गुरुवार, 21 अप्रैल 2022

आजादी के शताब्दी वर्ष के लिए 3 लक्ष्य दिये: पीएम

आजादी के शताब्दी वर्ष के लिए 3 लक्ष्य दिये: पीएम   

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के प्रशासनिक अधिकारियों को आजादी के शताब्दी वर्ष के लिए बृहस्पतिवार को तीन लक्ष्य दिये और कहा कि देश की एकता अखंडता को अक्षुण्ण रखते हुए जनसामान्य को नियमों एवं कानूनों के ऐसे बंधनों से मुक्त किया जाना चाहिए। जिससे उनका सामर्थ्य एवं साहस बाधित होता है। मोदी ने आज यहां सिविल सर्विस डे के मौके पर देश के प्रशासन में नवान्वेषण करने वाले अधिकारियों को प्रधानमंत्री लोक प्रशासन पुरस्कार प्रदान किया। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, जनशिकायत, पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के अमृतकाल के लिए सभी जिलाधिकारियों को अपने कार्यालय में लक्ष्यों को लिख कर दीवार पर लगाना चाहिए। जिन्हें आजादी के शताब्दी वर्ष 2047 तक हासिल करना है। उन्होंने कहा कि हर देशवासी प्रशासिक अधिकारियों को आशा एवं आकांक्षा से देख रहा है। सरदार वल्लभ भाई पटेल ने जो प्रेरणा दी, संकल्प दिया और प्रेरित किया था, हमें आज फिर उसे दोहराना है।
श्री मोदी ने कहा कि आजादी के अमृतकाल में हमारे सामने तीन लक्ष्य होने चाहिए। हमें सोचना चाहिए कि आखिर देश में यह पद, व्यवस्था, प्रतिष्ठा, ये तामझाम किस बात के लिए है। उन्होंने कहा कि हमारा पहला लक्ष्य होना चाहिए कि पहला लक्ष्य सामान्य से सामान्य मानव के जीवन में बदलाव आये सुगमता आये और उसे अहसास भी हो
रोजमर्रा के जीवन में सरकार से सामान्य मानव के जो सरोकार हों, उसे पाने के लिए कोई समस्या नहीं आये। उसे अपने सपने को संकल्प और संकल्प को सिद्धि तक ले जाने का रास्ता स्वाभाविक एवं सुगम लगना चाहिए। इस काम में हमें उसका हाथ पकड़ कर चलने वाला साथी बनना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दूसरा लक्ष्य यह हो कि भारत आज वैश्वीकरण के केन्द्र में आ रहा है तो हमारे हर काम को वैश्विक संदर्भ में देखा जाना चाहिए। आज हम जो भी करें उसे वैश्विक संदर्भ में देख कर करें, यह समय की मांग है।
भारत को भविष्य में कहां जाना है, यह सोच कर बढ़ना है। हम जो करें, उसमें नवीनता हो। हमारी व्यवस्था, नियमों एवं परंपरा में परिवर्तन पल पल के हिसाब से हो।
उन्होंने कहा कि हमारा तीसरा लक्ष्य सिविल सेवा का सबसे बड़ा एवं महत्वपूर्ण काम है। प्रशासनिक अधिकारी किसी भी व्यवस्था में काम करें। उसमें ध्यान रखें कि देश की एकता एवं अखंडता से कोई समझौता नहीं हो। राजनीतिक रूप से आकर्षक लगने वाले बड़े से बड़े काम को इस तराजू से तौलना चाहिए कि उसका देश की एकता अखंडता पर दूरगामी दुष्प्रभाव तो नहीं पड़ेगा। इतना ही नहीं, हमारा कोई भी काम देश की एकता को अखंडता को मजबूत करने वाला होना चाहिए। उन्होंने कहा, “मैं राजनीति से दूर जननीति से जुड़ा सामान्य मानविकी हूं।”
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विचारधाराएं अलग अलग हो सकतीं हैं।लेकिन प्रशासन के केन्द्र में देश की एकता अखंडता को आगे रख कर काम करना होगा। हमारे हर काम ये कसौटी यह होनी चाहिए, राष्ट्र प्रथम। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों से सचेत किया कि वे सरकार की नीतियोे में उनके जिले के लिए आवश्यक जरूरत को स्वविवेक से उठायें। इसके लिए उन्हें अलग से निर्देशों की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि भारत की महान संस्कृति की विशेषता है, हमारा देश राज्य व्यवस्था अथवा राजसिंहासनों से नहीं बना है। यह देश हजारों साल से परंपरा रही है और यह जनसामान्य के साथ बढ़ा है। आज भी हमें जो मिला है, वह जनभागीदारी से मिला है। जनता ने ही अपने जीवन से काल बाह्य चीजों को निकाल दिया है। उन्होंने कहा कि प्रशासन में हरेक को समाज में सहज होने परिवर्तन की अगुवाई करना होगा। उन्हें सोचना होगा कि ये नियमों कानूनों के बंधन क्या उसके साहस को सामर्थ्य को प्रभावित कर रहे हैं तो समय के साथ चलने का शक्ति खो जाएगी।
उन्होंने उदाहरण दिया कि देश के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेक्टर के नौजवानों ने देश की छवि बनाने का काम किया है। अगर नियम कानूनों से जकड़ दिया होता तो वे आगे नहीं बढ़ पाते। इसी तरह से स्टार्ट अप्स के बारे में बात करें तो 2022 के पहले तिमाही में 14 यूनीकॉर्न की जगह प्राप्त कर ली। केवल तीन माह में 14 यूनीकॉर्न बन जाना बताता है कि शासन व्यवस्था के बाहर भी सामर्थ्य बहुत है। इसी प्रकार से कृषि क्षेत्र में हमारे किसान आधुनिकता की ओर जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, “मेरी दृष्टि में लाखों लोगों में चेतना होनी चाहिए, सामर्थ्य होना चाहिए। मैं पल पल को जीना चाहता हूं, जीकर औरों को जीने की प्रेरणा देना चाहता हूं।” उन्होंने सवाल किया कि शासन में सुधार हमारा सहज स्वभाव बना है क्या ?” उन्होंने कहा कि शासन में समयानुकूल बदलाव सहज नित्य प्रयोगशील प्रक्रिया होनी चाहिए। देश की आशा आकांक्षा मजबूर कर रही है। जब तक देश की आशा आकांक्षा को नहीं समझेंगे तो शासन में समयानुकूल बदलाव नहीं कर पाएंगे।
उन्होंने अधिकारियों का आह्वान किया कि इलैक्ट्रॉनिक प्रणालियाें के आने के बाद बहुत तरह से कम्प्लायंस के लिए पुराने तरीके बदलें। उन्होंने कहा कि जितना हम नागरिक को कंप्लायंस के दबाव से मुक्त करेंगे उतना हमारा नागरिक खिलेगा। उन्होंने कहा कि एक समय था, हम अभाव में थे इसलिए हमारे नियम अभाव में कैसे जीयें , इस भाव से बनें। हमें तकनीक की मदद से नयी आने वाली चुनौतियों को भांपना और उसका समाधान खोजना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गर्वनेंस में बदलाव लाना हमारा नित्य कर्म होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आठ साल में कई ऐसे काम हुए जिनसे व्यवहार में बदलाव आना चाहिए। अब स्वच्छता आपके जीवन का स्वभाव बन जाना चाहिए।
हमारा यूपीआई की दुनिया भर में प्रशंसा हो रही है, क्या हम अपनाते हैं या नहीं ? यदि यह नहीं हो पा रहा है तो आम नागरिक से क्या अपेक्षा करेंगे?

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण     

1. अंक-195, (वर्ष-05)
2. शुक्रवार, अप्रैल 22, 2022
3. शक-1984, वैशाख, कृष्ण-पक्ष, तिथि-षष्ठी, विक्रमी सवंत-2078‌।        
4. सूर्योदय प्रातः 07:04, सूर्यास्त: 06:24।
5. न्‍यूनतम तापमान- 23 डी.सै., अधिकतम-38+ डी सै.। उत्तर भारत में बरसात की संभावना।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
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बुधवार, 20 अप्रैल 2022

हमारी माताएं और बेटियां पीछे न रह जाए: पीएम

हमारी माताएं और बेटियां पीछे न रह जाए: पीएम  

इकबाल अंसारी            

दाहोद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रगति की यात्रा में हमारी माताएं और बेटियां पीछे न रह जाए। मोदी ने बुधवार को दाहोद में आदिजाति महासम्मेलन में भाग लिया जहां उन्होंने लगभग 22,000 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। उन्होंने 1,400 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन किया। उन्होंने दाहोद जिला दक्षिणी क्षेत्र में क्षेत्रीय जल आपूर्ति योजना का उद्घाटन किया, जिसे नर्मदा नदी बेसिन पर लगभग 840 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित किया गया है। यह योजना दाहोद जिले के लगभग 280 गांवों और देवगढ़ बरिया शहर की जलापूर्ति की जरूरतों को पूरा करेगी।

इस अवसर पर उन्होंने दाहोद स्मार्ट सिटी की पांच परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया, जिन्हें लगभग 335 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित किया गया है। इन परियोजनाओं में एकीकृत आदेश व नियंत्रण केंद्र (आईसीसीसी) भवन, तेज प्रवाह जल निकासी प्रणाली, सीवरेज कार्य, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली और वर्षा जल संचयन प्रणाली शामिल हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पंचमहाल और दाहोद जिले के 10,000 आदिवासियों को 120 करोड़ रुपये के लाभ प्रदान किये गए। प्रधानमंत्री ने 66 केवी घोड़िया सबस्टेशन, पंचायत भवन, आंगनबाड़ी आदि का भी उद्घाटन किया।

एससी ने अतिक्रमण विरोधी अभियान पर रोक लगाई

एससी ने अतिक्रमण विरोधी अभियान पर रोक लगाई   

अकांशु उपाध्याय                

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के दंगा प्रभावित जहांगीरपुरी क्षेत्र में बुधवार को शुरू होने वाले अतिक्रमण विरोधी अभियान पर रोक लगा दी।मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमन, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और हिमा कोहली की खंडपीठ ने वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे और कपिल सिब्बल के विशेष उल्लेख पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया।

खंडपीठ ने कहा,“ हम इस मामले को गुरुवार को सूचीबद्ध करेंगे।” जहांगीरपुरी क्षेत्र में 16 अप्रैल को हनुमान जयंती पर आयोजित शोभायात्रा के दौरान दो गुटों के बीच हिंसक झड़पें हुई थीं। इसके मद्देनजर इलाके में तनाव को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किए गए हैं। गौरतलब है कि तनाव के बीच भारतीय जनता पार्टी शासित उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने इलाके में अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाने की घोषणा की थी।

बुलडोजर, गरीब-अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया

बुलडोजर, गरीब-अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया  

अकांशु उपाध्याय        

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि दिल्ली में बुलडोजर चलाकर गरीब और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया गया है और संविधान की हत्या हुई है। गांधी ने ट्वीट किया, "यह भारत के संवैधानिक मूल्यों का हनन है। सरकार ने गरीबों और अल्पसंख्यको को निशाना बनाया है। इसके बजाय भाजपा को उनके दिल से नफरत दूर करनी चाहिए।"

गौरतलब है कि हनुमान जयंती के दिन दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने कथित रूप से झांकी निकाल रहे हनुमान भक्तों पर पथराव कर दिया था। सरकार ने बुधवार को उसी इलाके में बुलडोजर चलाकर अवैध निर्माण को तोड़ा है, जहां पथराव हुआ था।
बुलडोजर से की गई इस कार्रवाई को लेकर खूब राजनीति हो रही है और कांग्रेस,भाजपा तथा आम आदमी पार्टी एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। श्री गांधी की टिप्पणी भी जहांगीरपुरी इलाके में हुई बुलडोजर की कार्रवाई को लेकर सामने आई है।

कप्तान राहुल पर 'मैच फीस' का 20 प्रतिशत जुर्माना

कप्तान राहुल पर 'मैच फीस' का 20 प्रतिशत जुर्माना   

मोमीन मलिक         
नई दिल्ली/लखनऊ। रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ मैच में हार के बाद लखनऊ के कप्तान लोकेश राहुल को उस वक्त एक और झटका लगा। जब उन्हें कोड कंडक्ट के लेवल 1 अपराध का दोषी पाया गया। उन पर मैच फीस का 20 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया। राहुल ने इस अपराध को स्वीकार कर लिया है। हालांकि, लखनऊ के आलराउंडर मार्कस स्टॉयनिस को भी इस अपराध का दोषी पाया गया है। लेकिन फिलहाल उनपर कोई जुर्माना नहीं लगाया गया है। उन्हें बस फटकार लगाई गई है। स्टॉयनिस ने लेवल 1 का अपराध स्वीकार कर लिया है। लेवल 1 अपराध के लिए मैच रेफरी के फैसले को ही अंतिम फैसला माना जाता है।
ये लखनऊ की टीम की 7 मैचों में तीसरी हार है। फिलहाल टीम 8 अंकों के साथ प्वाइंट्स टेबल में चौथे नंबर पर है। दूसरी तरफ आरसीबी की टीम दूसरे नंबर पर पहुंच गई है। अब उसके खाते में 7 मैचों में 10 अंक हो गए हैं। फिलहाल वे गुजरात की टीम से रन-रेट में पीछे चल रहे हैं। लखनऊ का अगला मुकाबला 24 अप्रैल को मुंबई इंडियंस के खिलाफ होगा। यह मैच वानखेड़े के मैदान पर खेला जाएगा।

बांग्लादेश के पूर्व स्पिनर हुसैन का निधन, घोषणा

बांग्लादेश के पूर्व स्पिनर हुसैन का निधन, घोषणा     

मोमीन मलिक          

ढाका। बांग्लादेश के बाएं हाथ के पूर्व स्पिनर मुशर्रफ हुसैन का निधन हो गया है। बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) ने यह जानकारी दी।
बीसीबी ने 40 साल के हुसैन के निधन की घोषणा ट्विटर पर की। हुसैन के परिवार में पत्नी के अलावा एक बच्चा है।
बीसीबी ने ट्वीट किया, ‘‘बीसीबी बांग्लादेश की राष्ट्रीय टीम के पूर्व खिलाड़ी मुशर्रफ हुसैन रूबेल के निधन पर शोक व्यक्त करता है।’’ उन्होंने लिखा, ‘‘बाएं हाथ के इस स्पिनर ने दो दशक के अपने करियर के दौरान सभी प्रारूपों में 550 से अधिक विकेट हासिल किए। बीसीबी सहानुभूति और शोक जाहिर करता है।’’

रिपोर्ट के अनुसार, हुसैन मस्तिष्क के कैंसर से जूझ रहे थे। उन्हें मार्च 2019 में इस बीमारी का पता चला था। उपचार के बाद वह इस बीमारी से उबर गए थे लेकिन नवंबर 2020 में ट्यूमर दोबारा उभर आया।
वेबसाइट के अनुसार हुसैन दो हफ्ते से अधिक समय से अस्पताल में थे लेकिन हाल में कीमोथेरेपी के बाद घर लौट आए थे। ढाका में 1981 में जन्मे हुसैन ने बांग्लादेश के लिए 2008 और 2016 के बीच पांच एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मुकाबले खेले और इस दौरान चार विकेट हासिल किए।
हुसैन बांग्लादेश में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 3000 रन और 300 विकेट की उपलब्धि हासिल करने वाले सात क्रिकेटरों में से एक हैं।
हुसैन को 2013 में बांग्लादेश प्रीमियर लीग के फाइनल में मैच का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया था।


न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जनपद के टाउन हॉल में मंगलवार को सामाजिक न्याय क्रांति मोर्चा ...