रविवार, 10 अप्रैल 2022

‘अखबार बचाओ महासंघ’ का गठन, अध्यक्ष चुना

‘अखबार बचाओ महासंघ’ का गठन, अध्यक्ष चुना 

अकांशु उपाध्याय          
नई दिल्ली। मीडियाकर्मियों व प्रकाशकों के हितों के लिए सशक्त कार्य करने हेतु देश के प्रतिष्ठित मीडिया संगठनों ने संयुक्त रूप से ‘अखबार बचाओ महासंघ’ का गठन किया है। महासंघ की ‘स्थायी संचालन समिति’ द्वारा अखिलेश चन्द्र शुक्ल को सर्वसम्मति से राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है।
महासंघ ‘प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया’ के सदस्यों सर्व गुरिन्दर सिंह, बलदेव राज गुप्ता, जयशंकर गुप्ता, श्याम सिंह पंवार, एड. शैलेन्द्र दुबे, एल. सी. भारतीय तथा पूर्व पीसीआई सदस्यों सर्व सुनील डंग, अशोक कुमार नवरत्न, राकेश शर्मा (राष्ट्रदूत), अमर देवपल्ली आदि के मार्गदर्शन में कार्य करेगा। इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रेस एन मीडियामेन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन सहयोगी को महासंघ का राष्ट्रीय संयोजक चुना गया हैं। महासंघ के संयोजकों प्रदेश संयोजकों में सर्वश सुधीर पांडा (सदस्यः केन्द्रीय मीडिया प्रत्यायन समिति), एस. एम. आसिफ, अवधेश कुमार सिंह, संजय शर्मा, शिवशरण सिंह गहरवार, डी. डी. मित्तल, मलय बैनर्जी, लक्ष्मण पटेल, अर्जुन कुमार जैन, डा. अनवर अली खां, विश्वनाथ स्वामी, शिबू खां व हरपाल सिंह यादव सम्मलित हैं।
विगत वर्षों में समाचार पत्रों के प्रकाशकों-सम्पादकों-पत्रकारों के कार्यक्षेत्र में सरकार द्वारा परोक्ष या परोक्ष रूप से अवरोध उत्पन्न करने तथा प्रेस की आजादी पर अंकुश लगाने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है। पिछले दिनों पत्रकारों पर हुई एफआईआर व अन्य कार्रवाही चिन्ताजनक हैं। ऐसी स्थिति में पत्रकारों-प्रकाशकों के हितों के संरक्षण एवं सवर्धन के लिए देश के प्रतिष्ठित मीडिया संगठनों द्वारा संयुक्त रूप में ‘अखबार बचाओ महासंघ’ का गठन किया है जो प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के दर्जनभर सदस्योें/ पूर्व सदस्यों व प्रतिष्ठित मीडियाकर्मियों के नेतृत्व में कार्य करेगा। महासंघ सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, आरएनआई, पीआईबी, डीएवीपी व राज्य सरकारों के जनसम्पर्क निदेशालयों से वार्ता कर उक्त घटनाओं पर अपना विरोध दर्ज करेगा तथा अपने हितों के लिए विधिसम्मत संर्घष करेगा।
नवनियुक्त अध्यक्ष अखिलेश चंद्र शुक्ल विगत कई दशकों से मीडियाकर्मियों के हितों के लिए कार्यरत है तथा प्रेस कांउसिल ऑफ इंडिया द्वारा अधिसूचित संगठन ‘अखिल भारतीय समाचार पत्र एसोसियशन’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष है। श्री शुक्ल ने इस अवसर पर कहा कि वर्तमान में मीडिया की स्थिति वाकई चिन्ताजनक है। छोटे व मझोले अखबार सरकार की नीतियों के कारण दम तोड रहे हैं। इसके लिए सशक्त आवाज उठाने की नितांत आवश्यकता है। महासंघ अपने उद्देश्यों के अनुसार मीडियाकर्मियों के हितों के लिए कार्य करेगा।

राष्ट्रपति पद का चुनाव, 10 से प्रारंभ हुआ पहला चरण

राष्ट्रपति पद का चुनाव, 10 से प्रारंभ हुआ पहला चरण 

अखिलेश पांडेय             
पेरिस। राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए फ्रांस में वोटिंग का पहला चरण रविवार, 10 अप्रैल से शुरू हुआ। इसी के साथ राष्ट्रपति चुनाव में हिजाब और बुर्के की एंट्री हो गई है। मौजूदा राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के सामने चुनौती दे रही दक्षिणपंथी उम्मीदवार मरीन ली पेन ने चुनाव के दौरान हिजाब का मुददा उछालते हुए कहा है कि सरकार में आने पर हिजाब पर प्रतिबंध लगाते हुए पहनने वालों के ऊपर जुर्माना लगाया जायेगा।
रविवार से फ्रांस के भीतर राष्ट्रपति पद के लिए मतदान का पहला चरण आरंभ हो गया है। इस बार मौजूदा राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के सामने दक्षिणपंथी उम्मीदवार मरीन ली पेन कड़ी चुनौती पेश कर रही है। मौजूदा समय में हो रहे चुनाव में दोनों उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है। इस हफ्ते हुए सर्वे के मुताबिक राष्ट्रपति पद का दोबारा से चुनाव लड़ रहे मैक्रों और मरीन ली पेन के बीच महल 3 फ़ीसदी वोटों का अंतर रह गया है।
राजनीतिक पंडितों के मुताबिक पहले दौर में किसी भी उम्मीदवार को 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिलने की संभावना नहीं है। लिहाजा राष्ट्रपति की हार जीत का फैसला दूसरे दौर के मतदान ही हो पाएगा। इस चरण में 24 अप्रैल को पहले चरण में सबसे ऊपर रहने वाले दो उम्मीदवारों के बीच टक्कर देखने को मिलेगी।
आज रविवार को पहले चरण की वोटिंग का सिलसिला शुरू होते ही चुनाव में हिजाब का मामला भी उछाल दिया गया है। दक्षिणपंथी उम्मीदवार मरीन ली पेन ने वादा किया है कि अगर वह सत्ता में आती हैं तो हिजाब पहनने वाले मुस्लिमों पर जुर्माना लगाया जाएगा। भारत समर्थक ली पेन ने कहा है कि जिस तरह गाड़ियों में सीट बेल्ट पहनने को अनिवार्य बनाया गया है। उसी तरह से इस फैसले को भी सख्ती के साथ लागू किया जाएगा कि मुसलमान सार्वजनिक स्थानों पर हिजाब नहीं पहने।

पीएम को कन्वींस नहीं कर सके, वह काहे के मंत्री

पीएम को कन्वींस नहीं कर सके, वह काहे के मंत्री   

नरेश राघानी     
बीकानेर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को रविवार को फिर आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वह एक परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं करवा सकते और प्रधानमंत्री को कन्वींस नहीं कर सके, वह काहे के मंत्री है। गहलोत ने बीकानेर दौरे के दौरान यह बात कही।
उन्होंने कहा कि राजस्थान ने 25 सांसद जीताकर दिए हैं, राजस्थान का हमारा जलसंसाधन मंत्री बना है। कम से कम एक परियोजना को तो राष्ट्रीय परियोजना घोषित करवाएं। इतनी ही उसकी औकात नहीं है। वह काहे का मंत्री है, जो प्रधानमंत्री को कन्वींस नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का बोला हुआ शब्द एक बार उसे अलग कर दो, तब भी इतनी हैसियत होनी चाहिए कि प्रधानमंत्री से कहकर एक राष्ट्रीय परियोजना घोषित कराए कि मेरे राजस्थान का मामला है प्रधानमंत्रीजी, इसको तो करना पड़ेगा।
चालीस साल का इतिहास उठाकर देख लीजिए, मैं खुद सांसद रहा हूं, आज राजस्थान का नक्शा बदल गया, हमने काम करवाए। इनसे पूछिए पांच साल में राजस्थान के लिए किया क्या किया। इससे पहले गहलोत ने शनिवार को भी कहा था कि प्रधानमंत्री ने पता नहीं क्या देखकर इनका चयन किया है और पानी जैसा विभाग इन्हें दिया है। सबसे महत्वपूर्ण विभाग कोई मेरी दृष्टि में राजस्थान के लिए होता है तो वह पानी का होता है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में सदियों से अकाल एवं सूखे पड़ते रहते हैं और शेखावत तो यह बचपन से ही जानते हैं, फिर भी राजस्थान के लिए पैरवी नहीं कर रहे हैं।

अल्पसंख्यकों का समर्थन हासिल करने की कोशिश

अल्पसंख्यकों का समर्थन हासिल करने की कोशिश  

इकबाल अंसारी              
हैदराबाद। भाजपा अपने मुस्लिम नेताओं के जरिए तेलंगाना में अल्पसंख्यकों का समर्थन हासिल करने की कोशिश कर रही है। लेकिन इस कोशिश में भाजपा नेताओं को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे ही एक मामले में भाजपा के एक मुस्लिम नेता को अपने ही कौम के लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। दरअसल, भाजपा नेता ने मस्जिद के लिए कूलर दान किए थे। लेकिन नमाजियों ने इस दान को अस्वीकार करते हुए सारे कूलर उठाकर मस्जिद से बाहर फेंक दिए्।
तेलंगाना के विकाराबाद जिले के भाजपा नेता मोहम्मद अनवर ने नमाजियों को गर्मी से निजात देने के लिए मस्जिद को कई सारे कूलर दान में दिए थे। इस दौरान उन्होंने मस्जिद में मौजूद लोगों से कहा, ‘बीजेपी ने मुसलमानों के लिए बहुत कुछ किया है। बीजेपी मुसलमानों से बहुत प्रेम करती है, दरअसल कांग्रेस ने मुसलमानों को बीजेपी से दूर किया है।
भाजपा नेता मोहम्मद अनवर की ओर से मस्जिद को दान में कूलर देने के बाद भी विकाराबाद की मुस्लिम जनता उनसे काफी नाराजगी जताई। मुस्लिम जनता ने मोहम्मद अनवर की ओर से मस्जिद को दान में दिया हुआ कूलर उठाकर बाहर फेंक दिया। फिर सभी कूलर मस्जिद के बाहर से उठाकर उनके घर के बाहर लाकर पटक दिया। यह घटना विकाराबाद जिले के बवंटाराम मंडल के तोरुमामिडी इलाके की है।

13 हजार फीट की ऊंचाई से गिरीं महिला, मात दीं

13 हजार फीट की ऊंचाई से गिरीं महिला, मात दीं   

सुनील श्रीवास्तव              
रिचमंड। एक 35 वर्षीय महिला ने करीब साढ़े 13 हजार फीट की ऊंचाई से गिरने के बाद भी मौत को मात दे दी। महिला का नाम जॉर्डन हाटमाकेर है। जॉर्डन वर्जीनिया की रहने वाली हैं और एक स्काईडाइवर हैं। 
'द सन' के मुताबिक, महीने भर अस्पताल में भर्ती रहने के बाद अब वो फिर से स्काईडाइविंग के लिए तैयार हैं। हाल ही में उन्होंने अपने साथ हुए इस हादसे के बारे में बताया। जॉर्डन कहती हैं कि ये सबकुछ सिर्फ 30 सेकेंड के अंदर हुआ था। वो करीब साढ़े 13 हजार फीट की ऊंचाई से नीचे कूदी थी। लेकिन जैसे ही उन्होंने पैराशूट खोलना चाहा तो पता चला कि पैराशूट उनके पैरों में उलझ गया है। इसके बाद वो करीब 200 किमी/घंटे की स्पीड से जमीन की तरफ गिरने लगीं। चंद सेकेंड में जॉर्डन आसमान से नीचे गिरीं और दर्द से कराहने लगी। उन्हें यकीन था कि अब वो जिंदा नहीं बचेंगी। लेकिन होनी को कुछ और मंजूर था।
बकौल जॉर्डन जमीन पर गिरते ही उनका पैर टूट गया, एड़ियां भी डैमेज हो गईं। उनकी रीढ़ की हड्डी भी टूट गई थी। वो कहती हैं कि मेरी बॉडी का शायद ही कोई ऐसा हिस्सा होगा, जो डैमेज ना हुआ हो। लेकिन इतनी ऊंचाई से गिरने के बाद भी वो होश में थीं और उस दर्द को महसूस कर रही थीं। 
इस हादसे के बाद जॉर्डन करीब 25 दिन अस्पताल में रहीं। उन्हें वापस अपने पैरों पर चलने में तीन महीने का समय लगा। फिलहाल वो ठीक हैं और पूरी तरह रिकवर होने का इंतजार कर रही हैं। जॉर्डन कहती हैं कि स्काईडाइविंग उनका सपना है और वो इसको नहीं छोड़ सकती। जल्द ही वो फिर से आसमान से छलांग लगाना चाहती हैं।

भारत एक फेडरल रिपब्लिक यूनियन हैं: येचुरी

भारत एक फेडरल रिपब्लिक यूनियन हैं: येचुरी   

इकबाल अंसारी         
तिरुवनंतपुरम/रांची। सीताराम येचुरी को भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) का फिर राष्‍ट्रीय महासचिव बनाया गया है। नई केंद्रीय कमेटी के लिए झारखंड से प्रकाश विप्लव निर्वाचित हुए। केरल के कन्नूर में 23वीं पार्टी, कांग्रेस में 85 सदस्यीय केंद्रीय कमेटी और 17 सदस्यीय पोलिट ब्यूरो का चुनाव किया गया।
पार्टी कांग्रेस 10 अप्रैल को समाप्त हो गयी। इस मौके पर ईके नयनार नगर, कन्नूर स्टेडियम में विशाल जनसभा संपन्न हुई। इसमें 3 लाख से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया। जनसभा को केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के अलावा पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने संबोधित किया।
नवनिर्वाचित महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि इंडिया, यानी भारत एक फेडरल रिपब्लिक यूनियन है। यह यूनियन राज्यों के संघ से बना है। इसलिए अनेकता में एकता की जो हमारी विरासत है, उसे कमजोर किए जाने की किसी भी साजिश का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
येचुरी ने तथा कथित सांप्रदायिक हिंदुत्व की उन्मादी और विषाक्त विचारधारा के खिलाफ बिना थके संघर्ष चलाने का आह्वान किया। उन्‍होंने कहा कि देश की वसुधैव कुटुम्बकम की गौरवशाली परंपरा और सभी धर्मों का सम्मान एवं भारत के संविधान में उल्लेखित समानता की परिकल्पना कमजोर नहीं होने देंगे।

दैनिक सामान खरीदने के लिए गहने बेचने को मजबूर

दैनिक सामान खरीदने के लिए गहने बेचने को मजबूर  

सुनील श्रीवास्तव               
कोलंबो। श्रीलंका की खस्ताहाली का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि लोग अनाज व अन्य जरूरी दैनिक सामान खरीदने के लिए घर के गहने बेचने को मजबूर हो गए हैं। कोलंबो के सबसे बड़े सराफा बाजार कोलंबो गोल्ड सेंटर के कई कारोबारियों ने बताया कि लोगों को दैनिक सामान की खरीद के लिए गहने बेचने पड़ रहे हैं। कारोबारी सिल्वा के अनुसार, ‘हमने श्रीलंका में ऐसा संकट पहले कभी नहीं देखा। श्रीलंकाई मुद्रा की कीमत में ऐतिहासिक गिरावट के बाद गहनों के खरीदारों की संख्या बहुत कम हो गई है और बेचने वालों की बहुत ज्यादा।’
श्रीलंका 1948 में आजादी मिलने के बाद से अबतक के सबसे भीषण आर्थिक व राजनीतिक संकट का सामना कर रहा है। श्रीलंकाई रुपया सबसे कमजोर प्रदर्शन करने वाली मुद्रा बन चुकी है। शनिवार को एक श्रीलंकाई रुपया की कीमत 315 डालर थी। निजी मनी एक्सचेंज तो एक डालर के लिए 345-380 श्रीलंकाई रुपये तक चार्ज कर रहे हैं। 24 कैरेट सोने की कीमत 2.05 लाख श्रीलंकाई रुपये तक पहुंच गई है।
श्रीलंका के वित्त मंत्री अली साबरी ने शनिवार को कहा कि आर्थिक संकट से पार पाने और आवश्यक सामग्री की आपूर्ति श्रृंखला दुरुस्त करने के लिए देश को अगले छह महीने में तीन अरब डालर की मदद की जरूरत होगी। उन्होंने कहा, ‘यह अत्यंत कठिन काम है।’ रायटर से खास बातचीत में साबरी ने कहा, ‘हम अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) से बातचीत के लिए तैयार हैं। अंतरराष्ट्रीय संप्रभु बांड के पुनर्गठन, ऋण भुगतान स्थगन व जुलाई में एक अरब डालर के कर्ज की अदायगी के लिए और वक्त मांगने जैसे प्रयास कर रहे हैं।’ जेपी मार्गन के विश्लेषकों का मानना है कि श्रीलंका का मौजूदा वित्तीय घाटा तीन अरब डालर होने को है और यह साल के अंत तक सात अरब डालर हो जाएगा।
एएनआइ के अनुसार, श्रीलंका का संसद सत्र 19 से शुरू होकर 22 अप्रैल तक चलेगा। उल्लेखनीय है कि तीन अप्रैल को 26 कैबिनेट मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया था। 42 सांसदों के साथ छोड़ने के बाद सरकार अल्पमत में आ चुकी है। विपक्ष राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के खिलाफ महाभियोग लाने की तैयारी में है।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...