ब्राजील: 2 लिंग वाला बच्चा पैदा होने का मामला
अखिलेश पांडेय
ब्रासीलिया। ब्राजील में दो लिंग वाला बच्चा पैदा होने का दुर्लभ मामला सामने आया है। यह एक तरह की जेनेटिक परेशानी है। चिकित्सा विज्ञान में इसे डाइफेलिया कहते हैं, जिसका मतलब है शरीर में दो लिंग होना। चिकित्सकों के अनुसार ऐसा दस लाख में किसी एक बच्चे को होता है। दुनिया में अब तक ऐसे सिर्फ 100 मामले सामने आए हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि ब्राजील के डॉक्टरों ने इस दुलर्भ मामले को प्रकाशित करवाया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कभी-कभी कुछ ऐसे लोग भी जन्म लेते हैं, जिनके पास एक अतिरिक्त लिंग होता है। इस बच्चे के के दोनों लिंग अगल-बगल थे। इसमें एक उम्र के हिसाब से सही आकार में था, जबकि दूसरा बड़ा था।
डॉक्टरों ने बड़ा वाला लिंग काट कर निकला दिया है। इस सर्जरी के वक्त बच्चे की उम्र दो साल थी। सर्जरी में देरी की वजह का रिपोर्ट में जिक्र नहीं है।
डॉक्टरों के अनुसार, शुरुआत में बच्चे के दोनों लिंग एक ही आकार के थे। लेकिन बाद में एक लिंग सामान्य से बड़ा हो रहा था। डॉक्टरों ने देखा कि बच्चा छोटे वाले लिंग से ही पेशाब कर पा रहा है। अंग की सक्रियता और शरीर के साथ अंदरूनी जुड़ाव के आधार पर उन्होंने बड़े वाले लिंग को काटने का फैसला लिया।
दूसरे लिंग की जगह पर टांके लगाकर उस जगह को बंद कर दिया गया है। फिलहाल यह बड़ा सवाल है कि भविष्य में इस छोटे लिंग का इरेक्शन चैंबर काम करेगा या नहीं? डॉक्टर इस मुद्दे पर स्पष्ट नहीं बता पा रहे हैं। उन्होंने इस पूरी प्रक्रिया को मेडिकल स्टडीज के लिए रिकॉर्ड किया है।
इस तरह का एक मामला उज्बेकिस्तान में भी सामने आया था। वहां पर सात साल के बच्चे के पास भी दो लिंग थे। उस बच्चे के दोनों लिंग हर तरह से काम कर रहे थे। तब डॉक्टरों ने बताया था कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उसके पास दो लिंग है, वह सामान्य तरीके से यौन जीवन का आनंद ले सकता है।
हालांकि, रिपोर्ट के मुताबिक दो लिंग होने पर किडनी पर दबाव बढ़ता है और किडनी फेल होने की आशंका बढ़ जाती है। इसका असर रीढ़ की हड्डी पर भी पड़ता है। दरअसल, डाइफेलिया जेनेटिक असमानता की वजह से होता है। गर्भ में भ्रूण के लिंग निर्धारण के दौरान 23वें से 25वें दिन के बीच जीन्स में किसी तरह की कमी होने पर यौन अंगों में विकृति आ सकती है।