सोमवार, 25 अप्रैल 2022

पहली बार 3 माह में तीन मुख्य न्यायाधीश

पहली बार 3 माह में तीन मुख्य न्यायाधीश

अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। यह पहला मौका होगा, जब देश की सर्वोच्च अदालत तीन माह में तीन मुख्य न्यायाधीश देखेगी। मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति की यह प्रक्रिया अगस्त से नवंबर तक चलेगी। इतना ही नहीं, इस वर्ष सात माह में पांच न्यायाधीश भी सुप्रीम कोर्ट से रुखसत होंगे, सेवानिवृत्त होंगे और उनकी जगह वरिष्ठतम न्यायाधीश जस्टिस उदय उमेश ललित लेंगे। उनका कार्यकाल दो से ढाई माह का होगा और 65 वर्ष की आयु के बाद वह रिटायर हो जाएंगे। नवंबर में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ देश के अगले मुख्य न्यायाधीश बनेंगे। उनका कार्यकाल पूरे दो वर्ष का होगा, इस प्रकार तीन माह के छोटे अंतराल में तीन मुख्य न्यायाधीश सर्वोच्च अदालत का नेतृत्व करेंगे। जस्टिस ललित जहां वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट में प्रोन्नत किए गए थे। वहीं, जस्टिस चंद्रचूड़ देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ के पुत्र हैं।
सेवानिवृत्त के मामले में जस्टिस विनीत शरण 10 मई को रिटायर होंगे, जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस एएम खानविल्कर 7 जून तथा 29 जुलाई को सेवानिवृत्त होंगे। मुख्य न्यायाधीश रमना 26 अगस्त को सेवानिवृत्त होंगे। जस्टिस इंदिरा बनर्जी 23 सितंबर को रिटायर होंगी। इससे सुप्रीम कोर्ट में महिला जजों की संख्या घटकर तीन रह जाएगी।
इसके बाद जस्टिस हेमंत गुप्ता 16 अक्तूबर को अपना कार्यालय छोड़ेगे। वरिष्ठता नियमों के अनुसार जस्टिस ललित, जस्टिस रमना के बाद मुख्य न्यायाधीश पद संभालेंगे और 8 नवंबर को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इसके बाद जस्टिस चंद्रचूड़ मुख्य न्यायाधीश बनेंगे और वह 10 नवंबर, 2024 तक पूरे दो वर्ष देश के मुख्य न्यायाधीश रहेंगे।
मुकदमों के लंबन पर असर होगा
कोविड-19 से उबरने के बाद जब कोर्ट चीजों को दुरुस्त कर ही रहा था तो रिटायरमेंट की यह लहर निश्चित रूप से कामकाज को प्रभावित करेगी। मुकदमों के लंबन पर इस लहर का सीधा प्रभाव पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट में 1 अप्रैल, 2022 तक 70362 केस लंबित हैं। इनमें से 19 फीसदी केस पीठों के सामने विचार के लिए रखने योग्य नहीं हैं, क्योंकि ये अधूरे पड़े हैं।
अब सुप्रीम कोर्ट में यदि 8 नवंबर तक कोई नई नियुक्ति नहीं हुई तो नौ रिक्तियां हो जाएंगी। परंपरा के अनुसार सेवा के आखिरी महीनों में मुख्य न्यायाधीश नई नियुक्तियां नहीं कर सकते। ऐसे में मौजूदा मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रमना को मई, जून और जुलाई में नियुक्तियों के लिए प्रयास करना होगा।
इसके बाद जस्टिस ललित के पास नियुक्तियां करने के लिए एक माह बचेगा, क्योंकि उनका कार्यकाल दो माह से कुछ ज्यादा का ही है। रिटायर होने से एक माह पूर्व मुख्य न्यायाधीश को अगले मुख्य न्यायाधीश का नाम सरकार को भेजना पड़ता है। यह संस्तुति करने के बाद मुख्य न्यायाधीश नई नियुक्तियों के कोलेजियम (पांच वरिष्ठतम जजों का चयन मंडल) में बैठ सकते।

'कोविशील्ड' वैक्सीन की प्रभावकारिता, चिंता

'कोविशील्ड' वैक्सीन की प्रभावकारिता, चिंता

अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। वैज्ञानिकों ने 1 संस्करण के विरुद्ध कोविशील्ड वैक्सीन की प्रभावकारिता के बारे में भी चिंता व्यक्त की है। रिपोर्ट के अनुसार, जिन लोगों को कोविशील्ड की दोनों खुराकें मिली हैं और वे पहले कभी संक्रमित नहीं हुए हैं, उनकी ओमिक्रॉन बीए.1 वैरिएंट के खिलाफ बेअसर करने की शक्ति उन लोगों की तुलना में बहुत कम देखी गई, जो संक्रमण से उबर चुके हैं और दोनों खुराक ले ली है।
Omicron BA.1 वैरिएंट के मुकाबले कोविशील्ड कम प्रभावी।
ओमिक्रॉन के खिलाफ कोविशील्ड की क्षमता चिंता पैदा करती है।
कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron BA.1) अभी भी पूरी दुनिया के लिए खतरा बना हुआ है। इस बीच, वैज्ञानिकों ने ओमाइक्रोन के बीए.1 संस्करण के खिलाफ कोविशील्ड वैक्सीन की प्रभावकारिता के बारे में भी चिंता व्यक्त की है। एक रिपोर्ट के अनुसार, जिन लोगों को कोविशील्ड की दोनों खुराकें मिली हैं और वे पहले कभी संक्रमित नहीं हुए हैं, उनकी न्यूट्रलाइज़िंग पावर ओमिक्रॉन BA.1 वैरिएंट के मुकाबले बहुत कम देखी गई है। ऐसे लोग जो संक्रमण से उबर चुके थे और उन्होंने कोविशील्ड की दोनों खुराकें लीं, उनमें जोखिम अधिक देखा गया।
ICMR-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (ICMR-NIV) द्वारा किया गया अध्ययन जल्द से जल्द बूस्टर खुराक लेने की आवश्यकता की ओर इशारा करता है। इस शोध के लिए कोविशील्ड की दूसरी खुराक के 180 दिन बाद 24 कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के सीरम सैंपल लिए गए। इसके साथ ही उन 17 लोगों के भी सैंपल लिए गए जिन्हें कोरोना नहीं हुआ था और उन्होंने कोविशील्ड की दोनों डोज ले ली थीं। इन लोगों में कोविशील्ड की दोनों खुराक लेने के बाद भी ओमाइक्रोन संक्रमण पाया गया।
तीसरे समूह में वे लोग शामिल थे जो कोविशील्ड वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद SARS-CoV-2 के संपर्क में आए थे। इस समूह के लोगों के सीरम नमूने संक्रमण के संपर्क में आने के 14-30 दिन बाद एकत्र किए गए थे। इनमें से केवल 21 मामलों में पूरा जीनोम प्राप्त किया जा सका।
शोधकर्ताओं ने पाया कि सभी नमूनों ने Omicron की तुलना में B.1, बीटा और डेल्टा वेरिएंट को अधिक प्रभावी ढंग से बेअसर कर दिया। हालांकि, सीरम नमूने में ओमाइक्रोन के खिलाफ एंटीबॉडी का न्यूनतम औसत 0.11 पाया गया। जबकि अन्य मामलों में इसका औसत 11.28 और 26.25 रहा।
एक वैज्ञानिक के अनुसार, डेल्टा या अन्य प्रकारों की तुलना में सबसे अधिक उत्परिवर्तन वाले ओमाइक्रोन टीकाकरण वाले लोगों में प्रतिरक्षा को विकसित करने में अधिक कुशल हैं। इससे पहले नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने ओमाइक्रोन वैरिएंट के बारे में एक अध्ययन के बाद कहा था कि कोविड वैक्सीन की डबल डोज का एंटीबॉडी स्तर छह महीने के बाद कम होने लगता है।
इस अध्ययन के लिए लोगों को तीन समूहों में बांटा गया था। पहले समूह में उत्तर प्रदेश के 18 ऐसे लोगों को शामिल किया गया जिन्होंने कोविशील्ड की पहली खुराक और कोवैसीन की दूसरी खुराक ली। जबकि दूसरे और तीसरे समूह में 40 ऐसे लोगों को रखा गया था जिन्होंने कोविशील्ड या कोवैक्सीन दोनों की खुराक ली थी।
यह बताया गया कि कोविशील्ड के बाद कोवैक्सीन की दूसरी खुराक देने से डेल्टा या अन्य ‘चिंता के वेरिएंट’ के खिलाफ अच्छी प्रतिक्रिया मिली। हालांकि, कोरोना के ओमाइक्रोन वेरिएंट के खिलाफ सभी समूहों में न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडी स्तर में कमी देखी गई।

1,200 करोड़ की संपत्ति पर चलेगा बुलडोजर

1,200 करोड़ की संपत्ति पर चलेगा बुलडोजर 

संदीप मिश्र  

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 50 बड़े माफियाओं के 1,200 करोड़ रुपये की संपत्ति पर बुलडोजर चलने वाला है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपराधियों के खिलाफ अपने अभियान को और तेज करने की तैयारी में है। अगले 2 साल में प्रदेश के 50 सबसे बड़े माफियाओं पर पूरी तरह नकेल कसने का प्लान तैयार किया गया है। सीएम योगी की ओर से मांगे जाने पर यूपी पुलिस ने जो प्लान पेश किया है। उसके मुताबिक अगले दो साल में इन माफियाओं की 1,200 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की जाएगी। माना जा रहा है कि अगले लोकसभा चुनाव से पहले सरकार अपराध के खिलाफ सख्ती को लेकर अपनी छवि और मजबूत करना चाहती है।

मिली जानकारी के मुताबिक सीएम योगी के सामने पुलिस ने जो प्रजेंटेशन दिया है। उसमें कहा गया है कि 100 दिनों के भीतर 25 माफियाओं के बजाय 50 प्रमुख माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही की सप्तावार समीक्षा की जाएगी और कोर्ट में लंबित केसों में अगले 100 दिन में दोष सिद्ध कराया जाएगा। खनन, शराब, पशु, वन, भू-माफिया को चिन्हित करके धारा 14 (1) गैंगस्टर ऐक्ट के तहत 500 करोड़ रुपए की जब्तीकरण का लक्ष्य रखा गया है। टॉप 10 अपराधियों को चिह्नित करके पूरे प्रदेश में लगभग 15 हजार अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

यूपी पुलिस ने छह महीने में गैंगस्टर एक्ट के तहत 800 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त करने का लक्ष्य रखा है। सभी जिलों में शाम के समय बाजारों और भीड़ वाले स्थानों पर पुलिस की फुट पेट्रोलिंग बढ़ाई जाएगी। प्रदेश के 10 जिलों में हाईटेक लॉ एंड ऑर्डर क्यूआरटी टीम स्थापित की जाएगी। आतंकवाद निरोधक बल ने कहा है कि अगले 100 दिनों में देश विरोधी गतिविधियों जैसे अवैध धर्मांतरण, आतंकवाद, नक्सलवाद, अवैध शस्त्र तस्करी, टेरर फंडिंग, आईएसआई पाक अजेंट, स्लीपर सेल्स, ऑनलाइन रेडिक्लाइजेशन, अवैध अप्रवासी रोहिंग्या/बांग्लादेशियों व अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी सिंडिकेट के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही की जाएगी।

वरिष्ठ लिपिक को रिश्वत लेते हुए अरेस्ट किया

वरिष्ठ लिपिक को रिश्वत लेते हुए अरेस्ट किया

नरेश राघानी
श्रीगंगानगर। राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में सीमावर्ती श्रीकरणपुर कस्बे में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने सोमवार सुबह एक वरिष्ठ लिपिक को एक मामलें में रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। एसीबी के पुलिस उपाधीक्षक वेदप्रकाश लखोटिया ने बताया कि एडवोकेट रोशनलाल नायक निवासी देवता कॉलोनी, श्रीकरणपुर द्वारा की गई शिकायत और सत्यापन में रिश्वत मांगे जाने की पुष्टि होने पर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे कोर्ट) के वरिष्ठ लिपिक हेमंत कुमार को 400 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है।
लाख श्री लखोटिया ने बताया कि एडवोकेट रोशनलाल ने गत दिनों शिकायत की, कि वरिष्ठ लिपिक दीवानी प्रकरणों में साक्ष्य अभिलेखन कार्य देने की एवज में कमीशन के रूप में रिश्वत की मांग कर रहा है। 
रिश्वत नहीं देने पर धमकाता है कि वह साक्ष्य अभिलेखन का कार्य आवंटित नहीं करेगा। इसके अलावा वह विभिन्न दस्तावेजों की नकल देने के बदले में खर्च पानी के रूप में भी रिश्वत वसूल करने की कोशिश करता है। इसका सत्यापन होने के बाद सुबह साढ़े सात बजे कोर्ट खुलने के कुछ देर बाद ही वरिष्ठ लिपिक हेमंत कुमार को अधिवक्ता रोशनलाल से रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया गया।

अभियान: पाकिस्तान की नौका को हिरासत में लिया

अभियान: पाकिस्तान की नौका को हिरासत में लिया   

इकबाल अंसारी 
गांधीनगर। भारतीय तटरक्षक और गुजरात के आतंकवाद विरोधी दस्ते ने एक संयुक्त अभियान चलाकर अरब सागर में भारतीय समुद्री सीमा में पाकिस्तान की एक नौका को हिरासत में लिया है।
इस नौका पर चालक दल के नौ सदस्य सवार है। नौका पर 280 करोड़ रुपए की हेरोइन जब्त की गई है।
रक्षा प्रवक्ता ने एक ट्वीट कर बताया कि तटरक्षक बल ने पाकिस्तान की अल हज नाम की नौका को अरब सागर में भारतीय समुद्री सीमा में हिरासत में लिया है। इस नौका पर चालक दल के नौ सदस्य सवार हैं। जांच में नौका पर 280 करोड़ रुपये की हीरोइन पाई गई है।


राजद्रोह का आरोप, सांसद की हालत बिगड़ी

राजद्रोह का आरोप, सांसद की हालत बिगड़ी 

कविता गर्ग  
मुंबई। राजद्रोह के आरोप में भायखला जेल भेजी गई महिला सांसद की हालत बिगड़ गई है। आनन-फानन में जेल के अस्पताल में भर्ती कर महिला सांसद का इलाज किया जा रहा है। हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित महिला सांसद को अब अन्य अस्पताल में शिफ्ट किए जाने की योजना पर विचार किया जा रहा है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के बांद्रा मजिस्ट्रेट कोर्ट से राजद्रोह के आरोप में रविवार को विधायक पति रवि राणा के साथ 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजी गई।
महिला सांसद नवनीत राणा की सोमवार को तबीयत बिगड़ गई है। इससे पहले पुलिस ने जेल में लाई गई नवनीत राणा तथा उनके पति रवि राणा की कोरोना-19 जांच करवाई थी जिसमें दोनों की रिपोर्ट कोरोना नेगेटिव आई थी। इसी वजह से पुलिस द्वारा नवनीत राणा को भायखला महिला जेल तथा उनके पति रवि राणा को तलोजा जेल में भेज दिया गया था। में पहुंचने के बाद आज नवनीत राणा का ब्लड प्रेशर बढ़ गया, जिससे उन्हें जेल के भीतर स्थित अस्पताल में ही इलाज के लिए भर्ती करवाया गया है। उल्लेखनीय है कि अमरावती संसदीय क्षेत्र की सांसद नवनीत राणा तथा विधायक रवि राणा अमरावती से मुंबई आकर मुख्यमंत्री के निजी आवास मातोश्री बंगले पर हनुमान चालीसा पढ़ने की चुनौती दी थी। धमाके, आधी फैक्ट्री खाक इस दरम्यान राणा दंपत्ति ने मुख्यमंत्री के प्रति अभद्र भाषा का प्रयोग किया था और सरकार को चुनौती भी दी। उन्हें धारा 149 के तहत नोटिस दिया गया था कि शांति बनाए रखना आपका कर्तव्य है इसलिए आप वापस अमरावती जाएं। लेकिन उन्होंने नोटिस के बावजूद सरकार को चुनौती दी। इसलिए इन आरोपितों के खिलाफ धारा 124ए के तहत देशद्रोह का मामला भी दर्ज किया गया है। मजिस्ट्रेट कोर्ट की ओर से इन दोनों आरोपितों को 14 दिन की न्यायिक कस्टडी देने के बाद इनके वकील रिजवान मर्चंट ने जमानत की अर्जी कोर्ट में पेश की। लेकिन कोर्ट ने इन दोनों की जमानत पर सरकारी वकील प्रदीप घरात को 27 अप्रैल तक पुलिस का पक्ष रखने को कहा है और जमानत याचिका पर सुनवाई 29 अप्रैल को किए जाने का निर्णय लिया है।

सीएम द्वारा निर्णय लिए जाने की भविष्यवाणी

सीएम द्वारा निर्णय लिए जाने की भविष्यवाणी 

अविनाश श्रीवास्तव  
पटना। बिहार में दो दिन पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पैर छूकर सुर्खियों में आए लोक जनशक्ति पार्टी के पूर्व अध्यक्ष चिराग पासवान ने सीएम नीतीश द्वारा जल्द ही एक नया निर्णय लिए जाने की भविष्यवाणी की है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राजद नेता तेजस्वी यादव की इफ्तार दावत में शामिल होने और उनके मुख्यमंत्री आवास से दूसरे आवास में सामान हस्तांतरित करने के मद्देनर उन्होंने यह भविष्वाणी की। चिराग ने कहा कि राजद नेता तेजस्वी यादव की इफ्तार दावत में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी एक संकेत है, जिसके गंभीर राजनीतिक असर हो सकते हैं। 
चिराग ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान नीतीश के पटना के एक अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास से सात सर्कुलर मार्ग स्थित दूसरे आवास में सामान हस्तांतरित किए जाने के बारे में खुलकर बोला। चिराग ने कहा, ‘‘नवीनीकरण का कार्य तो हम सभी के घरों में होता ही रहता है, पर हम लोगों ने नवीनीकरण कार्य को लेकर अपनी गाय-भैंसों के साथ घर खाली कर दिया हो, ऐसा आमतौर पर होता नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बडे़ आदमी हैं, उनके पास अनेक घर और अनेक घरों की संभावनाएं हैं।
चिराग ने कहा कि जिस तरीके से उन्होंने मुख्यमंत्री आवास को खाली किया है, ये कुछ और इशारा करता है, यह उतनी सरल तस्वीर नहीं है, जितनी यह दिखती या दिखायी जाती है। नीतीश पर अक्सर तीखे हमले करने वाले पासवान गत शुक्रवार को उस समय सुर्खियों में आ गये, जब उन्होंने बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी में मुख्यमंत्री का पैर छूकर अभिवादन किया। नीतीश के राबड़ी देवी के आवास पर वाहन के बजाय पैदल चलकर पहुंचने की ओर इशारा करते हुए चिराग ने कहा, ‘‘मुझे याद है कि सोनिया गांधी जी एक बार मेरे पिता के घर पैदल चलकर आयी थीं और उसके बाद वर्ष 2004 में संप्रग की शुरूआत हुई थी। इसलिए नीतीश जी का पैदल चलकर जाना मेरे दृष्टिकोण से मायने रखता है।
चिराग अब अपने दिवंगत पिता रामविलास पासवान के नेतृत्व वाली पार्टी के एक धड़े के प्रमुख हैं। चिराग ने कहा कि अपने आवास से पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (राजद प्रमुख लालू प्रसाद की पत्नी) के आवास पर आयोजित इफ्तार दावत में शामिल होने के लिए नीतीश जी का पैदल चलकर जाना और अगले दिन अमित शाह जी का पटना आने का कार्यक्रम, ये तमाम बातें महज एक संयोग नहीं हो सकती हैं और उतनी सरल नहीं प्रतीत हो रही हैं, जैसा उन्हें बताया जा रहा है। यकीनन राजग में सबकुछ ठीक नहीं है। 
उन्होंने कहा कि अगर हम हाल की घटनाओं पर नजर डालें नीतीश जी ने जनसंख्या कानून और पेगासस जासूसी मामले जैसे मुद्दों पर बिल्कुल विपरीत रुख अपनाया है। चिराग ने कहा कि बिहार के लिए विशेष दर्जे और जातीय जनगणना जैसे मामले, जो कि उनके प्रिय विषय हैं, में उनकी उपेक्षा की गई है। नाम न छापने की शर्त पर एनडीए के सूत्रों ने कहा कि चिराग, जो अपने पैरों के नीचे खिसकी जमीन की तलाश के लिए संघर्ष कर रहे हैं, ने पानी में मछली पकड़ने की दृष्टि से भाजपा और नीतीश की जदयू के बीच मतभेद पैदा करने की एक कोशिश की होगी।

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जनपद के टाउन हॉल में मंगलवार को सामाजिक न्याय क्रांति मोर्चा ...