शनिवार, 9 अप्रैल 2022

असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती करने का फैसला: बोर्ड

असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती करने का फैसला: बोर्ड  

पंकज कपूर     
देहरादून। उत्तराखंड के बेरोजगारों के लिए खुशखबरी है। खासकर उन बेरोजगारों के लिए, जो लंबे समय से भर्ती का इंतजार कर रहे थे। उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड ने कई विषयों के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती करने का फैसला लिया है।
जिसके लिए बोर्ड द्वारा आवेदन प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। इच्छुक उम्मीदवार आधिकारिक साइट ukmssb.org के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने की आखिरी तारीख 25 अप्रैल 2022 तय की गई है।
 दरसल, बोर्ड द्वारा यह भर्ती राजकीय मेडिकल कालेज में विभिन्न विषयों के असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त पदों पर भर्तियों के लिए निकाली हैं। इस भर्ती के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर के कुल 339 रिक्त पदों को भरा जाना है। पात्र उम्मीदवार निर्धारित तारीख से पूर्व आवेदन कर सकते हैं।
अधिसूचना के अनुसार इन पदों के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थी के पास। एनएमसी-टीईक्यू विनियमों के अनुसार-चिकित्सा संस्थानों में शिक्षकों के लिए न्यूनतम योग्यता विनियम 22 फरवरी 2022 के अनुसार योग्यता होनी चाहिए।
आवेदक ने कम से कम दो साल के लिए प्रादेशिक सेना की सेवा की हो और एक राष्ट्रीय कैडेट कोर बी प्रमाण पत्र हो।
अधिसूचना के अनुसार इन पदों पर उम्मीदवारों का चयन इंटरव्यू के आधार पर किया जाएगा। इस भर्ती के लिए इंटरव्यू का आयोजन जून-जुलाई के महीने में किया जा सकता है। भर्ती में शामिल होने के लिए उम्मीदवारों को एडमिट कार्ड प्रदान किए जाएंगे, जोकि बोर्ड द्वारा जारी किया जाएगा।

केंद्रशासित प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगड़ी: सीएम

केंद्रशासित प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगड़ी: सीएम 

इकबाल अंसारी      

पुड्डुचेरी। पूर्व मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने शनिवार को कहा कि केंद्रशासित प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगड़ रही है। उन्होंने यहां संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि केंद्रशासित प्रदेश में जमीन हथियाने, गांजा व अन्य नशीले पदार्थों की तस्करी और बिक्री, अपहरण, हत्या, चोरी और डकैती की की घटनाएं आम हो रही हैं।

नारायणसामी ने आरोप लगाया कि पंजीकरण विभाग की सहायता से फ्रांसीसी नागरिकों की जमीन जाली दस्तावेजों के साथ हड़पी जा रही है। उन्होंने एल्लायम्म कोइल स्ट्रीट में अपने निवास के पास एक फ्रांसीसी नागरिक की जमीन हड़पे जाने की घटना की जानकारी भी दी।उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री कार्यालय से मौखिक आदेश दिये जा रहे हैं कि मामले की जांच न की जाए। नारायणसामी ने बताया कि संपत्ति हड़पने में मदद न करने वाले एक उप- पंजीयक की पहले ही संदिग्ध हालात में मृत्यु हो चुकी है। उन्होंने घटना में एक निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा कि मामले को सीबीआई के सुपुर्द कर देना चाहिए।

एक बार फिर सरकार को घेरने की कोशिश: रावत

एक बार फिर सरकार को घेरने की कोशिश: रावत  

पंकज कपूर         

देहरादून। उत्तराखंड की राजनीति से बड़ी खबर सामने आ रही है। जहां पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एक बड़ा बयान दिया है। जिसमें उन्होंने लोकपाल व लोकायुक्त का मुद्दा उठाकर एक बार फिर सरकार को घेरने की कोशिश की है।उन्होंने कहा कि आश्चर्य, जनक है कि आज भी कुछ पत्र और पत्रकार (Media) हैं, जो बुझता हुआ हुक्का गुड़गुड़ाने का शौक रखते हैं। लोकपाल तो 2014 में सत्ता परिवर्तन का टोटका था, जिस टोटके का भी अन्ना, इस्तेमाल कर सत्ता में आने वाले लोग उसको खुद ही एक अनचाही झंझट समझकर भुला चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) ने कहा कि कभी मैंने संसदीय कार्य राज्यमंत्री के तौर पर कहा था कि “तृ मैं भी अन्ना, आओ मिल बैठकर चूसें गन्ना”, वह गन्ना लोकपाल ही था। मगर मैं भूल गया एक बार चूसा गया गन्ना, फिर नहीं चूसा जाता। 2014 में गन्ना चुस गया और अन्ना भी लोकपाल के गन्ने को भूल गये। 2016 में मैंने राज्य विधानसभा द्वारा संशोधित रूप में पारित कानून के तहत लोकायुक्त चयन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का हौसला किया।

गीतांजलि का उपन्यास ‘रेत समाधि’ शॉर्टलिस्ट किया

गीतांजलि का उपन्यास ‘रेत समाधि’ शॉर्टलिस्ट किया 

अकांशु उपाध्याय         
नई दिल्ली। हिंदी साहित्य के लिए अच्छी खबर है। जानी-मानी लेखिका गीतांजलि का उपन्यास ‘रेत समाधि’ अंतरराष्ट्रीय बुकर प्राइज के लिए शॉर्टलिस्ट कर लिया गया है। पहली बार है जब बुकर पुरस्कार की दौड़ के लिए अंतिम 6 किताबों में कोई हिंदी उपन्यास शामिल है।
इंटरनेशनल बुकर प्राइज हर साल किसी ऐसी किताब को दिया जाता है जिसका अंग्रेजजी में अनुवाद किया गया हो और जो आयरलैंड या ब्रिटेन में प्रकाशित हुई हो। गीतांजलि श्री के उपन्यास का अंग्रेजी में अनुवाद डेजी रॉकवेल ने किया है।
‘रेत समाधि’ उत्तर भारत की एक 80 साल की वृद्ध महिला की कहानी है जो अपने पति की मौत के बाद तनाव में चली जाती है और एक नया जीवन शुरू करना चाहती है।

सबकुछ बाजार के हाथ में, मंत्रालय किस लियें

सबकुछ बाजार के हाथ में, मंत्रालय किस लियें   

संदीप मिश्र         

लखनऊ। सपा प्रमुख एवं यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने महंगाई को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर सबकुछ बाजार के हाथ में ही है तो फिर मंत्रालय किस लियें ? उन्होंने कहा कि इस मंत्रालय को भंग कर देना चाहिए।

अखिलेश यादव ने कहा कि ईंधन के बेतहाशा बढ़ते दामों पर जब न कोई सरकारी नियंत्रण, न शासन, न प्रशासन, न प्रबंधन, न ही नियमन है और अगर सब कुछ बाज़ार के हवाले ही है तो फिर पेट्रोल, डीज़ल, गैस का मंत्रालय किसलिए। इस मंत्रालय को तत्काल भंग कर देना चाहिए! भाजपाई-महंगाई जनता को निरंतर ईंधन से निर्धन कर रही है।

24 को केन्द्र शासित प्रदेश का दौरा करेंगे गृहमंत्री

24 को केन्द्र शासित प्रदेश का दौरा करेंगे गृहमंत्री   

अकांशु उपाध्याय      
नई दिल्ली। पुड्डुचेरी की उप राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने शनिवार को कहा कि गृहमंत्री अमित शाह 24 अप्रैल को केन्द्र शासित प्रदेश का दौरा करेंगे। डॉ. सुंदरराजन ने दो दिन पहले नई दिल्ली में प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री से मुलाकात करने की थी।
उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि वे केंद्र शासित प्रदेश के विकास के बारे में चिंतित हैं। उप राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने केन्द्रशासित प्रदेश के विकास में सहयोग करने का आश्वासन दिया और कई योजनाओं के कार्यान्वयन पर प्रोत्साहित किया।
उन्होंने कहा कि उनकी गृह मंत्री शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बैठक में प्रदेश के लोगों के लिए कई विकासात्मक योजनाएं लाने और बुनियादी ढांचे के विकास में सहयोग करने को लेकर बातचीत हुई। डॉ सुंदरराजन ने कहा कि पुड्डुचेरी की जनता के सहयोग से कोरोना मुक्त हो सका है।
उन्होंने कहा कि लोगों को अभी भी कोविड के दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए और लोगों को मास्क पहनना जारी रखना चाहिए, अपने हाथों को साफ करना चाहिए और कुछ और दिनों तक सामाजिक दूरी बनाए रखनी चाहिए।

सांसदों की खीज को बढ़ाने का काम कर रहे नेता

सांसदों की खीज को बढ़ाने का काम कर रहे नेता  

अखिलेश पांडेय       
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा चल रही है। प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार रहेगी या जाएगी, इसका फैसला सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर संसद में तय होगा। लेकिन अहम वोटिंग से पहले सत्तारुढ़ दल के नेता अपने लंबे-लंबे भाषणों से विपक्षी सांसदों की खीज को बढ़ाने का काम कर रहे हैं।
संसद के अंदरखाने से निकलकर आ रही बातों से ऐसा लग रहा है कि रात आठ बजे के करीब अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होगी।
लेकिन जिस तरह से इमरान खान सरकार के मंत्री शाह महमूद कुरैशी जिस तरह से लंबे और उबाऊ भाषण दे रहे हैं। विपक्ष को आशंका है कि वे उनमें खीज पैदाकर संसद से बाहर निकलने को मजबूर कर रहे हैं। जिससे उनकी संख्या बल कम देख स्पीकर अचानक वोटिंग कराकर सरकार को प्राण वायु दे दें।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण  1. अंक-364, (वर्ष-11) पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254 2. रविवार, दिसंबर 29, 2024 3. शक-1945, पौष, कृष्ण-पक्ष, तिथ...