सोमवार, 25 अप्रैल 2022

हादसा: ईंट भट्टी से टकराई कार, 2 युवकों की मौंत

हादसा: ईंट भट्टी से टकराई कार, 2 युवकों की मौंत  

दुष्यंत टीकम     
जगदलपुर। छत्तीसगढ़ में एक तेज रफ्तार कार सोमवार को सड़क किनारे ईंट भट्टी से टकराने से कार में सवार दो युवकों की मौत हो गई। पुलिस सूत्रों ने बताया कि नगरनार थाना क्षेत्र के सेमरा के पास सुबह एक तेज रफ्तार कार सड़क किनारे ईंट भट्टी से टकरा गई, इस हादसे में कार में सवार मध्यप्रदेश के सतना निवासी मनीष सोनी और जबलपुर के तिलवारा घाट निवासी कुलदीप सिंह की मौत हो गई। घटना की जानकारी लगते ही पुलिस मौके पर पहुँचकर शव को मेकाज भिजवाया गया। थाना प्रभारी बीआर नाग ने बताया कि राजनांदगांव पासिंग वाहन में दोनों युवक जगदलपुर से ओडिसा की ओर जा रहे थे। यह दोनों जगदलपुर में एक कंपनी में काम करते है और रात में खाना खाने के लिए ढाबा जा रहे थे, सड़क हादसे के चलते इनकी मौत हो गई।

पुराने स्तर पर रखें पेट्रोल-डीजल के दाम: कंपनी

पुराने स्तर पर रखें पेट्रोल-डीजल के दाम: कंपनी   

अकांशु उपाध्याय        
नई दिल्ली। लगातार 20वें द‍िन पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel prices) के दाम तेल कंपन‍ियों (Oil Marketing Companies) की तरफ से पुराने स्‍तर पर ही रखे गए हैं। कंपन‍ियों की रेट नहीं बढ़ाने से आम आदमी ने राहत की सांस ली है‌। राजस्‍थान के गंगानगर में सबसे महंगा पेट्रोल 122.93 रुपये और डीजल 105.34 रुपये प्रति लीटर ब‍िक रहा है। क्रूड ऑयल में हल्‍की ग‍िरावट कई द‍िन की तेजी के बाद सोमवार को कच्‍चे तेल की कीमत में हल्‍की ग‍िरावट देखी गई। डब्‍ल्‍यूटीआई क्रूड 100.30 डॉलर प्रत‍ि बैरल और ब्रेंट क्रूड 104.7 डॉलर प्रत‍ि डॉलर के स्‍तर पर पहुंच गया। देश की प्रमुख तेल कंपन‍ियों ने 6 अप्रैल 2022 को आख‍िरी बार पेट्रोल-डीजल के रेट में 80 पैसे प्रत‍ि लीटर की बढ़ोतरी की थी। इससे पहले 22 मार्च से 6 अप्रैल तक पेट्रोल व डीजल के भाव में करीब 10 रुपये प्रति लीटर का इजाफा हुआ था‌।

कांग्रेस के सीनियर नेता शंकरनारायणन का निधन

कांग्रेस के सीनियर नेता शंकरनारायणन का निधन   

इकबाल अंसारी         
तिरूवनंतपुरम। केरल की कांग्रेस के सीनियर नेता के. शंकरनारायणन का केरल के पलक्कड़ स्थित आवास पर रविवार को निधन हो गया। वे 89 साल के थे। शंकरनारायणन पिछले डेढ़ साल से कई बीमारियों का इलाज करा रहे थे। शंकरनारायणन ने अपने लंबे करियर के दौरान विभिन्न राज्यों के राज्यपाल के रूप में काम किया। वे महाराष्ट्र, नागालैंड और झारखंड के राज्यपाल रहे थे। साथ ही अरुणाचल प्रदेश, असम और गोवा का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला था। कांग्रेस के सीनियर नेता नारायणन चार बार विधायक रह चुके थे और उन्होंने केरल की विभिन्न सरकारों में वित्त, उत्पाद शुल्क और कृषि विभागों का कार्यभार संभाला था। उनके पार्थिव शरीर को उनके आवास पर रखा गया है। आज शाम 5.30 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।  देखें पूरा ट्वीट राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और विपक्ष के नेता वी डी सतीसन सहित कई अन्य नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने ट्वीट कर लिखा कि महाराष्ट्र, झारखंड और नागालैंड के पूर्व राज्यपाल के शंकरनारायणन के निधन पर मेरी हार्दिक संवेदना... शंकरनारायणन का नेता, मंत्री और राज्यपाल के रूप में करियर, प्रशासनिक अनुभव और दृढ़ सामाजिक प्रतिबद्धता से चिह्नित था। उनका निधन राष्ट्र और केरल के लिए एक क्षति है। वहीं, केरल के मुख्यमंत्री विजयन ने अपने शोक संदेश में कहा कि शंकरनारायणन ने कांग्रेस पार्टी के नेहरूवादी दृष्टिकोण को बरकरार रखा था।‌मुख्यमंत्री ने कहा कि शंकरनारायणन ने नफरत या किसी अन्य सांप्रदायिक विचारों की संगत के बिना सार्वजनिक मुद्दों को संबोधित करते हुए धर्मनिरपेक्षता सहित नेहरूवादी दृष्टिकोण को बरकरार रखा। उन्होंने लंबे समय तक यूडीएफ संयोजक का पद संभाला और हमेशा लोगों के सामने आने वाले मुद्दों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखा। विपक्ष के नेता वीडी सतीसन ने कहा कि शंकरनारायणन का निधन कांग्रेस पार्टी के लिए एक बड़ी क्षति है। वह मेरे लिए एक संरक्षक की तरह थे। उन्होंने 16 वर्षों तक यूडीएफ का नेतृत्व किया। गंभीर राजनीतिक संकट के दौरान भी शंकरनारायणन ने हर चीज का आसानी से सामना किया। केरल विधानसभा अध्यक्ष एम बी राजेश ने शंकरनारायणन के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि राज्य ने एक वरिष्ठ और लोकप्रिय राजनीतिक नेता खो दिया है। बता दें कि शंकरनारायण की पत्नी राधा का पहले ही निधन हो गया था। उनके परिवार में उनकी बेटी अनुपमा है।

नियमित ट्रेनों में लगेंगी 78 जनरल-एसी की बोगियां

नियमित ट्रेनों में लगेंगी 78 जनरल-एसी की बोगियां 

अकांशु उपाध्याय        
नई दिल्ली। गर्मियों की छुट्टियों में घूमने वालों के लिए सीट को लेकर परेशान होने की कोई जरूरत नहीं पड़ेगी। रेलवे 62 स्पेशल ट्रेन चलाने जा रही है। वहीं, नियमित ट्रेनों में 78 जनरल व एसी की अतिरिक्त बोगियां लगाईं जाएंगी। जिसके बाद सीट को लेकर कोई परेशानी नहीं होगी।
लखनऊ से दिल्ली जाने वाली गोमती, लखनऊ मेल, एसी एक्सेप्रेस जैसी प्रमुख ट्रेनों में जहां वेटिंग का आंकड़ा अभी सौ पार चल रहा है। वहीं लखनऊ से मुंबई जाने वाली पुष्पक एक्सप्रेस, अवध एक्सप्रेस, गोरखपुर एलटीटी आधि गाड़ियों में भी लंबी वेटिंग से यात्रियों के लिए दिक्कतें पैदा हो रही है। लखनऊ से उत्तराखंड जाने वाले यात्रियों को अभी से जनता न दून जैसी गाड़ियों में सीटें नहीं मिल रही हैं।
रेलवे प्रशासन के अनुसार 62 समर स्पेशल ट्रेनों को पटरी पर उतारने की तैयारी है। इसमें लखनऊ के रास्ते बड़ी संख्या में गाड़ियां चलेंगी । इन गाड़ियों की स्थिति फाइनल होने के बाद टाइम टेबल जारी कर दिया जाएगा और यात्री टिकट की बुकिंग भी शुरू हो जाएगी । गर्मी के दिनों सर्वाधिक मारामारी मुम्बई और दिल्ली के स्टेशनों के लिए होती हैं। अभी इन स्टेशनों के जो सामान्य ट्रेनें चल रही हैं, उनमें ज्यादातर ट्रेनों में सीट उपलब्ध नहीं है। ऐसे में समर चलने से यात्रियों को काफी हद तक राहत मिलेगी। यात्रियों की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है।
समस्या को ध्यान में रखते हुए आईआरसीटीसी ने इस बार पहले ही समर स्पेशल चलाने की प्लानिंग कर ली थी । बताया जा रहा है कि रेलवे बोर्ड की मुहर लगते ही इन ट्रेनों में टिकटों की बुकिंग शुरू हो जाएगी। चूंकि ये सभी ट्रेनें स्पेशल हैं इसलिए सामान्य ट्रेनों की तुलना में ज्यादा किराया देना होगा।

बेहद पुराने दोस्त 'रूस' को खफा नहीं किया: भारत

बेहद पुराने दोस्त 'रूस' को खफा नहीं किया: भारत   

सुनील श्रीवास्तव        
नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। भारत की विदेश नीति का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है। रूस-यूक्रेन युद्ध छिड़ने के बाद उसने बड़ी चतुराई से स्थितियों को संभाला है। भारत ने, न तो अपने बेहद पुराने और भरोसेमंद दोस्‍त रूस को खफा किया, न ही रूस को सबक सिखाने के लिए उतारू पश्चिमी देशों की नाराजगी मोल ली। उसने जंग में शामिल दोनों देशों के प्रमुखों से बात की। लेकिन, किसी के पलड़े में नहीं बैठा। इस कुशल कूटनीति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर की भी काफी वाहवाही हो रही है। इस बीच जयशंकर का एक पुराना वीडियो क्लिप वायरल हो रहा है। इसमें वो अंग्रेजों के साथ बैठकर उनकी जमकर धुलाई कर रहे हैं। इस दौरान उन्‍होंने भारत और पश्चिमी देशों के इतिहास का जिक्र किया है।

यह वीडियो एक अक्‍टूबर 2019 का है। अटलांटिक काउंसिल के साउथ एशिया सेंटर ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ राउंडटेबल कन्‍वर्सेशन का आयोजन किया था। इसमें विदेश मंत्री ने गोरों के सामने बैठकर उन्‍हें जबरदस्‍त लताड़ लगाई थी।
राउंडटेबल कन्‍वर्सेशन में जयशंकर ने अंग्रेजों के लूटपाट का इतिहास भी याद दिलाया था। वह बोले थे कि आप में से कई लोगों ने दूसरे देश में अपमान की सदी शब्‍द सुना होगा। हालांकि, सच यह है कि भारत को दो सदियों तक पश्चिमी देशों का अपमान सहना पड़ा।
जयशंकर ने बेबाकी से कहा था कि पश्चिम देश डकैत की तरह 18वीं शताब्‍दी के मध्‍य में भारत आए। उसके बाद लगभग 190 सालों तक भारत पर राज किया। इस दौरान उन्‍होंने एक आर्थिक अध्‍ययन का भी जिक्र किया था। इसका हवाला देते हुए जयशंकर बोले थे कि इसमें यह अनुमान लगाने की कोशिश की गई थी कि ब्रिटिश भारत से कितना पैसा बाहर ले गए थे। गणना के हिसाब से यह पाया गया कि आज के मूल्‍य के अनुसार ब्रिटिश भारत का लगभग 45 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर (45 लाख करोड़ डॉलर) अपने साथ ले गए थे।
विदेश मंत्री ने कहा था कि इससे अंदाजा हो जाना चाहिए कि उन 200 सालों में असलियत में क्‍या हुआ था। वह आगे बोले थे कि भारत और पश्चिम का इतिहास अफीम की गुलामी का इतिहास है। यह एक बहुत ही घिनौना सच है।
इसके अलावा जयशंकर ने भारत, दक्षिण एशिया और पश्चिमी देशों के बीच उभरते रिश्‍तों पर रोशनी डाली थी। उन्‍होंने जोर देकर कहा था कि जितनी जरूरत पश्चिम को भारत की है, भारत को भी पश्चिमी देशों की उतनी जरूरत है। ये रिश्‍ते संतुलन की मांग करते हैं।
जयशंकर का यह वीडियो ऐसे समय में वायरल हुआ है जब हाल ही में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भारत का दो दिवसीय दौरा करके गए हैं। इस दौरान उन्‍होंने रक्षा समेत कई क्षेत्रों में भारत के साथ सहयोग बढ़ाने का आश्‍वासन दिया है।

दिल्ली: पहली बार रोबोट की मदद से आग पर काबू

दिल्ली: पहली बार रोबोट की मदद से आग पर काबू   

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में पहली बार रोबोट की मदद से आग पर काबू पाया गया। ये आग दिल्ली के टीकरी कलां में स्थित पीवीसी मार्केट में लगी थी। बताया जा रहा है कि इस आग को बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड की 20 गाड़ियों को भेजा गया था, लेकिन दो घंटे की मशक्कत के बाद भी इस पर काबू नहीं पाया जा सका। बाद में विदेश से मंगाए गए रोबोट को इस काम में लगाया गया और महज आधे घंटे में ही आग पर काबू पा लिया गया। इस रोबोट की खास बात ये है कि इसे रिमोट से कंट्रोल किया जा सकता है। ऐसे में अगर आग बुझाते समय कोई हादसा होता भी है तो उससे जान का नुकसान नहीं होता। कंट्रोल फायर फाइटिंग मशीन कहा जाता है। 
इसे ऑस्ट्रिया ने बनाया है। दिल्ली सरकार ने 2018 में इसका ऑर्डर दिया था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसकी डिलिवरी में देरी हो रही थी। इसी साल ये दिल्ली के फायर डिपार्टमेंट में शामिल हुआ है। दिल्ली सरकार ने ऐसे दो रोबोट ऑस्ट्रिया से ऑर्डर किए थे। फायर ऑफिसर फिरोज खान ने हाल ही में बताया था कि जिन जगहों पर हमारा पहुंचना मुश्किल होता है, ऐसी जगहों पर ये जाकर आग बुझाने में मदद करता है। इस रोबोट को 30 मीटर दूर खड़े होकर रिमोट से ऑपरेट किया जा सकता है। 60 मीटर तक इसका जेट जाता है। बनावट भी खास है। इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि अगर इसके सामने कुछ बॉक्स या कोई भी रोड़ा आता है, तो वो उसे उठाकर हटा सकता है। इस रोबोट फाइटिंग सिस्टम में टैंक की तरह पहिये बनाए गए हैं, जिससे ये सीढ़ी भी चढ़ सकता है। अगर किसी बड़ी बिल्डिंग में आग लगी है तो इसे ऊपर भी भेजा जा सकता है। फिरोज खान के मुताबिक, पानी के अलावा इससे फोम भी निकल सकता है। इसकी मदद केमिकल से लगी आग को बुझाने में ली जा सकती है।  मिसाइल, जानें खासियत इस मशीन में 140 हॉर्स पॉवर की ताकत है और इसमें डीजल इंजन है। इसमें 60 लीटर तक डीजल भरा जा सकता है। ये 4.5 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलता है। फायर ब्रिगेड की गाड़ियों में पानी के जो पाइप लगे होते हैं, उसे इस रोबोट में फिट किया जाता है। इस मशीन में वेंटिलेटर सिस्टम भी है, जिससे आग का धुंआ बाहर निकलता है। इस मशीन से एक मिनट में 2,400 लीटर पानी का छिड़काव हो सकता है। पानी का छिड़काव 60 मीटर तक होता है। वहीं, जरूरत पड़ने पर इससे फोम का छिड़काव भी किया जा सकता है। फोम का छिड़काव 35 मीटर तक हो सकता है। इस रोबोट का इस्तेमाल दुनिया के कई देशों में होता है।

'गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड' रिकॉर्ड्स में ऑर्थमैन का नाम

'गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड' रिकॉर्ड्स में ऑर्थमैन का नाम  

अखिलेश पांडेय        
ब्रासीलिया। अभी के समय में यह एक ट्रेंड बन गया है कि लोग तुरंत ही नौकरी बदल लेते हैं। ऐसा कई कारणों से होता है। भारत में ही देख लें तो नौकरी बदलने वाले कर्मचारियों की समस्या से टीसीएस (TCS) और इंफोसिस जैसी दिग्गज आईटी कंपनियां परेशान हैं। ऐसे में अगर आपको बताया जाए कि कोई इंसान एक ही कंपनी में पिछले 84 साल से काम कर रहा है, तो आप हैरान हो सकते हैं। हालांकि यह बात कोई कोरी कहानी नहीं, बल्कि पूरी तरह से सच है। यह कहानी है दक्षिणी ब्राजील के शहर में रहने वाले वाल्टर ऑर्थमैन की। उनकी उम्र 100 साल हो चुकी है और वह पिछले 84 साल से एक ही कंपनी में काम कर रहे हैं। उन्होंने फैब्रिक्स बनाने वाली कंपनी रेनॉक्सव्यू में फैक्ट्री फ्लोर पर काम करने से शुरुआत की। अपने हौसले और लगन से वह समय के साथ एडमिनिस्ट्रेशन में चले गए। अभी वह कंपनी में सेल्स मैनेजर हैं।‌ सबसे लंबे समय तक एक ही कंपनी में काम करने के चलते उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी दर्ज हो चुका है। पर रहा भारत रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में स्थानीय मीडिया के हवाले से बताया गया है कि ऑर्थमैन का नाम अब रिकॉर्ड बुक में शामिल हो चुका है। वह अपनी इस शानदार उपलब्धि के बारे में बताते हैं कि हर किसी को वही काम करना चाहिए, जो उन्हें पसंद हो। स्वस्थ रहने के लिए ऑर्थमैन जंक फूड से दूर रहने की हिदायत देते हैं। 
वह कहते हैं, 'आपको काम पसंद आना चाहिए। मैंने इसी जज्बे के साथ काम करना शुरू किया था। आप सिर्फ इस बात के लिए कोई काम नहीं कर सकते कि आप नौकरी कर रहे हैं। ऐसे काम नहीं होता है। ऐसे में आप लंबे समय तक काम में टिक नहीं पाएंगे। हो जाने के बाद भी फिट हैं। फिटनेस का मंत्र देते हुए वह बताते हैं कि खान-पान पर नियंत्रण और रोज एक्सरसाइज से यह संभव होता है। वह कहते हैं, 'मैं वास्तव में नमक और चीनी एवॉयड करता हूं। मैं हर वह चीज एवॉयड करता हूं, जो आंतों को नुकसान पहुंचाता हो। मैं कोक और बाकी अन्य सोडा नहीं लेता। मैं सिर्फ वही चीजें खाता हूं, जो सेहत के लिए ठीक हैं‌। यह वाकई में आपके शरीर को हमेशा मजबूत बने रहने में मदद करता है।

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया  बृजेश केसरवानी  प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी ...