मंगलवार, 12 अप्रैल 2022

अध्याय: डोर्नियर-228 विमान का सफल संचालन

अध्याय: डोर्नियर-228 विमान का सफल संचालन   

अकांशु उपाध्याय        
नई दिल्ली। भारतीय हवाई यात्रा के क्षेत्र में मंगलवार को एक नया अध्याय लिखा गया। जब पहली बार भारत में निर्मित वाणिज्यिक विमान डोर्नियर-228 ने असम के डिब्रूगढ़ से अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट तक अपनी पहली उड़ान भरी। एलायंस एयर ने मंगलवार को पहले मेड इन इंडिया डोर्नियर 228 यात्री विमान का सफल संचालन किया। जिसे केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हरी झंडी दिखाई। 
पहले मेड इन इंडिया व्यावसायिक विमान के पहले सफल उड़ान में केंद्रीय उड्डयन मंत्री स्वयं और देश के कानून मंत्री किरण रिजुजू उपस्थित थे जिसकी जानकारी उन्होंने ट्वीट कर के दी।
दिन और रात के संचालन में सक्षम एसी केबिन के साथ 17-सीटर गैर-दबाव वाले डोर्नियर 228 एक हल्का परिवहन विमान है। जो उत्तर पूर्वी राज्यों में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और बेहतर कनेक्टिविटी की सुविधा प्रदान करेगा। इसके साथ ही आज असम के लीलाबाड़ी में पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए पहले एफटीओ (उड़ान प्रशिक्षण संगठन) का उद्घाटन भी किया गया।

13 अप्रैल से प्रारंभ होगा 'रमजान' का दूसरा अशरा

13 अप्रैल से प्रारंभ होगा 'रमजान' का दूसरा अशरा

संदीप मिश्र          

बरेली। रमजान के महीने को 10-10 दिन के तीन अशरों में बांटा गया है। पहले 10 दिन के रोजे को रहमत का अशरा कहा जाता है। मंगलवार को 10 रोजे पूरे होने पर पहला अशरा हो गया। उसके बाद बुधवार (13 अप्रैल) से रमजान का दूसरा अशरा शुरू होगा। दूसरा अशरा रमजान के बीसवें रोजे के सूरज डूबने तक रहेगा। वहीं, दूसरे अशरे में रोजदार रोजा रखने के बाद अल्लाह से मगफिरत की दुआ करेंगे। रमजान का पूरा महीना रहमतों और बरकतों वाला है। मुफ्ती सलीम नूरी ने बताया कि पहला अशरा खुदा की रहमत वाला है, जिसमें खुदा की रहमत नाजिल होती है। 

अल्लाह अपनी रहमत से गुनाहगारों को मगफिरत दिलाते हैं। मंगलवार को दस रोजे पूरे होने पर रमजान का पहला अशरा पूरा हो गया। बुधवार से रमजान का दूसरा अशरा यानी मगफिरत का अशरा शुरू हो रहा है। उन्होंने कहा कि वैसे तो रमजान का हर अशरा फजीलत भरा है, मगर अंतिम अशरा जहन्नुम से आजादी के लिए खास होता है।

केमिकल वेपन का इस्तेमाल कर सकती है रूसी सेना

केमिकल वेपन का इस्तेमाल कर सकती है रूसी सेना      

अखिलेश पांडेय          
कीव/मास्को। यूक्रेन पर रूस के हमले लगातार जारी हैं। इसी बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने रूस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। जेलेंस्की ने दावा किया है कि रूसी सेना केमिकल वेपन का इस्तेमाल कर सकती है। उधर, यूएन ने दावा किया है कि अब तक यूक्रेन युद्ध में 1842 लोगों की मौत हो चुकी है। 

इनमें से 148 बच्चे हैं। यूक्रेन के मारियुपोल के मेयर ने सोमवार को दावा किया है कि रूसी हमलों में अब तक 10,000 से अधिक नागरिकों की मौत हुई है। यूक्रेन-रूस युद्ध की हर बड़ी खबर पढ़ने के लिए जुड़े रहे।

एमएलसी: सपा-बीजेपी के बीच कांटे का मुकाबला

एमएलसी: सपा-बीजेपी के बीच कांटे का मुकाबला       

संदीप मिश्र               

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के स्थानीय निकाय की 27 विधान परिषद (एमएलसी) सीटों के लिए मतगणना मंगलवार को चल रही है। सूबे की 27 सीटों पर 95 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें से ज्यादातर सीटों पर सपा और बीजेपी के बीच कांटे का मुकाबला है। कुछ सीटों पर बाहुबली नेताओं की साख दांव पर है। सभी की निगाहें कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह (राजा भैया) और माफिया बृजेश सिंह पर भी हैं। राजा भैया की साख एमएलसी चुनाव में प्रतापगढ़ में दांव पर लगीं है, जहां उनके करीबी व रिश्तेदार अक्षय प्रताप सिंह चुनाव में जनसत्ता पार्टी से उम्मीदवार हैं। वहीं, माफिया व एमएलसी बृजेश सिंह की प्रतिष्ठा वाराणसी में दांव पर है, जहां से उनकी पत्नी अन्नपूर्णा सिंह निर्दलीय चुनावी मैदान में हैं। इन दोनों ही सीटों पर बीजेपी और सपा के उम्मीदवार भी मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं, लेकिन जिसका भी मुकाबला होना है वो इन्हीं दोनों प्रत्याशियों से है।

प्रतापगढ़ की स्थानीय निकाय विधान परिषद सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला माना रहा है। बीजेपी से पूर्व विधायक हरिप्रताप सिंह मैदान में हैं तो सपा से विजय बहादुर यादव और अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल भैया ने जनसत्ता पार्टी से ताल ठोक रखी है। अक्षय प्रताप बाहुबली नेता व कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के रिश्तेदार हैं। राजा भैया ने इस सीट पर अक्षय प्रताप को जिताने में पूरी ताकत झोंक दी है, जिससे बीजेपी के लिए प्रतापगढ़ सीट पर अपने एमएलसी को बनाने की चुनौती खड़ी हो गई है। राजा भैया के समर्थन से अक्षय प्रताप सिंह प्रतापगढ़ सीट से लगातार पांच बार से एमएलसी बनते आ रहे हैं। तीन बार से वो सपा के टिकट पर एमएलसी बन रहे हैं और 2016 में निर्विरोध चुने गए थे। 2018 में राजा भैया के अखिलेश यादव के साथ रिश्ते बिगड़ने के बाद अक्षय प्रताप सिंह सपा छोड़कर जनसत्ता पार्टी में शामिल हो गए थे और अब एमएलसी चुनाव में किस्मत आजमा रहे हैं। 

सूबे में योगी सरकार के आने के बाद तमाम बाहुबली नेताओं पर नकेल कसी गई है, लेकिन राजा भैया के सियासी वर्चस्व को बीजेपी प्रतापगढ़ में तोड़ नहीं पाई। जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में बीजेपी ने सूबे भर में एकतरफा जीत दर्ज की थी, लेकिन प्रतापगढ़ सीट पर राजा भैया के समर्थित प्रत्याशी से बीजेपी को करारी मात मिली थी। इसके बाद विधानसभा चुनाव में कुंडा सीट पर राजा भैया के सामने बीजेपी प्रत्याशी की जमानत तक नहीं बची। राजा भैया कुंडा सीट पर खुद जीते और बाबागंज सीट पर अपनी पार्टी के विनोद सरोज को जिताने में कामयाब रहे। ऐसे में अब देखना है कि एमएलसी चुनाव में वो अपना सियासी वर्चस्व बचाए रख पाते हैं कि नही। वाराणसी-चंदौली-भदोही क्षेत्र की एमएलसी सीट पर माफिया बृजेश सिंह के परिवार की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। निर्दलीय प्रत्याशी अन्नपूर्णा सिंह चुनाव लड़ रही हैं, जो माफिया और मौजूदा एमएलसी बृजेश सिंह की पत्नी हैं।‌बीजेपी से डॉ. सुदामा पटेल मैदान में हैं, जिनके सामने सपा से उमेश यादव किस्मत आजमा रहे हैं। ऐसे में इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा। 

आमतौर पर माना जाता है कि जो पार्टी सत्ता में होती है, एमएलसी चुनाव में विजय पताका भी वही पार्टी फहराया करती है, लेकिन वाराणसी में बृजेश सिंह की पत्नी के उतरने से मुकाबला रोचक हो गया। पिछले दो दशक से वाराणसी एमएलसी सीट पर बृजेश सिंह के परिवार का कब्जा है। पिछली बार 2016 के एमएलसी चुनाव में निर्दलीय बृजेश सिंह खुद मैदान में उतरे थे, जिन्हें बीजेपी ने वॉकओवर देते हुए अपना प्रत्याशी नहीं उतारा था।बीजेपी ने इस बार सत्ता में होने के चलते सुदामा पटेल पर दांव लगाया, लेकिन उनके लिए वाराणसी की जेल में बंद बृजेश सिंह चुनौती बन गए हैं। सूबे की सत्ता पर काबिज रहने के चलते बीजेपी के लिए यह सीट प्रतिष्ठा से जुड़ी हुई है तो बृजेश सिंह की भी साख दांव पर है। वाराणसी विधान परिषद सीट पर दो बार बृजेश सिंह के भाई बीजेपी के टिकट पर जीत चुके हैं तो एक बार उनकी पत्नी अन्नपूर्णा सिंह 2010 में बसपा के टिकट पर एमएलसी रही हैं जबकि एक बार खुद बृजेश सिंह निर्दलीय जीते हैं। इस तरह से पिछले 24 सालों से उन्हीं के परिवार के पास यह सीट है। 

इसी तरह के हालात आजमगढ़-मऊ सीट पर भी हैं। यहां बीजेपी ने सपा विधायक रमाकांत यादव के बेटे अरुणकांत पर दांव लगाया है। उनके सामने बीजेपी एमएलसी यशवंत सिंह के बेटे विक्रांत सिंह निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। बीजेपी यशवंत सिंह को पहले ही छह साल के लिए पार्टी से निकाल चुकी है। गाजीपुर सीट पर सीएम योगी के करीबी बीजेपी के विशाल सिंह चंचल चुनाव लड़ रहे हैं, जहां पर निर्दलीय प्रत्‍याशी मदन यादव को सपा के समर्थन देने से मुकाबला रोचक हो गया है। गोरखपुर महाराजगंज सीट पर बीजेपी ने सपा छोड़कर आए एमएलसी सीपी चंद हैं, जिनका मुकाबला सपा के रजनीश यादव से है।

मंदिर के मुद्दे का राजनीतिकरण, कोशिश असफल

मंदिर के मुद्दे का राजनीतिकरण, कोशिश असफल   

इकबाल अंसारी            
चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने मंगलवार को राज्य विधानसभा में कहा कि अगर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने खुद को मजबूत करने के लिए मंदिर के मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश की, तो वह सफल नहीं होगी। स्टालिन ने भाजपा विधायक वनथी श्रीनिवासन द्वारा उठाए गए एक मुद्दे पर कहा कि गरीब लोगों को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर अधिक ध्यान केंद्रित करें।
उन्होंने श्रीनिवासन से अपनी पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने का आग्रह करने के लिए कहा, जिससे आम लोग प्रभावित हुए हैं। मुख्यमंत्री ने साथ ही कहा कि भाजपा नेता को केंद्र से तमिलनाडु को मिलने वाले धन को प्राप्त करने की दिशा में राज्य के प्रयासों का समर्थन करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर उनकी पार्टी ने इस मामले पर अनावश्यक रूप से ‘राजनीति थोपने’ की कोशिश की, जो कि अदालत में विचाराधीन है, तो यह कभी सफल नहीं होगा। मुख्यमंत्री ने हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ प्रबंध मंत्री पी. के. शेखर बाबू के इस मामले पर संबोधन के बाद कहा।
इससे पहले, जब वनथी श्रीनिवासन ने हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग द्वारा यहां ‘अयोध्या मंडपम’ मंदिर के अधिग्रहण से संबंधित मुद्दे को उठाया, तो उनकी कुछ टिप्पणियों को अध्यक्ष एम अप्पावु ने सदन की कार्यवाही से हटा दिया था। उन्होंने कहा कि की गई कार्रवाई मानदंडों के अनुपालन में नहीं थी। यहां पश्चिम माम्बलम में ‘अयोध्या अश्वमेध महा मंडपम’ का संचालन श्री राम समाज करता था।

पूर्व सीएम दिग्विजय के खिलाफ केस दर्ज: ब्रांच

पूर्व सीएम दिग्विजय के खिलाफ केस दर्ज: ब्रांच  


मनोज सिंह ठाकुर                 

भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के द्वारा बिहार के फोटो को खरगोन का बताकर ट्वीट करने के मामले में भोपाल क्राइम ब्रांच ने केस दर्ज कर लिया है। क्राइम ब्रांच ने कूटरचित दस्तावेज से धार्मिक भावनाएं आहत करने समेत अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। बीजेपी ने ट्वीट को अंतरराष्ट्रीय साजिश बताकर जांच करने की मांग की है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने ट्विटर के सीईओ पराग अग्रवाल को पत्र लिखकर दिग्विजय सिंह का ट्विटर हैंडल बंद करने की अपील की है। 

बीजेपी भोपाल जिला अध्यक्ष सुमित पचौरी ने कार्यकर्ताओं के साथ भोपाल क्राइम ब्रांच के डीसीपी को दिग्विजय सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग का शिकायती आवेदन दिया था। उन्होंने अपनी शिकायत में दिग्विजय सिंह के ट्वीट को प्रदेश में सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने वाला बताया था। इस पर क्राइम ब्रांच ने आईपीसी की 58/22, 153A(1), 295A, 465, 505(2) की धाराओं में केस दर्ज किया है। क्राइम ब्रांच ने ्प्रकाश माण्डे की शिकायत पर केस दर्ज किया है। 

इससे पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और सांसद वीडी शर्मा ने कहा कि दिग्विजय सिंह का खरगोन की घटना पर ट्वीट करना और उसे डिलीट करना सोची-समझी रणनीति है कि देश और प्रदेश के माहौल को कैसे खराब किया जाए। दिग्विजय सिंह के यह प्रयास अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। दिग्विजय सिंह पूरी कोशिश कर रहे हैं कि प्रदेश के अंदर शांति व्यवस्था को भड़काया जाए। दिग्विजय सिंह बड़े अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र के तहत काम कर रहे है। देश की बड़ी एजेंसियों से मांग करता है कि मामले की जांच होनी चाहिए। 

वहीं, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने ट्वीटर के सीईओ पराग अग्रवाल को पत्र लिखा। सारंग ने दिग्विजय सिंह के ट्वीट और लिंक की छायाप्रति शेयर करते हुए लिखा कि दिग्विजय सिंह आए दिन इस प्रकार के भड़काऊ ट्वीट करते रहते है। उनके ट्विटर अकाउंट को तत्काल सस्पेंड करने की मांग की।  

दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को एक युवक का एक धार्मिक स्थल पर भगवा ध्वज फहराने को मध्य प्रदेश के खरगोन का बताकर ट्वीट किया। उन्होंने सरकार से सवाल करते हुए टिप्पणी भी की। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी दिग्विजय सिंह पर धार्मिक उन्माद फैलाने और प्रदेश को दंगे की आग में झोंकने की बात कही थी। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी कहा था कि वैधानिक कार्रवाई के लिए विधि विशेषज्ञों की राय ले रहे हैं। 

आसनसोल-बालीगंज विधानसभा सीट पर उपचुनाव

आसनसोल-बालीगंज विधानसभा सीट पर उपचुनाव  

मिनाक्षी लोढी            
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में आसनसोल संसदीय सीट और बालीगंज विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच मंगलवार सुबह सात बजे मतदान शुरू हो गया। एक निर्वाचन अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि आसनसोल के 2,012 मतदान केंद्रों में से कुल 680 और बालीगंज के सभी 300 मतदान केंद्रों को ‘संवेदनशील’ घोषित किया गया है। आसनसोल में लगभग 15 लाख मतदाता मताधिकार का प्रयोग करने के पात्र हैं। बालीगंज में करीब 2.5 करोड़ मतदाता हैं।
दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में केंद्रीय बलों की कुल 133 टुकड़ियां तैनात की गई हैं। इनमें से 70 बालीगंज में और शेष आसनसोल में तैनात की गई हैं। मतदान  मंगलवार शाम साढ़े छह बजे तक चलेगा। बाबुल सुप्रियो के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के बाद उन्होंने आसनसोल के सांसद के रूप में इस्तीफा दे दिया था, जबकि बालीगंज का प्रतिनिधित्व करने वाले राज्य के मंत्री सुब्रत मुखर्जी का पिछले साल निधन हो गया था। इन कारणों से इन दोनों सीटों पर मतदान हो रहा है।
आसनसोल से तृणमूल ने अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा और भाजपा ने आसनसोल दक्षिण से विधायक अग्निमित्र पॉल को उम्मीदवार बनाया है। बालीगंज में तृणमूल ने सुप्रियो, भाजपा ने केया घोष और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने सायरा शाह को मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने भी दोनों सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...