गुरुवार, 28 अप्रैल 2022

रेप: 20 वर्ष सश्रम सजा, 10 हजार अर्थदंड

रेप: 20 वर्ष सश्रम सजा, 10 हजार अर्थदंड 

दुष्यंत टीकम 
महासमुंद। डरा धमकाकर और शादी का झांसा देकर नाबालिग से रेप के मामले में दोष सिद्ध होने पर लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के विशेष न्यायाधीश योगिता विनय वासनिक ने तुमगांव थाना क्षेत्र के ग्राम जोबा निवासी रूपेंद्र मांडले 21 साल को धारा 6 के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा व 10 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।
अभियोजन के अनुसार, 27 जनवरी 2021 को रात्रि 11 बजे एक नाबालिग को जान से मारने की धमकी देकर और शादी का प्रलोभन देकर बलात मोटर साइकिल में बैठाकर अपने मामा के गांव बनरसी ले गया और तीन दिन तक रेप किया। नाबालिग के विरोध करने पर वह जान से मारने की धमकी देता था। इस पर तुमगांव थाने में धारा 363, 366, 376-2, एवं 506 भादस एवं धारा 4, 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना के बाद मामला कोर्ट को सौंपा गया था। जहां आरोप दोष सिद्ध होने पर आरोपी रूपेंद्र मांडले को सजा सुनाई गई।

धरती के महान सपूत लचित की 400वीं जयंती

धरती के महान सपूत लचित की 400वीं जयंती 

इकबाल अंसारी  
दिसपुर। पीएम मोदी आज असम के दौरे पर हैं। असम के दीफू में पीएम मोदी ने कहा कि ये सुखद संयोग है कि आज जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तब हम इस धरती के महान सपूत लचित बोरफुकान की 400वीं जयंती भी मना रहे हैं। उनका जीवन राष्ट्रभक्ति और राष्ट्रशक्ति की प्रेरणा है। कार्बी आंगलोंग से देश के इस महान नायक को मैं नमन करता हूं।
पीएम ने आगे कहा कि डबल इंजन की सरकार, जहां भी हो वहां सबका साथ, सबका विकास एवं सबका विश्वास और सबका प्रयास की भावना से काम करती है। आज ये संकल्प कार्बी आंगलोंग की इस धरती पर फिर सशक्त हुआ है। असम की स्थाई शांति और तेज़ विकास के लिए जो समझौता हुआ था, उसको ज़मीन पर उतारने का काम तेज़ी से चल रहा है। आज असम में भी 2600 से अधिक अमृत सरोवर बनाने का काम शुरू हो रहा है। सरोवरों का निर्माण पूरी तरह से जनभागीदारी पर आधारित है। ऐसे सरोवरों की तो जनजातीय समाज में एक समृद्ध परंपरा रही है। इससे गांवों में पानी के भंडार तो बनेंगे ही, इसके साथ-साथ ये कमाई के भी स्रोत बनेंगे।
उन्होंने आगे कहा कि 2014 के बाद से नॉर्थ ईस्ट में मुश्किलें कम हो रही हैं, लोगों का विकास हो रहा है। आज जब कोई असम के जनजातीय क्षेत्रों में आता है, नॉर्थ ईस्ट के दूसरे राज्यों में जाता है, तो हालात को बदलते देखकर उसे भी अच्छा लगता है। असम के अलावा त्रिपुरा में भी NLFT ने शांति के पथ पर कदम बढ़ाए।करीब ढाई दशक से जो ब्रू-रियांग से जुड़ी समस्या चल रही थी, उसको भी हल किया गया है।
पिछले वर्ष सितंबर में कार्बी आंगलोंग के अनेक संगठन शांति और विकास के संकल्प से जुड़े।2020 में बोडो समझौते ने स्थाई शांति के नए द्वार खोले। लंबे समय तक नॉर्थ ईस्ट के अनेक राज्यों में रहा है, लेकिन बीते 8 सालों के दौरान स्थाई शांति और बेहतर कानून व्यवस्था लागू होने के कारण हमने AFSPA को नॉर्थ ईस्ट के कई क्षेत्रों से हटा दिया है।
सबका साथ, सबका विकास की भावना के साथ आज सीमा से जुड़े मामलों का समाधान खोजा जा रहा है। असम और मेघालय के बीच बनी सहमति दूसरे मामलों को भी प्रोत्साहित करेगी। इससे इस पूरे क्षेत्र के विकास की आकांक्षाओं को बल मिलेगा।
जनजातीय समाज की संस्कृति, यहां की भाषा, खान-पान, कला, हस्तशिल्प, ये सभी हिंदुस्तान की समृद्ध धरोहर है। असम तो इस मामले में और भी समृद्ध है। यही सांस्कृतिक धरोहर भारत को जोड़ती है, एक भारत श्रेष्ठ भारत के भाव को मज़बूती देती है।
उन्होंने आगे कहा कि आजादी के इस अमृतकाल में कार्बी आंगलोंग भी शांति और विकास के नए भविष्य की तरफ बढ़ रहा है। अब यहां से हमें पीछे मुड़कर नहीं देखना है। आने वाले कुछ वर्षों में हमें मिलकर उस विकास की भरपाई करनी है, जो बीते दशकों में हम नहीं कर पाए।

पत्नी को पत्र लिखकर तलाक दिया: दुखद

पत्नी को पत्र लिखकर तलाक दिया: दुखद

अंकुर कुमार       
लखनऊ/बर्लिन। राजधानी लखनऊ में में ट्रिपल तलाक का मामला सामने आया है। आरोप है कि मनचाहा दहेज न मिला तो पत्नी को एक साल बाद मायके भेज दिया। इसके बाद जर्मनी में रह रहे शौहर ने अपनी पत्नी को पत्र लिखकर तीन बार तलाक दे दिया। साथ ही यह लिखा कि अब उनका कोई रिश्ता नहीं है। यह देख पत्नी दंग रह गई। पीड़िता और परिवारीजनों ने ससुराल में जाकर मिन्नतें की लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। इसके बाद विवाहिता ने विभूतिखंड थाने में केस दर्ज कराया है। फिलहाल पुलिस जांच पड़ताल में जुटी है।
पुलिस के मुताबिक, विक्रांतखंड निवासी महिला की शादी 4 फरवरी 2021को नवी मुंबई निवासी करीम मकबूल से हुई थी। महिला के अनुसार, शादी के समय करीब 12 लाख 50 हजार रुपये खर्च किए गए थे। पीड़िता ने बताया कि विदा होकर वह जब ससुराल पहुंची तो पहले दिन से ही उसे कम दहेज लाने पर ताने दिए जाने लगे थे। लेकिन वह किसी तरह से ससुराल में रहती रही। पीड़िता ने आगे बताया कि पति करीम मकबूल के साथ उसके माता-पिता भी अपशब्द कहते थे। आपत्ति करने पर उसे पीटा जाता था। शादी के कुछ दिनों बाद ही करीम मकबूल नौकरी करने के लिए जर्मनी चला गया था।
उसके जाने के बाद सास-ससुर की प्रताड़ना बढ़ गई थी। उसे जबरन मायके भेजा गया था। 16 अप्रैल को उसे एक खत मिला जो पति की तरफ से आया था।  खत में करीम मकबूल ने महिला से रिश्ता तोड़ते हुए तलाक देने की बात लिखी थी। उसे पढ़कर महिला सदमे में चली गई। परिवार वालों को जब खत के बारे में पता चला तो उन्होंने रिश्ता बचाने के लिए कई प्रयास किए। लेकिन करीम और उसके परिवार वाले कुछ सुनने को तैयार नहीं थे। प्रभारी निरीक्षक डॉ. आशीष मिश्र के अनुसार, पीड़िता की तहरीर पर करीम मकबूल और उसके मां-बाप के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।

श्रीलंका के बाद नेपाल में भी आर्थिक संकट

श्रीलंका के बाद नेपाल में भी आर्थिक संकट

सुनील श्रीवास्तव 
कोलंबो। श्रीलंका के बाद नेपाल में भी आर्थिक संकट गहराने लगा है। पिछले 20 दिनों से दवा सहित रोजमर्रा के सामान के दाम बढ़ रहे हैं। नेपाल ने पिछले 5 साल में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की ताश की गड्डी विदेशों से आयात की है। पेट्रोल 41 रुपये और डीजल 20 रुपये महंगा हो चुका है। यही नहीं सरसों तेल (15 लीटर टीन) के दाम में 350 रुपये तक की बढ़ोतरी हुई है। आर्थिक संकट को देखते हुए नेपाल ने शराब और तंबाकू समेत कारों और अन्य मंहगे सामानों के आयात पर औपचारिक रूप से प्रतिबंध लगा दिया है।
नेपाल ने जुलाई 2021 के बाद से ही बढ़ते आयात, निवेश के प्रवाह में गिरावट और पर्यटन तथा निर्यात से कम आय के कारण विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट देखी है।‌ देश के केंद्रीय बैंक 'नेपाल राष्ट्र बैंक' के डिप्टी गवर्नर बम बहादुर मिश्रा ने कहा, ''प्रतिबंध मंगलवार से प्रभावी हो गया है और जुलाई, 2022 के मध्य तक लागू रहेगा। इस आशय का एक नोटिस नेपाल के राजपत्र में भी प्रकाशित किया गया है।
'नेपाल राष्ट्र बैंक' के डिप्टी गवर्नर ने कहा, ''तेजी से घट रही विदेशी मुद्रा को रोकने के लिए कार, 250 सीसी से ऊपर की बाइक, 32 इंच से ऊपर के रंगीन टीवी, तंबाकू और शराब जैसी लग्जरी वस्तुओं का आयात फिलहाल रोक दिया गया है।
दरअसल, रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण पेट्रोलियम उत्पाद का आयात बढ़ा कीमत पर होने से दवाइयों से लेकर सभी खाने-पीने की चीजें महंगी हो रही हैं। 8 महीनों में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 17 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई। पर्यटन नेपाल की आय का बड़ा स्रोत है, जो कोविड के बाद प्रभावित हुआ है।
नेपाल ने पिछले पांच साल में करीब 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की ताश विदेशों से आयात किया है। नेपाल में सिर्फ कैसिनो में ही नहीं बल्कि दशहरा, दिवाली जैसे मौके पर घर- घर में ताश खेलने की परम्परा है। सिर्फ दिवाली के मौके पर ही 9 करोड़ रुपए से अधिक का ताश आयात किया था।

48 मिलियन डॉलर की उच्चतम बोली, नीला हीरा

48 मिलियन डॉलर की उच्चतम बोली, नीला हीरा

अखिलेश पांडेय  
प्रिटोरिया। दुनिया का सबसे बड़ा नीले रंग का हीरा, जिसकी कीमत 57.5 मिलियन डॉलर, लगभग 4.4 अरब रुपये लगी। हांगकांग में फाइन आर्ट्स कंपनी सोथबी ने ये हीरा नीलाम किया। सोथबी के मुताबिक 15.10 कैरेट का स्टेप कट रत्न को ‘द डी बीयर्स कलिनन ब्लू’ नाम दिया गया है।
चार खरीदारों के बीच आठ मिनट तक बोली लगाने का युद्ध चलता रहा। एक अज्ञात खरीदार ने फोन कर इस हीरे के लिए 48 मिलियन डॉलर की उच्चतम बोली लगाई थी। यह दुर्लभ हीरा 2021 में दक्षिण अफ्रीका की कलिनन माइन में पाया गया था।
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सोथबी के एक बयान के मुताबिक जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट ऑफ अमेरिका ने इस गहने को एक ‘फैंसी विविड ब्लू’ के रूप में वर्गीकृत किया है। संगठन में अब तक जितने भी ब्लू डायमंड भेजे गए हैं उनमें से इसकी कलर ग्रेडिंग टॉप पर है, जो अब तक सिर्फ एक ही फीसदी हीरों की ही है।
सोथबी ने हीरे को असाधारण रूप से दुर्लभ बताया और कहा कि अब तक 10 कैरेट से ऊपर के सिर्फ पांच रत्न नीलामी में आए हैं। कभी भी कोई 15 कैरेट से ज्यादा नहीं रहा। इस हीरे की नीलामी अपने आप में महत्वपूर्ण घटना है। द डी बीयर्स कलिनन ब्लू हीरे की नीलामी 57,471,960 डॉलर में हुई।ये हीरा सबसे महंगा हीरा होने का रिकॉर्ड बनाने से थोड़ा सा ही चूक गया।
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अभी तक सबसे महंगा हीरा 14.62 कैरेट का “ओपेनहाइमर ब्लू” है, जो 2016 में 57,541,779 डॉलर (4,404,218,780 रुपए) में नीलाम हुआ था। दोनों की कीमत में 70 हजार डॉलर का अंतर था।

मंगल ग्रह पर 2 बड़े भयानक भूकंप दर्ज किए

मंगल ग्रह पर 2 बड़े भयानक भूकंप दर्ज किए 

अखिलेश पांडेय        
वाशिंगटन डीसी/लंदन। मंगल ग्रह पर पिछले कुछ दिनों से रहस्यमयी भूकंप आ रहे हैं। इससे पहले ऐसी घटना वैज्ञानिकों ने कभी देखी नहीं थी। लेकिन हाल ही में दो बड़े भयानक भूकंप दर्ज किए गए‌। इन दोनों भूकंपों की तारीखें और तीव्रता नासा  के इनसाइट लैंडर  ने दर्ज की है। हालांकि यह माना जा रहा है कि लाल ग्रह के अंदर किसी तरह की ज्वालामुखीय घटना हो रही है। यह ग्रह काफी ज्यादा सक्रिय है। इनसाइट लैंडर ने नवंबर 2018 में मंगल ग्रह की सतह पर अपने कदम जमाए थे। तब से लेकर अब तक इसने कई मार्सक्वेक  यानी, मंगल ग्रह पर भूकंप दर्ज किए लेकिन हाल ही में दो बड़े स्तर के भूकंपों ने इस लैंडर को भी हिला दिया। इंग्लैंड स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल में सीस्मोलॉजिस्ट एना होर्लेस्टन ने एक बयान में कहा कि यह बेहद बड़े और दूर तक असर दिखाने वाली गतिविधियां हैं।
मंगल ग्रह पर आए अब तक के भूकंपों में सबसे भयानक और बड़े जो इंसानों ने दर्ज किए है। पहले भूकंप को नाम दिया गया है S0976a। इसकी तीव्रता 4.2 थी। यह 25 अगस्त 2021 को आया था। इसका केंद्र मंगल ग्रह की सबसे बड़ी घाटी वैलेस मैरिनेरिस थी। यह घाटी 4000 किलोमीटर लंबी है। लेकिन इसकी तीव्रता को इस घाटी के विपरीत दिशा में ग्रह के दूसरी तरफ मौजूद इनसाइट लैंडर  ने दर्ज किया। इस घाटी में कई भूकंपीय फॉल्ट्स हैं। यह सौर मंडल का सबसे बड़ा कैनयन सिस्टम है। यहां प भूस्खलन भी होता रहता है। 'खतरनाक' एस्टेरॉयड, 780 मीटर है लंबाई दूसरे भूकंप का नाम है S1000a। पहले भूकंप के 24 दिन बाद 18 सितंबर को आया। इसकी तीव्रता 4.1 थी। लेकिन इसका केंद्र पता नहीं चल पाया। यह भूकंप 94 मिनट तक मंगल ग्रह को कंपकंपाता रहा। यह मंगल ग्रह पर अब तक दर्ज सबसे लंबी भूकंपीय गतिविधि थी। इनसाइट लैंडर के सीस्मोमीटर ने यहां पर धरती पर आने वाले भूकंपों की तरह दो तरह की तरंगों को महसूस किया। जिन्हें प्रेशर वेव्स गतिविधियों से यह पता चलता है कि मंगल ग्रह फिलहाल मरने वाला तो नहीं है। लेकिन उसके अंदर बहुत ज्यादा खलबली मची हैं। मंगल ग्रह के अंदर लगातार घरघराहट हो रही है। भूकंपीय गतिवधियां बढ़ी हुई हैं। ऑस्ट्रेलिया में स्थित ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के जियोफिजिसिस्ट हरवोए कालसिक ने कहा कि हमारे लिए यह जरूरी है कि हम मंगल ग्रह के मैंटल  को समझे। हरवोए कालसिक ने कहा कि मैंटल को समझने से हम यह जान पाएंगे कि यहां इतने भूकंप क्यों आ रहे हैं। दूसरा यह ग्रह कैसे विकसित हुआ। सौर मंडल में कैसे ग्रहों का निर्माण हुआ। बहुत समय से वैज्ञानिक यह मानकर चल रहे थे कि मंगल ग्रह शांत है। किसी तरह की गतिविधियां नहीं हो रही हैं, हो सकता है कि वह मरने की कगार पर जा रहा हो। लेकिन इन गतिविधियों ने बता दिया कि मंगल जीवित है और पूरी तरह से दमदार है। आएगा बदलाव मंगल ग्रह  के पास चुंबकीय शक्ति बहुत कम है। किसी भी ग्रह की चुंबकीय शक्ति उसके अंदर से पैदा होती है। जिसे आमतौर पर डायनमो  कहते हैं। यानी एक गर्म तरल पदार्थ का घूमता हुआ इलेक्ट्रकिली चार्ज्ड गोला। इसकी वजह से काइनेटिक एनर्जी चुंबकीय शक्ति में बदल जाती है। इसकी वजह से ग्रह के चारों तरफ मैग्नेटिक फील्ड का निर्माण होता है। मंगल ग्रह के चारों तरफ चुंबकीय शक्तियां कम हैं। चुंबकीय शक्ति की वजह से किसी भी ग्रह के लिए जीवन और मौत के बीच की प्रमुख डोर होती है। जैसे धरती पर मौजूद चुंबकीय शक्ति कि वजह से ग्रह और इस पर रहने वाले जीव-जंतु अंतरिक्ष के रेडिएशन से बच जाते हैं। मंगल ग्रह पर रेडिएशन का स्तर बहुत ज्यादा है। जबकि, धरती की तुलना में वह सूरज से काफी ज्यादा दूर है। हरवोए कालसिक ने कहा कि बिना चुंबकीय शक्ति के किसी भी ग्रह पर जीवन संभव नहीं है। लेकिन जब साल 2018 में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा  के इनसाइट लैंडर  ने मंगल ग्रह की धड़कनों को सुनना शुरु किया तो वैज्ञानिकों को पहली बार इस बात के पुख्ता सबूत मिले कि वहां पर भूकंप आते हैं। इनसाइट ने सैकड़ों भूकंपों को दर्ज किया है। जियोफिजिसिस्ट वीजिया सुन ने मंगल ग्रह से संबंधित इनसाइट और उससे अलग डेटा की स्टडी की। दोनों ने गैर-पारंपरिक तरीके से इनकी गणना की। मंगल ग्रह पर आने वाले भूकंपों को मार्सक्वेक  कहते हैं। इन दोनों ने 47 जोड़े भूकंपीय गतिविधियों का अध्ययन किया। जोड़े से मतलब ये है कि भूकंप की लहर एक तरफ से जाकर वापस लौटे तो उसे जोड़ा कहा जाता है। दोनों वैज्ञानिकों ने देखा कि यह भूकंप मंगल ग्रह के सेरबेरस फॉसे नाम की जगह से पैदा हो रहे हैं। यह ऐसा स्थान है। जहां पर कई फॉल्ट्स बने हैं। साल 2019 में मई से जुलाई महीने के बीच इस जगह से दो बड़े भूकंप पैदा हुए। जिनके आसपास कई छोटे भूकंपों की सीरीज चलती रही। हर सीरीज हर एक बड़े भूकंप से संबंधित थी। लेकिन इन भूकंपों के पैदा होने की सही वजह नहीं पता चल रही थी। हरवोए कालसिक ने कहा कि नासा के डेटा के अनुसार पहले आए भूकंप रात में रिकॉर्ड किए गए। लेकिन जिन 47 भूकंपों की बात हम कर रहे हैं, वो मंगल ग्रह के मैंटल की वजह से पैदा हुए हैं। इनकी शुरुआत सेरबेरस फॉसे से हुई। यह इलाका एक करोड़ से साल से काफी ज्यादा सक्रिय है। यहां पर काफी ज्यादा भूकंप आ रहे हैं। क्योंकि मंगल ग्रह के अंदर मैग्मा का बहाव काफी ज्यादा हो रहा।

बैंक ऑफ इंडिया, 696 पदों पर निकाली भर्ती

बैंक ऑफ इंडिया, 696 पदों पर निकाली भर्ती 

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से कुल 696 पदों पर भर्ती निकाली गई है। इसके लिए आवेदन 26 अप्रैल 2022 से शुरू हो जाएंगे। आवेदन करने की लास्ट डेट 10 मई 2022 है।
बता दें कि बैंक ऑफ इंडिया ने 19 अप्रैल को एक भर्ती विज्ञापन जारी किया था। इसमें विभिन्न विभागों में स्केल 4 तक के अधिकारी रैंक के पदों पर नियमित और संविदा के आधार पर भर्तियों के लिए अधिसूचना है।
बैंकिंग क्षेत्र में सरकारी नौकरी करके करियर बनाने की इच्छा रखने वाले अभ्यर्थियों के पास सुनहरा मौका है।
यह नौकरियां बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से निकाली गई है। कुल पदों की संख्या 696 है। इसके लिए आवेदन 26 अप्रैल 2022 से शुरू हो जाएंगे। ऐसे में अभ्यर्थियों की जानकारी के लिए बता दें कि आवेदन प्रक्रिया और चयन प्रक्रिया किस आधार पर होगी।
इससे अभ्यर्थियों को आवेदन में किसी तरह की असुविधा नहीं होगी। आवेदन करने की लास्ट डेट 10 मई 2022 है। बता दें कि बैंक ऑफ इंडिया ने 19 अप्रैल को एक भर्ती विज्ञापन जारी किया था। इसमें विभिन्न विभागों में स्केल 4 तक के अधिकारी रैंक के पदों पर नियमित और संविदा के आधार पर भर्तियों के लिए अधिसूचना है।
विज्ञापन के आधार पर रिस्क मैनेजर, क्रेडिट एनालिस्ट, इकनॉमिस्ट, स्टैटिस्टिशियन, क्रेडिट ऑफिसर, टेक अप्रेजल और आइटी ऑफिसर-डाटा सेंटर के कुल 594 पदों पर नियमित आधार पर भर्ती की जाएगी।
इसके अलावा 102 पदों पर संविदा आधार पर सीनियर मैनेजर (आइटी), मैनेजर आइटी, सीनियर मैनेजर (नेटवर्क सिक्यूरिटी), सीनियर मैनेजर (नेटवर्क राउटिंग एण्ड स्वीचिंग स्पेशलिस्ट्स), मैनेजर (इंड प्वाइंट सिक्यूरिटी), मैनेजर (डाटा सेंटर), मैनेजर (डाटाबेस एक्टपर्ट), मैनेजर (टेक्नोलॉजी आर्किटेक्ट) और मैनेजर (अप्लीकेशन आर्किटेक्ट) की भर्ती की जाएगी।

अक्टूबर से दिसंबर तक शादी समारोहों पर रोक

अक्टूबर से दिसंबर तक शादी समारोहों पर रोक  अखिलेश पांडेय  लाहौर। पाकिस्तान में पंजाब प्रांत की सरकार ने स्मॉग पर नियंत्रण के लिए एक नई नीति ...