बुधवार, 6 अप्रैल 2022

लोकतंत्र की दुश्मन हैं, परिवारवादी राजनीति: पीएम

लोकतंत्र की दुश्मन हैं, परिवारवादी राजनीति: पीएम 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परिवारवादी राजनीति की आलोचना करते हुए कहा है कि परिवारवादी राजनीति, लोकतंत्र की दुश्मन है और इसे बढ़ावा देने वाले दलों ने हमेशा वोट बैंक की राजनीति की है। मोदी ने बुधवार को आभासी माध्यम से यहाँ भाजपा के स्थापना दिवस के अवसर पर पार्टी कार्यकर्ताओं, मंत्रियों, सांसदों और पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि देश में दशकों तक कुछ राजनीतिक दलों ने सिर्फ वोटबैंक की राजनीति की। कुछ लोगों को ही वायदे करो, ज्यादातर लोगों को तरसाकर रखो, भेदभाव-भ्रष्टाचार ये सब वोटबैंक की राजनीति का 'साइड इफेक्ट' था।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने इस वोटबैंक की राजनीति को ना सिर्फ टक्कर दी है, बल्कि देशवासियों को इसके बारे में सतर्क करके इसके नुकसान को समझाने में भी सफल रही है।
उन्‍होंने कहा कि तीन-चार पीढ़ियों ने खुद को खपाकर भाजपा को यशस्‍वी पार्टी बनाया है। भाजपा एक भारत, श्रेष्‍ठ भारत के मंत्र पर चल रही है। 4 राज्‍यों में भाजपा की डबल इंजन सरकार लौटी है।
  मोदी ने कहा कि इस बार का भाजपा स्‍थापना दिवस तीन कारणों से अहम है। पहला कारण इस समय हम देश की आजादी का अमृत महोत्‍सव मना रहे हैं। दूसरा कारण तेजी से बदलती हुई वैश्विक परिस्थितियां भी हैं। तीसरा भारत के लिए नए अवसर लगातार आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार की जनकल्‍याण योजनाएं लाभार्थी तक पहुंच रही हैं। कोरोना काल में देश ने बड़ा लक्ष्‍य हासिल किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार का प्रयासभेदभाव की सारी गुंजाइश को खत्म करना, तुष्टिकरण की आशंकाओं को समाप्त करना, स्वार्थ के आधार पर लाभ पहुंचाने की प्रवृत्ति को खत्म करना और समाज की आखिरी पंक्ति में खड़े आखिरी व्यक्ति तक सरकारी लाभ पहुंचे, ये सुनिश्चित करना है।
उन्होंने कहा “ हमारी सरकार राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखते हुए काम कर रही है। आज देश के पास नीतियाँ भी हैं, नियत भी है। देश के पास निर्णयशक्ति भी है, और निश्चयशक्ति भी है। आज दुनिया के सामने एक ऐसा भारत है जो बिना किसी डर या दबाव के, अपने हितों के लिए अडिग रहता है। जब पूरी दुनिया दो विरोधी ध्रुवों में बंटी हो, तब भारत को ऐसे देश के रूप में देखा जा रहा है, जो दृढ़ता के साथ मानवता की बात कर सकता।
 मोदी ने कहा कि वैश्विक दृष्टिकोण से देखें या राष्ट्रीय दृष्टिकोण से, भाजपा और इसके प्रत्येक कार्यकर्ता का दायित्व लगातार बढ़ रहा है। इसलिए भाजपा का प्रत्येक कार्यकर्ता, देश के सपनों का प्रतिनिधि है, देश के संकल्पों का प्रतिनिधि है। इस अमृत काल में भारत की सोच आत्मनिर्भरता की है, लोकल को ग्लोबल बनाने की है, सामाजिक न्याय और समरसता की है। इन्हीं संकल्पों को लेकर एक विचारबीज के रूप में पार्टी की स्थापना हुई थी। इसलिए ये अमृत काल भाजपा के हर कार्यकर्ता के लिए कर्तव्य काल है।
उल्लेखनीय है कि भाजपा की स्थापना छह अप्रैल, 1980 को हुई थी। इस बार पार्टी अपने स्थापना दिवस से लेकर 14 दिनों तक सामाजिक न्याय पखवाड़ा मना रही है। पार्टी ने इस दौरान कई कार्यक्रमों के आयोजन का फैसला किया है। सात अप्रैल से 20 अप्रैल तक देश भर में सामाजिक न्याय के मुद्दे पर कार्यक्रम कई आयोजित करेगी। इस अभियान के दौरान पार्टी कार्यकर्ता भाजपा के नेतृत्व की सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता फैलाएंगे।

सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ के दौरान 1 आतंकी मारा

सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ के दौरान 1 आतंकी मारा 

इकबाल अंसारी         
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के अवंतीपोरा में सुरक्षाबलों ने बुधवार को मुठभेड़ के दौरान एक अज्ञात आतंकवादी को मार गिराया।
अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण कश्मीर में अवंतीपोरा उप-जिले के त्राल इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी के बार में सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने संयुक्त रूप से घेराबंदी तथा तलाश अभियान शुरू किया। एक सुरक्षा अधिकारी ने कहा, "जैसे ही घेराबंदी की जा रही थी, आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों के जवानों पर गोलीबारी शुरू कर दी। अब तक दो आतंकवादी मारे गये हैं।
पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने बताया कि मारे गए आतंकवादियों की पहचान अंसार गजवत-उल-हिंद (एजीयूएच) के सफत मुजफ्फर सोफी उर्फ मुआविया और लश्कर-ए-तैयबा के उमर तेली उर्फ तल्हा के रूप में हुयी है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा, "त्राल क्षेत्र में स्थानांतरित होने से पहले दोनों आतंकवादियों श्रीनगर शहर में कई आतंकवादी अपराधों में शामिल थे, जिसमें खानमोह श्रीनगर में सरपंच (समीर अहमद) की हाल ही हुयी हत्या का मामला भी शामिल है।
उल्लेखनीय है कि सरपंच समीर अहमद भट की नौ मार्च को श्रीनगर जिले के खोनमोह में हत्या कर दी गई थी। कुछ दिनों बाद पुलिस ने कहा था कि 16 मार्च को श्रीनगर के बाहरी इलाके नौगाम में एक मुठभेड़ में मारे गए तीन आतंकवादी श्री समीर की हत्या में शामिल थे।

सरकार का पतन, मुद्रास्फीति को मुख्य वजह बताया

सरकार का पतन, मुद्रास्फीति को मुख्य वजह बताया  

अखिलेश पांडेय        
इस्लामाबाद/वाशिंगटन डीसी। पाकिस्तान में हुए एक सर्वेक्षण में यह साफ हुआ है कि 64 प्रतिशत पाकिस्तानी इस बात को सही नहीं मानते हैं कि इमरान सरकार को हटाने में अमेरिका का हाथ है।
इमरान खान उनकी सरकार के खिलाफ नेशनल एसेंबली में अविश्वास प्रस्ताव लाये जाने के बाद से लगातार इसके पीछे अमेरिकी साजिश होने का आरोप लगा रहे हैं। लेकिन इस सर्वेक्षण में लोगों ने सरकार की इस कहानी को खारिज कर दिया है और इमरान सरकार के पतन के लिए मुद्रास्फीति को मुख्य वजह बताया है।
पाकिस्तानी अखबार डॉन ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट में बताया कि गैलप पाकिस्तान सर्वे में हालांकि मात्र 36 प्रतिशत लोगों ने माना है कि सरकार को गिराने के विपक्ष के प्रयास के पीछे अमेरिकी साजिश है। इस टेलीफोनिक सर्वेक्षण ने 03 से 04 अप्रैल तक 800 परिवारों की राय ली गयी। सर्वे में जिन लोगों ने यह माना कि महंगाई सरकार को हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए विपक्ष की प्रेरणा स्रोत है, उनमें से 74 प्रतिशत सिंध से, 62 प्रतिशत पंजाब से और 59 प्रतिशत पाकिस्तान के कब्जेवाले कश्मीर के लोग शामिल हैं।
एक अन्य सर्वेक्षण के लगभग 54 प्रतिशत लोगों ने पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) सरकार के साढ़े तीन साल के प्रदर्शन पर निराशा व्यक्त की, जबकि 46 प्रतिशत लोगों ने संतोष जाहिर किया। सर्वे के मुताबिक 68 प्रतिशत लोगों ने नए चुनावों के लिए इमरान खान की कार्रवाई की सराहना की। सर्वे में 72 फीसदी लोगों ने अमेरिका को पाकिस्तान का दुश्मन और 28 फीसदी लोगों ने दोस्त बताया। वहीं, साढ़े तीन साल की अवधि के दौरान पीटीआई सरकार के कामकाज के सवाल पर 54 प्रतिशत लोगों ने इमरान खान के शासन के प्रति निराशा व्यक्त की, जबकि 46 प्रतिशत ने कुछ हद तक संतोष व्यक्त किया।
इमरान सरकार के प्रदर्शन से उच्च स्तर की संतुष्टि व्यक्त करने वालों में से 60 प्रतिशत पाकिस्तान के कब्जेवाले कश्मीर के लोग शामिल है, जबकि उसी प्रांत के 40 प्रतिशत लोगों ने इमरान सरकार के प्रदर्शन पर निराशा व्यक्त की।वहीं, सिंध में 43 प्रतिशत लोगों ने इमरान खान के प्रदर्शन पर संतोष व्यक्त किया, लेकिन 57 प्रतिशत लोगों ने निराशा व्यक्त की।
पंजाब के मामले में इमरान सरकार के कामकाज को 45 प्रतिशत लोगें ने सही माना, लेकिन 55 प्रतिशत लोगों ने उनके प्रदर्शन पर निराशा व्यक्त की। सरकार के पतन और राष्ट्रीय चुनावों के आह्वान पर 68 प्रतिशत लोगों ने सहमति व्यक्त की, जबकि 32 प्रतिशत ने इसे खारिज कर दिया।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण     

1. अंक-180, (वर्ष-05)
2. बृहस्पतिवार, अप्रैल 7, 2022
3. शक-1984, चैत्र, शुक्ल-पक्ष, तिथि-षष्ठी, विक्रमी सवंत-2078।            
4. सूर्योदय प्रातः 07:04, सूर्यास्त: 06:24।
5. न्‍यूनतम तापमान- 24 डी.सै., अधिकतम-39+ डी सै.। उत्तर भारत में बरसात की संभावना।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु, (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
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मंगलवार, 5 अप्रैल 2022

व्रत 'संपादकीय'

व्रत     'संपादकीय'            

आर्यवृत राष्ट्र में सनातन संस्कृति में अध्यात्म का विशेष स्थान है। जिस प्रकार पूजा-अर्चना और पर्वों ने स्थाई रूप धारण कर लिया है। विभिन्न धारणाओं के कारण सनातन संस्कृति विविधताओं से परिपूर्ण है। इसी कड़ी में जगत आधार जग-जननी दुर्गा माता की निरंतर 9 दिनों तक विभिन्न रूपों की पूजा, नवरात्रें संपूर्ण देश में हर्षोल्लास के साथ मनाए जातें है। यह सनातन सभ्यता का अद्भुत विहंगम दृश्य है। इसी के साथ कई कुप्रथा भी फलने-फूलने लगी है। उत्सव के स्वरूप का अधिकांशतः भाग हुड़दंग में रूपांतर हो रहा है। प्रश्न यह है कि अध्यात्म से अशांत वातावरण का क्या संबंध हैं ?
अध्यात्म आत्मचिंतन का घोषक है। आत्म मंथन के उत्सव में बहुतायत में लोग उपवास रखते हैं। उपवास से शारीरिक संरचना को कई लाभ होते हैं। किंतु उपवास के पर्यायवाची व्रत का भाव दोनों शब्दों में परस्पर भेदभाव करता है। व्रत का भाव संकल्प के रूप में दृष्टिपात किया जाता है।
कोई निश्चय करने का निर्धारित समय नवरात्रों को मान लेना अनुचित नहीं होगा। व्रत की धारणा और अर्थ पर विचार करने की आवश्यकता है। पवित्रतम नवरात्रें निश्चय और संकल्प को व्रत के रूप में धारण करने की प्रेरणा और सर्वश्रेष्ठ स्रोत है।कल्याण कार्यों से विमुख, कदाचार, दूर्व्यसनों  को त्यागने का निश्चय किया सकता है। प्राकृतिक समस्याओं के विरुद्ध प्रक्रियात्मक संकल्प किया जा सकता है। सदाचार-उपकार और व्यवहार से जुड़े निश्चय कियें जा सकतें हैं। उपासना का स्वरूप सर्वदा निराकार है।
किंतु इसके विपरीत व्रत पूर्ण रूप से साकार है। शक्तिमान महाकाली, गोरी आदि रूपों में देवी प्रत्येक नवरात्रें का व्रत का पातन करने वाला सजीव उदाहरण प्रस्तुत करती है। संस्कृति और सभ्यता के विरुद्ध उत्पन्न होने वाले विकारों का नाश करती हैं। तपस्या, साधना और इच्छाशक्ति का दैविक उदाहरण देती है। संयम, दृढ़ता और त्याग के लिए प्रेरित करती है। सर्वशक्तिमान होने के बाद भी दया, क्षमा और उदारता का प्रतीक बनी रहती है। निश्चय के साथ किए गए संकल्प का सुरक्षित रूप से धारण और निर्वाह ही व्रत का वास्तविक स्वरूप है। व्रत धारण किए बिना कोई व्यक्ति शक्ति प्राप्त नहीं कर सकता है। शक्ति का संचय और संचालन, दोनों स्थिति में व्रत धारण करना होता है। अध्यात्म का मुख्य द्वार व्रत है। यदि अध्यात्म से संबंध बनाना है, शक्ति का संचय करना, मानसिक, दैहिक और सभी क्षेत्र के विकास से जुड़ना है, तो व्रत को आत्मसात करना अनिवार्य है। इसके बिना आप की उपासना कोरा दिखावा है। जो स्वेच्छा पूर्ति का परिमार्जन है। वास्तविक उपासना से प्राप्त आनंद विहिन हैं।

चंद्रमौलेश्वर शिवांशु 'निर्भयपुत्र'      

इम्यूनिटी को मजबूत करने के लिए बेहतर है 'अनार'

इम्यूनिटी को मजबूत करने के लिए बेहतर है 'अनार'     

सरस्वती उपाध्याय                          

कोरोना वायरस के दौरान आमतौर पर लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होने की बात सामने आई है जिसके लिए लोग फल, हरी सब्जियां या फिर काढ़ा इत्यादि का सहारा लेकर इम्यूनिटी बूस्ट कर रहे हैं। अभी तक दुनियाभर में कोरोना बीमारी का इलाज नहीं मिल पाया है, इसलिए इसकी बचाव ही सुरक्षा है। डॉक्टर्स इम्यूनिटी बढ़ाने की सलाह दे रहे हैं। इम्यूनिटी को बढाने के लिए लोग कई प्रकार के आयुर्वेदिक या घरेलू नुस्खे अपनाते हैं, लेकिन कई एक्सपर्ट का मानना है कि इम्यूनिटी को मजबूत करने के लिए अनार सबसे बेहतर माना गया है। अनार को सेहत का खजाना बताया गया है। इसमें कई प्रकार के गुण छिपे हुए हैं। इसके अलावा अनार काफी स्वादिष्ट फल होता है। आइए आपको अनार के बड़े फायदों के बारे में बताते हैं।

अनार के फायदें...

अनार, पेट की पाचन शक्ति को बढ़ाता है।

पेट में कब्ज और दस्त जैसी दिक्कत होने पर रोजाना एक अनार का सेवन कर सकते हैं, जिससे राहत मिलेगी।

अनार में प्रोटीन, विटामिन सी, फाइबर, विटामिन के, फोलेट और पौटेशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। जिससे आपके शरीर की मांसपेशियां मजबूत होंगी।

अनार शरीर में खून की मात्रा को बढ़ाने में काफी मददगार साबित होता है।

अनार में एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण पाए जाते हैं। जो शरीर में मोटापा बढ़ने और डायबिटीज की समस्या से निजात दिलाते हैं।

अनार से ब्लड प्रेशर की समस्या खत्म हो जाती है।

कहा जाता है कि अगर दो हफ्ते तक रोजाना एक-एक अनार खाया जाए तो शरीर में ब्लड प्रेशर मेंटेन रहता है।

सीएम द्वारा लाया गया प्रस्ताव, सर्वसम्मति से पास

सीएम द्वारा लाया गया प्रस्ताव, सर्वसम्मति से पास    

राणा ओबरॉय                
चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा चंडीगढ़ पर हरियाणा के हक के लिए लाया गया संकल्प प्रस्ताव हरियाणा विधानसभा में सर्वसम्मति से पास हो गया। विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र में पूरे सदन ने मुख्यमंत्री के इस प्रस्ताव का खुलकर समर्थन किया। इस दौरान सभी विधायकों ने पंजाब में चंडीगढ़ को लेकर पारित किए गए प्रस्ताव की निंदा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि चंडीगढ़ पर हरियाणा का अधिकार है। एसवाईएल का पानी निश्चित तौर पर हरियाणा को मिलेगा। इसके साथ-साथ उन्होंने पंजाब में शामिल हिंदी भाषी गांवों का मुद्दा भी विधानसभा में उठाया। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा विधानसभा का यह विशेष सत्र चंडीगढ़ पर अपने हक के लिए लाए गए संकल्प प्रस्ताव को पास करने के लिए बुलाया गया है। 
3 घंटे तक विधानसभा में चली चर्चा के दौरान सत्ता और विपक्ष के करीब 25 विधायकों ने इस प्रस्ताव के समर्थन में विचार रखे। संकल्प प्रस्ताव पर बोलते हुए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि बंटवारे के लिए 23 अप्रैल 1966 को बनाए गए शाह कमीशन ने तो खरड़ क्षेत्र के हिंदी भाषी गांव और चंडीगढ़ को हरियाणा को देने के लिए कहा था लेकिन 9 जून 1966 को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई।जिसमें चंडीगढ़ को केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया गया। इसे दोनों राज्यों की राजधानी भी बनाया गया। इसके बाद अलग-अलग समझौते हुए लेकिन इसका समाधान नहीं हुआ।

'पीएम' ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात दी

'पीएम' ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात दी  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात...