मंगलवार, 26 अप्रैल 2022

वायरस: 6-12 आयुवर्ग के लिए कोवैक्सीन को अनुमति

वायरस: 6-12 आयुवर्ग के लिए कोवैक्सीन को अनुमति 

विजय कुमार 'तन्हा'

नई दिल्ली। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने 6-12 आयुवर्ग के लिए कोवैक्सीन को अनुमति (EUA) दे दी है। कोवैक्सीन को हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने तैयार किया है। 

बता दें कि कोरोना की बाकी लहरों में बच्चों पर ज्यादा गंभीर नहीं हुआ था, लेकिन इस बार बच्चे इस नए XE वेरिएंट की चपेट में आ रहे हैं। खासतौर से स्कूल खुलने के बाद इन मामलों में बढ़ोतरी की और आशंका जताई जा रही है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि पिछले तीन हफ्तों में बच्चों में फ्लू जैसे लक्षणों में बढ़ोतरी नजर आई है। ऐसे में अगर बच्चे को कोरोना वायरस होता भी है तो भी माता-पिता को इसके लिए घबराने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि बच्चों में कोरोना के लक्षण काफी माइल्ड है और समय पर इलाज करवाने से बच्चे जल्दी ठीक भी हो रहे हैं। हालांकि इन लक्षणों की समय रहते पहचान जरूरी हैै।

बीजेपी की सांसद ने ब्रज 84 कोस की यात्रा पूरी की

बीजेपी की सांसद ने ब्रज 84 कोस की यात्रा पूरी की

बृजेश केसरवानी

मथुरा। अभिनेत्री और मथुरा से बीजेपी की सांसद हेमा मालिनी ने ब्रज 84 कोस की यात्रा पूरी कर ली है। इस दौरान 7 दिन में उन्होंने 401 किलोमीटर की दूरी तय की। ब्रज 84 कोस की यात्रा पूरी करने के बाद हेमा मालिनी ने कहा कि यात्रा में उन्हें कई खामियां मिली हैं। उन्होंने कहा कि ब्रज यात्रा के दौरान 43 गांवों और 32 पड़ाव स्थल का दौरा किया और ज्यादातर जगह की हालत दयनीय है। बीजेपी सांसद ने कहा कि महिलाओं को समस्या का सामना करना पड़ता है, क्योंकि पूरे परिक्रमा मार्ग पर उनके लिए शौचालय नहीं है। ऐसे में जल्द ही परिक्रमा मार्च पर शौचालय बनाए जाएंगे।

हेमा मालिनी ने कहा कि हर दो किलोमीटर के बाद शौचालय, स्नानघर, ठहरने के लिए अस्थायी व्यवस्था, प्रवचन के लिए हॉल, पूरे मार्ग पर पेड़ आदि की व्यवस्था की योजना बनाई गई है‌। उन्होंने कहा कि यूपी व्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजा कांत मिश्रा और उनकी टीम के साथ 84 कोस ब्रज यात्रा के नवीनीकरण के दौरान शामिल किए जाने वाले कार्यों के बारे में जानकारी हासिल की। हेमा मालिनी ने कहा कि ब्रज 84 कोस परिक्रमा मार्ग को विश्व विरासत के नक्शे पर लाया जाएगा।

17 अप्रैल से हेमा मालिनी ने की थी यात्रा की शुरुआत

आपको बता दें कि सांसद हेमा मालिनी ने ब्रज 84 कोस यात्रा की शुरुआत यमुना किनारे स्थित देवरहा बाबा के आश्रम से की थी। 17 से 23 अप्रैल तक उन्होंने 401 किलोमीटर की यात्रा की। इस दौरान वह ब्रज 84 कोस के 43 गांव में गई और 32 पड़ाव स्थल के दर्शन किए. हेमा मालिनी ने राधारानी की प्रमुख 8 सखियों के गांव का भी अवलोकन किया।

23 यात्री ट्रेनों को 1 महीने के लिए रद्द किया, आक्रोश

23 यात्री ट्रेनों को 1 महीने के लिए रद्द किया, आक्रोश

दुष्यंत टीकम  

रायपुर। रेलवे ने छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली 23 यात्री ट्रेनों को एक महीने के लिए रद्द कर दिया है। इस रेलबंदी से प्रदेश की राजनीति भड़क गई है। कांग्रेस ने इसका तीखा विरोध शुरू किया है। मंगलवार को कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम की अगुवाई में  डी. आर. एम. कार्यालय का घेराव कर दिया। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की। करीब आधे घंटे तक चले नारेबाजी के बाद प्रदेश अध्यक्ष ने डीआरएम को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में ट्रेन जल्द शूरू करने की मांग की गई है।

सीएम ने किया फोन – भूपेश बघेल ने रेल मंत्री से दूरभाष पर चर्चा कर उन्हें छत्तीसगढ़ से गुज़रने वाली लगभग 23 यात्री रेलगाड़ी के परिचालन को निरस्त करने से राज्य के यात्रियों को हो रही परेशानियों से कराया अवगत।मुख्यमंत्री बघेल ने रेल मंत्री से इन सभी निरस्त यात्री रेलगाड़ियों का परिचालन जनहित को दृष्टिगत रखते पुनः प्रारंभ करने का किया आग्रह। रेल मंत्री ने मुख्यमंत्री की माँग का शीघ्र ही यथोचित निर्णय लेकर निराकरण करने का दिया आश्वासन।

2028 से 20 सीटर इलेक्ट्रिक विमान सेवा शुरू

2028 से 20 सीटर इलेक्ट्रिक विमान सेवा शुरू
अविनाश श्रीवास्तव  
मुजफ्फरपुर। पताही हवाई अड्डे से इलेक्ट्रिक विमानों की उड़ान भरने की संभावना पर मंथन तेज हो गया है। पिफोर कंपनी के सर्वे में यहां उपलब्ध रनवे से इन विमानों की उड़ान को संभव बताया जा रहा है। कहा यह जा रहा है कि अभी थोड़ी परेशानी यहां हैंगर की कमी को लेकर है। उसे दूर कर लेने पर उड़ान में कोई परेशानी नहीं होगी।
वहीं कंपनी के निदेशक सुनील कुमार की मानें तो विभाग के मापदंड के अनुसार कम से कम 1600 मीटर का रनवे होना चाहिए। इसके लिए यहां और भू-अर्जन की जरूरत पड़ सकती है, मगर अभी चार और आठ सीट वाले विमान की सेवा यहां से शुरू की जा सकती है। नगर विकास मंत्री तारकिशोर प्रसाद से आग्रह किया गया है कि जरूरत की जमीन उपलब्ध कराई जाए। 
वहीं यह इसलिए कि हवाई अड्डे में अभी हैंगर की कमी है। हवाई अड्डा के चालू होने पर वहां कई विमान लगाने होते हैं। इस कारण हैंगर आवश्यक है। साथ ही रनवे की चौड़ाई भी थोड़ी बढ़ानी होगी। वर्ष 2028 से कंपनी 20 सीटर इलेक्ट्रिक विमान लाएगी। रनवे की चौड़ाई बढ़ने से उसकी सेवा भी शुरू की जा सकती है। 
वहीं दूसरी तरफ़ पटना हाईकोर्ट के आदेश पर पताही हवाई अड्डे की जमीन की मापी पिछले दिनों कराई गई। वरीय उप समाहर्ता सारंग पाणि पांडेय के नेतृत्व में की गई मापी में महज 101 एकड़ जमीन ही हवाई अड्डे की निकली। अब तक यहां करीब डेढ़ सौ एकड़ जमीन होने का दावा किया जा रहा था।

किसानों की जमीन पर प्लांट लगाने की सहमति

किसानों की जमीन पर प्लांट लगाने की सहमति
हरिओम उपाध्याय  
वाराणसी। किसानों की जमीन पर नेडा के सहयोग से सोलर पावर प्लांट लगेगा और उसे पावर ग्रिड को बेचा जाएगा। बनारस के आठ जगहों पर किसानों के साथ हुई बैठक में दो किसानों ने अपनी जमीन पर सोलर पावर प्लांट लगाने की सहमति देते हुए नेडा में आवेदन किया है। अब इनकी जमीनों के दस्तावेजों की पड़ताल कराने के साथ ही उसकी पैमाइश व कानूनी प्रक्रिया कराई जाएगी।
वहीं नेडा यानी अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग की ओर से प्रधानमंत्री कुसुम योजना संचालित की जा रही है। इस योजना के तहत पिंडरा, जक्खिनी, लालपुर, सेवापुरी, दीनदासपुर, बरकी और नेवादा पावर हाउस पर सोलर एनर्जी कारपोरेशन आफ इंडिया (सेकी) और नेडा विभाग ने जनवरी में किसानों के साथ बैठक की और सोलर पावर प्लांट किसानों की जमीन पर लगाने की बात विस्तार से बताई।
वहीं योजना के तहत किसानों की जमीन 25 साल की लीज पर ली जाएगी और उसमें सोलर पावर प्लांट लगाकर उत्पादित बिजली को ग्रिड को बेची जाएगी। किसानों की जमीन का सालाना भाड़ा दिया जाएगा। योजना के तहत वही किसान इस योजना से आच्छादित हो सकते हैं जिनकी जमीन कम से कम चार एकड़ है। दो किसान मिलकर भी जमीन को बराबर-बराबर हिस्से में आधा-आधा दे सकते हैं।वहीं प्रभारी अधिकारी नेडा प्रेम प्रकाश सिंह बताते हैं कि अपनी जमीन पर सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए राजातालाब तहसील के घोसिला गांव निवासी तेग बहादुर सिंह और बसंतपुर गांव निवासी नागेंद्र सिंह, उपेंद्र सिंह व सीता देवी ने आवेदन दिया है। इन किसानों ने एक एकड़ का सालाना किराया एक लाख रुपये की मांग की है। 

वहीं अब कानूनी प्रक्रिया करते हुए सेकी के माध्यम से इन जगहों पर सोलर पावर प्लांट लगाया जाएगा। किसानों को भाड़ा सेकी से मिलेगा। नेडा नोडल विभाग होगा। उन्होंने अपील की है कि चार एकड़ जमीन वाला किसान सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए नेडा विभाग से संपर्क कर सकता है।

नींबू के बाद अब मिर्ची के भाव हुए चरचरे

नींबू के बाद अब मिर्ची के भाव हुए चरचरे
अंकुर कुमार
नई दिल्ली। देश में सब्जियों की कीमत लगातार बढ़ती देखी जा सकती है। जहां देश में नींबू की कीमत आग लगा रही है, वहीं अब लोगों को मिर्ची ने भी लोगों की जेब पर असर डालना शुरू कर दिया है। जैसे कि आप सब लोग जानते हैं, मिर्च रसोई घर में इस्तेमाल होने वाला एक जरूरी मसाला है।
इसका उपयोग सभी घरों में किया जाता है। ऐसे में मिर्ची की कीमत बढ़ने से देश के नागरिकों पर इसका असर हो रहा है।
आपको बता दें कि अभी वर्तमान समय में नींबू की कीमत लगभग 200 से 300 रुपए किलो बिक रहे हैं और अब वहीं बाजार में मिर्ची 60 से 80 रुपए किलो के बिक रही है। देश के कई शहरों में मिर्ची की कीमत करीब 100 रूपए प्रति किलो पहुंच गई है। मंडी में पहले मिर्ची की कीमत 20 से 40 रुपए किलो थी और अब एक दम से यह कीमत दुगनी हो गई है।
किस कारण से बढ़ी मिर्ची की कीमत
एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2002 में मिर्च का उत्पादन 10,69,000 बढ़कर वर्तमान समय में अब 20,92,000 टन तक हो गया है, लेकिन फिर भी इसका मंडी में कोई असर नहीं देखने को मिल रहा है। किसानों की मानें, तो मिर्ची की कीमत बढ़ने का एक मुख्य कारण थ्रिप्स अटैक भी है।
बताया जा रहा है कि इस अटैक के कारण इस साल करीब 9 लाख एकड़ तक मिर्ची की खेती नष्ट हो गई है। उनका यह भी कहना है कि इस बार बेमौसम बारिश होने के कारण भी मिर्ची की फसल (chilli crop) में भारी कमी आई है और साथ ही बढ़ती परिवहन लागत के कारण भी मिर्ची की कीमत बढ़ी है।
इन राज्यों में मिर्ची की खेती की जाती।
किसानों के लिए मिर्ची की खेती बेहद मुनाफे की खेती है। यह भारत की प्रमुख मसाला फसलों में से एक है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत में मिर्च की खेती 792000 हेक्टेयर पर की जाती है।
इसकी खेती भारत के आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उड़ीसा, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल तथा राजस्थान राज्य में अधिक की जाती है।

ध्वज लहराने के रिकॉर्ड में नाम दर्ज: बिहार

ध्वज लहराने के रिकॉर्ड में नाम दर्ज: बिहार

अविनाश श्रीवास्तव  
पटना। भारत के बिहार ने एक साथ सबसे अधिक संख्या में राष्ट्रीय ध्वज लहराने के मामले में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कर लिया है। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में 23 अप्रैल को बिहार के भोजपुर के जगदीशपुर स्थित दुलौर मैदान में वीर कुंवर सिंह विजयोत्सव कार्यक्रम में 78 हज़ार 220 तिरंगे एक साथ लहराकर भारत ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया।
बिहार के जगदीशपुर के तत्कालीन राजा वीर कुंवर सिंह, जिन्हें 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के नायकों में शुमार किया जाता है, उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था। यह कार्यक्रम भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के अंतर्गत गृह मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित किया गया था।संस्कृति मंत्रालय के मुताबिक, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधियों के सामने बनाए गए इस रिकॉर्ड के लिए कार्यक्रम में उपस्थित लोगों की भौतिक पहचान के लिए बैंड पहनाए गए थे और पूरे कार्यक्रम की वीडियो रिकॉर्डिंग हुई थी। पिछला विश्व रिकॉर्ड 2004 का था, जब लाहौर में एक समारोह में लगभग 56,000 पाकिस्तानी झंडे लहराए गए थे।
बाबू वीर कुंवर सिंह 1857 के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख नेता के रूप में उभरे थे, जिन्होंने लगभग 80 वर्ष की उम्र में भी विदेशी हुकूमत का डटकर मुकाबला किया। वह जगदीशपुर के परमार राजपूतों के उज्जयिनी वंश से ताल्लुक रखते थे।
उन्होंने 80 साल की उम्र में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की कमान के तहत सैनिकों के खिलाफ सशस्त्र जवानों के एक चयनित बैंड का नेतृत्व किया था। वह बिहार में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई के मुख्य नायक थे। उन्हें वीर कुंवर सिंह के नाम से जाना जाता है।

'गोमती पुस्तक महोत्सव' का उद्घाटन किया: योगी

'गोमती पुस्तक महोत्सव' का उद्घाटन किया: योगी  संदीप मिश्र  लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को गोमती रिवर फ्रंट पार्क मे...