सोमवार, 18 अप्रैल 2022

एक बार फिर लाल निशान पर खुला शेयर बाजार

एक बार फिर लाल निशान पर खुला शेयर बाजार   

कविता गर्ग         
मुंबई। सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को शेयर बाजार कमजोर वैश्विक संकेतों के चलते एक बार फिर लाल निशान पर खुला। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स सूचकांक 1,130 अंक या 1.94 फीसदी फिसलकर 57,209 पर के स्तर पर खुला। जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी सूचकांक ने 299 अंक या 1.71 फीसदी टूटकर 17,176 के स्तर पर कारोबार शुरू किया। इस बीच बात करें निवेशकों को होने वाले नुकसान की तो, बाजार की शुरुआत के साथ ही निवेशकों को करीब तीन लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो गया।

बाजार खुलने के साथ ही लगभग 950 शेयरों में तेजी आई है। 1611 शेयरों में गिरावट आई है और 142 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। फिलहाल की बात करें तो बीएसई का सेंसेक्स 1240 अंक की गिरावट के साथ 57,099 के स्तर पर कारोबार कर रहा है, जबकि एनएसई का निफ्टी 329 अंक फिसलकर 17,147 के स्तर पर आ गया है।

अखबार में बॉक्स बनाकर लिख दीजिएगा: प्रसाद

अखबार में बॉक्स बनाकर लिख दीजिएगा: प्रसाद  

अविनाश श्रीवास्तव        
पटना। बिहार के उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें उनसे एक पत्रकार ने विद्यापति सर्किट से सुन्दरनाथधाम मंदिर को जोड़ने का सवाल पूछ लिया। इसपर वे भड़क गए और कहा कि हम आपके सवालों के जवाब नहीं दे सकते। आप चाहें तो मेरी बात को रिकॉर्ड कर लीजिए। ये गलत तरीका है आपका। अखबार में बॉक्स बनाकर लिख दीजिएगा, हमें कोई दिक्कत नहीं है।
इसके बाद गुस्से में डिप्टी सीएम कुर्सी से खड़े हो गए और कैमरे पर हाथ मारने लगे। दरअसल, डिप्टी सीएम रविवार को बीजेपी विधायक विजय मंडल के बेटे की शादी में शामिल होने के लिए अररिया आए थे। इस दौरान पत्रकारों ने उनसे पूछ दिया कि उन्होंने विद्यापति सर्किट से शिव मंदिर सुंदर नाथ धाम सुंदरी को जोड़ने की घोषणा की थी। उसपर क्या हुआ है। इसी पर वे गुस्सा हो गए।
डिप्टी सीएम को आप इस वीडियो में कहते सुन सकते हैं- ‘हम आपके सवाल का जवाब नहीं दे सकते। आप चाहें तो मेरी बात रिकॉर्ड कर लीजिए। यह गलत तरीका है। हम इस तरह से आना बंद कर देंगे। यही सब धंधा है आप लोगों का। लिख दीजिएगा ब्लॉग में, हमें कोई दिक्कत नहीं है। अखबार में बॉक्स बनाकर लिख दीजिएगा। इस तरह के बयान देने हम यहाँ तक नहीं आये हैं।’

वायरस: दिल्ली कैपिटल्स की पूरी टीम क्वारंटाइन की

वायरस: दिल्ली कैपिटल्स की पूरी टीम क्वारंटाइन की  

मोमीन मलिक                 

नई दिल्ली। विश्व क्रिकेट में महत्वपूर्ण स्थान हासिल कर चुकें आईपीएल पर अब एक बार फिर से कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा मंडराने लगा है। आईपीएल के 15 वें सीजन में टूर्नामेंट खेल रही दिल्ली कैपिटल्स टीम के फिजियो के बाद अब एक और खिलाड़ी की रिपोर्ट कोविड-19 पॉजिटिव आई है। आईपीएल प्रबंधन ने त्वरित कदम उठाते हुए दिल्ली कैपिटल्स की टीम को अब पुणे में जाने से रोक दिया गया है। पूरी टीम क्वारंटाइन कर दी गई है।

मौजूदा समय में चल रहे आईपीएल के 15 वें सीजन के ऊपर दिल्ली कैपिटल्स टीम के फिजियो के बाद एक खिलाड़ी की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने से कोविड-19 का खतरा मंडराने लगा है। दिल्ली कैपिटल टीम के फिजियो के बाद अब एक अन्य खिलाड़ी की भी कोविड-19 रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जिस पर टूर्नामेंट आयोजकों में हड़कंप मच गया है। शुरुआती कदम उठाते हुए आयोजकों की ओर से दिल्ली कैपिटल्स की टीम को खेलने के लिए पुणे में जाने से रोक दिया गया है और पूरी टीम देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में ही क्वारंटाइन कर दी गई है। दिल्ली कैपिटल्स का अगला मुकाबला 20 अप्रैल को पंजाब सुपर किंग के खिलाफ पुणे में खेला जाना है।

उल्लेखनीय है कि पिछले साल भी कोविड-19 की वजह से आईपीएल को अधर में रोककर बाकी बचे मैच यूएई में पूरे कराने पड़े थे। इससे पहले भी पूरा एक सीजन कोरोना की भेंट चढ़ चुका है और उसे भी देश से बाहर आयोजित कराना पड़ा था। 25 फीसदी दर्शकों की मौजूदगी के साथ टूर्नामेंट की शुरूआत की गई थी। बाद में हालात सुधरने पर दर्शकों की संख्या पचास प्रतिशत कर दी गई थी।

लखीमपुर खीरी हिंसा, मुख्य आरोपी की जमानत रद्द

लखीमपुर खीरी हिंसा, मुख्य आरोपी की जमानत रद्द 

अकांशु उपाध्याय            

नई दिल्ली उच्चतम न्यायालय ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पुत्र एवं लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय से मिली जमानत सोमवार को रद्द करते हुए उसे (आशीष को) एक सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया। मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमन, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने आशीष की जमानत रद्द करने तथा उसे आत्मसमर्पण करने का आदेश देने के साथ ही इलाहाबाद उच्च न्यायालय से कहा कि वह नये सिरे से विचार करे कि उसे (आशीष को) जमानत दी जानी चाहिए या नहीं।

पीठ ने जमानत रद्द करने का आदेश पारित करते हुए कहा कि उच्च न्यायालय ने कई अप्रासंगिक तथ्यों पर विचार किया और जल्दबाजी में अपना फैसला लिया। पीड़ितों को प्रथम दृष्टया आरोपी की जमानत याचिका का विरोध करने के लिए पर्याप्त समय दिए बिना ही अपना आदेश पारित कर दिया। पीठ ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद चार अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के एक कार्यक्रम का विरोध करने के दौरान हिंसक घटनाएं हुई थी। इस हिंसा में केंद्र के तत्कालीन तीन कृषि कानूनों (अब रद्द कर दिए गए) के खिलाफ लंबे समय से आंदोलन कर रहे चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गयी थी। मामले के मुख्य आरोपी आशीष को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 10 फरवरी को जमानत दी थी। पुलिस ने आशीष को नौ अक्टूबर को गिरफ्तार किया था।

जमानत के खिलाफ मृतक किसानों के परिजनों एवं अन्य ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। जमानत रद्द करने की मांग वाली उन याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान पीठ ने जमानत के 'आधार' पर कई सवाल खड़े किए थे। शीर्ष अदालत द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने उत्तर प्रदेश सरकार को आशीष की जमानत के खिलाफ अपील करने की सिफारिश की थी, लेकिन सरकार ने उसे नजरअंदाज कर दिया था। एसआईटी ने 30 मार्च को उच्चतम न्यायालय को बताया कि उसने मुख्य आरोपी की जमानत के खिलाफ अपील दायर करने के संबंध में प्रदेश सरकार से सिफारिश की थी।

मुख्य आरोपी आशीष की जमानत का विरोध कर रहे याचिकाकर्ताओं ने गवाहों को धमकाने तथा सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका के भी आरोप लगाए थे हालांकि, राज्य सरकार का पक्ष रख रहे वकील महेश जेठमलानी ने पीठ के समक्ष दलील देते हुए कहा था कि मामले से संबंधित गवाहों को पूरी सुरक्षा प्रदान की जा रही है। किसी को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने शीर्ष अदालत को बताया था कि एसआईटी ने गवाहों पर खतरे की आशंका के कारण आशीष की जमानत के खिलाफ अपील दायर करने की सिफारिश की थी, लेकिन राज्य सरकार ने सभी गवाहों को पुलिस सुरक्षा प्रदान करने का दावा करते हुए एसआईटी के विचार से अपनी असहमति व्यक्त की थी।

जमानत का विरोध कर रहे कुछ याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने गवाहों को धमकी दिए जाने के मुद्दे को जोरशोर से पीठ के समक्ष उठाया था। उन्होंने कहा कि एक गवाह को भारतीय जनता पार्टी के उत्तर प्रदेश में सत्ता में लौटने का जिक्र करते हुए धमकी दी गई थी। श्री दवे ने पीठ के समक्ष उक्त गवाह की शिकायत पढ़ते हुए कहा था,"अब बीजेपी सत्ता में है। देखना तेरा क्या हाल करता हूं।" उन्होंने सवाल किया कि क्या इस तरह की धमकी गंभीर मामला नहीं है?

किसानों के परिजनों से कुछ दिन पहले अधिवक्ता सी एस पांडा और शिव कुमार त्रिपाठी ने भी जमानत के खिलाफ सर्वोच्च अदालत में विशेष अनुमति याचिका दायर की थी। इन वकीलों की याचिका पर ही शीर्ष न्यायालय ने मामले की जांच के लिए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति राकेश कुमार जैन के नेतृत्व में एसआईटी गठित की थी।
कथित रूप से कार से कुचलकर चारा किसानों की मृत्यु होने के बाद भड़की हिंसा में दो भाजपा कार्यकर्ताओं के अलावा एक अन्य कार चालक एवं एक पत्रकार की मृत्यु हो गई थी।

किसानों की ओर से दायर याचिका में आरोप लगाये गये हैं कि उत्तर प्रदेश में उसी पार्टी की सरकार है, जिस पार्टी की सरकार में आरोपी आशीष के पिता केंद्र में राज्य मंत्री हैं। शायद इसी वजह से प्रदेश सरकार ने जमानत के खिलाफ शीर्ष अदालत में याचिका दायर नहीं की थी।

केंद्रीय राज्य मंत्री के पुत्र आशीष की जमानत को चुनौती देने वाली याचिकाओं के जवाब में उत्तर प्रदेश सरकार ने उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दाखिल कर कहा था कि जमानत का प्रभावी ढंग से विरोध नहीं करने के उस पर लगाए गए आरोप "पूरी तरह से गलत एवं असत्य हैं।" सरकार ने कहा था कि उच्च न्यायालय द्वारा आशीष को जमानत देने के आदेश को चुनौती देने का निर्णय संबंधित अधिकारियों के समक्ष विचाराधीन है।
गवाहों को सुरक्षा प्रदान करने के शीर्ष अदालत के आदेश पर सरकार ने कहा था कि उसने घटना से संबंधित 98 गवाहों को सुरक्षा प्रदान की जा रही है। सभी की सुरक्षा का जायजा नियमित रूप से लिया जाता है। टेलीफोन के माध्यम से पुलिस ने उनसे बातचीत की थी। गवाहों ने 20 मार्च को अपनी सुरक्षा पर संतोष व्यक्त किया था।

सबसे पुराना घड़ा, 2 हजार लीटर पानी का रिकॉर्ड

सबसे पुराना घड़ा, 2 हजार लीटर पानी का रिकॉर्ड   

संदीप मिश्र        

कन्नौज। क्या मिट्टी का घड़ा भी किसी टैंक के बराबर हो सकता है ? सुनकर हैरान न हों, यह सच है। दुनिया का सबसे बड़ा और पुराना घड़ा कन्नौज में रखा है। 'खुशबू' के लिए विख्यात इत्रनगरी के म्यूजियम में संरक्षित इस घड़े में दो हजार लीटर पानी आ सकता है। करीब दो हजार वर्ष पूर्व कुषाण वंश का यह घड़ा 40 साल पहले शहर के शेखपुरा मोहल्ले में खुदाई के दौरान मिला था। सम्राट हर्षवर्धन और राजा जयचंद का साम्राज्य रहे इस जिले का इतिहास काफी गौरवशाली रहा है। यहां समय-समय पर हुई खुदाई के दौरान कई ऐसी नायाब चीजें निकली हैं। पहली से तीसरी सदी के बीच के कुषाण वंश के दौरान का सबसे बड़ा यह घड़ा उनमें से ही एक है। नव निर्मित म्यूजियम में कांच के घेरे में सहेजे गए इस प्राचीन धरोहर घड़े को देख लोग दांतों तले उंगली दबा लेते हैं।

करीब दो हजार साल पहले कनिष्क के शासन के समय छोटे-बड़े 40 से ज्यादा बर्तन ही नहीं उसके पहले और बाद के गुप्त काल के दौर में इस्तेमाल होने वाले मिट्टी के बर्तन भी यहां खुदाई के दौरान मिले हैं। यहां कुषाण वंश से भी पहले यानी 1500 ईसा पूर्व के बर्तनों के अवशेष मिले हैं। पुरातात्विक खोजों से पता चलता है कि कन्नौज में पेंटेड ग्रे वेयर और नॉर्दर्न ब्लैक पॉलिश्ड वेयर कल्चर था। जिससे जाहिर है, यहां 3500 साल पूर्व भी मानव सभ्यता मौजूद थी। इतिहास के जानकार एवं राजकीय म्यूजियम के अध्यक्ष दीपक कुमार बताते हैं कि अब तक कहीं भी इससे बड़े और पुराने घड़े होने का सुबूत नहीं मिलता है। काफी शोध के बाद ही इसकी उम्र का आंकलन हो सका था। यह करीब दो हजार साल पहले कुषाण वंश के दौरान 78 ई. से 230 ई. के बीच का है। तब गंगा शहर के करीब गुजरती थीं। तब इसी तरह के घड़ों में पानी सहेजने की परंपरा थी।
कन्नौज में पिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय से पुरातत्व विभाग की खुदाई में कई नायाब चीजें सामने आई हैं। फिर चाहे टेराकोटा की मूर्तियां हों या एक हजार वर्ष से भी ज्यादा पुरानी मुद्राएं। भगवान शिव की कई अलग-अलग मुद्राओं की प्राचीन मूर्तियां भी यहां से निकलती रही हैं। यहां अलग-अलग सदी के शिलालेख, मूर्तियां, सिक्के, बर्तन, पत्थर भी निकलते रहे हैं। हिन्दु, जैन और बौद्ध धर्म से जुड़ी कई विरासत यहां सहेज कर रखी गई हैं। सभी की उम्र का आकलन कार्बन डेटिंग और थर्मोल्यूमिनिसेंस विधि से किया जा चुका है।

लाउडस्पीकर का उपयोग, दिशा-निर्देश तैयार करेंगे

लाउडस्पीकर का उपयोग, दिशा-निर्देश तैयार करेंगे


कविता गर्ग 


मुंबई। महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने सोमवार को यहां कहा कि राज्य के पुलिस महानिदेशक और मुंबई पुलिस आयुक्त लाउडस्पीकर के उपयोग पर दिशा-निर्देश तैयार करेंगे, जिन्हें एक-दो दिन में जारी कर दिया जाएगा। मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) और भाजपा की मांग के बीच वलसे पाटिल का यह बयान आया है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, राज्य के पुलिस महानिदेशक (रजनीश सेठ) और मुंबई के पुलिस आयुक्त (संजय पांडे) बैठक करके (लाउडस्पीकर के उपयोग को लेकर) राज्य के लिए दिशानिर्देश तैयार करेंगे। ये दिशा-निर्देश एक-दो दिन में जारी कर दिए जाएंगे। सभी को इनका पालन करना होगा। मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने महाविकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार से तीन मई तक मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग की थी।

उन्होंने कहा था कि अन्य समुदायों के सदस्यों को न चाहते हुए भी तेज आवाज में अजान सुननी पड़ती है। ठाकरे ने तीन मई के बाद मस्जिदों के बाहर ऊंची आवाज में हनुमान चालीसा चलाने की धमकी दी थी। भाजपा ने राज ठाकरे की मांग का समर्थन किया है। वलसे पाटिल ने कहा कि गृह विभाग और पुलिस राज्य की मौजूदा स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए हैं। उन्होंने कहा, अगर कोई व्यक्ति या संगठन सांप्रदायिक विभाजन पैदा करने और माहौल खराब करने की कोशिश करता है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण     

1. अंक-192, (वर्ष-05)
2. मंगलवार, अप्रैल 19, 2022
3. शक-1984, वैशाख, कृष्ण-पक्ष, तिथि-तीज, विक्रमी सवंत-2078‌। 
4. सूर्योदय प्रातः 07:04, सूर्यास्त: 06:24।
5. न्‍यूनतम तापमान- 24 डी.सै., अधिकतम-40+ डी सै.। उत्तर भारत में बरसात की संभावना।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु, (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102
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यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

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