मंगलवार, 26 अप्रैल 2022

डीजल-पेट्रोल के दामों में बनी रहीं स्थिरता

डीजल-पेट्रोल के दामों में बनी रहीं स्थिरता

अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। तेल कंपनियों की तरफ से आज भी पेट्रोल और डीजल के दामों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल 105.41 रुपये प्रति लीटर जबकि डीजल 96.67 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है। मुंबई में पेट्रोल की कीमत 120.51 रुपये व डीजल की कीमत 104.77 रुपये प्रति लीटर है।कोलकाता में पेट्रोल का दाम 115.12 रुपये जबकि डीजल का दाम 99.83 रुपये प्रति लीटर है। वहीं चेन्नई में भी पेट्रोल 110.85 रुपये प्रति लीटर तो डीजल 100.94 रुपये प्रति लीटर है।
बता दें कि पिछले वर्ष 4 नवंबर के बाद से इन दोनों ईंधन के मूल्य में कोई वृद्धि नहीं की गई थी।सरकार के राजनीतिक विरोधियों का आरोप था कि पांच राज्यों के चुनाव के कारण मोदी सरकार ने तेल कंपनियों को मूल्य बढ़ाने से रोक रखा था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव 112 डॉलर प्रति बैरल पहुंचने के बाद रविवार को तेल कंपनियों ने डीजल के थोक खरीदारों के लिए मूल्य में 25 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी। तेल डीलरों का कहना है कि खुदरा मूल्य में धीरे-धीरे वृद्धि की जाएगी।बता दें कि मध्यप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में पेट्रोल का भाव 100 रुपये से ऊपर चल रहा है। मुंबई में पेट्रोल की कीमत सबसे अधिक है। 
बता दें कि प्रतिदिन सुबह छह बजे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है। सुबह छ: बजे से ही नई दरें लागू हो जाती हैं। पेट्रोल व डीजल के दाम में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन और अन्य चीजें जोड़ने के बाद इसका दाम लगभग दोगुना हो जाता है।
इन्हीं मानकों के आधार पर पर पेट्रोल रेट और डीजल रेट रोज तय करने का काम तेल कंपनियां करती हैं। डीलर पेट्रोल पंप चलाने वाले लोग हैं। वे खुद को खुदरा कीमतों पर उपभोक्ताओं के अंत में करों और अपने स्वयं के मार्जिन जोड़ने के बाद पेट्रोल बेचते हैं। पेट्रोल रेट और डीजल रेट में यह कॉस्ट भी जुड़ती है।

4 गिरोह के लीडर व सदस्यों को सूचीबद्ध किया

4 गिरोह के लीडर व सदस्यों को सूचीबद्ध किया

भानु प्रताप उपाध्याय  
शामली। पुलिस ने लूट और डकैती की घटनाओं में शामिल चार गिरोह के लीडर और उनके सदस्यों को सूचीबद्ध किया गया है। एसएसपी सुकीर्ति माधव ने बताया कि सूचीबद्ध किए गए गिरोह के सदस्यों की हिस्ट्रीशीट खोलकर निगरानी की जाएगी और उनके विरुद्ध गैंगस्टर की कार्रवाई भी की जाएगी।एसएसपी ने बताया कि शहर कोतवाली, झिंझाना और कैराना पुलिस ने चार गिरोह सूचीबद्ध किए गए हैं। इनमें एक गिरोह के लीडर का नाम सन्नी निवासी दैदपुरा थाना नकुड़ जनपद सहारनपुर और उसके सदस्यों के नाम विशाल उर्फ पहाड़ी निवासी बहलोलपुर थाना रामपुर जनपद सहारनपुर, पारूल उर्फ रोहित निवासी दैदपुरा थाना नकुड़ जनपद सहारनपुर हैं।
दूसरे गिरोह के लीडर का नाम सावेज निवासी गांव रामड़ा थाना कैराना और सदस्यों के नाम रहीश निवासी गांव रामड़ा, फैसल निवासी मोहल्ला रेतावाला कैराना, जीशान व भिंडी निवासी मोहल्ला अंसारियान कैराना हैं। तीसरे गिरोह के लीडर का नाम राजेंद्र निवासी मोहल्ला माजरा झिंझाना और सदस्यों के नाम इमरान उर्फ खलीफा निवासी नई बस्ती बुढ़ाना, जितेंद्र निवासी लहरीपुर मजरा भमेड़ी शाहपुर थाना झिंझाना, साबिर निवासी मोहल्ला सफीपुर पट्टी बुढ़ाना, आशू निवासी मोहल्ला इस्लामनगर बुढ़ाना, दिलशाद निवासी नई बस्ती बुढ़ाना, शौकीन निवासी मोहल्ला सफीपुर पट्टी बुढ़ाना व आमिर निवासी मोहल्ला लोहसाना रोड बुढ़ाना हैं।चौथे गिरोह के लीडर का नाम कार्तिक उर्फ डैनी निवासी गांव इनामपुरा थाना मंडावर जनपद बिजनौर है और गिरोह के सदस्यों के नाम पतंगा उर्फ पटगा निवासी गांव इनामपुरा, अटरिया उर्फ विकास निवासी जोगेंद्र नगर थाना भोपा जनपद मुजफ्फरनगर, लोकेंद्र निवासी मोहल्ला सैदपुर थाना जानसठ जनपद मुजफ्फरनगर है। एसएसपी ने बताया कि इन गिरोह के सदस्यों की हिस्ट्रीशीट खोली जाएगी और गैंगस्टर की कार्रवाई की जाएगी।

आपदा: 2030 तक बढ़कर 560 होने का खतरा

आपदा: 2030 तक बढ़कर 560 होने का खतरा

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव     
नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। बीमारियों, प्राकृतिक आपदाओं से आजिज आ चुकी दुनिया को अभी आने वाले सालों में और भयानक प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ सकता है। अपनी एक रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र ने यह बात कही है। संयुक्त राष्ट्र आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्यालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दुनिया 2015 से लगातार हर साल करीब 400 आपदाओं को झेल रही है, जिसकी संख्या 2030 तक बढ़कर 560 होने का अनुमान है। वहीं अगर 1970 से 2000 के बीच की अवधि को देखें तो मध्यम से बड़े स्तर की आपदाओं की संख्या 90 से 100 के बीच थी।
इस साल अगर देखें तो पिछले साल की तुलना में ज्यादा गर्मी पड़ रही है और इसकी शुरुआत भी जल्दी हो गई है।
अगर यही हाल रहा तो 2030 तक आते आते गर्म हवाओं का सिलसिला अपने चरम पर होगा। यह 2001 की तुलना में तीन गुना बढ़ जाएगा और सूखा पड़ने में भी 30 फीसद का इजाफा होगा। जलवायु परिवर्तन की वजह से केवल प्राकृतिक आपदाओं में ही बढ़ोतरी नहीं हो रही है, बल्कि कोविड-19, आर्थिक मंदी, खाद्य समस्या जैसी कई विपदाओं की वजह भी जलवायु परिवर्तन ही है। लोगों को तो इस बात का अंदाजा ही नहीं है कि प्राकृतिक आपदाओं के चलते हम कितना नुकसान झेल चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र के आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्यालय की प्रमुख मामी मिज़तोरी का कहना है अगर हमने जल्दी ही इसे संतुलित करने की शुरुआत नहीं की तो आगे जो नुकसान होगा उसकी भरपाई करना या उसे संभाल पाना हमारे बस की बात नहीं होगी।
मिज़तोरी का कहना है कि समाज को आपदाओं के जोखिम से निपटने के लिए आर्थिक स्तर पर भी दोबारा सोचने की ज़रूरत है, अभी हमारा 90 फीसद कोष आपाताकालीन मदद के लिए होता है, 6 फीसद पुनर्निर्माण और 4 फीसद आपदा को रोकने पर खर्च होता है।

ट्रैक्टर खड़ा करने को लेकर विवाद, गंभीर घायल

ट्रैक्टर खड़ा करने को लेकर विवाद, गंभीर घायल

भानु प्रताप उपाध्याय
मुजफ्फरनगर। फुगाना थाने के जोगिया खेड़ा गांव में पक्षों के बीच खूनी संघर्ष हो गया। इस खूनी संघर्ष में दोनों पक्षों के करीब 6 लोग गंभीर रुप से घायल हो गए। जिसका एक लाइव वीडियो भी सामने आया है।
बताया जाता है कि ट्रैक्टर खड़ा करने को लेकर दोनों पक्षों में विवाद हुआ जो देखते ही देखते खूनी संघर्ष में तब्दील हो गया। दोनों पक्षों में जमकर पत्थरबाजी हुई और लाठी डंडे चले। इस मामले में 6 लोग गंभीर रुप से घायल बताए जा रहे है।

3 गोवंशो को शरारती तत्वों ने जिंदा जलाया

3 गोवंशो को शरारती तत्वों ने जिंदा जलाया

हरिओम उपाध्याय 
मेरठ। मेरठ में मंगलवार सुबह होते ही दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। खरखौदा थाना क्षेत्र के काजीपुर गांव के जंगल में बने एक कमरे में बंधे तीन गोवंश को शरारती तत्वों ने जिंदा जला दिया। गोवंश स्वामी खेत में नराई कर रहा था। गोवंश स्वामी मौके पर दौड़ा, जहां उसने एक आरोपी को पकड़ा लिया। जबकि दो फरार हो गए।
पकड़ में आए आरोपी ने गोवंश स्वामी की हाथ में काट कर भागने का प्रयास किया मगर शोर-शराबे के बीच अन्य ग्रामीण पहुंच गए। उसकी धुनाई कर दी। आग से दो गोवंश की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीसरा गोवंश तड़प रहा है तीनों गोवंश 5 से 6 महीने की गर्भवती है। इस घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया। बाद में कंट्रोल रूम की सूचना पर बिजली बंबा चौकी से पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे।
खरखौदा थाना क्षेत्र के गांव गाजीपुर निवासी परमिंदर सैनी पुत्र बालक राम सैनी ने बताया कि गांव के बाहर जंगल में उनके दो कमरे बने हुए हैं। जहां पर वह अपने पशुओं को दिन में बांधते हैं। रोज की तरह मंगलवार सुबह करीब 6:00 बजे परविंदर ने अपने तीन गोवंश को गांव से ले जाकर कमरे में बांध दिए थे। तीनों गोवंश गर्भवती है। उसके बाद परविंदर कमरे से थोड़ी ही दूरी पर अपने खीरे के खेत में नाराई करने चले गए। करीब 20 मिनट बाद परविंदर ने देखा कि कमरे में से धुआं निकल रहा था। दौड़ लगाकर परमिंदर कमरे की ओर दौड़ा।
तीसरे को ऐसे धर दबोचा
इस दौरान कमरे के पास से तीन युवक बाहर की ओर भागे। दो युवक प्रवेश बिहार की ओर फरार हो गए, जबकि तीसरे को परमिंदर ने धर दबोचा। आरोपित युवक ने परमिंदर के हाथ में काट कर भागने का प्रयास किया। शोर-शराबे के बीच आसपास के खेतों में काम कर रहे किसान मौके पर दौड़े और आरोपित को पकड़ कर धुनाई कर दी। कंट्रोल रूम की सूचना पर खरखोदा थाने की बिजली बंबा चौकी से पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे। इस दौरान सूचना के बाद ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई। कमरे में देखा तो दो दो गोवंश के शव थे। जबकि तीसरी गोवंश आग लगने के बाद दीवार तोड़कर गांव में भाग गई, जहां वह तड़प रही है। पशु चिकित्सक उसका उपचार कर रहे हैं। गुस्साए ग्रामीणों ने हंगामा काट दिया। पुलिस आरोपी को बिजली बंबा चौकी ले गई।
तीनों आरोपितों को मिलने चाहिए फांसी की सजा
पीड़ित गोवंश स्वामी परविंदर समेत ग्रामीणों ने पुलिस से मांग की कि तीनों आरोपियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। जिस तरह से उन्होंने यह कृत्य किया है उससे समाज में गहरा रोष है।
खेत में शराब पीने से मना करने पर दिया घटना को अंजाम
परविंदर ने बताया कि जो आरोपित पकड़ा गया है वह और फरार दोनों युवक कमरे के पास खेत में आए दिन शराब पीते थे दो-तीन दिन से उन्हें खेत में शराब पीने से मना जा रहा था। संभवत इसी का बदला लेने के लिए उन्होंने इस घटना को अंजाम दिया है।

दुजाना हत्या के मामलें में अदालत में पेश हुआ

दुजाना हत्या के मामलें में अदालत में पेश हुआ
भानुप्रताप उपाध्याय 
मुजफ्फरनगर। वेस्ट यूपी का कुख्यात अपराधी अनिल दुजाना हत्या के मांमले में मुजफ्फरनगर की एक अदालत में पेश हुआ। हत्या के मामले में आरोपी कुख्यात अनिल दुजाना के पेशी पर नहीं आने के कारण कोर्ट द्वारा उसकी संपत्ति कुर्क किए जाने के आदेश दिए गए थे।
मुजफ्फरनगर जनपद में छपार के खाद व्यापारी राजीव त्यागी की हत्या के मामले में आरोपी कुख्यात अनिल दुजाना के पेशी पर नहीं आने के कारण उसकी संपत्ति कुर्क किए जाने के आदेश दिए गए थे।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या-13 शक्ति सिंह ने ये आदेश जारी किए थे।
खाद विक्रेता की 2013 में सनसनीखेज तरीके से हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने दुजाना और उसके साथियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। प्रकरण की सुनवाई एडीजे-13 कर रहे हैं। आज अनिल दुजाना को कडी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट में पेशी के बाद अनिल दुजाना को दिल्ली पुलिस कडी सुरक्षा में अपने साथ ले गई।

धर्म-संसद पर यूके सरकार को सुप्रीम फटकार

धर्म-संसद पर यूके सरकार को सुप्रीम फटकार
अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। धर्म संसद के आयोजन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को फटकार लगाई है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के चीफ सेक्रेटरी को हलफनामा दाखिल करने को कहा है। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि राज्य सरकार ये सुनिश्चित करे कि कोई भड़काऊ भाषण न दिए जाएं। साथ ही कोर्ट ने कहा कि और अगर ऐसा हुआ तो जिम्मेदार लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए। 
बता दें कि अगली धर्म संसद उत्तराखंड के रुड़की में बुधवार को होनी है।धर्म संसद में भड़काऊ भाषण देने का आरोप है। इससे पहले कई राज्यों में ऐसा हो चुका है। हिमाचल प्रदेश के ऊना, यूपी के हरिद्वार और दिल्ली में धर्म संसद में भड़काऊ भाषण देने का आरोप है।
राज्य दिशानिर्देशों का पालन करें
न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि ऐसी स्थितियों में क्या करने की जरूरत है, इस पर पहले से ही अदालती फैसले हैं और राज्य को केवल इसे लागू करने की जरूरत है। बेंच ने कहा, ‘आपको केवल पहले से मौजूद दिशानिर्देशों का पालन करना होगा। क्या आप इसका पालन कर रहे हैं या नहीं, यही आपको हमें जवाब देना है। पीठ में न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार भी शामिल हैं।
‘इन गतिविधियों को रोकना होगा’
राज्य सरकार ने कहा कि उसने इसे रोकने के लिए कदम उठाए थे। और पहले भी इसी तरह की घटनाएं होने पर जांच की थी। जस्टिस खानविलकर ने वकील से कहा, ‘नहीं, जांच ही नहीं। आपको इन गतिविधियों को रोकना होगा। पीठ ने टिप्पणी की कि अगर कुछ होता है तो वह मुख्य सचिव को मौजूद रहने के लिए कहेगी। अदालत ने हिमाचल प्रदेश में आयोजित एक धर्म संसद के खिलाफ एक याचिका पर भी चर्चा की और राज्य के वकील से एक हलफनामे में यह बताने को कहा कि इसे रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए है।
हिमाचल प्रदेश के वकील ने कहा कि राज्य ने यह सुनिश्चित करने के लिए पुलिस अधिनियम की धारा 64 के तहत एक नोटिस जारी किया है। जस्टिस खानविलकर ने कहा, “ये घटनाएं अचानक रातों रात नहीं होती हैं। इनकी घोषणा काफी पहले कर दी जाती है। स्थानीय पुलिस को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए ताकि ये सुनिश्चित हो सके कि कोई अप्रिय घटना न हो। और क्या वे कदम उठाए गए हैं, आप उसे समझाएं।

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