठ बिजली नीति विश्लेषक आदित्य लोला कहते हैं, "प्रमुख राज्यों में प्रगति की कमी भारत को इस दौड़ में जीतने में बाधक बन रही है। सभी राज्यों को इस दिशा में सहयोग करना होगा जिससे देशहित में यह लक्ष्य हासिल किए जा सकें।”
अगले नौ महीनों में सौर ऊर्जा क्षमता स्थापना के 100 जीडबल्यू के लक्ष्य को हासिल करने के लिए इस दिशा में 85% की विकास दर वृद्धि की आवश्यकता है। वहीं पवन ऊर्जा को 60 जीडबल्यू लक्ष्य तक पहुंचने के लिए अगले तीन तिमाहियों में लगभग 50% की वृद्धि की आवश्यकता है।
भारत 2030 तक 450 जीडबल्यू रिन्युब्ल एनेर्जी और 500 जीडबल्यू गैर-जीवाश्म क्षमता के लक्ष्य को देख रहा है। 110 जीडबल्यू पहले से ही स्थापित होने के साथ, राष्ट्र को 340 जीडबल्यू नई अक्षय ऊर्जा क्षमता या औसतन 42.5 जीडबल्यू प्रति वर्ष की दर से अगले आठ साल क्षमता स्थापित करनी होगी 2030 के लक्ष्य को पूरा करने के लिए।
इस दौरान देश की सौर क्षमता को 54 GW से पांच गुना बढ़कर 280 जीडबल्यू पहुँचना होगा और पवन ऊर्जा को बढ़कर 140 जीडबल्यू पहुँचना होगा।
रिपोर्ट में अंततः यह कहा गया है कि भारत के लिए यह बिलकुल संभव है कि वह 2030 तक अपने 450 जीडबल्यू के रिन्युब्ल एनेर्जी लक्ष्य को हासिल कर ले, बस ज़रूरत होगी राज्यों के सहयोग की।

45 गांवों में पानी की टंकी के लिए जगह नहीं

45 गांवों में पानी की टंकी के लिए जगह नहीं

बृजेश केसरवानी
बरेली। जल जीवन मिशन योजना के तहत जिले के 1,405 गांवों में पानी की टंकी लगाकर पाइप लाइन बिछाई जा रही है। करीब 45 गांवों में अभी तक भूमि नहीं मिल पाई है। जिसके लिए कार्यदायी संस्था के पदाधिकारियों ने लेखपाल के साथ बैठक कर भूमि उपलब्ध कराएं जाने की मांग की है। प्रत्येक गांव में टंकी निर्माण आबादी के अनुसार कराया जाएगा।
अलग-अलग क्षमता की टंकी होने से लागत भी अलग-अलग आएगी। लेखपाल के अलावा ग्राम प्रधान व पंचायत सचिव जमीन की तलाश कर रहे हैं। डीपीआरओ धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि भूमि निशुल्क व पहुंच मार्ग पर होनी चाहिए, ऐसी जमीन चिन्हित की जा रही है। जमीन मिलने के बाद जल्द ही पानी की टंकी का निर्माण शुरू करा दिया जाएगा। इसके बाद पाइपलाइन बिछाकर ग्रामीणों के घरों तक पानी पहुंचाया जाएगा।

गर्मी और बढ़ते बिजली बिल से पाएं राहत

गर्मी और बढ़ते बिजली बिल से पाएं राहत

सुनील श्रीवास्तव       
नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। गर्मी का सीजन आ चुका है। तापमान बढ़ते ही घरों में पंखे, कूलर और एयर कंडीशनर ऑन हो गए हैं। इन उपकरणों की मदद से गर्मी से तो राहत मिल रही है, लेकिन बिजली का बिल जेब पर भारी पड़ रहा है। ऐसे में हम आपको बिल घटाने के कुछ तरीके बताने जा रहे हैं, जिसका इस्तेमाल करके आपको थोड़ी राहत मिल सकती है। इन तरीकों से न सिर्फ गर्मी से राहत मिलेगी बल्कि बिजली के बिल को भी कंट्रोल में किया जा सकता है। आइए जानते है।
पंखों में इलेक्ट्रॉनिक रेगुलेटर का ही इस्तेमाल करें- गर्मी में पंखे सबसे ज्यादा चलते हैं। ऐसे में समय-समय पर पंखों की सर्विसिंग कराते रहें। पंखे में इलेक्ट्रॉनिक रेगुलेटर का ही इस्तेमाल करें। कंडेंसर और बाल बेयरिंग खराब हो रहा है तो इसको तुरंत बदलवा लें।
कूलर के पंखों और पंप की ऑलिंग-ग्रीसिंग कराएं- भारत में अधिकतर घरों में कूलर का ज्यादा इस्तेमाल होता है। कूलर के पंखे और पंप की। ऑलिंग-ग्रीसिंग कराना जरूरी होता है। ज्यादा चलने से पंप ज्यादा बिजली खीचता है, ऐसे में समय-समय पर ऑलिंग करते रहें। कूलर के पंखे के कंडेंसर और रेगुलेटर की जांच भी जरूर कराएं। इलेक्ट्रॉनिक रेगुलेटर से भी बिजली कम खर्च होती है।
24 से 26 डिग्री के बीच सेट करें AC- घंटों AC चलने से बिजली की ज्यादा खपत होती है। AC को चलाने के साथ-साथ पंखा भी ऑन रखें। एसी के तापमान को 24 से 26 डिग्री के बीच सेट करें। हर 10 से 15 दिन में एयर फिल्टर को अच्छी तरह धोकर साफ करें। फिल्टर में धूल जमने से पूरी ठंडक नहीं मिलती और एसी ज्यादा देर तक चलाना पड़ता है। याद रखें कि जब AC चल रहा हो तो खिड़की-दरवाजें बंद हो, नहीं तो AC की ठंडी हवा बाहर ज्यादा जाएगी और कमरा ठंडा नहीं हो पाएगा।

18 साल पार सभी लोग बूस्टर डोज के पात्र

18 साल पार सभी लोग बूस्टर डोज के पात्र
अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। कोविड-19 रोधी टीके की दूसरी और बूस्टर डोज के बीच अंतराल को सरकार जल्द ही मौजूदा नौ महीने से घटाकर छह महीने कर सकती है। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने कहा कि टीकाकरण पर राष्ट्रीय एनटीएजीआई) इस अंतराल को कम करने की सिफारिश कर सकता है जिसकी बैठक 29 अप्रैल को होने वाली है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और अन्य अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान संस्थाओं के अध्ययनों में पता चला है कि टीके की दोनों खुराक के साथ प्रारंभिक टीकाकरण से करीब छह महीने बाद एंटीबॉडी का स्तर कम होने लगता है और बूस्टर खुराक देने से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है।
6 महीने किए जाने की संभावना
फिलहाल 18 साल से अधिक उम्र के वे सभी लोग टीके की तीसरी खुराक यानी बूस्टर डोज के पात्र हैं जिन्हें दूसरी खुराक लिए हुए नौ महीने हो चुके हैं। घटनाक्रम से जुड़े एक सूत्र ने बताया, वैज्ञानिक साक्ष्यों और यहां तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किए गए अध्ययनों के परिणामों को देखने के बाद कोविड-19 टीके की दूसरी और बूस्टर डोज के बीच अंतराल को मौजूदा नौ महीने से कम करके जल्द ही छह महीने किये जाने की पूरी संभावना है। शुक्रवार को एनटीएजीआई की बैठक में इस बाबत सिफारिश किये जाने के बाद अंतिम निर्णय लिया जा सकता है। दो बूस्टर डोज के बीच 9 महीने के अंतराल को कई हेल्थ एक्सपर्ट सही नहीं मान रहे थे। हेल्थ एक्पसपर्ट की मांग थी दो बूस्टर डोज के बीच की अवधि को कम किया जाए। उनका कहना था कि कई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि कोरोना वैक्सीन के कारण इम्युनिटी का असर छह महीने से ज्यादा नहीं रहता, इसलिए नौ महीने के अंतराल का कोई औचित्य नहीं है।

कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा, किनारा किया

कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा, किनारा किया

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा है कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने अपने प्रजेंटेशन में नेतृत्व को लेकर कोई बात नहीं की। जबकि राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि किशोर ने कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर सलाह दी थी।चिदंबरम के मुताबिक उन्होंने कई सारे अच्छे डेटा दिए हैं। जिस पर पार्टी आने वाले दिनों में अमल कर सकती है। बता दें कि पिछलों दिनों प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा थी। लेकिन कहा जा रहा है कि किशोर ने खुद इससे इनकार कर दिया।
एनडीटीवी से बातचीत करते हुए पी. चिदंबरम ने कहा, ‘पीके ने नेतृत्व के मुद्दे पर कुछ भी नहीं कहा। प्रियंका गांधी को पार्टी का अध्यक्ष बनाने के बारे में भी मैंने कुछ नहीं सुना। नेतृत्व का मुद्दा अगस्त के अंत तक आंतरिक चुनावों के साथ हल कर लिया जाएगा। बता दें कि मीडिया में पिछले दिनों ऐसी खबरें आईं थी कि प्रशांत किशोर ने अपने प्रजेंटेशन में प्रियंका को अध्यक्ष बनाने का सुझाव दिया है।
चिदंबरम ने आगे कहा कि प्रशांत किशोर ने चुनाव, मतदान पैटर्न और कैंडिडेट के बारे में जो डेटा सामने रखे वो बेहद प्रभावशाली थे। उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि पार्टी के पास उस तरह का डेटा पहले से था। डेटा का उनका विश्लेषण प्रभावशाली था। हम कुछ प्रस्तावों पर अमल करने का इरादा रखते हैं।
चिदंबरम ने कहा कि प्रशांत किशोर ने क्यों कांग्रेस का ऑफर ठुकरा दिया इस बारे में फिलहाल बातचीत नहीं हुई है। उन्होंने कहा, ‘शायद वो सलाहकार बने रहना चाहते हैं। वो टीआरएस, टीएमसी और जगन रेड्डी को सलाह दे रहे हैं। वह शायद इन पार्टियों के सलाहकार के रूप में अपनी भूमिका बरकरार रखना चाहते हैं।
कहा जा रहा है कि कांग्रेस को ये पसंद नहीं था कि प्रशांत किशोर तेलंगाना राष्ट्र समिति को भी चुनावी रणनीति को लेकर सलाह दे। लेकिन चिदंबरम ने ऐसी अटकलों से इनकार किया है। प्रशांत किशोर और कांग्रेस के करीबी सूत्रों ने संकेत दिया था कि पार्टी उनके द्वारा सुझाए गए व्यापक सुधारों के लिए तैयार नहीं थी। इससे पार्टी से कई दिग्गजों को परेशानी हो जाती।

भारत ने अफ्रीका को 125 रनों का टारगेट दिया

भारत ने अफ्रीका को 125 रनों का टारगेट दिया  इकबाल अंसारी  पोर्ट एलिजाबेथ। भारत-साउथ अफ्रीका के बीच 4 मैचों की टी20 सीरीज का दूसरा मैच गकेबेह...