हिंसा: वीएचपी व बजरंग दल के सदस्यों पर केस
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। दिल्ली के जहांगीरपुरी हिंसा मामले में पुलिस ने विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के सदस्यों पर भी केस दर्ज किया है। उन पर बिना परमिशन के शोभायात्रा निकालने का आरोप है। पुलिस ने VHP के जिला सेवा प्रमुख प्रेम शर्मा को भी गिरफ्तार किया है। इधर, हनुमान जयंती दंगों के मुख्य आरोपी अंसार और असलम सहित 14 लोगों को दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने असलम और अंसार की दो दिन की पुलिस रिमांड बढ़ा दी है। बाकी 12 आरोपियों को जुडिशियल कस्टडी में भेजा है।
दिल्ली के जहांगीरपुरी में सोमवार को एक बार फिर पथराव की घटना हुई है। दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम वीडियो फुटेज के आधार पर सोनू चिकना की पत्नी को हिरासत में लेने के लिए जहांगीरपुरी के सी ब्लॉक स्थित मकान में गई थी। उसी दौरान कुछ लोगों ने घरों से पुलिस पर पत्थरबाजी कर दी।
सोनू चिकना वही शख्स है। जिसने 16 अप्रैल को हनुमान जन्मोत्सव के दिन हिंसा के दौरान फायरिंग की थी। हालांकि, पुलिस ने बताया कि यह एक छोटी सी घटना थी, आरोपियों पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है। घटना स्थल पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है।
इधर, दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने कहा कि सोशल मीडिया पर हमारी नजर हैं। कुछ लोग ऐसे हैं जो चाहते हैं कि माहौल न सुधरे। सोशल मीडिया पर ऐसी गलत जानकारी और माहौल बिगाड़ने वाली पोस्ट करने वालों पर एक्शन लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि शनिवार को दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई हिंसा मामले में अब तक 21 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। 2 नाबालिगों को हिरासत में लिया गया है। हमारी अपील है कि अफवाहों पर ध्यान न दें। अगर कोई फैक्ट वैरिफाई करना है, तो आप सीधे पुलिस से बात करिए।
हिंसा में 8 पुलिसकर्मियों और एक नागरिक सहित 9 लोग घायल हुए हैं। अब तक इस हिंसा से जुड़े करीब 100 वीडियो सामने आ चुके हैं। इनके आधार पर पुलिस आरोपियों की पहचान कर रही है। दिल्ली पुलिस के सब इंस्पेक्टर मेदालाल मीणा हिंसा के दौरान वहां सुरक्षा में तैनात थे। उनके हाथ में गोली लगी है। उन्होंने बताया कि पुलिस दोनों पक्षों को अलग कर रही थी, लेकिन देखते ही देखते दोनों पक्षों में पथराव शुरू हो गया।
इसी बीच किसी ने भीड़ में 7-8 राउंड गोलियां भी चलाईं। मेदालाल मीणा कहते हैं कि मैं देख नहीं सका कि गोलियां किसने चलाईं और भीड़ की वजह से यह भी नहीं देख सका कि लड़ाई किसने शुरू की। रविवार दोपहर पुलिस ने हिंसा के 14 आरोपियों को रोहिणी कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने 2 मुख्य आरोपियों अंसार और असलम को पुलिस रिमांड में और 12 आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
हिंसा की जांच अब दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के हवाले कर दी गई है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ साजिश रचने और हत्या के प्रयास करने जैसे आरोपों में मुकदमा दर्ज किया है। जांच के दौरान फायरिंग वाली जगह से गोली का खोखा बरामद हुआ है। पुलिस की 10 टीमें हिंसा की जांच कर रही हैं।