175 जीडबल्यू क्षमता का संयंत्र, करेंगे स्थापित
डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत
नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। भारत के पास दिसंबर 2022 तक 175 जीडबल्यू क्षमता के 'स्वच्छ ऊर्जा संयंत्र' स्थापित करने का लक्ष्य है। फिलहाल अप्रैल का महीना ख़त्म हो रहा है और मार्च 2022 तक कुल 110 जीडबल्यू रिन्युब्ल एनेर्जी क्षमता स्थापित हुई है। जो, कि 175 जीडबल्यू लक्ष्य का 63% है।
ग्लोबल थिंक टैंक एम्बर की एक नई रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत के चार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने तो, अपने रिन्युब्ल एनेर्जी क्षमता के लक्ष्यों को पार कर लिया है। लेकिन 27 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अब भी लक्ष्य से दूर हैं। इससे साफ़ होता है कि साल के बचे हुए महीनों में बड़े स्तर पर प्रयास करने होंगे देश के लक्ष्य को हासिल करने के लिए।
रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत ने मार्च 2022 तक 110 जीडबल्यू अक्षय ऊर्जा क्षमता (बड़े हाइड्रो पावर प्लांट्स को छोड़कर) स्थापित किया। जो कि 175 जीडबल्यू लक्ष्य का 63% है। 54 जीडबल्यू सौर क्षमता और ग्रिड पर 40 जीडबल्यू पवन क्षमता के साथ, राष्ट्र अपने सौर ऊर्जा लक्ष्य के आधे और 2022 के लिए अपने पवन ऊर्जा लक्ष्य के दो-तिहाई पर है।
मार्च तक, तेलंगाना, राजस्थान, कर्नाटक और अंडमान और निकोबार के केंद्र क्षेत्र के राज्यों ने अपने सालाना लक्ष्यों को पार कर लिया था। गुजरात और तमिलनाडु भी अपने लक्ष्यों के करीब आ रहे हैं। अन्य राज्यों में सिर्फ उत्तराखंड और सिक्किम हैं जिन्होंने अपने लक्ष्यों का 50% से अधिक हासिल किया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी राज्यों को योगदान करने की आवश्यकता है, क्योंकि दिसंबर तक 175 जीडबल्यू के अक्षय ऊर्जा लक्ष्य को पूरा करने के लिए राष्ट्र को अगले नौ महीनों में 65 जीडबल्यू अधिक की आवश्यकता होगी।
इस 65 जीडबल्यू की कमी में पांच प्रमुख भारतीय राज्य दो-तिहाई के हिस्सेदार हैं: महाराष्ट्र (11 जीडबल्यू), उत्तर प्रदेश (10 जीडबल्यू), आंध्र प्रदेश (9 जीडबल्यू), मध्य प्रदेश (7 जीडबल्यू), और तमिलनाडु (5 जीडबल्यू)।
एम्बर के वरिष्ठ बिजली नीति विश्लेषक आदित्य लोला कहते हैं, "प्रमुख राज्यों में प्रगति की कमी भारत को इस दौड़ में जीतने में बाधक बन रही है। सभी राज्यों को इस दिशा में सहयोग करना होगा जिससे देशहित में यह लक्ष्य हासिल किए जा सकें।”
अगले नौ महीनों में सौर ऊर्जा क्षमता स्थापना के 100 जीडबल्यू के लक्ष्य को हासिल करने के लिए इस दिशा में 85% की विकास दर वृद्धि की आवश्यकता है। वहीं पवन ऊर्जा को 60 जीडबल्यू लक्ष्य तक पहुंचने के लिए अगले तीन तिमाहियों में लगभग 50% की वृद्धि की आवश्यकता है।
भारत 2030 तक 450 जीडबल्यू रिन्युब्ल एनेर्जी और 500 जीडबल्यू गैर-जीवाश्म क्षमता के लक्ष्य को देख रहा है। 110 जीडबल्यू पहले से ही स्थापित होने के साथ, राष्ट्र को 340 जीडबल्यू नई अक्षय ऊर्जा क्षमता या औसतन 42.5 जीडबल्यू प्रति वर्ष की दर से अगले आठ साल क्षमता स्थापित करनी होगी 2030 के लक्ष्य को पूरा करने के लिए।
इस दौरान देश की सौर क्षमता को 54 GW से पांच गुना बढ़कर 280 जीडबल्यू पहुँचना होगा और पवन ऊर्जा को बढ़कर 140 जीडबल्यू पहुँचना होगा।
रिपोर्ट में अंततः यह कहा गया है कि भारत के लिए यह बिलकुल संभव है कि वह 2030 तक अपने 450 जीडबल्यू के रिन्युब्ल एनेर्जी लक्ष्य को हासिल कर ले, बस ज़रूरत होगी राज्यों के सहयोग की।