बुधवार, 13 अप्रैल 2022

संक्रमण: स्वास्थ्य मंत्री ने हालात की समीक्षा की

संक्रमण: स्वास्थ्य मंत्री ने हालात की समीक्षा की    

अकांशु उपाध्याय              
नई दिल्ली। देश के कुछ राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामलों में फिर बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। इसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने अपने मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हालात की समीक्षा की है। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे संक्रमण की स्थिति पर नजर रखें। नए वैरिएंट की वजह से जो मामले सामने आ रहे हैं, उनकी निगरानी प्रक्रिया को और चुस्त-दुरुस्त करें।
मंडाविया ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे कोरोना के इलाज में काम आने वाली दवाओं और चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता पर भी निगाह रखें। उनमें किसी तरह की कमी न आने दें। हालांकि उन्होंने कोरोना-ओमिक्रॉन के एक्सई वैरिएंट के कारण किसी तरह से चिंतित होने की जरूरत अभी नहीं मानी है। लेकिन सावधानी बरतने के लिए जरूर चेताया है। उनके मुताबिक अभी दुनिया से कोरोना महामारी गई नहीं है। इसलिए सार्वजनिक स्थलों पर मास्क लगाने, आपस की दूरी बरतने जैसे ऐहतियाती कदम सभी को उठाते रहने चाहिए।
गौरतलब है कि अभी 12 अप्रैल को देश में कोरोना के 796 नए मामले दर्ज किए गए थे। इन मामलों में बढ़ोत्तरी का सिलसिला एक हफ्ते से जारी है। गुजरात, मुंबई समेत कुछ राज्यों में एक्सई वैरिएंट के मामले सामने आने की भी खबरें आई हैं। केरल, दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा और मिजोरम में नए मामलों में सबसे अधिक बढ़त देखी जा रही है। इसलिए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने इन सभी राज्यों को चिट्‌ठी लिखकर अतिरिक्त सतर्कता बरतने के लिए कहा है।
उधर, भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय में मीडिया प्रतिनिधियों से मंडाविया ने कहा कि देश में 12 साल से कम के बच्चों को कब से टीका लगेगा, यह विशेषज्ञ तय करेंगे। रही बात कोरोना टीके की तो इसकी कीमतें अभी और नीचे आ सकती हैं। क्योंकि जल्दी की अधिक संख्या में कंपनियां अपने-अपने टीकों की प्रतिस्पर्धी कीमतों के साथ सामने आएंगी।

10वीं-12वीं के 'टर्म 2' परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड

10वीं-12वीं के 'टर्म 2' परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड  

अकांशु उपाध्याय         
नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सीबीएसई (CBSE) की ओर से कक्षा 10वीं और 12वीं के टर्म 2 परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड जारी कर दिए गए हैं। सीबीएसई कक्षा 10 और 12 के प्रवेश पत्र स्कूलों द्वारा बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट cbse.gov.in से ऑनलाइन डाउनलोड किए जा सकते हैं।
बता दें कि 10वीं की टर्म 2 परीक्षाएं 26 अप्रैल से 24 मई तक आयोजित की जाएंगी, जबकि सीबीएसई 12वीं की टर्म 2 परीक्षाएं 26 अप्रैल से 15 जून तक जारी रहेंगी। परीक्षाएं 2 घंटे की अवधि के लिए आयोजित की जाएंगी।
आधिकारिक वेबसाइट cbse.gov.in पर जाएं।
स्होमपेज पर, ‘एडमिट कार्ड/सेंटर मटीरियल फॉर एग्जामिनेशन 2021-2022’ लिंक पर क्ल्कि करें।
लॉगिन करने के लिए अपना यूजर आईडी, पासवर्ड और सिक्‍योरिटी पिन दर्ज करें।
आपका सीबीएसई टर्म 2 एडमिट कार्ड स्क्रीन पर आ जाएगा। एडमिट कार्ड डाउनलोड करें और इसका प्रिंट आउट ले लें।

बिजली दरों में बढ़ोत्तरी को लेकर कृषि मंत्री का बयान

बिजली दरों में बढ़ोत्तरी को लेकर कृषि मंत्री का बयान   

दुष्यंत टीकम            
बिलासपुर। बिजली दरों में बढ़ोत्तरी को लेकर कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने बिजली दरों में राज्य नियामक आयोग द्वारा की गई बढ़ोत्तरी के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ रहे है। इसके अलावा भारत सरकार कोयला दे नहीं रही है। स्वभाविक है कि मंहगाई बढ़ेगी तो बिजली की दरों में भी बढ़ोत्तरी होगी। इसके लिए सीधे तौर पर केंद्र सरकार दोषी है।
कृषि मंत्री रवींद्र चौबे ने छत्तीसगढ़ भवन में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि आने वाले समय प्रदेश में केमिकल फर्टिलाइजर का संकट होने की बात कही है। कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश में किसानों की संख्या बढ़ी है‌।
इस वजह से धान का रकबा बढ़ा है। बीजेपी के समय मे 52 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा जाता था, जबकि कांग्रेस के शासन में 98 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी हुई है। ये बाते इशारा करती है कि खेती का रकबा बढ़ने से केमिकल फर्टिलाइजर की जरूरत होगी। ऐसे में आनेवाले समय मे केमिकल फर्टिलाइजर का संकट पैदा होगा।रविन्द्र चौबे ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में जब हम विकास करेंगे तभी प्रदेश का विकास होगा। उन्होंने कहा कि बिलासपुर और सरगुजा संभाग के किसानों को उन्नत खेती की जानकारी देने के मकसद से कृषि मेले का आयोजन किया जा रहा है। बिलासपुर संभाग की सभी जमीनें फर्टिलाइजड जमीनें हैं। मुंगेली जिले में काली मिट्टी है, जो खेती के लिहाज से सबसे उत्पादक धरती है, वैसी उत्पादक धरती प्रदेश में कही नहीं है।

ग्रामीण इलाकों में बिजली नहीं दें रहीं गठबंधन सरकार

ग्रामीण इलाकों में बिजली नहीं दें रहीं गठबंधन सरकार 

राणा ओबरॉय 
चंडीगढ़। इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने कहा है कि प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा-जजपा) गठबंधन सरकार गहराए बिजली संकट में ग्रामीण इलाकों में बिजली नहीं दें रहीं है। भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण ही यह संकट देखने को मिल रहा है।
गौरतलब है कि पिछले एक सप्ताह से तापमान में आए उछाल के चलते बिजली की खपत बढ़ी है। लेकिन सरकार बिजली का उत्पादन बढ़ाने की बजाय हाथ पर हाथ धरे बैठी है। उन्होंने आज यहां जारी बयान में कहा कि भाजपा सरकार के कुप्रबंधन के कारण हिसार स्थित खेदड़ थर्मल प्लांट, पानीपत थर्मल प्लांट और झाड़ली के पावर प्लांट की तीन यूनिटें बंद पड़ी हैं।
इस समय प्रदेश में बिजली की मांग 7600 मेगावाट से भी अधिक पहुंच गई है जिसके मुकाबले आपूर्ति सिर्फ छह हजार मेगावाट ही हो रही है। गांवों में 10 से 12 घंटे तक बिजली गुल हो रही है, जिससे ग्रामीणों का जीना दूभर हो गया है। शहरों में दो से चार घंटे तक के बिजली आपूर्ति नहीं हो पा रही है।
उन्होंने कहा कि गेहूं की कटाई के बाद धान और नरमा-कपास की बिजाई के लिए बिजली की मांग बढ़ेगी। किसानों को फसल की बुआई के समय सरकार को बिजली का पहले से ही प्रबंध करना चाहिए। उन्होंने कहा कि समय से पहले भीषण गर्मी पड़ने की वजह से अबकी बार प्रति एकड़ पांच क्विंटल गेहूं की पैदावार कम हुई है।
जिस कारण किसान को लगभग 10 हजार रुपए प्रति एकड़ का नुकसान हुआ है। इसलिए सरकार किसानों को 500 रुपए प्रति क्विंटल बोनस देना सुनिश्चित करे। इसके अलावा खेतों के ऊपर से गुजर रही बिजली की तारों के कारण शॉर्ट सर्किट होने से फसल में लगी आग से हुए नुकसान का सरकार मुआवजा दे। किसानों के जितने भी ट्यूबवैल के कनेक्शन लंबित पड़े हैं उनको तुरंत जारी करे और मोटर खरीदने की शर्तों को वापस ले, ताकि किसान अपनी मर्जी से मोटर खरीद सके।

अगस्त-सितंबर तक होगा कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव

अगस्त-सितंबर तक होगा कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव   

अकांशु उपाध्याय              
नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी के तेवर बदल रहे हैं। संगठनात्मक चुनाव के लिए नई तकनीक का सहारा लिया। पार्टी सदस्यता अभियान के पारंपरिक तरीके को अब ऐप के माध्यम से ई-सदस्यता में बदल दिया गया है। अब उसी माध्यम से सदस्यों के बीच एक ऑनलाइन चुनाव आयोजित करने की योजना भी बनाई जा रही है। अगस्त-सितंबर तक अगले कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव होना है। उससे पहले चुनावी कॉलेजियम का गठन किया जाना है। इसके लिए कांग्रेस पार्टी ई-वोटिंग का सहारा लेने पर विचार कर रही है। इस कॉलेजियम में एआईसीसी और पीसीसी के मेंबर शामिल होंगे।
50 से अधिक सदस्य एआईसीसी सदस्य और पीसीसी प्रतिनिधि बनने के लिए चुनाव लड़ने के पात्र होंगे। लगभग आठ से नौ हजार पार्टी पदाधिकारियों के द्वारा तीन लाख से अधिक नामांकनकर्ताओं के इस पात्रता मानदंड को पूरा करने की उम्मीद है।
यूपी को छोड़कर बाकी जगहों पर सदस्यता अभियान 15 अप्रैल को समाप्त होगा। कांग्रेस को इस बात की उम्मीद है कि छह करोड़ से अधिक पार्टी मेंबर हो जाएंगे।
इस अभियान की निगरानी मधुसूदन मिस्त्री के नेतृत्व वाली केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण कर रहा है। प्रवीण चक्रवर्ती के नेतृत्व वाले एआईसीसी डेटा एनालिटिकल विभाग के समन्वय में प्रदेश रिटर्निंग ऑफिसर (पीआरओ) और पार्टी नामांकनकर्ताओं के माध्यम से इसे अंजाम दिया जा रहा है। यह भी पता चला है कि ई-सदस्यता के साथ-साथ पेपर प्रारूप में एकत्र की गई सदस्यता को हाल ही में डिजिटल स्वरूपों में परिवर्तित करने का निर्णय लिया गया है।
राहुल गांधी ने आंतरिक रूप से इस ई-ड्राइव को कांग्रेस संगठन का एक्स-रे के रूप में वर्णित किया है। आयोजकों का कहना है कि सत्यापित डिजिटल सदस्यता से फर्जी सदस्यता से छुटकारा मिलेगा। कांग्रेस सदस्यता अभियान और आगामी संगठनात्मक चुनाव इस बार पार्टी के परिवर्तन चाहने वालों की पार्टी अध्यक्ष पद और सीडब्ल्यूसी सहित निष्पक्ष संगठनात्मक चुनावों की मांग के कारण विशेष रुचि जगाते हैं।
आयोजकों का कहना है कि एक नए एंड्रॉइड “कांग्रेस सदस्यता ऐप” के माध्यम से यह ड्राइव, केवल स्वीकृत कांग्रेस पार्टी के नेताओं, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के लिए उपलब्ध है। केवल स्वीकृत नामांकनकर्ता ही सदस्यता के लिए घर-घर जाते हैं। एक फुलप्रूफ, सत्यापित और सख्त डिजिटल सदस्यता कार्यक्रम “मिस्ड कॉल” पद्धति के माध्यम से सदस्यता स्वीकार नहीं करता है।

पिछले वर्षों की तुलना, गर्मियों की शुरुआत अधिक हुईं

पिछले वर्षों की तुलना, गर्मियों की शुरुआत अधिक हुईं    

अकांशु उपाध्याय              

नई दिल्ली। इस साल शुरुआती और लंबे समय तक लू चलने के कारण राष्ट्रीय राजधानी में पिछले वर्षों की तुलना में गर्मियों की शुरुआत अधिक हुई है। अधिकतम तापमान लगातार सामान्य से ऊपर बना हुआ है और दिल्ली में 29 मार्च से ही लू की स्थिति बनने लगी थी। रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल महीने के शुरुआती 11 दिनों में से पांच दिनों तक राष्ट्रीय राजधानी में हीट वेव चलती रही। इसकी तुलना में अप्रैल 2021 और 2020 में ऐसा कोई दिन नहीं था, जब इतनी गर्मी महसूस की गई हो। अप्रैल 2019 और 2018 में केवल एक ऐसा दिन दर्ज किया गया, जब हीट वेव का असर था।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, इस साल अप्रैल की पहली छमाही में दर्ज किया गया उच्चतम अधिकतम तापमान पिछले 72 वर्षों में 1 से 15 अप्रैल का उच्चतम अधिकतम तापमान है। इस साल अब तक, सफदरजंग मौसम वेधशाला में 11 अप्रैल को सबसे अधिक अधिकतम तापमान 42.6 डिग्री दर्ज किया गया था। यह 1951 से 2021 तक 1 से 15 अप्रैल के उच्चतम अधिकतम तापमान के पहले के रिकॉर्ड को पार कर गया। अप्रैल 2010 में 12 और 13 तारीख को 41.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। आईएमडी के वैज्ञानिक आर के जेनामणि ने कहा कि शहर में लगभग 50 दिनों में बारिश नहीं हुई है। सफदरजंग में मार्च के महीने में सामान्य वर्षा 15.9 मिमी होती है। इस बार मार्च में दिल्ली में बारिश नहीं हुई। अप्रैल के लिए सामान्य वर्षा 19.7 मिमी है और दिल्ली में इस महीने अभी तक बारिश नहीं हुई है। शहर में पिछली बार 25 फरवरी को बारिश हुई थी। उन्होंने बताया कि इस तरह एक लंबा सूखा स्पेल गर्मी की लहर का एक असामान्य पैटर्न है। यह एक लंबा समय था जो 8 से 11 अप्रैल तक चरम पर था।

आईएमडी वैज्ञानिक के साथी देवी ने कहा कि उत्तर पश्चिम भारत के लिए वर्ष के इस समय वर्षा लाने वाला मुख्य मौसम सिस्टम पश्चिमी विक्षोभ है। पश्चिमी विक्षोभ ऐसे तूफान हैं, जो भूमध्यसागरीय क्षेत्र में उत्पन्न होते हैं और भारत के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में वर्षा लाते हैं। देवी ने बताया कि अगर आपके पास बारिश देने वाली कोई सिस्टम नहीं है, आकाश साफ है तो निर्बाध सौर विकिरण तापमान को उच्च रखता है और हम हीट वेव महसूस करते हैं। मौसम विज्ञानी देवी के मुताबिक, पिछले साल एक के बाद एक कई पश्चिमी विक्षोभ आए, लेकिन इस साल पश्चिमी विक्षोभ की गतिविधि दुर्लभ और कमजोर है। अगर है भी, तो यह उत्तर की ओर बढ़ रहा है और उत्तर पश्चिम भारत को प्रभावित नहीं कर रहा है। जेनामनी ने बताया कि मार्च में ऐसे पांच सिस्टम थे, लेकिन वे हवाओं, नमी या बादलों के मामले में उत्तर पश्चिमी क्षेत्र को प्रभावित किए बिना हिमालय के उत्तर में चले गए और यह प्रवृत्ति जारी रही है।

एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र को प्रभावित करने के लिए तैयार है और 13 और 14 अप्रैल को इस क्षेत्र में अलग-अलग वर्षा ला सकता है। पंजाब, उत्तर पश्चिमी राजस्थान और उत्तरी हरियाणा में भी अलग-अलग वर्षा होने की संभावना है, लेकिन दिल्ली के लिए बारिश का अनुमान नहीं है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक यह पश्चिमी विक्षोभ भी कमजोर है, लेकिन बादल अस्थायी रूप से तापमान को नीचे लाने में मदद कर सकते हैं। दिल्ली में 13 से 15 अप्रैल को आसमान में बादल छाए रहने से हल्की राहत का मतलब है कि अधिकतम तापमान 39 डिग्री के आसपास गिर सकता है जबकि 16 अप्रैल से फिर तापमान बढ़ेगा।

निर्धन का कल्याण, सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता

निर्धन का कल्याण, सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता 

अकांशु उपाध्याय           

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि निर्धन का कल्याण, सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और कोरोना महामारी के दौरान भी यह सरकार का संकल्प रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना ने देशवासियों को आश्वस्त किया है कि सरकार हर मुसीबत में उनके साथ खड़ी है। 
प्रधानमंत्री ने बुधवार को ट्वीट किया, “ गरीबों का कल्याण ही हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। कोरोना महामारी के दौर में भी हम इसे लेकर प्रतिबद्ध रहे। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना ने देशवासियों को आश्वस्त किया है कि सरकार हर मुसीबत में उनके साथ खड़ी है।

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया  बृजेश केसरवानी  प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी ...